NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 14 पहलवान की ढोलक are part of NCERT Solutions for Class 12 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 14 पहलवान की ढोलक. पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास पाठ के साथ प्रश्न
1. प्रश्न 2. प्रश्न
3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. (ख) कुश्ती की जगह अब अनेक आधुनिक खेल प्रचलन में हैं; जैसे-क्रिकेट, हॉकी, बैडमिंटन, टेनिस, शतरंज, फुटबॉल आदि। (ग) कुश्ती को फिर से लोकप्रिय बनाने के लिए ग्रामीण स्तर पर कुश्ती की प्रतियोगिताएँ आयोजित की जा सकती साथ-साथ पहलवानों को उचित प्रशिक्षण तथा कुश्ती को बढ़ावा देने हेतु मीडिया का सहयोग लिया जा सकता है। प्रश्न 8. प्रश्न 9.
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प्रश्न 2. प्रश्न 3. भाषा की बात प्रश्न 1.
पाठ में कुश्ती से जुड़ी शब्दावली सूची प्रश्न 2.
उत्तर: प्रश्न 3.
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. We hope the given NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 14 पहलवान की ढोलक will help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 14 पहलवान की ढोलक, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. पहलवान की ढोलक की आवाज का पूरे गांव पर क्या असर होता था लिखिए?ढोलक की आवाज़ का पूरे गाँव पर क्या असर होता था? उत्तर:- ढोलक की आवाज़ से रात की विभीषिका और सन्नाटा कम होता था महामारी से पीड़ित लोगों की नसों में बिजली सी दौड़ जाती थी, उनकी आँखों के सामने दंगल का दृश्य साकार हो जाता था और वे अपनी पीड़ा भूल खुशी-खुशी मौत को गले लगा लेते थे।
रतन पहलवान ढोलक क्यों बजाता था?उत्तर: लुट्टन ने पहलवानी कभी किसी गुरु से नहीं सीखी क्योंकि उसे कभी जरूरत नहीं पड़ी। वह ढोलक की थाप सुनते ही जोश में भर जाता था और जैसे-जैसे ढोलक बजती वह भी वैसे ही दाँव पेंच लगाता था। मानो लगातार ढोलक उसे सिखा रही हो। तभी उसने कहा होगा कि मेरा गुरु कोई पहलवान नहीं यही ढोलक है।
पहलवान के बेटों की मृत्यु पर गांव वालों की हिम्मत क्यों टूट गई?पहलवान के बेटों की मृत्यु पर गाँव वालों की हिम्मत क्यों टूट गई? पहलवान के दोनों बेटे गाँव में फैली महामारी की चपेट में आकर चल बसे। इस घटना से गाँव वालों की हिम्मत टूट गई क्योंकि वे पहलवान को अपना सहारा मानते थे। अब उन्हें लगा कि पहलवान अंदर से टूट जाएगा तथा उनकी सहायता करने वाला कोई नहीं रहेगा।
पहलवान की ढोलक कहानी का संदेश क्या है?पहलवान की ढोलक फणीश्वरनाथ रेणु द्वारा रचित एक प्रमुख आंचलिक कहानी है। इसके माध्यम से लेखक ने नि:स्वार्थ भाव से देश-सेवा का संदेश दिया है। लुट्टन सिंह की ढोलक की आवाज़ पूरे गाँववालों में धैर्य, साहस और स्फूर्ति प्रदान करती थी। रात्रि की विभीषिका में तथा सन्नाटे को ललकार के सामने चुनौती पैदा कर देती थी।
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