Solution : क्षुद्रांत्र की आन्तरिक भित्ति पर असंख्य रसांकुर पाये जाते हैं। इनमें रक्त वाहिकाओं एवं लिम्फ वाहिनी का जाल बिछा होता है। विसरण क्रिया द्वारा भोजन का प्रोटीन, ग्लूकोज, खनिज, विटामिन इत्यादि रक्त में सोख लिये जाते हैं। वसीय अम्लों एवं ग्लिसरॉल का अवशोषण लिम्फ वाहिनी में होता है । उपर्युक्त के अतिरिक्त शुदांत्र की संकुचन और अनुशिथिलन की गति भी भोजन के अवशोषण में एक सीमा तक अवश्य सहायक होती है। नमस्कार दोस्तों हमारा आज का प्रश्न है पचे हुए भोजन को सूचित करने के लिए सुधारकों कैसे अभी कल्पित किया गया है तो हमें प्रश्न में पूछा गया है कि जो बचा हुआ भोजन होता है उसको अवशोषित करने के लिए जो स्वतंत्र होता है उस उधर को किस प्रकार से अभी कल्पित किया तो हम सर्वप्रथम देखेंगे सुधांशु क्या होता है दोस्तों हमारे शरीर में पाया जाने वाला यह एक प्रकार का अंग होता है जो कि पचे हुए भोजन को अवशोषित करने का कार्य करता है जिससे हम छोटी हाथ के नाम से भी जाना जाता है क्या कहते हैं छोटी हाथ ठीक है और इसे ही हम सुधांशु के नाम से जानते हैं और यह छोटी आज जो होती है यह आमाशय से यानी कि हमारा जो पेड़ होता है आमा से जिसे हम कहते हैं ओसामा से ऐसे ही हो बढ़िया तक रहता है हम ऐसे ही के एक छोर से बड़ी आत के एक छोर तक यह इसका एरिया रहता है ठीक है और अब बात करते हैं कि जब बचा हुआ भोजन होता है वहां आज तक की वृद्धि में अवशोषित किया जाता है यानी कि यह जो सुधार रहे इसकी विधि में और सूचित किया जाता है तो हम लिख सकते हैं कि छोटी आत की स्थिति में बचे हुए भोजन का अवशोषण होता है और दोस्तों जो छोटी आत होती हैं उस छोटी आत की आंतरिक स्तर पर की उंगली के जैसे अनेक प्रवृत्त होते हैं और उन प्रवर्धक हो हम रन शाहपुर के नाम से जाने जाते हैं किस नाम से जो हमारे पैर की उंगली होती हैं दोस्तों इस प्रकार से अनेक प्रवृत्त होते हैं हमारी पैर की उंगली के समान अनेक प्रवृत्त होते हैं और इसे हम रन शाहपुर के नाम से जाने जाते हैं यार अंकुर करते हैं ठीक है और यह अवशोषण के साथी क्षेत्रफल को भी बढ़ा देते हैं क्या करते हैं यह रंग सो कोई क्या करते हैं जो भोजन का जिस प्रकार से अवशोषण करेंगे अवशोषण करेंगे जो एरिया होगा इनका उसे रिया को यह फैला देंगे यानी हम लिख सकते हैं कि क्षेत्रफल को बढ़ा देंगे यानी कि उसे रिया को फैला देंगे ठीक है और उसके बाद दोस्तों इसमें बहुत सारी रुधिर वाहिका होती है और रुधिर वाहिकाओं में रुधिर घमंड करता है तो अगर रुधिर वाहिका की अधिकता होगी तो जो भोजन का स्थानांतरण होगा वह भी ज्यादा होगा यानी कि भोजन में अंतर्गत इसमें बहुत सारे पोषक तत्व होते जैसे कि कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन इत्यादि यह सब भोजन में होंगे और भोजन को सूचित कर के शरीर के प्रत्येक कोशिका तक हमारे शरीर की जितनी भी कोशिका होती है उस कोशिका तक यह पहुंचाने का कार्य करते हैं और यहां इसका उपयोग दोस्तों उर्जा इसका जो उपयोग होता है भोजन का उसका उपयोग ऊर्जा प्राप्त करने के लिए और उत्तक के निर्माण के लिए किया जाता है उत्तर का निर्माण ठीक है अगर हम देखें कि उत्तर अगर पहले से ही बने हुए हैं और जो उत्तर टूटे हुए होते हैं तो दोस्तों और उत्तर को की मरम्मत करने का भी कार्यकर्ता मैं तो हम लिख सकते हैं वह तक की मरम्मत ठीक है तो दोस्तों इस प्रकार से यह सुदान रिया छोटी आज जो होता है यह पचे हुए भोजन को आमा से इसे वापस लेती है अम्मा से से लेने के बाद क्या करती हैं कि इसका वापस से पाचन करती है और जो भी हमारे शरीर के लिए अत्यंत उपयोगी पोषक पदार्थ होते हैं उन पोषक पदार्थों को हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका तक पहुंचाने का कार्य करती हैं तो दोस्तों इसी कारण से बचे हुए भोजन को सूचित करने के लिए जो सुधींद्र होता है जिसे हम छोटे आदमी कहते हैं इसी प्रकार से इसे अभी कल्पित किया गया है तो धन्यवाद दोस्तों आशा करता हूं आपको यह उत्तर जरूर समझ में आया होगा |