नेपाल और चीन ने साझा बयान जारी कर माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848.86 मीटर मान ली है. नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवली और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने यह एलान किया. इन दोनों देशों की सीमा पर तैनात दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की सटीक ऊंचाई पर बीते कुछ बरसों में काफी बहस हुई. Show सटीक ऊंचाई की बहस चीन माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848.43 मीटर मानता था. वहीं नेपाल और दुनिया के बाकी देश चोटी की ऊंचाई 8,848 मीटर मानते थे. सगरमाथा कही जाने वाली माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई सबसे पहले 1856 में ब्रिटिश भूगोलविज्ञानियों ने नापी. तब इसके लिए त्रिकोणमिती का सहारा लिया गया और इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 8,840 मीटर बताई. 29 मई 1953 को एडमंड हिलैरी और तेनजिंग नॉर्गे के पहली बार एवरेस्ट फतह करने के बाद इस चोटी का भारतीय रिसर्चरों से सर्वे किया और ऊंचाई 8,848 मीटर मापी. तब से इसी ऊंचाई को मानक माना जाता था. लेकिन उसके बाद भी जब कभी ऊंचाई मापी गई तब तब अलग नतीजे सामने आए. अब पहली बार नेपाल और चीन दोनों ने मिलकर नई ऊंचाई मापी है. ऊंचाई मापने के लिए ग्रैवीमीटर, क्लाइबिंग और नेविगेशन सैटेलाइट का सहारा लिया गया. भूगर्भीय हलचलों का असर धरती की टेक्टोनिक प्लेटों और ग्लेशियर विज्ञान का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक ऊंचाई मापने के तरीके सही हैं. वैज्ञानिकों को मानना है कि धरती के भूगर्भीय गतिविधियों और 2015 में हिमालय में आए विनाशकारी भूकंप का असर पर्वत चोटियों पर पड़ा है. नेपाल और चीन के सर्वे के दौरान यह भी पता चला कि काठमांडू के पास लंगतांग हिमाल चोटी की ऊंचाई 2015 के भूकंप के बाद घट गई है. ओएसजे/एनआर (एएफपी) __________________________ हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore माउंट एवरेस्ट का दूसरा नाम क्या है?इसके पहले इस पर्वत को पीक-15 के नाम से जाना जाता था. माउंट एवरेस्ट को तिब्बती लोग चोमोलंगमा और नेपाली लोग सागरमाथा कहते थे.
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली विश्व की प्रथम महिला कौन है?बछेंद्री पाल का जन्म नकुरी उत्तरकाशी, उत्तराखंड में सन् 1954 को हुआ। खेतिहर परिवार में जन्मी बछेंद्री ने बी. एड.
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले भारतीय कौन थे?29 मई 1953 को पहली बार माउंट एवरेस्ट पर न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और नेपाली मूल के भारतीय नागरिक तेनसिंह नोर्गे शेरपा चढ़े थे.
एवरेस्ट की ऊंचाई का आविष्कार किसने किया1852 में, देहरादून में सर्वेक्षण मुख्यालय में तैनात, राधानाथ सिकदर , एक भारतीय गणितज्ञ और बंगाल के सर्वेक्षक थे, जिन्होंने निकोलसन के मापों के आधार पर त्रिकोणमितीय गणनाओं का उपयोग करते हुए एवरेस्ट को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी के रूप में पहचाना था।
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