मिथुन की जन्म कुंडली क्या है? - mithun kee janm kundalee kya hai?

मिथुन राशि ज्यौतिष के राशिचक्र में की तृतीय राशी है। इसका उद्भव मिथुन तारामंडल से माना जाता है। राशि चक्र की तीसरी राशि है राशि का प्रतीक युवा दंपति है यह दूरी सभा वाली राशि है नक्षत्र के तीसरे चरण के मालिक मंगल शुक्र है मंगल और शुक्र माया है जातक के अंदर माया के प्रति भावना पाए जाते हैं जीवनसाथी के प्रति हमेशा शंकर प्रतीत होता है.

अपने जीवनसाथी के प्रति हमेशा ही शक्ति बनकर प्रस्तुत होते हैं. साथ ही घरेलू कारणों के चलते कई बार आपस में तनाव भी हो जाता है. मंगल और शुक्र की युति के कारण जातक में स्त्री रोगों को परखने की अद्भुत क्षमता होती है. वाहनों की अच्छी जानकारी रखते हैं नए नए वाहनों और सुख के साधनों के प्रति इनका आकर्षण अत्यधिक होता है.

इनका घरेलू साज-सज्जा के प्रति झुकाव देखा जाता है मंगल के कारण जातक वचनों के पक्के होते हैं गुरु आसमान का राजा है. तो राहु गुरु का दोनों मिलकर जातक में ईश्वरीय तत्व बढ़ाते हैं. इस राशि के लोगों में ब्रह्मांड के बारे में पता करने की योग्यता जन्मजात होती है. इनका वायुयान और सेटेलाइट के बारे में जानने का सादा होता है. राहु शनि के साथ मिलने से जातक के अंदर शिक्षा और शक्ति उत्पन्न होती है. जातक का कार्य शिक्षा स्थानों में या बिजली पेट्रोल या बाहर वाले कामों की ओर होता है.

एक बारे में रहकर कार्य कर पाता है और पूरा जीवन कार्य करना इनके लिए फल दिन रहता है मर्यादा होती है. जो उसे घर में करती है और सामाजिक और धार्मिक कार्यों में अपने को रमा लेते हैं गुरु जो ज्ञान का मालिक है उसे मंगल का साथ मिलने पर कुछ प्रदान करने के लिए और रक्षा आदि विभागों की ओर ले जाता है. जातक अपने ही विचारों अपने ही कारणों से उलझा रहता है.

मिथुन राशि पश्चिम दिशा की घोतक है जो समय में जन्म लेते हैं. वह मिथुन राशि के कहे जाते हैं. बुध की धातु पारा है इन जातकों का स्वभाव गर्मी में ऊपर नीचे होने वाला होता दूसरों की मन की बातें पढ़ने दूरदृष्टि बहुमुखी प्रतिभा अधिक चतुराई से कार्य करने की क्षमता होती है. या को बुद्धि वाले कामों में ही सफलता मिलती है अपने आप पैदा होने वाली माता से इस राशि के लोग कुशल कूटनीतिक और राजनीतिक बन जाते हैं हर कार्य में जिज्ञासा और खुशी दिमाग होने के कारण इस राशि के लोग अन्वेषण में ही सफलता लेते रहते हैं.

और पत्रकार लेखक मीडिया कर्मी भाषाओं की जानकारी योजनाकार भी बन सकते हैं तो दोस्तों आज मैंने आपको मिथुन राशि के बारे में बताया है. अपने राशिफल के बारे में विस्तार से जानने के आचार्य के इस पेज पर जरूर जाएँ -

जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में होता है उसे व्यक्ति की राशि कहते हैं। अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा मिथुन राशि में स्थित है तो आपकी राशि मिथुन होगी। पाश्चात्य ज्योतिष में सूर्य की गति से राशियों का निर्धारण होता है इस आधार पर 21 मई से 20 जून के बीच पैदा होने वाले लोग मिथुन राशि के होते हैं। मिथुन राशि के जातकों का स्वभाव शक्की होता है। इस राशिवालों को निर्णय लेने में सामान्य से ज्यादा समय लगता है। आपको हमेशा सीखना और ज्ञान प्राप्त करना अच्छा लगता है। आप बहुत ज्यादा सवाल पूछते हैं जिससे कभी-कभी लोग आपसे परेशान भी हो जाते हैं।

अर्थपूर्ण और तर्कशील, मिथुन व्यक्तित्व के ये दो अलग-अलग पहलू हैं। मिथुन सामाजिक, मिलनसार और मज़ा करने के लिए तैयार हो सकते हैं, जबकि दूसरी ओर वे बहुत गंभीर, विचारशील, बेचैन और यहां तक कि दुविधा की स्थिति में हो सकते हैं।

इस राशि के जातकों को बात करना बहुत अच्छा लगता है और दूसरों को निरुत्तर करना इनका शौक होता है। इन्हें रुढ़िवादिता को तोड़ना अच्छा लगता है। इन्हें दुनिया को जानने की बड़ी इच्छा रहती है। मिथुन के लिए भाई-बहन के साथ मित्रवत व्यवहार बहुत आम है, और उनके साथ बिताया गया समय कीमती होता है। पारिवारिक जिम्मेदारियां अक्सर मिथुन के लिए एक चुनौती पेश करती हैं, लेकिन इसका सामना कैसे करना है वे भली भांति जानते है। कूटनीति, उत्साह, उत्साह चातुर्य, मजाकिया और बहुमुखी प्रतिभा इनके प्रमुख गुण हैं।

इस राशि के लोगों में उत्सुकता, प्रश्नेच्छा एवं भ्रमणशीलता का आधिपत्य पाया जाता है। मिथुन राशि के लोग आकर्षक व्यक्तित्व वाले पर अस्थिर स्वभाव एवं चरित्र के होते हैं। बुद्धिमान तो होते हैं पर परस्पर विरोधी बातों में चलने वाले भी पाए जाते हैं। उन्हें नित्य नए परिवर्तन, भ्रमण तथा विविधता ही प्रिय होती है। ये व्यक्ति राजनीति में चतुर होते हैं। ये धार्मिक, दयावान, दृढ़ संकल्पी रहते हैं तथा आध्यात्मिक तत्वों व आत्मोन्नति की ओर विशेष ध्यान लगाते हैं। सबके साथ समान व्यवहार बना रहता है। सहनशीलता काफी होती है। ईमानदार, सभ्य, चरित्रवान होते हैं तथा प्रत्येक कार्य को विचारपूर्वक करते हैं। अपने वचन तथा संकल्प के पक्के होते हैं।

मिथुन राशि वालों को असाध्य प्रेमी भी कहा जा सकता है। मज़े और एक बौद्धिक चुनौती के लिए हमेशा तैयार, मिथुन राशि के लोग उग्र प्रेमी होते है। मिथुन के लिए शारीरिक संपर्क की तरह ही संवाद बहुत महत्वपूर्ण है, और उन दो चीजों के मिल जाने पर कोई भी बाधा नहीं रहती। जब मिथुन को उसका सही साथी मिल जाता है, वह दिल से वफादार और विश्वसनीय हो जाएगा।

मिथुन राशि का जातक शारीरिक दृष्टि से पुष्ट रहता है, पर स्वास्थ्य मध्यम ही रहता है। जीवन में मानसिक श्रम अधिक करना पड़ता है। इसलिए अधिकांशतः स्नायु संबंधी रोग होते रहते हैं। इनको असाध्य रोग होने का भय बना रहता है या छाती में दर्द व हृदय विकार से खतरा बना रहेगा। रात्रि को भोजन नहीं करना लाभदायक है, वातकारक चीजों का सेवन हानिकारक है। त्रिफला चूर्ण या सोंठ, अदरक तथा तुलसी का काढ़ा उपयोगी रहेगा। इनको पेट विकार, छाती में दर्द, गैस्टिक दर्द, दांत या आंखों की तकलीफ, जुकाम या सिरदर्द से विशेष परेशानी होती देखी गई है। गिरने के कारण चोट लगना भी संभव है।

मिथुन राशि की जन्म कुंडली क्या है?

मिथुन राशि में जन्मे जातक बहुमुखी होते हैं और जो विषय वे चुनते हैं, उसकी अद्भुत समझ रखते हैं। हालांकि इसमें इनकी रुचि लंबे समय तक नहीं हो सकती है। इनके लिए बुद्धि सारी बातों से ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं। काम में ये सबसे सुलझे विचारों वाले होते हैं।

मिथुन राशि में कितने गुण होते हैं?

मेहनती ईमानदार तथा सहनशील होते हैं। इस राशि के जातक लोगों की भलाई के लिए सदैव आगे रहते हैं किंतु इसका परिणाम इन्हें कमजोर ही प्राप्त होता है। मिथुन राशि के जातकों की तुला और कुंभ राशि के जातकों से अच्छी मित्रता देखने को मिलती है। इनके गुणों की बात करें तो इनकी मानसिक प्रतिभा बेहद ही अव्वल होती है।

मिथुन राशि का जीवनसाथी कौन है?

मिथुन के लिए बेस्‍ट लाइफ पार्टनर- ज्योतिष के मुताबिक शादी के मामले में मिथुन की जोड़ी हर किसी से नहीं बनती है लेकिन कुंभ राशि के साथ इनका रिश्ता दोस्ती और प्रेम का होता है. दोनों विचारों से आजाद, बौद्धिक और बातचीत में निपुण होते हैं.

मिथुन का नंबर क्या है?

मिथुन राशि के जातकों के लिए 5 का अंक भाग्यशाली होता है अतः 5 अंक की श्रृंखला 5, 14, 23, 38, 41, 68... शुभ होती है।

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