In this article, we will share MP Board Class 11th Chemistry Solutions Chapter 9 हाइड्रोजन Pdf, These solutions are solved subject experts from the latest edition books. Show हाइड्रोजन NCERT अभ्यास प्रश्नप्रश्न 1. हैलोजनों के समान, यह द्विपरमाणुक अणु बनाता है, तत्वों से क्रिया करके हाइड्राइड तथा अनेक सहसंयोजी यौगिक बनाता है। यद्यपि हैलोजनों के विपरीत इसकी क्रियाशीलता बहुत कम होती हैं। अतः उपरोक्त गुणों के आधार पर, आवर्त सारणी में हाइड्रोजन को क्षार धातुओं के साथ वर्ग-1 तथा प्रथम आवर्त अथवा हैलोजन के साथ वर्ग-17 तथा प्रथम आवर्त में रखना चाहिए। यद्यपि क्षार धातुओं तथा हैलोजनों के साथ गुणों में समानता के साथ-साथ, यह क्षार धातुओं तथा हैलोजनों के साथ गुणों में विभिन्नता भी दर्शाता है। अत: इसे आवर्त सारणी में पृथक स्थान दिया जाना चाहिए। प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. कोल भाप सिन गैस डाइहाइड्रोजन का उत्पादन सिन गैस में उपस्थित CO(g) की आयरन क्रोमेट उत्प्रेरक की उपस्थिति में भाप
के साथ क्रिया द्वारा बढ़ाया जा सकता है। CO(g) या CO2(g) के निकलने के साथ ही अभिक्रिया अग्र दिशा में विस्थापित हो जाती है। प्रश्न 5. वैद्युत अपघट्य की भूमिका जल का चालन करना है। प्रश्न 6. उत्तर: प्रश्न 7. प्रश्न 8.
उत्तर: 2. इलेक्ट्रॉन परिशुद्ध हाइड्राइड: 3. इलेक्ट्रॉन समृद्ध हाइड्राइड:
प्रश्न 9. ये हाइड्राइड लुईस अम्ल अर्थात् इलेक्ट्रॉन ग्राही के भाँति कार्य करते हैं। जैसे – इलेक्ट्रॉनों की कमी पूरा करने के लिए, ये हाइड्राइड बहुलक के रुप में पाये जाते हैं। जैसे – B2H4 B4H10, (AlH3)n आदि। ये हाइड्राइड अत्यधिक क्रियाशील होते हैं। ये धातुओं, अधातुओं तथा उनके यौगिकों के साथ सुगमतापूर्वक क्रिया करते हैं। उदाहरण के लिए – B2H6(g) + 3O6(g) → B2O6(s) + 3H2O(g) प्रश्न 10. प्रश्न 11. इस प्रकार के हाइड्राइड क्षारीय धातुओं द्वारा नहीं प्राप्त किए जा सकतें हैं। क्षारीय धातुओं द्वारा आयनिक अथवा लवणीय हाइड्राइड प्राप्त होते हैं। जो रससमीकरणमितीय होते है। क्षारीय धातुएँ अत्यधिक धनविद्युती होती है अतः ये इलेक्ट्रॉन H-परमाणु को स्थानांतरित करके H आयन बनाती है। ये H आयन जालक की रिक्तियों में समा जाते हैं। प्रश्न 12. हाइड्राइड हाइड्रोजन मुक्त करके पुनः धात्विक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। इसी तरीके से उत्पन्न हाइड्रोजन ईंधन की तरह प्रयुक्त हाइड्रोजन के संग्रहण एवं परिवहन में प्रयुक्त की जा सकती है। अतः धातु हाइड्राइड हाइड्रोजन अर्थ-व्यवस्था में बहुत उपयोगी भूमिका निभाता है। प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15.
प्रायः अग्निशामक के रूप में प्रयोग की जाने वाली CO2 को इस स्थिति में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह अभिक्रिया में निर्मित हाइड्रोजन के साथ अभिक्रिया करके कार्बोनेट बनाएगी। इससे अग्र अभिक्रिया की दर बढ़ जाएगी। प्रश्न 16.
उत्तर: 3. बढ़ती हुई बन्ध वियोजन एन्थैल्पी – F – F < H – H < D – D 4. बढ़ता हुआ अपचायक गुण H2O < MgH2 < NaH प्रश्न 17. यह एक प्रबल ध्रुवीय अणु है। हाइड्रोजन परॉक्साइड की संरचना अध्रुवीय होती है। H2O2 के द्विध्रुव आघूर्ण का मान दर्शाता है कि H2O2के चारों परमाणु एक ही तल में स्थित नहीं होते हैं। H2O2 की संरचना की तुलना 94° कोण पर खुली हुई किताब से कर सकते हैं। इसमें H – O – H आबंध कोण 97° का होता है। प्रश्न 18. स्वतः प्रोटोनीकरण के कारण, जल की प्रकृति उभयधर्मी होती है। अतः यह अम्लों तथा क्षारों दोनों से क्रिया करता है। उदाहरण के लिए – प्रश्न 19. इन अभिक्रियाओं में, जल अपचायक का कार्य करता है। अतः यह स्वयं ऑक्सीजन अथवा ओजोन में ऑक्सीकृत हो जाता है। क्लोरीन ऑक्सीकारक की भाँति कार्य करती है तथा स्वयं F आयन में अपचयित हो जाती है। प्रश्न 20.
उपर्युक्त को –
उत्तर:
प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23. रेजिन में NaCl का जलीय विलयन मिलाने पर इसका पुनर्जनन कर लिया जाता है। शुद्ध विरवणिजित तथा विआयनित जल को प्राप्त करने के लिए उपयुक्त प्राप्त जल को क्रमशः धनायन विनिमयक तथा ऋणायन विनिमयक रेजिन में प्रवाहित करते हैं। धनायन: (2) ऋणायन: R\(\stackrel{+}{\mathrm{N}}\)H2(s) OH– विस्थापित अमोनियम हाइड्रॉक्साइड ऋणायन रेजिन है। इस प्रकार मुक्त OH– आयन, H+ आयनों को उदासीन कर देते हैं। अंत में उत्पन्न धनायन तथा ऋणायन विनिमयक रेजिन को क्रमशः तनु अम्ल तथा तनु क्षारीय विलयनों से क्रिया कराके पुर्नजनित कर लिया जाता है। प्रश्न 24. प्रश्न 25. (1) अम्लीय माध्यम में ऑक्सीकारक – (2) क्षारीय माध्यम में ऑक्सीकारक – (3) अम्लीय माध्यम में अपचायक – (4) क्षारीय माध्यम में अपचायक – प्रश्न 26. प्रश्न 27. प्रश्न 28. इन्हीं गुणों के कारण जीवमंडल में जल की भूमिका अति महत्वपूर्ण होती है। जीवों के शरीर तथा जलवायु के सामान्य ताप को बनाए रखने के लिए, जल की वाष्पन ऊष्मा तथा उच्च ऊष्मा धारिता ही उत्तरदायी होती है। यह वनस्पत्तियों तथा प्राणियों के उपापचय में अणुओं के अभिगमन के लिए उत्तम विलायक का कार्य करता
है। जल पौधों में प्रकाश संश्लेषण क्रिया के लिए भी आवश्यक है। जो कि वातावरण में O2 मुक्त करती है। प्रश्न 29.
उत्तर:
उदाहरणार्थ – प्रश्न 30. प्रश्न 31. दूसरी ओर, जलयोजन का अर्थ आयनों तथा अणुओं में H2O के योग द्वारा जलयोजित आयन अथवा जलयोजित लवणों का निर्माण होता है। प्रश्न 32. वास्तव में लवणीय हाइड्राइड M+H– में, H– प्रबल ब्रॉन्स्टेड क्षार होते हैं अतः ये जल से सुगमतापूर्वक क्रिया करते हैं। प्रश्न 33.
प्रश्न 34.
उत्तर: KCl प्रबल अम्ल, HCl तथा प्रबल क्षार, KOH का लवण है। यह सामान्य जल में जल-अपघटित नहीं होता है। यह जल में केवल अपघटित होकर K+(aq) तथा Cr–(aq) आयन देता है। का जलीय विलयन उदासीन होता है। अतः अम्लीय जल में अथवा क्षारीय जल में, इसके आयन और कोई क्रिया नहीं करते हैं। प्रश्न 35. प्रश्न 36.
उत्तर: 2. हाइड्रोजनीकरण: 3. सिन-गैस: आजकल सिन-गैस को वाहितमल, अखबार, लकड़ी का बुरादा एवं छीलन आदि से भी प्राप्त किया जाता है। कोल से सिन-गैस के उत्पादन को, कोल-गैसीकरण प्रक्रम कहते है। 4. भाप अंगार गैस सृति अभिक्रिया: सिन-गैस / जल गैस उपरोक्त क्रिया को भाप अंगार गैस सृति अभिक्रिया कहते हैं। 5. ईंधन सेल: हाइड्रोजन अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नहाइड्रोजन वस्तुनिष्ठ प्रश्न प्रश्न
1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 2.
उत्तर:
प्रश्न 3. उत्तर:
प्रश्न 4.
उत्तर:
हाइड्रोजन अति लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5.
प्रश्न 6. प्रश्न 7.
प्रश्न 8. प्रश्न 9.
प्रश्न 10. प्रश्न 11.
प्रश्न 12.
प्रश्न 13. कठोर जल: प्रश्न 14. प्रश्न 15.
प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20.
प्रश्न 21. इस प्रकार प्राप्त H2 व CO2 के मिश्रण को वायुमण्डलीय दाब पर पानी में प्रवाहित करने पर CO2 शोषित हो जाती है तथा H2 शेष रहती है। प्रश्न 22. प्रश्न 23. उपयोग:
प्रश्न 24. प्रश्न 25. प्रश्न 26. प्रश्न 27. प्रश्न 28. प्रश्न 29. प्रश्न 30. प्रश्न 31. प्रश्न 32.
उत्तर: अतः सतह जल के तापमान में कमी से घनत्व में कमी होगी। सतह से जल का तापमान घटता रहता है और अन्त में जल जम जाता है। अतः निम्न तापमान पर बर्फ की सतह जल के ऊपर तैरती है। इसी कारण सतह से तली की ओर जल लगातार बर्फ के रूप में जमता रहता है। 2. द्रव जल (Liquid water) की अपेक्षा, बर्फ का घनत्व कम होता है अत: बर्फ जल पर तैरती है। प्रश्न 33. हाइड्रोजन लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2.
संरचना आरेख: तुलना: प्रश्न 3. प्रश्न 4. कभी-कभी अंदर की पपड़ी में दरार हो जाती है जिससे गर्म जल की Fe की सतह से सीधी अभिक्रिया हो सकती है तथा
Fe3O4 व H2 बनते हैं। हाइड्रोजन एक ज्वलनशील गैस है जिससे विस्फोट का भय रहता है। कठोर जल में यदि MgCl2 हो, तो वह पानी से अभिक्रिया करके HCl बनाता है। यह अम्ल बॉयलर का संक्षारण करता रहता है। प्रश्न 5.
उत्तर: 2. H2O2 को अम्लीय KMnO4 में मिलाने पर KMnO4का गुलाबी रंग उड़ जाता है। 3. पोटैशियम फेरीसायनाइड के क्षारीय विलयन में H,O, मिलाने पर पोटैशियम फेरोसायनाइड में अपचयित हो जाता है। 4. उच्च ताप तथा उच्च दाब पर Fe उत्प्रेरक तथा Mo उत्प्रेरक वर्धक की उपस्थिति में हाइड्रोजन की अभिक्रिया N, से कराने पर अमोनिया प्राप्त होता है। प्रश्न 6.
उत्तर:
प्रश्न 7. प्रश्न 8. उत्तर: प्रश्न 9. संगठन –
उपयोग –
प्रश्न 10.
(2) क्लार्क विधि-अस्थायी कठोर जल में चूने के पानी की निश्चित मात्रा मिलाने पर विलेय बाइ कार्बोनेट अविलेय कार्बोनेट बना लेते हैं जो अवक्षेपित हो जाते हैं।
प्रश्न 11. प्रश्न 12. 0-0 परमाणु दोनों तलों के संधि स्थल पर और परमाणु दोनों तलों पर 94.8° का O – O – H कोण बनाते हैं। बंध दूरी H – O = 0.95A और 0 – 0 = 1-47 A होती है। क्रिस्टलीय स्थिति में H बंध के कारण थोड़ा अंतर होता है। तलों के बीच का कोण 90.2°, कोण O – O – H = 101.9° बंध दूरी O – H = 0.994 होती है। और O-O= 1.46वें होता है। प्रश्न 13. ऑक्सीकारक प्रकृति –
अपचायक प्रकृति –
प्रश्न 14. Na2 [CaNa2 (PO3)6] + CaSO4 → Na2[Ca(PO3)6] + Na2SO2 प्रश्न 15. उदाहरण-हेक्सा एक्वा क्रोमियम (III) क्लोराइड [Cr(H2O6)]Cl3 2. जटिल आयन ऑक्सीऐनायन जल-जटिल आयन में ऑक्सी ऐनायन के साथ जल अणु उपस्थित रहता है। 3. क्रिस्टलीय जल – क्रिस्टल जालक में अणु के भीतर खाली जगह में अणु उपस्थित रहते हैं जिसे क्रिस्टलन जल कहते हैं। कुछ धातु लवण रखा रहने पर संयुक्त जल को खो देते हैं। इसको उत्फुलन कहते हैं तथा अनेक पदार्थ वायु में रखे रहने पर वायु से जल सोख लेते हैं। इस क्रिया को प्रस्वेदन कहते हैं। उदाहरण – Na2SO4 , 10H2O,MgSO4, 7H2O प्रश्न 16.
अधिक समय तक जियोलाइट का उपयोग करने पर जियोलाइट की क्षमता कम हो जाती है। इसे पुनः सक्रिय करने के लिये 10% NaCl विलयन मिलाते हैं। प्रश्न 17. जल का विलायक गुण: प्रश्न 18. भारी जल का निर्माण किस प्रकार करते हैं ? इसके गुण लिखिए। उत्तर: साधारण जल के प्रभाजी आसवन से-साधारण जल के 6000 भाग में लगभग 1 भाग भारी जल होता है साधारण जल में से भारी जल को प्रभाजी आसवन द्वारा पृथक् किया जाता है। भारी जल का क्वथनांक साधारण जल के क्वथनांक से अधिक होता है। इसलिये साधारण जल का प्रभाजी आसवन करने पर साधारण जल पहले आसवित होता है तथा भारी जल अवशेष के रूप में रह जाता है। भौतिक गुण: (1) वैद्युत अपघटन: (2) नाइट्राइडों के साथ अभिक्रिया – भारी जल की अभिक्रिया नाइट्राइडों के साथ कराने पर भारी अमोनिया बनता है। प्रश्न 19. प्रश्न
20. हाइड्रोजन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. रेजिन में NaCl का जलीय विलयन मिलाने पर इसका पुनर्जनन कर लिया जाता है।
शुद्ध विखनिजित तथा विआयनित जल को प्राप्त करने के लिए उपरोक्त प्राप्त जल को क्रमश: धनायन-विनिमयक तथा ऋणायन विनिमयक रेजिन में प्रवाहित करते हैं। धनायन-विनिमयक प्रक्रम में, H’ का विनिमय जल में उपस्थित Nat, Cat, Mg2+ आदि आयनों से हो जाता है। (H’ के रूप में धनायन विनिमय रेजिन) इस प्रक्रम में प्रोटॉनों का निर्माण होता है तथा जल अम्लीय हो जाता है। 2. ऋणायन-विनिमयक प्रक्रम में, OH– का विनिमय जल में उपस्थित Cl–, HCO–3, SO2-4 आयनों द्वारा होता है। R\(\stackrel{+}{\mathrm{N}}\)H3 OH– विस्थापित अमोनियम हाइड्रॉक्साइड ऋणायन रेजिन है। इस प्रकार मुक्त OH– आयन, H+ आयनों को उदासीन कर देते हैं। अंत में उत्पन्न धनायन तथा ऋणायन विनिमयक रेजिन को क्रमशः तनु अम्ल तथा तनु क्षारीय विलयनों से क्रिया कराके पुनर्जनित कर लिया जाता है। प्रश्न 2. इन अशुद्धियों को दूर करने के लिये हाइड्रोजन को विभिन्न पदार्थों से भरी U नली में क्रम से प्रवाहित करते हैं।
प्रश्न 3.
यह H+ आयन जल को अम्लीय कर देता है। 2. ऋणायन
विनिमय रेजिन: थनायन विनिमय रेजिन के बाद जब इस रेजिन के ऊपर जल प्रवाहित करते हैं तो जल में उपस्थित क्लोराइड, सल्फेट आदि ऋण आयन रेजिन के OH– आयन को मुक्त कर देते हैं। यह OH– जल में मिलाकर उसमें अधिकता में उपस्थित H+ को उदासीन कर देता है। H+ + OH– → H2O इस प्रकार दूसरे कक्ष से निकलने वाला जल सभी प्रकार धनायन, ऋणायन, अम्लीयता एवं क्षारीयता से युक्त होता है। प्रश्न 4.
उपयोग:
2. सहसंयोजी हाइड्राइड: गुण –
3. धात्विक हाइड्राइड;
प्रश्न 5. उत्तर: प्रश्न 6. (b) भौतिक गुण –
(c) हाइड्रोजन की ड्यूटीरियम से विनिमय अभिक्रियाएँ
प्रश्न 7. NTP पर 22.4 O2 प्राप्त होती है = 68g H2O2 से ∴ NTP पर 5L, O2 प्राप्त होगी = \(\frac { 68 × 5. }{ 22.4 }\)15.17g = 15gH2O2 से परन्तु NTP पर, 5L, O2 उत्पन्न होती है = 5 आयतन H2O2 विलयन के 1L से। ∴ H2O2 विलयन की सांद्रता = 15 g L-1 अथवा H2O2 विलयन की प्रतिशत सांद्रता = \(\frac { 15 }{ 100 }\) × 100 = 15% MP Board Class 11th Chemistry Solutionsमिट्टी के तेल के बंधन से कौन सी गैस बनती है?कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस में कार्बन मौजूद है। बहुत से खनिजों में भी यह पाया जाता है। आपने देखा होगा कि जब मिट्टी के तेल का दीपक जलता है तो कार्बन कणों से युक्त काला धुआँ उत्पन्न होता है। आपने यह भी देखा होगा कि जब कुछ सामग्री जैसे लकड़ी, कागज आदि जलाया जाता है तो वह काला अवशेष छोड़ते हैं जिसमें कार्बन मौजूद रहता है।
मिट्टी के तेल के भंजन से क्या बनती है?जलने पर तेल का अधिक भाग जलकर ऊँचा ताप उत्पन्न करता है तथा कुछ भाग का भंजन होकर गैसीय हाइड्रोकार्बन और कोक बनाते हैं। कोक से फिर दहनशील गैसें बनकर जलती हैं। कुछ को तापदीप्त होकर प्रकाश उत्पन्न करता और फिर अंत में जलकर डाइआक्साइड बनता है।
मिट्टी के तेल में क्या पाया जाता है?तीन प्रयोगो में अम्ल और पानी का अनुपात `2:1`, 3:2, 5:3` है समान मात्रा के तीनो प्रयोगो से एक मिश्रण बनाया जाता है मिश्रण में पानी और अम्ल का अनुपात बताओ !
मिट्टी तेल सूंघने से क्या होता है?यह मिट्टी में 50 सेंमी गहरी चीजों को भी महसूस कर सकती हैं. सूंघने की क्षमता कुत्तों के मुकाबले सुअरों में अधिक होती है और इसलिये इन्हें कुकुरमुत्तों की खोज के लिये बेहतरीन माना जाता है.
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