प्रश्न. 1. कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध हैं और इसके क्या कारण हैं ? Show प्रश्न. 2. ‘ठाकुरबारी’ की स्थापना के बारे में गाँव में क्या कहानी प्रचलित थी ? प्रश्न. 3. ‘ठाकुरबारी’ का लोगों के प्रति क्या दायित्व था ? प्रश्न. 4. गाँव में ‘ठाकुरबारी’ से ही पर्व-त्यौहार की शुरुआत क्यों होती थी ? प्रश्न. 5. हरिहर काका के ‘ठाकुरबारी’ में चले जाने पर उनके भाइयों ने क्या किया ? प्रश्न. 6. हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले कौन थे ? उन्होंने उनके साथ कैसा बर्ताव किया ? प्रश्न. 7. ‘ठाकुरबारी’ में हरिहर काका की सेवा के लिए क्या-क्या व्यवस्था की गई ? प्रश्न. 8. महंतजी ने हरिहर काका को एकान्त में बैठाकर क्या समझाया ? प्रश्न. 9: ठाकुरजी के नाम जमीन वसीयत करने की बात कहने से महन्त जी ने हरिहर काका को क्या-क्या लालच दिया ? प्रश्न. 12. हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे
? प्रश्न. 13. हरिहर काका के साथ उनके सगे भाइयों का व्यवहार क्यों बदल गया ? प्रश्न. 14. अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ कैसे रखते हैं ? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए। प्रश्न. 15. समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है ? इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए। प्रश्न. 16. कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने यह क्यों कहा, ''अज्ञान की स्थिति में ही मनुष्य मृत्यु से डरते हैं। ज्ञान होने के बाद तो आदमी आवश्यकता पड़ने पर मृत्यु को वरण करने के लिए तैयार हो जाता है।'' प्रश्न. 17. ''भाई का परिवार तो अपना ही होता है। उनको न देकर ठाकुरबारी को अपनी जायदाद देना उनके साथ धोखा और विश्वासघात होगा।'' कथन में निहित हरिहर काका के चरित्र की विशेषता से आप क्या शिक्षा ग्रहण करते हैं ? लिखिए।
व्याख्यात्मक हल: प्रश्न. 18. परिवार की स्वार्थपरता तथा हरिहर काका की उपेक्षा एवं उचित देखरेख न किए जाने के वर्णन को पढ़कर आपके मन पर क्या और कैसा प्रभाव पड़ता है ? अपने घर में आप ऐसी स्थिति को कैसे सँभालते ?
व्याख्यात्मक हल: प्रश्न. 19. अकेले होने के कारण हरिहर काका को किन-किन कठिनाइयों से गुजरना पड़ा? इन कठिनाइयों के सामने समर्पण करने के बजाय हरिहर काका को साहस से किस प्रकार इसका सामना करना चाहिए था ? उन्हें भूखे रखकर शारीरिक यंत्रणाएँ दी गयीं। उनकी पीठ माथे और पाँवों पर जख्मों के निशान उभर आए थे। इन कठिनाइयों के सामने समर्पण करने के बजाय हरिहर काका को साहस और हिम्मत से सामना करते हुए अपनी जायदाद की कानूनी तौर पर वसीयत बना लेनी चाहिए थी। उस वसीयत में स्पष्ट रूप से लिखवा देना था कि जो उनकी सेवा करेगा वही उनने खेतों से आने वाली आय अपने पास रखेगा और मृत्यु के पश्चात् उनकी जायदाद का मालिक होगा। इस प्रकार से उन्हें आत्मसम्मान से जीना चाहिए। प्रश्न. 20. ‘हरिहर काका’ कहानी के मुख्य पात्र हरिहर सब कुछ होते हुए भी एक यंत्रणापूर्ण जीवन जी रहे थे, मान लीजिए आप भी उसी गाँव के निवासी होते तो उनको न्याय दिलाने के लिए आप क्या उपाय करते? उत्तर: हहिहर काका के पास 15 बीघे जमीन थी। उससे होने वाली आय से एक भरे-पूरे परिवार का गुजारा आराम से हो सकता था। परन्तु अकेले होने के कारण वह दूसरों पर निर्भर हो गए। भाई उनकी जमीन की उपज का लाभ तो लेते थे, परन्तु उनकी पत्नियाँ उनकी जरूरतों का ध्यान नहीं रखती थीं जिसने कारण उनका जीवन अत्यंत यंत्रणापूर्ण था। उनकी इस यंत्रणा से उन्हें मुक्ति दिलाने के लिए मैं उनसे कहता कि वह अपनी जमीन बटाई पर दे दें तथा स्वयं उसकी आय से
शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करें। प्रश्न. 21. ‘हरिहर काका’ के प्रति लेखक की चिंता के क्या कारण थे ? एक
शिक्षित व जागरूक नागरिक के रूप में उसे हरिहर काका की सहायता किस प्रकार करनी चाहिए थी? प्रश्न. 22. यदि आपके आस-पास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो आप उसकी किस तरह मदद करेंगे ? प्रश्न. 23. हरिहर काका के मामले में गाँव वालों की क्या राय थी और उसके क्या कारण थे ? प्रश्न. 24. हरिहर काका को किन यातनाओं का सामना करना पड़ रहा था ? उपरोक्त यातनाओं का सामना काका को करना पड़ा। प्रश्न. 25. हरिहर काका के न रहने पर उनकी जमीन पर किसके अधिकार की संभावना है ? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए। उत्तर: कहानी के आधार पर हरिहर काका की जमीन पारिवारिक जमीन है। निःसंतान होने के कारण इनकी जमीन पर महंत, नेता तथा भाइयों की बुरी दृष्टि है। वैसे उनकी जमीन कानूनन उनके भाई एवं भतीजे के अधिकार में जाने की संभावना है क्योंकि हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार निःसंतान व्यक्ति की बिना वसीयत की गयी सम्पत्ति पर परिवार के अन्य सदस्य भाई एवं भतीजे का होता है। आरम्भ में महंत ने हरिहर काका से जमीन के कागजातों पर जबरन अँगूठे के निशान ले लिए थे परन्तु हरिहर काका ने महंत पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर दिया था। उस स्थिति में हरिहर काका के न रहने पर जमीन पर भाई एवं भतीजे के अधिकार की संभावना है। प्रश्न 26. हरिहर काका के गाँव में यदि मीडिया की पहुँच होती तो उनकी क्या स्थिति होती ? अपने शब्दों में लिखिए। प्रश्न. 27.‘हरिहर काका’ कहानी पढ़ने के बाद
महंतों और नेताओं के बारे में आपकी क्या धारणा बनती है। हरिहर काका को छुड़ाया न गया होता तो क्या होता ? प्रश्न. 28. हरिहर काका को अपनी जायदाद के विषय में क्या निर्णय लेना चाहिए था ? प्रश्न. 29. ‘हरिहर काका’ पाठ की कथा को संक्षेप में लिखकर बताइए कि हमारे देश के सच्चे भ्रातृ-प्रेम जैसे आदर्श को किस कारण क्षति पहुँच रही है ? आप इसे कहाँ तक समाज के लिए अहितकर मानते हैं? लिखिए। उत्तर: घर में चार भाई हैं। आपस में बहुत ही प्यार है। परन्तु घर की नारियों पर बहुत ही नियन्त्रण तथा देख-रेख है, घर में दूरदर्शिता का अभाव अधिक है जिसके कारण घर में विग्रह की स्थिति आ गयी है। धन के लालची होने के कारण रिश्तों को भी भूल गये हैं तथा घर की प्रतिष्ठा भी चैपट होती जा रही है। चारों तरफ उनकी निंदा हो रही है। किसी को भी धन के लालच के सिवा कोई अन्य काम नहीं है। सभी हाथ-पर हाथ रखे बैठे रहते हैं। सभी का हृदय भी दुःखी रहता है और सभी तरह घर-बाहर लोक व समाज की हानि होती है। अतः हमारा प्रेम से ही तथा समझदारी से कार्य करना श्रेयस्कर है। प्रश्न. 30. अंत में हरिहर काका द्वारा जमीन के सन्दर्भ में लिया जाने वाला निर्णय क्या था और वह परिवार के मूल्यों को किस परिस्थिति में प्रभावित करता है और कैसे? यह स्थिति हर व्यक्ति को क्या संदेश प्रदान करती है? उत्तर:
व्याख्यात्मक हल: महंत जी ने हरिहर काका को एकांत में बैठाकर प्रेम से क्या समझाया?उत्तर: महन्तजी हरिहर काका को एकान्त कमरे में बिठाकर समझाने लगे कि यहाँ कोई किसी का नहीं, सब माया का बन्धन है। तुम तो धार्मिक प्रवृत्ति के मनुष्य हो, ईश्वर भक्ति में मन लगाओ। इसके अतिरिक्त तुम्हारा अपना कोई नहीं है।
महंत ने क्या कहकर हरिहर काका के मन में उनके परिवार के प्रति जहर भरा?खलिहान की ओर जाते हुए गुस्साए हरिहर काका को महंत जी अपने साथ ठाकुरबारी ले आए और उनकी जमीन पाने के लिए धर्म, मोह और माया का सहारा लेते हुए काका से समझाते हुए कहने लगे, “हरिहर ! यहाँ कोई किसी का नहीं है। सब माया का बंधन है। तू तो धार्मिक प्रवृत्ति का आदमी है।
महंत ने हरिहर काका के साथ अलग अलग प्रकार का व्यवहार क्यों किया?Answer. 'ठाकुरबारी' के महंत भी हरिहर काका की जमीन पर नजर गढ़ाए हुए थे। जब उन्हें काका के गुस्से के बारे में पता चला तो वे उन्हें अपने साथ 'ठाकुरबारी' ले गए। 'ठाकुरबारी' में महंत द्वारा हरिहर काका की शाही खातिरदारी की गई।
हरिहर काका एकदम मौन क्यों हो गए इस कहानी से आपको क्या सीख मिलती है?मित्र हरिहर काका के साथ उनके भाइयों का व्यवहार बहुत बुरा था। उनकी जायदाद को हड़पने के लिए अपने ही भाई उनके शत्रु बन गए थे। दूसरी तरफ ठाकुरबारी के महंत ने भी काका के साथ दुर्व्यवहार किया। इस यातना के कारण हरिहर काका एकदम माैन हो गए।
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