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Advertisement Remove all ads One Line Answer नवाब साहब ने खीरे की फाँकों पर नमक-मिर्च छिड़का जिसे देखकर लेखक ललचाया पर उसने खीरे खाने का प्रस्ताव अस्वीकृत क्यों कर दिया? Advertisement Remove all ads Solutionनवाब साहब ने करीने से सजी खीरे की फाँकों पर नमक-मिर्च छिड़ककर लेखक से खाने के लिए आग्रह किया तो लेखक ने साफ़ मना कर दिया। जबकि लेखक खीरे खाना चाहता था। इसका कारण यह था लेखक पहली बार नवाब साहब को खीरा खाने के लिए मना कर चुका था। Concept: गद्य (Prose) (Class 10 A) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 12: यशपाल - लखनवी अंदाज़ - अतिरिक्त प्रश्न Q 6Q 5Q 7 APPEARS INNCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2 Chapter 12 यशपाल - लखनवी अंदाज़ Advertisement Remove all ads 1. डिब्बे में लेखक के प्रवेश करते ही नवाब साहब के आँखों में कैसा भाव दिखा? (क) ख़ुशी के (ख) असंतोष के (ग) दुःख के (घ) संतोष के ► (ख) असंतोष के 2. नवाब साहब ने खीरों की फाँक का क्या किया? (क) खिड़की से बाहर फेंक दिया (ख) लेखक को दे दिया (ग) खा गए (घ) बच्चे को दे दिया ► (क) खिड़की से बाहर फेंक दिया 3. नवाब साहब को कनखियों से कौन देख रहा था? (क) बच्चा (ख) लड़की (ग) लेखक (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ग) लेखक 4. नवाब साहब ने खीरों को खिड़की से बाहर क्यों फेंक दिया? (क) अमीरी दिखाने के लिए (ख) पेट भरने के कारण (ग) तबीयत खराब होने के कारण (घ) इनमें से कोई नहीं ► (क) अमीरी दिखाने के लिए 5. लेखक ने ट्रेन में सेकंड क्लास का टिकट क्यों लिया था? (क) आराम से यात्रा करने के लिए (ख) अमीरी दिखाने के लिए (ग) नई कहानी के बारे में सोचने के लिए (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ग) नई कहानी के बारे में सोचने के लिए 6. लेखक ने नवाब साहब से खीरा न खाने का कारण क्या बताया? (क) उन्हें खीरा पसंद नहीं है (ख) पेट भरा हुआ है (ग) इच्छा नहीं है (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ग) इच्छा नहीं है 7. नवाब साहब ने लेखक को क्या खाने का निमंत्रण दिया? (क) बादाम (ख) खीरा (ग) बिस्किट (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ख) खीरा 8. अकेले सफ़र का वक्त काटने के लिए नवाब साहब ने क्या खरीदा था? (क) अखबार (ख) पुस्तक (ग) खीरा (घ) पत्रिका ► (ग) खीरा 9. नवाब साहब को क्या गवारा न था? (क) मँझले दर्जे में यात्रा करते दिखना (ख) लेखक से बात करना (ग) खीरा खाना (घ) इनमें से कोई नहीं ► (क) मँझले दर्जे में यात्रा करते दिखना 10. ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत किसकी थी? (क) नवाब साहब की (ख) यात्री की (ग) लेखक की (घ) कवि की ► (ग) लेखक की 11. वार्तालाप की शुरुआत किसने की? (क) लेखक ने (ख) नवाब साहब ने (ग) दुकानदार ने (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ख) नवाब साहब ने 12. लेखक कनखियों से किसकी ओर देख रहे थे? (क) खिड़की की तरफ (ख) घर की तरफ (ग) स्टेशन की तरफ (घ) नवाब साहब की तरफ ► (घ) नवाब साहब की तरफ 13.लखनऊ स्टेशन पर कौन खीरे के इस्तेमाल का तरीका जानते हैं? (क) नवाब साहब (ख) लेखक (ग) खीरा बेचने वाले (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ग) खीरा बेचने वाले 14. नवाब साहब ने खीरे की तैयारी के बाद उसका क्या किया? (क) खा गए (ख) खिड़की से बाहर फेंक दिया (ग) नवाब साहब को दे दिया (घ) इनमें से कोई नहीं ► (ख) खिड़की से बाहर फेंक दिया 15. नवाब साहब का सहसा क्या करना लेखक को अच्छा नहीं लगा? (क) बात करना (ख) खीरा खाना (ग) भाव-परिवर्तन करना (घ) जेब से चाकू निकालना ► (ग) भाव-परिवर्तन करना विषयसूची नवाब साहब ने खीरे की फाँकों को खिड़की से बाहर क्यों फेंक दिया?इसे सुनेंरोकेंउत्तर: नवाब साहब द्वारा दिए गए खीरा खाने के प्रस्ताव को लेखक ने अस्वीकृत कर दिया। खीरे को खाने की इच्छा तथा सामने वाले यात्री के सामने अपनी झूठी साख बनाए रखने के कश्मकश में नवाब ने खीरे को काटकर खाने की सोची तथा फिर अन्तत: जीत नवाब के दिखावे की हुई। अत: इसी इरादे से उसने खीरे को फेंक दिया। नबाब साहब का कौन सा अनुमान गलत सिद्ध हुआ?इसे सुनेंरोकेंनवाब साहब की असुविधा और संकोच के कारण का अनुमान करने लगे। संभव है, नवाब साहब ने बिल्कुल अकेले यात्रा कर सकने के अनुमान में किफ़ायत के विचार से सेकंड क्लास को टिकट खरीद लिया हो और अब गवारा न हो कि शहर का कोई सफेदपोश उन्हें मँझले दर्जे में सफर करता देखे। …. लेखक िे ििाब सािब से खीरा ि खािे का कारण क्या बताया? इसे सुनेंरोकें✔ (ग) इच्छा नही है। ✎… ‘लखनवी अंदाज’ पाठ में लेखक ने नवाब साहब से खीरा ना खाने का यह कारण बताया कि उसे इच्छा नहीं है। जब नवाब साहब ने लेखक से कहा कि ‘वल्लाह शौक कीजिए, लखनऊ का बालम खीरा है। ‘ तब लेखक ने अपने आत्मसम्मान को बचाने के लिए नवाब साहब को उत्तर दिया, ‘शुक्रिया! नवाब साहब ने खीरे की फाँकों को कैसे देखा? इसे सुनेंरोकेंनवाब साहब ने सतृष्ण आँखों से नमक-मिर्च के संयोग से चमकती खीरे की फांकों की ओर देखा । खिड़की के बाहर देखकर दीर्घ निश्वास लिया । खीरे की एक फाँक उठाकर होंठों तक ले गए । फाँक को सूंघा । नवाब साहब ने खिड़की के बाहर देख क र दीर्घ निःश्वास क्यों लिया?इसे सुनेंरोकेंनवाब साहब ने खिड़की के बाहर देखकर दीर्घ विश्वास क्यों लिया? नवाब साहब खिड़की के बाहर देखकर लंबी सांस इसलिए ले रहे हैं क्योंकि वे खीरा खाना चाहकर भी खा नहीं पा रहे और इसी खिड़की के रास्ते से उन्होंने खीरे की कटी हुई फाँकें बाहर फेंकनी हैं। लेखक ने नवाब साहब को खीरा खाने के लिए पूछने पर क्या उत्तर दिया?इसे सुनेंरोकेंउत्तर- नवाब साहब ने लेखक से जब पहली बार खीरा खाने के लिए पूछा तो उसने मना कर दिया। नवाब साहब जब दोबारा खीरा खाने के लिए पूछते हैं तो लेखक के मुँह में पानी आ जाता है लेकिन वह अपने स्वाभिमान को बनाए रखने के लिए खीरा खाने से मना कर देता है। नवाब साहब द्वारा खीरा खाने के लिए पूछने पर लेखक ने क्या जवाब दिया? इसे सुनेंरोकेंनवाब साहब ने खीरे की फाँकों पर नमक-मिर्च छिड़का जिसे देखकर लेखक ललचाया पर उसने खीरे खाने का प्रस्ताव अस्वीकृत क्यों कर दिया? नवाब साहब ने करीने से सजी खीरे की फाँकों पर नमक-मिर्च छिड़ककर लेखक से खाने के लिए आग्रह किया तो लेखक ने साफ़ मना कर दिया। जबकि लेखक खीरे खाना चाहता था। लेखक द्वारा खीरा खाने से इंकार करने पर नवाब साहब ने अपनी झेंप कैसे मिटाई? इसे सुनेंरोकेंनवाब साहब ने बहुत नजाकत और सलीके से खीरा काटा, उन पर नमक-मिर्च लगाया। उनकी इस हरकत का यह कारण होगा कि वे एक नवाब थे, जो दूसरों के सामने खीरे जैसी आम खाद्य वस्तु खाने में शर्म भव करते थे। लेखक को अपने डिब्बे में देखकर नवाब को अपनी रईसी याद आने लगी। इसीलिए उन्होंने खीरे को मात्र सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। नवाब साहब ने खीरे के गुण अवगुण के बारे में कौन सी बात नहीँ कही?इसे सुनेंरोकेंउनका यह स्वभाव उनके दिखावटी स्वभाव को प्रकट करता है। नवाब साहब ने लेखक के सामने खीरा काटा और फिर सूंघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया। शायद वह अपनी झूठी आन-बान के एक के सामने खीरा खाने से शर्मा रहे हों। वह खीरे को एक साधारण वस्तु समझते थे और खीरे जैसी आम वस्तु को खाकर वह अपनी श्रेष्ठता को कम नहीं करना चाहते। नवाब साहब ने खीरे के फाँकों को क्यों फेंक दिया?Answer: नवाब साहब द्वारा दिए गए खीरा खाने के प्रस्ताव को लेखक ने अस्वीकृत कर दिया। खीरे को खाने की इच्छा तथा सामने वाले यात्री के सामने अपनी झूठी साख बनाए रखने के कश्मकश में नवाब ने खीरे को काटकर खाने की सोची तथा फिर अन्तत: जीत नवाब के दिखावे की हुई। अत: इसी इरादे से उसने खीरे को फेंक दिया।
नवाब साहब ने खीरे की फांकों को कैसे देखा?Solution : (क) नवाब साहब ने खीरे की कटी फाँकों पर नमक-मिर्च बुरक कर उन्हें प्यासी नजरों से देखा।
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