नॉर्मल डिलीवरी के बाद पेट की बेल्ट कब पहनना शुरू करें? - normal dileevaree ke baad pet kee belt kab pahanana shuroo karen?

नॉर्मल डिलीवरी के बाद पेट की बेल्ट कब पहनना शुरू करें? - normal dileevaree ke baad pet kee belt kab pahanana shuroo karen?

ज्यादातर महिलाएं नॉर्मल डिलीवरी ही करवाना चाहती है क्योंकि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया भी है और इसमें बाद में कोई हैल्थ प्रॉब्लम नहीं झेलनी पड़ती लेकिन कई बार कॉम्प्लिकेशन के चलते डॉक्टर्स को सिजेरियन डिलीवरी का सहारा लेना पड़ता है।

सिजेरियन डिलीवरी से जो सबसे बड़ी समस्या आती हैं वो है लोअर बैली फैट का होना। कई बार पेट का निचला हिस्सा लटकना भी शुरू हो जाता है। इसका एक ही ऑप्शन है एब्‍डामनल बेल्‍ट लगाने का। इससे पेट को स्पोर्ट मिलता है और पेट की बढ़ी हुई चर्बी भी अंदर चली जाती है। यहीं नहीं बेल्ट पहनने के और भी बहुत सारे फायदे होते हैं।

1. पीठ को सपोर्ट

डिलीवरी के बाद शिशु को पकड़ने या कोई भी काम करने कमर के ऊपर सबसे ज्यादा वजन पड़ता है, जिससे मांसपेशियां कमजोर हो जाती है। डिलीवरी के बाद पीठ में दर्द की समस्या भी आम है लेकिन इस बेल्ट को पहनने से कमर की मांसपेशियों को सपोर्ट मिलता है, जिससे उनमें मजबूती आती है।

2. लटके पेट को फ्लैट करने में

बच्चे के जन्म के बाद आपको तुरंत ही बढ़ी हुई तोंद से छुटकारा नहीं मिल। ऐसे में डिलीवरी के बाद भी इस बेल्ट को पहनना जरूरी होता है। आपका पेट सामान्य स्थिति में आ जाएगा। इसके अलावा इसे पहनने से आप पतली भी दिखेगी क्‍योंकि यह आपके पेट को अंदर की ओर दबा देता है।

3. चलने-फिरने में आसानी

डिलिवरी के बाद आपको चलने-फिरने और उठने-बैठने में परेशानी होती है लेकिन आपकी यह प्रॉब्लम भी इससे दूर हो सकती है। एब्‍डा‍मनल बेल्‍ट पेट के पास ढीली पड गई चमडी को सर्पोट करती है और आपको आसानी से चलने-फिरने में मदद करती है।

4. ब्रेस्टफीड करवाने में आसानी

नॉर्मल डिलीवरी के बाद पेट की बेल्ट कब पहनना शुरू करें? - normal dileevaree ke baad pet kee belt kab pahanana shuroo karen?

महिलाओं को अक्सर सिजेरियन डिलवरी के बाद ब्रेस्टफीड करवाने में मु्श्किल होती है लेकिन इस बेल्ट को लगाने से आपको बैठने और बेबी को फीड करवाते समय पीठ में कोई दर्द नहीं होगा। इससे बच्चा भी अच्छे से फीड लेता है। इसीलिए डिलीवरी के बाद इस बेल्ट को जरूर पहनें। 

5. घाव को भरने में मददगार

सिजेरियन डिलीवरी के बाद पेट पर उसके निशान पड़ जाते है, जिसे भरने में काफी समय लग जाता है। मगर इस बेल्ट के पहनने से सिजेरियन के बाद हुए घाव को जल्दी भरने में मदद मिलती है। इस बेल्ट को पहनने के बाद आपको ज्यादा परेशानी नहीं होती, जिसके कारण घाव जल्दी भर जाते है।

किसी भी महिला के लिए मां बनना एक खूबसूरत एहसास है, लेकिन इस एहसास के साथ नई मांओं को कुछ परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। सी-सेक्शन यानी सिजेरियन डिलीवरी के बाद पेट बढ़ना या पेट लटकना एक आम समस्या है और यह समस्या नई मांओं के लिए तनाव का कारण भी बन जाती है। डिलीवरी के बाद तुरंत वजन तो कम नहीं हो सकता है, लेकिन अगर प्रभावी और सुरक्षित उपाय अपनाए जाएं तो पेट पहले जैसा हो सकता है।

www.myupchar.com से जुड़े डॉ. आयुष पांडे का कहना है कि सी-सेक्शन यानी सिजेरियन का सहारा तब लिया जाता है जब प्रसव के पारंपरिक तरीके में कठिनाई हो रही हो या नार्मल डिलीवरी से मां या शिशु के स्वास्थ्य को खतरा हो। myupchar.com से जुड़े डॉ. विशाल मकवाना का कहना है कि सिजेरियन के बाद कभी भी एकदम से पेट की चर्बी कम करने की कोशिश न करें। इस प्रक्रिया में धैर्य रखना और शरीर को डिलीवरी के बाद ठीक होने का समय देना जरूरी हैं।

शिशु को स्तनपान कराएं : अगर महिला स्तनपान कराती है तो उन मांओं की तुलना में तेजी से वजन घटाती हैं जो नहीं कराती हैं। जब स्तनपान कराते हैं तो शरीर को यह करने के लिए कैलोरी बर्न करनी होती हैं। इसमें काफी ऊर्जा लगती है और शरीर को दूध पैदा करने में मेहनत करनी होती है। स्तनपान कराने वाली मांए औसतन रोजाना 250 से 500 कैलोरी बर्न करती हैं। यह आंकड़े मां के वजन और वह कितना स्तनपान कराती हैं उस पर निर्भर करता है।

प्रोसेस्ड फूड से दूरियां बनाएं, हेल्दी फूड खाएं : हेल्दी खाने का यह मतलब नहीं कि डाइट पर जाएं। इसका सरल अर्थ है कि अपनी डाइट से जंक फूड हटाना और इसे पौष्टिक आहार से बदलना। चिप्स, बेक्ड फूड्स, फ्राइड फूड्स सभी प्रोसेस्ड फूड्स जैसे का वजन घटाने पर तेजी से प्रभाव पड़ता है। प्रोसेस्ड फूड्स में कैलोरी ज्यादा होती हैं। इसकी बजाए फल, सब्जियां, फलियां, साबुत अनाज, नट्स आदि होल फूड्स खाने चाहिए। डाइट कार्बोहाइड्रेट से भरपूर हो, कम फैट वाली हो और इसमें विटामिन, मिनरल्स भरपूर हों।

वजन कम करने के लिए पैदल चलें : पैदल चलना एक अच्छा व्यायाम है जो कि सी-सेक्शन के बाद किया जा सकता है। यह हल्का और सरल व्यायाम है जो कि हार्ट रेड और ब्लड सर्कुलेशन का ध्यान रखता है। यह मांसपेशियों को गर्भावस्था के पहले की तरह लाने की कोशिश करता है।

योगासन करें : हैवी वर्कआउट की बजाए सी-सेक्शन के बाद योग अपनाएं। वैसे यह बच्चा होने के 6 से 8 सप्ताह बाद ही शुरू करना चाहिए। डॉक्टर की सलाह पर योग शुरू कर सकते हैं। इससे मांसपेशियां मजबूत होंगी और ढीली मांसपेशियों को फिर से बनाने में मदद मिलेगी। प्राणायाम से भी फायदा होगा।

एब्डोमिनल बेल्ट लगाएं : प्रसव के बाद शुरुआती महीनों में पेट की चर्बी कम करने में और इसे लटकने से बचाने में एब्डोमिनल बेल्ट बड़ी कारगर हो सकती हैं। यूं तो बेल्ट को हर समय लगा सकते हैं, लेकिन सोते समय, खाते समय और शौच जाते समय न लगाएं। प्रसव के दो महीने बाद टांके ठीक दिखने पर बेल्ट या कपड़ा बांध सकते हैं।

मसाज से फायदा : डिलीवरी के बाद पेट अंदर करने के लिए मसाज करवाएं। लेकिन सिजेरियन के दो सप्ताह बाद शुरू करवाना चाहिए, उससे पहले नहीं। मसाज से मांसपेशियों को टोन करने में मदद मिलती है और पेट का साइज भी कम होता है।

अच्छी नींद जरूरी : पेट को फिर शेप में लाने के लिए नींद की भी भूमिका होती है। नींद की कमी से शरीर में सूजन और कोर्टिसोल रिलीज होता है। कोर्टिसोल एक स्ट्रेस हार्मोन है जो कि पेट के बढ़ने से जुड़ा होता है।

खूब पानी पिएं : पेट की चर्बी कम करने के लिए पर्याप्त पानी पीना जरूरी है। यह शरीर में तरल पदार्थ के संतुलन को बनाने के साथ कमर के आसपास बढ़ रहे फैट को भी बर्न करेगा।

अधिक जानकारी के लिए देखें: https://www.myupchar.com/motherhood/cesarean-ke-baad-pet-kaise-kam-kare-in-hindi

स्वास्थ्य आलेख www.myUpchar.com द्वारा लिखे गए हैं

डिलीवरी के कितने दिन बाद बेल्ट लगाना चाहिए?

प्रसव के दो महीने बाद टांके ठीक दिखने पर बेल्ट या कपड़ा बांध सकते हैं।

डिलीवरी के बाद पेट को कैसे बांधे?

यदि आप अपने पेट पर कपड़ा बांधना चाहें, तो सुनिश्चित करें कि इसे बहुत ज्यादा कसकर न बांधें। कपड़ा पेट को सहारा देने के लिए होना चाहिए, न कि इससे पेट भिंचना चाहिए। यदि आपका शरीर डिलीवरी के बाद जल्दी गर्भावस्था से पहले के माप व आकार में न आ पा रहा हो, तो भी निराश न हों।

पेट की बेल्ट कैसे लगाये?

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पेट पर बेल्ट बांधने से क्या होता है?

सिंपल एब्डोमिनल बेल्ट (Simple Abdominal Belt) यह एक स्ट्रेचेबल बेल्ट होती है। जिसे पेट के चारों ओर बांधा जा सकता है। यह मांसपेशियों को सिकोड़ती है। जिसके प्रभाव से थोड़ी गर्मी उत्पन्न होती है और आप कुछ इंच बैली फैट कम करने में कामयाब हो पाते हैं।