पाकिस्तान का पहला प्रधानमंत्री का नाम क्या था? - paakistaan ka pahala pradhaanamantree ka naam kya tha?

नई दिल्‍ली। क्‍या आपको पता है कि एक पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री भी भारत का आम बजट पेश कर चुका है? दिलचस्‍प है न ये बात? आपको बता दें कि ये शख्‍स थे, पाकिस्‍तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली। जिन्‍होंने आजादी से पहले जवाहरलाल नेहरू की अंतरिम सरकार में बजट पेश किया था। दरअसल लियाकत अली खान तब पंडित जवाहर लाल नेहरु के प्रधानमंत्रित्व में गठित अंतरिम सरकार में वित्त मंत्री थे। 

लियाकत अली ने 2 फरवरी, 1946 को उस समय के लेजिस्लेटिव असेंबली भवन (आज के संसद भवन) में पेश किया था। वे आल इंडिया मुस्लिम लीग के भी शीर्ष नेता थे और पाकिस्‍तान की स्‍थापना में उनका अहम योगदान रहा। पाकिस्‍तान की आजादी के बाद उन्‍हें वहां का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया। आजादी से पूर्व जब अंतरिम सरकार का गठन हुआ तो मुस्लिम लीग ने उन्हें अपने नुमाइंदे के रूप में भेजा। उन्हें पंडित नेहरु ने वित्त मंत्रालय सौंपा। 

लियाकत अली ख़ान मोहम्मद अली जिन्ना के क़रीबी माने जाते थे। लियाकत अली खान देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान के पहले प्रधानमत्री बने। वे देश के बंटवारे से पहले मेरठ और मुजफ्फरनगर से यूपी एसेंबली के लिए चुनाव भी लड़ते थे।

लियाकत के बजट को पुअर मैन बजट नाम दिया गया। उन्‍होंने अपने बजट प्रस्तावों को ‘सोशलिस्ट बजट’ बताया था। लेकिन, उन्‍हें बजट को लेकर उद्योगजगत की आलोचना सहनी पड़ी थी। लियाकत अली खान पर आरोप लगा कि उन्होंने कर प्रस्ताव बहुत ही कठोर रखे जिससे उनके हितों को चोट पहुंची। लियाकत अली पर ये भी आरोप लगे कि वे अंतरिम सरकार में हिन्दू मंत्रियों के खर्चो और प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाने में खासा वक्त लेते हैं। सरदार पटेल ने तो यहां तक कहा था कि वे लियाकत अली खान की अनुमति के बगैर एक चपरासी की भी नियुक्त नहीं कर सकते। 

लियाकत अली खान के बचाव में भी बहुत से लोग आगे आए थे। उनका तर्क था कि वे हिन्दू विरोधी नहीं हो सकते क्योंकि उनकी पत्नी गुल-ए-राना मूलत: हिन्दू परिवार से ही थीं। ये बात दीगर है कि उनका परिवार एक अरसा पहले ईसाई हो गया था। देश के विभाजन और मोहम्मद अली जिन्ना की मृत्यु के बाद लियाकत अली खान पाकिस्तान के निर्विवाद रूप से सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गए। उनकी 1951 में रावलपिंडी में एक सभा को संबोधित करने के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। महत्वपूर्ण है कि जिस मैदान में खान की हत्या हुई थी उसी मैदान में दशकों बाद बेनजीर भुट्टो की भी हत्या हुई।

Liaquat Ali Khan: पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री रहे लियाकत अली खान की आज से 70 साल पहले हत्या कर दी गई थी. खास बात ये है कि वे पाकिस्तान के पीएम बनने से पहले भारत के वित्त मंत्री भी थे.

आज पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री रहे लियाकत अली खान की पुण्यतिथि है. लियाकत अली खान की प्रधानमंत्री बनने के कुछ ही साल बाद रावलपिंडी में हत्या कर दी गई थी. लियाकत अली खान चार वर्ष दो महीने और दो दिन तक पाकिस्‍तान के पीएम रहे. इसके बाद पाकिस्‍तान के दूसरे पीएम बने ख्‍वाजा नजीमुद्दीन और उन्‍होंने 17 अक्‍टूबर 1951 को पीएम पद की शपथ ली. खैर…. लियाकत अली खान एक ऐसे शख्स थे, जो भारत के वित्त मंत्री भी रहे और फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी.

आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर ये किस तरह से संभव है तो हम आपको इसकी कहानी बताते हैं. साथ ही आपको लियाकत अली खान से जुड़ी बातें भी बताएंगे, जो आपको शायद ही पहले पता होंगी.

कौन थे लियाकत अली खान?

लियाकत अली खान का जन्म 1 अक्टूबर 1895 को पंजाब के करनाल में हुआ था. उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की थी. मुस्लिम लीग के अग्रिम पंक्ति के नेता लियाकत अली खान पाकिस्तान आंदोलन के दौरान मुहम्मद अली जिन्ना के साथ काफी सक्रिय भी रहे. इसका फायदा उन्हें भारत-विभाजन होन पर मिला और वे पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने. वे भारत के वित्त मंत्री भी थी.

इसकी कहानी ये है कि भारत-पाकिस्तान के पूरी तरह आजाद होने से पहले अंग्रेजों के अधीन ही एक टेम्पररी सरकार बनी थी. इस सरकार में भी जवाहर लाल नेहरू ही प्रधानमंत्री थे, जो भारत के आजाद होने के बाद पहले प्रधानमंत्री बने. इस सरकार में फाइनेंस मिनिस्टर थे लियाक़त अली खान. इतना ही नहीं उन्होंने उस वक्त भारत का बजट भी पेश किया था, लेकिन इस भारत और पाकिस्तान एक ही थे. आजादी से पहले जो अंतरिम सरकार बनाई गई थी, जिसमें वित्त विभाग का कार्यभार मुस्लिम लीग के लियाकत अली के पास थे. इसके बाद 1947 में भारत-पाकिस्तान का विभाजन हो गया है और दोनों देश स्वतंत्र हो गए. इसके बाद लियाकल अली को पाकिस्तान का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया.

15 अगस्‍त 1947 को लियाकत अली खान ने पाकिस्‍तान के पहले प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली लेकिन 16 अक्‍टूबर 1951 को रावलपिंडी में उनकी हत्‍या कर दी गई. लियाकत अली खान चार वर्ष दो महीने और दो दिन तक पाकिस्‍तान के पीएम रहे. साल 1950 में उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच आठ अप्रैल 1950 को एक समझौता किया था, जिसका खास मकसद दोनों देशों में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित करना और भविष्य में युद्ध की संभावनाओं को खत्म करना था. हालांकि, इससे कई नेता नाराज हुए.

उस वक्त कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरू और लियाकत अली के बीच हुए समझौते को लेकर 6 अप्रैल 1950 को मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और जनसंघ की स्थापना की. बता दें कि जनसंघ ने ही बाद में बीजेपी का रूप लिया.

भारत पर हुआ हमला

भारत पाकिस्तान के विभाजन के बाद 1948 में पाकिस्तान ने भारत पर पहला हमला किया था, उस वक्त लियाकत अली खान ही पाकिस्तान के पीएम थे. कहा ये भी जाता है कि जिस वक्त पाकिस्तान की ओर से हमला किया गया था, तब वो इस हमले को रोक भी सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. लियाकत के मरने के 5-6 साल के अन्दर ही मिलिट्री जनरल अयूब खान ने सत्ता पलट कर दिया. और पाकिस्तान में मिलिट्री राज की शुरुआत हो गई.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री कौन है?

इमरान खान से पहले पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान और पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो तक को गोलियों से भूना जा चुका है। पाकिस्तान के वजूद में आने के बाद लियाकत अली खान पहले प्रधानमंत्री बने।

पाकिस्तान का पहला प्रधानमंत्री कौन था ?`?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की सूची.

पाकिस्तान शब्द के जन्मदाता कौन है?

पाकिस्तान शब्द का जन्म सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली के द्वारा हुआ पाक्स्तान के रूप में हुआ था।

पाकिस्तान के कुल कितने राज्य हैं?

पाकिस्तान में कुल 4 प्रांत और 2 प्रशासनिक क्षेत्र हैं