ऑक्सीटोसिन हार्मोन क्या काम आता है? - okseetosin haarmon kya kaam aata hai?

एक बेहतर ​जिंदगी, अच्छी नींद और जिंदगी में खुशी! ये वाकई इतना ज्यादा नहीं है कि, इंसान इसकी उम्मीद भी न कर सके। हालांकि, खुशी क्या है? या किसी को खुशी किस बात में मिलती है? इसकी व्याख्या हर इंसान अपनी तरह से कर सकता है। 

किसी इंसान को अच्छा खाना खाकर खुशी मिलती है तो किसी को सेक्स से संतुष्टि मिलती है। किसी को अपने काम से तो कोई लाइफ में ढेर सारे पैसे जमा करने में ही अपनी खुशी ढूंढता है। हर किसी का नजरिया अलग है। 

लेकिन अगर आप किसी वैज्ञानिक या मनोचिकित्सक से पूछें तो, ये व्याख्या बदल जाएगी। मनोविज्ञान मानता है कि, खुशी का संबंध दिमाग में बनने वाले विभिन्न प्रकार के हार्मोन से है। अगर कोई हार्मोन ज्यादा बनता है तो आपको खुशी होती है। और अगर किसी खास हार्मोन का उत्पादन घट जाता है तो आप दुखी हो जाते हैं। 

केमिकल और हार्मोन के घालमेल के इस खेल को समझने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने तमाम रिसर्च और स्टडी की है। लेकिन मानव व्यवहार में अभी भी ऐसा बहुत कुछ है, जिसे समझ पाना विज्ञान के लिए दूर की कौड़ी है। 

लेकिन, क्या वाकई किसी खास हार्मोन के निकलने से हमें खुशी या दुख का अनुभव होता है। क्या हम किसी खास तरीके से खुश रहने वाले हार्मोन का उत्पादन बढ़ा सकते हैं? इन्हीं सारी संभावनाओं के बारे में आज इस आर्टिकल में आपको जानकारी मिलने वाली है। 

मन को खुशी देने वाले इन हार्मोंस के बारे में जानने के लिए मैंने बात की है दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के साइकेट्रिस्ट डॉ. अनुराग सिंह सेंगर से। डॉ. अनुराग ने न सिर्फ मुझे हैप्पी हार्मोंस के बारे में रिसर्च बेस्ड जानकारी दी है बल्कि इन्हें बढ़ाने के 12 आसान उपाय के बारे में भी बताया है।

हैप्पी हार्मोंस क्या हैं ? (What Are Happy Hormones?) :

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हार्मोंस, असल में शरीर में विभिन्न ग्रंथियों द्वारा निर्मित रसायन होते हैं। वे शरीर में खून के साथ ही आते-जाते हैं। वे दिमाग के संदेशवाहक के रूप में काम करते हैं और शरीर की कई प्रक्रियाओं में भाग लेते हैं। 

इन महत्वपूर्ण कामों में से एक, आपके मूड को रेग्युलेट करने में मदद करना भी है। कुछ हार्मोन शरीर में सकारात्मक भावनाओं, खुशी या आनंद जैसी भावनाओं को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए जाने जाते हैं।

इन "हैप्पी हार्मोन" में शामिल हैं :

1. डोपामाइन (Dopamine)

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डोपामाइन को 'फील गुड' हार्मोन के रूप में भी जाना जाता है। डोपामाइन एक हार्मोन और न्यूरोट्रांसमीटर है जो आपके मस्तिष्क के रिवॉर्ड सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। डोपामाइन का संबंध आनंद के अनुभव, सीखने, याददाश्त, मोटर सिस्टम फंक्शन समेत कई अन्य बातों के साथ है।

2. सेरोटोनिन (Serotonin)

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यह हार्मोन एक न्यूरोट्रांसमीटर भी है। ये आपके मूड के साथ-साथ नींद, भूख, पाचन, सीखने की क्षमता और याददाश्त को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।

3. ऑक्सीटोसिन (Oxytocin)

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ऑक्सीटोसिन को अक्सर "लव हार्मोन" भी कहा जाता है, ऑक्सीटोसिन का संबंध बच्चे के जन्म, स्तनपान और मजबूत माता-पिता-बच्चे के मजबूत संबंधों के लिए आवश्यक है। यह हार्मोन इंसान में विश्वास बढ़ाने, सहानुभूति और रिश्तों को बढ़ाने में मदद करता है। शरीर में ऑक्सीटोसिन का स्तर अक्सर चुंबन या किस करने, गले लगाने और सेक्स से बढ़ता है।

4. एंडोर्फिंस (Endorphins)

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एंडोर्फिन आपके शरीर का प्राकृतिक दर्द निवारक है। ये दर्द शरीर में तनाव या परेशानी होने पर पैदा होता है। एंडॉर्फिन का स्तर तब बढ़ जाता है जब आपका शरीर खुद को खुश करने वाले काम करता है। इन कामों में भोजन करना, वर्क आउट करना या सेक्स करना आदि शामिल है।

हैप्पी हार्मोन को कैसे बूस्ट करें? (How To Boost Happy Hormones?) 

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हार्मोन का उत्पादन शरीर में प्राकृतिक रूप से हो, इससे अच्छी कोई बात नहीं हो सकती है। लेकिन अगर ये दिमाग में प्राकृतिक रूप से नहीं बन रहे हैं या फिर कम बन रहे हैं तो लाइफ में कुछ समस्याएं आ सकती हैं।  

रिसर्च में पाया गया है कि, कुछ ऐसी अच्छी आदतें हैं जिन्हें अपनाकर हैप्पी हार्मोन के प्रोडक्शन को बूस्ट किया जा सकता है। अगर इन आदतों को अपनाने के बाद भी उम्मीद के अनुसार फायदा नहीं होता है तो, डॉक्टर मूड बूस्टर दवाएं लेने की सलाह आपको दे सकता है।

मूड को बूस्ट करने वाले कुछ प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं :

1. बाहर घूमने निकलें (Get Outside)

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क्या आप भी शरीर में एंडोर्फिंस और सेरोटोनिन के लेवल को बढ़ाना चाहते हैं? अगर हां तो, खुली धूप में घूमना और समय बिताना इसका बहुत अच्छा उपाय है। 

साल 2008 की रिसर्च के अनुसार, धूप के प्रकाश के संपर्क में आने पर शरीर में सेरोटोनिन और एंडोर्फिन दोनों का उत्पादन बढ़ सकता है। हर दिन कम से कम 10 से 15 मिनट के साथ शुरू करें। यदि आपका मन पुरानी जगहों पर घूमकर थक चुका है तो किसी नई जगह की तलाश करें। (बस धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं।)

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एक्सरसाइज से शरीर को कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह इंसान को भावनात्मक रूप से सकारात्मक महसूस करने में भी मदद करता है। जैसे किसी रनिंग करने वाले को रेसर को रेसिंग से मिलने वाले आनंद को 'रनर्स हाई' कहा जाता है। आनंद का यही संबंध एक्सरसाइज और एडोर्फिन के बीच भी है।

लेकिन एक्सरसाइज से केवल एंडोर्फिन का स्तर ही नहीं सुधरता है। नियमित शारीरिक गतिविधि से भी आपके शरीर में डोपामाइन और सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ा सकती है। ये भी हैप्पी हार्मोंस को बूस्ट करने का बहुत बढ़िया विकल्प है।

साल 2009 में एक छोटी स्टडी की गई थी। इस स्टडी में कुछ 12 पुरुषों को शामिल किया गया था। सभी लोगों को एक साथ जमकर एक्सरसाइज करने के लिए कहा गया। रिजल्ट में पाया गया कि, अकेले एक्सरसाइज करने के बजाय ग्रुप में एक्सरसाइज करने से लोगों को ज्यादा फायदे मिले। 

वहीं सुबह की धूप में एक्सरसाइज करने पर शरीर में सेरोटोनिन के स्तर में बढ़ोतरी होती है। सुबह जल्दी उठकर 30 मिनट का समय एरोबिक एक्सरसाइज के लिए निकाला जा सकता है। रिसर्च के अनुसार, शरीर में एंडोर्फिन का उत्पादन एक निश्चित समय तक एक्टिविटी के बाद ही शुरू होता है।

3. दोस्तों के साथ ठहाके लगाएं (Laugh With A Friend)

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पुरानी कहावत है कि, 'हंसना सबसे अच्छी दवा है।' असल में, ये बात बिल्कुल सच है। अब तो विज्ञान भी इस बात पर मुहर लगा चुका है। 

बेशक, हंसने से जिंदगी में चल रही स्वास्थ्य या मन की समस्याओं का इलाज नहीं होता है। लेकिन यह चिंता या तनाव की भावनाओं को दूर करने में मदद कर सकता है और डोपामाइन और एंडोर्फिन के स्तर को बढ़ाकर मूड में सुधार कर सकता है।

साल 2017 की स्टडी के अनुसार, 12 लोगों ने ग्रुप बनाकर हंसना शुरू किया। इस हंसी ने एंडोर्फिन रिलीज को ट्रिगर किया। साल 2011 में की गई एक अन्य स्टडी में भी इस बात की पुष्टि हुई है।

तो, नेट पर कोई मजेदार वीडियो मिलता है या फिर कोई पुराना किस्सा याद आ जाता है तो, दोस्तों के साथ शेयर करें और जमकर ठहाके लगाएं। किसी दोस्त के साथ खुशनुमा पल बिताकर ऑक्सीटोसिन रिलीज को भी ट्रिगर किया जा सकता है।

4. पसंदीदा भोजन बनाएं (Cook A Favorite Meal) 

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अगर थ्योरी पर यकीन करें तो, ये तरीका सभी 4 हैप्पी हार्मोंस को बूस्ट करता है। अपने किसी चाहने वाले को जायकेदार भोजन बनाकर खिलाने से शरीर में डोपामाइन के साथ ही एंडोर्फिंस का उत्पादन भी बढ़ सकता है। 

अपने किसी चाहने वाले के साथ भोजन शेयर करने से प्यार बढ़ता है। अगर ये दोस्ती खाना तैयार करने के समय भी हो तो, ये ऑक्सीटोसिन के लेवल को भी बढ़ा सकती है।

रिसर्च के अनुसार, कुछ खास तरह के भोजन का सेवन करने से भी हार्मोन के लेवल पर असर पड़ता है। जैसे,

  • तीखा और मसालेदार भोजन करने से, एंडोर्फिन रिलीज को ट्रिगर मिलता है। 
  • दही, बींस, अंडे, बादाम, कम फैट वाला भोजन करने से डोपामाइन बढ़ता है। 
  • ट्रिप्टोफैन रिच फूड खाने से सेरोटोनिन का लेवल बढ़ता है। 
  • प्रोबायोटिक फूड के सेवन से भी हार्मोंस की ग्रोथ बढ़ती है।

5. म्यूजिक सुनें (Listen To Music)

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संगीत आपके हैप्पी हार्मोन की ग्रोथ को तेज करने में अहम भूमिका निभाता है। संगीत सुनने से हार्मोन का उत्पादन होता ही है। अगर आप कोई म्यूजिकल इंस्ट्रुमेंट बजा भी लेते हैं तो मामला सोने में सुगंध वाला हो जाता है।

असल में अपने पसंदीदा म्यूजिक को सुनने से, विशेष रूप से वो संगीत जो आपको शांति देता है, मस्तिष्क में डोपामाइन के उत्पादन बढ़ा सकता है। 

अगर आप म्यूजिक लवर हैं, तो हर उस म्युजिक का आनंद लें जो आपको अच्छे मूड में रखने में मदद कर सकता है। आपके मूड में यह सकारात्मक परिवर्तन सेरोटोनिन उत्पादन को बढ़ा सकता है। संगीतकारों को भी नया संगीत बनाते समय एंडोर्फिन रिलीज का अनुभव हो सकता है।

साल 2012 की एक रिसर्च के अनुसार, डांसिंग, सिंगिंग या ड्रमिंग से एंडोर्फिन की रिलीज को बूस्ट मिल सकता है।

6. मेडिटेशन करें (Meditate)

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अगर आप मेडिटेशन करने के शौकीन हैं तो, आप मेडिटेशन और योग के फायदे के बारे में जानते ही होंगे। ये बेहतर नींद लेने से लेकर तनाव को कम करने में भी मदद कर सकता है।

साल 2002 की एक स्टडी के अनुसार, मेडिटेशन करने से डोपामाइन के उत्पादन में इजाफा होता है। साल 2011 की एक अन्य स्टडी के अनुसार, नियमित मेडिटेशन करने से एंडोर्फिन के रिलीज में बढ़ोतरी होती है।

7. रोमांटिक डेट पर जाएं (Plan A Romantic Evening)

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ऑक्सीटोसिन को आमतौर पर 'लव हार्मोन' भी कहा जाता है। इस बात को डॉक्टर और मनोचिकित्सक भी मानते हैं। 

किसी को देखकर उसकी तरफ आकर्षित हो जाना ऑक्सीटोसिन का उत्पादन बढ़ने का पहला संकेत है। लेकिन, शारीरिक रूप से जुड़ाव होने जैसे, किसिंग, गले लगना या सेक्स करने से भी ऑक्सीटोसिन के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।  

सीधा फंडा यही है कि, बस किसी ऐसे व्यक्ति के साथ समय बिताया जाए, जिसे आपकी परवाह हो। इससे ऑक्सीटोसिन के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। यह निकटता और सकारात्मक संबंधों की भावनाओं को बढ़ाने में मदद कर सकता है, जिससे आप खुश, आनंदित, या यहां तक कि उत्साहित भी महसूस कर सकते हैं।

यदि आप वास्तव में उन हैप्पी हार्मोंस को महसूस करना चाहते हैं, तो ध्यान दें कि डांसिंग और सेक्स दोनों ही एंडोर्फिन की रिलीज को बूस्ट करते हैं। जबकि ऑर्गेज़म डोपामाइन रिलीज को ट्रिगर करता है। एंडोर्फिन को बूस्ट करने के लिए आप अपने साथी के साथ एक ग्लास वाइन भी शेयर कर सकते हैं।

8. डॉग पाल लें (Pet A Dog)

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अगर आपके घर में कुत्ता है तो उसे प्यार करें। अगर नहीं है तो एक प्यारा सा पपी घर ले आएं। ये न सिर्फ आपको लाइफ में नई उम्मीदें देगा बल्कि ऑक्सीटोसिन का उत्पादन बढ़ाने में भी मदद करेगा।

साल 2014 की रिसर्च के अनुसार, डॉग और उसके मालिक जब आपस में गले मिलते हैं तो इससे ऑक्सीटोसिन के उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। 

मेंटल हेल्थ के लिए कुत्ते को पालना कितना कारगर है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, जब आप किसी परिचित कुत्ते को देखते हैं तो भी इससे ऑक्सीटोसिन के लेवल में बूस्ट मिलता है।

9. रात को अच्छी नींद लें (Get A Good Night’s Sleep)

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पर्याप्त गुणवत्ता वाली नींद न लेना आपके स्वास्थ्य को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है। नींद की कमी से, आपके शरीर में हार्मोन के असंतुलन के साथ ही डोपामाइन के प्रोडक्शन में भी कमी आ सकती है। यह आपके शरीर के साथ ही मूड पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

हर रात 7 से 9 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। इससे आपके शरीर में हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने में मदद मिल सकती है। लंबी नींद लेने से आप सुबह खुद ब खुद बेहतर महसूस करने लगेंगे।

10. स्ट्रेस को मैनेज करें (Manage Stress)

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लाइफ में समय-समय पर थोड़े-बहुत तनाव का अनुभव करना सामान्य है। लेकिन लाइफ में लंबे समय तक स्ट्रेस में रहने या फिर लाइफ में उठापटक वाली घटनाओं से निपटने पर डोपामाइन और सेरोटोनिन उत्पादन में गिरावट आ सकती है। 

यह आपके स्वास्थ्य और मनोदशा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है, जिससे तनाव से निपटना कठिन हो जाता है। यदि आप बहुत तनाव में हैं, तो अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन की सलाह है कि,

  • तनाव के सोर्स से एक छोटा ब्रेक ले लीजिए।
  • ठहाके लगाकर हंसें।
  • 20 मिनट तक टहलने, दौड़ने, बाइक चलाने जैसी शारीरिक गतिविधि करें। 
  • ध्यान लगाएं।
  • सामाजिक संपर्क बढ़ाएं।

इनमें से कोई भी उपाय अपनाएं जो आपको सूट करता है। इससे सेरोटोनिन, डोपामाइन और यहां तक कि एंडोर्फिन के स्तर को बढ़ाते हुए तनाव को दूर करने में मदद मिल सकती है।

11. मसाज करवाएं (Get A Massage)

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अगर आपको मसाज करवाने से आनंद मिलता है तो इसे जरूर करवाएं। क्यों​कि मसाज करवाने से सभी 4 हैप्पी हार्मोंस को बूस्ट करने में मदद मिलती है। 

साल 2004 की स्टडी के अनुसार, मसाज करवाने से सेरोटोनिन और डोपामाइन लेवल में इजाफा आता है। मसाज से एंडोर्फिन और ऑक्सीटोसिन के लेवल में भी बढ़ोतरी होती है।

लेकिन मसाज के पूरे फायदे पाने के लिए इसे किसी अच्छे और लाइसेंसी मसाज पार्लर या थेरेपिस्ट से ही करवाएं। लेकिन अगर सेक्स से पहले या बाद में पार्टनर से मसाज करवाई जाए तो इससे ऑक्सीटोसिन के लेवल को एक्स्ट्रा बूस्ट मिल सकता है।

12. सप्लीमेंट्स का सेवन करें (Try Supplements)

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ऐसे कई सप्लीमेंट्स हैं जो आपके हैप्पी हार्मोंस के लेवल को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। डॉक्टर की सलाह से ही इनका सेवन किया जाना चाहिए। इनका उपयोग तभी किया जाना चाहिए, जब पहले बताए गए सारे तरीके फेल हो चुके हों।

  • टायरोसिन (Tyrosine) (डोपामाइन)
  • ग्रीन टी और सत (Green Tea And Green Tea Extract) (डोपामाइन, सेरोटोनिन)
  • प्रोबायोटिक्स (Probiotics) (डोपामाइन, सेरोटोनिन)
  • ट्रिप्टोफैन (Tryptophan) (सेरोटोनिन)

सप्लीमेंट्स के प्रभावों का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों को विभिन्न परिणाम मिले हैं। कई अध्ययनों में केवल जानवरों को शामिल किया गया, इसलिए मनुष्यों पर सप्लीमेंट्स के सेवन से होने वाले असर की जांच के लिए और अधिक रिसर्च की आवश्यकता है।

कौन हैं डॉ. अनुराग सिंह सेंगर? (Who Is Dr. Anurag Singh Sengar?)

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डॉ. अनुराग सिंह सेंगर ने एमबीबीएस की पढ़ाई साल 2010 में सैफई स्थित उत्तर प्रदेश रूरल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (U.P. Rural Institute of Medical Sciences & Research) यानी यूपी रिम्स से की है।

इसके बाद, उन्होंने दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल से साइकेट्री विषय में डीएनबी किया है। वर्तमान में वह सर गंगा राम अस्पताल के मानसिक रोग विभाग में बतौर रेजिडेंट काम कर रहे हैं।

निष्कर्ष (The Takeaway)

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सप्लीमेंट्स मूड को बूस्ट करने में मददगार हो सकते हैं, लेकिन कुछ विशेष मेडिकल कंडिशन वाले लोगों को इनका सेवन नहीं करना चाहिए। किसी भी दवा का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से बात जरूर करें।

न तो अपने मन से कोई दवा शुरू करें और न ही अपने मन से किसी दवा के सेवन को बंद करें। अगर आप ऐसा कर चुके हैं तो इसे भी अपने डॉक्टर से छिपाएं नहीं। दिमाग में होने वाले केमिकल रिएक्शन से गंभीर नुकसान भी हो सकते हैं।

ऑक्सीटोसिन हार्मोन का क्या काम होता है?

ऑक्सीटॉसिन महिला प्रजनन में अपनी भूमिकाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ रूप से जाना जाता है: 1) यह प्रसव काल के दौरान गर्भाशय ग्रीवा और योनी के फैलाव और 2) स्तनाग्र (निपल) की उत्तेजना के बाद प्रचुर मात्रा में स्रावित होता है, जिससे क्रमश: प्रसव और स्तनपान सहज होता है।

Pyar होने पर कौन सा हार्मोन निकलता है?

प्यार के इमोशन का कारण एक खास हार्मोन है जिसे 'ऑक्सीटोसिन' कहते हैं. मां का बच्चे के प्रति प्रेम,प्रेमी और प्रेमिका का प्रेम इन अलग-अलग प्रेम की भावनाओं का कारण शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन निकलना है. यह हार्मोन पीयूष ग्रंथि से निकलता है जो कि मस्तिष्क में हाइपोथैलेमस के निचले हिस्से की ओर मौजूद होती है.

ऑक्सीटोसिन को लव हार्मोन क्यों कहा जाता है?

अगर हां, तो जान लीजिए कि इसके लिए आपके भीतर मौजूद 'लव हॉर्मोन' जिम्‍मेदार है. यही हॉर्मोन प्‍यार से जुड़ी आपकी भावनाओं को उभारने में मददगार होता है. जिसे आप चाहते हैं, उसे देखने के बाद 'लव हॉर्मोन' केवल आपकी भावनाओं को ही सक्रिय नहीं करता, बल्कि यह पुरानी मांसपेशियों को नए की तरह काम करने में भी सहायता करता है.

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