हिन्दी के कविसुभद्रा कुमारी चौहान(1904-1947 ई.) Show सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म प्रयाग में ठाकुर रामनाथ सिंह के घर हुआ। शिक्षा भी प्रयाग में ही हुई। सुभद्रा कुमारी बाल्यावस्था से ही देश-भक्ति की भावना से प्रभावित थीं। इन्होंने असहयोग आंदोलन में भाग लिया। विवाह के पश्चात भी राजनीति में सक्रिय भाग लेती रहीं। दुर्भाग्यवश मात्र 43 वर्ष की अवस्था में एक दुर्घटना में इनकी मृत्यु हो गई। इनकी रचनाएँ हैं- 'मुकुल (कविता-संग्रह), 'बिखरे मोती (कहानी संग्रह), 'सीधे-सादे चित्र और 'चित्रारा। 'झाँसी की रानी इनकी बहुचर्चित रचना है। इन्हें 'मुकुल तथा 'बिखरे मोती पर अलग-अलग सेकसरिया पुरस्कार मिले। मेरा नया बचपन बार-बार आती है मुझको मधुर याद बचपन तेरी। बनी हुई थी वहाँ झोंपडी और चीथडों में रानी॥ किए दूध के कुल्ले मैंने चूस अगूँठा सुधा पिया। रोना और मचल जाना भी क्या आनंद दिखाते थे। मैं रोई, माँ काम छोडकर आईं, मुझको उठा लिया। दादा ने चंदा दिखलाया नेत्र नीर-युत दमक उठे। वह सुख का साम्राज्य छोडकर मैं मतवाली बडी हुई। लाजभरी ऑंखें थीं मेरी मन में उमँग रँगीली थी। दिल में एक चुभन-सी भी थी यह दुनिया अलबेली थी। मिला, खोजती थी जिसको हे बचपन! ठगा दिया तूने। सब गलियाँ उसकी भी देखीं उसकी खुशियाँ न्यारी हैं। माना मैंने युवा काल का जीवन खूब निराला है। किंतु यहाँ झ्रझट है भारी युध्द क्षेत्र संसार बना। आ जा बचपन! एक बार फिर दे दे अपनी निर्मल शांति। वह भोली-सी मधुर सरलता वह प्यारा जीवन निष्पाप। 'माँ ओ कहकर बुला रही थी मिट्टी खाकर आई थी। पुलक रहे थे अंग, दृगों में कौतूहल था
छलक रहा। मैंने पूछा 'यह क्या लाई बोल उठी वह 'माँ, काओ। पाया मैंने बचपन फिर से बचपन बेटी बन आया। मैं भी उसके साथ खेलती खाती हूँ, तुतलाती हूँ। जिसे खोजती थी बरसों से अब आकर उसको पाया। झाँसी की रानी
सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, जबलपूर, कोल्हापुर में भी कुछ हलचल उकसानी थी, मेरा नया बचपन कविता की रचयिता कौन हैं?उत्तर : मेरा नया बचपन कविता की रचयिता सुभद्रा कुमारी चोहान है।
बचपन किसकी प्रसिद्ध कविता?SuBhadra Kumari Chauhan Ki Kavita bachpan
हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं। उनके दो कविता संग्रह तथा तीन कथा संग्रह प्रकाशित हुए पर उनकी प्रसिद्धि झाँसी की रानी कविता के कारण है।
इस कविता का शीर्षक मेरा नया बचपन से क्या अभिप्राय है?'मेरा नया बचपन' कविता सुभद्रा जी की एक मनमोहक रचना है। कवयित्री ने जीवन की सबसे अधिक प्रिय, बाल्यावस्था के भाव भीगे शब्द-चित्रों से इसे सजाया है। कवयित्री को बार-बार अपने बचपन के दिनों की मधुर यादें आती रहती हैं। उसे लगता है कि बपचन के जाने के साथ, उसके जीवन से सबसे बड़ी खुशी विदा हो गई है।
बचपन में ऐसी कौन सी विशेषता होती है जिसकी बार बार याद आती है?(क) बचपन में ऐसी कौन-सी विशेषता होती है, जिसकी बार-बार याद आती है? उत्तर: बचपन में हमारा मन निर्भय तथा स्वच्छंद होता है।
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