मोहन पानी पीता है कर्मवाच्य में बदलिए - mohan paanee peeta hai karmavaachy mein badalie

क्रिया के उस परिवर्तन को वाच्य कहते हैं, जिसके द्वारा इस बात का बोध होता है कि वाक्य के अन्तर्गत कर्ता, कर्म या भाव में से किसकी प्रधानता है।

इनमें किसी के अनुसार क्रिया के पुरुष, वचन आदि आए हैं।

वाच्य के तीन प्रकार हैं -

  • कर्तृवाच्य (Active Voice)
  • कर्मवाच्य (Passive Voice)
  • भाववाच्य (Impersonal Voice)

कर्तृवाच्य[संपादित करें]

क्रिया के उस रूपान्तर को कर्तृवाच्य कहते हैं, जिससे वाक्य में कर्ता की प्रधानता का बोध हो। सरल शब्दों में, क्रिया के जिस रूप में कर्ता प्रधान हो और सकर्मक और अकर्मक दोनों क्रियाए हो, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।

उदाहरणरमेश केला खाता है।दिनेश पुस्तक नहीं पढता है।

उक्त वाक्यों में कर्ता प्रधान है तथा उन्हीं के लिए 'खाता है' तथा 'पढ़ता है' क्रियाओं का विधान हुआ है, इसलिए यहाँ कर्तृवाच्य है। कर्तृवाच्य में कर्ता विभक्ति रहित होता ही है और यदि विभक्ति हो तो वहां केवल ' ने ' विभक्ति का ही प्रयोग होता है। जैसे - रमेश ने केला खाया।

कर्मवाच्य[संपादित करें]

क्रिया के उस रूपान्तर को कर्मवाच्य कहते हैं, जिससे वाक्य में कर्म की प्रधानता का बोध हो। सरल शब्दों में- क्रिया के जिस रूप में कर्म प्रधान हो, जिसमें केवल सकर्मक क्रिया के वाक्य होते है।उसे कर्मवाच्य कहते हैं।

उदाहरणकवियों द्वारा कविताएँ लिखी गई। पतंग उड रही है।गाडी चल रही है

उक्त वाक्यों में कर्म प्रधान हैं तथा उन्हीं के लिए 'लिखी गई', 'दी गई' तथा 'पढ़ी गई' क्रियाओं का विधान हुआ है, अतः यहाँ कर्मवाच्य है।

यहाँ क्रियाएँ कर्ता के अनुसार रूपान्तररित न होकर कर्म के अनुसार परिवर्तित हुई हैं। यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि अँगरेजी की तरह हिन्दी में कर्ता के रहते हुए कर्मवाच्य का प्रयोग नहीं होता; जैसे- 'मैं दूध पीता हूँ' के स्थान पर 'मुझसे दूध पीया जाता है' लिखना गलत होगा। हाँ, निषेध के अर्थ में यह लिखा जा सकता है- मुझसे पत्र लिखा नहीं जाता; उससे पढ़ा नहीं जाता। कर्म वाच्य की पहचान- कर्म वाच्य वाले वाक्यों में "के द्वारा/द्वारा/सर्वनाम शब्द में 'से'जुड़ा हुआ हो और इनके बाद कर्म आता हो तो उसे कर्म वाच्य का वाक्य कहते हैं|

भाववाच्य[संपादित करें]

क्रिया के उस रूपान्तर को भाववाच्य कहते हैं, जिससे वाक्य में क्रिया अथवा भाव की प्रधानता का बोध हो। दूसरे शब्दों में- क्रिया के जिस रूप में न तो कर्ता की प्रधानता हो न कर्म की, बल्कि क्रिया का भाव ही प्रधान हो, वहाँ भाववाच्य होता है।

उदाहरणमोहन से टहला भी नहीं जाता। मुझसे उठा नहीं जाता।मुझसे सोया नही जाता।

उक्त वाक्यों में कर्ता या कर्म प्रधान न होकर भाव मुख्य हैं, अतः इनकी क्रियाएँ भाववाच्य का उदाहरण हैं।

टिप्पणी- यहाँ यह स्पष्ट है कि कर्तृवाच्य में क्रिया सकर्मक और अकर्मक दोनों हो सकती है, किन्तु कर्मवाच्य में केवल सकर्मक और भाववाच्य में अकर्मक होती हैं।

सन्दर्भ[संपादित करें]

CBSE Class 6 Hindi Grammar वाच्य Pdf free download is part of NCERT Solutions for Class 6 Hindi. Here we have given NCERT Class 6 Hindi Grammar वाच्य.

वाच्य का अर्थ है बोलने का विषय । क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वाक्य में क्रिया द्वारा किए गए व्यापार का विषय कर्ता, कर्म अथवा भाव में से कौन है, उसे वाच्य कहते हैं।

वाच्य के भेद – वाच्य के मुख्य तीन भेद हैं।

मोहन पानी पीता है कर्मवाच्य में बदलिए - mohan paanee peeta hai karmavaachy mein badalie

1. कर्तृवाच्य – जिस वाक्य में कर्ता की प्रधानता हो तथा क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष कर्ता के अनुसार हों, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं। जैसे

  • मैं व्यायाम करता हूँ।
  • लड़की दौड़ रही है।
  • अंशु फूल तोड़ रही है।

उपर्युक्त वाक्यों में आए क्रिया-पद करता हूँ’ ‘तोड़ रही है’ तथा दौड़ रही है। कर्ता के लिंग वचन के अनुसार प्रयोग किए गए। हैं। इन वाक्यों में प्रधानता कर्ता की है। अतः विभक्ति चिह्न के साथ कारक वाले वाक्य भी कर्तृवाच्य कहलाते हैं।

2. कर्मवाच्य – क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि क्रिया का प्रयोग कर्म के अनुसार हुआ है यानी उसके लिंग, वचन और पुरुष कर्म के अनुसार हैं, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। जैसे

  • सौरभ से खाना खाया जाता है।
  • भावना से पुस्तक पढ़ी जाती है।

3. भाव वाच्य – जिस क्रिया में भाव की प्रधानता होती है और क्रिया एकवचन पुल्लिंग होत है उसे भाववाच्य कहते हैं। जैसे

  • रोगी से सोया नहीं जाता।
  • राम से चला नहीं जाता।

वाच्य परिवर्तन

कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाना –

  1. कर्ता के साथ ‘से’ या ‘के द्वारा जोड़िए तथा उसके साथ यदि ‘ने’ विभक्ति लगी हो, तो उसे हटा दीजिए।
  2. क्रिया में ‘आ’ ‘ई’ ‘ए’ अथवा ‘या’ जोड़ दीजिए।
  3. क्रिया में ‘जा’ धातु को कर्म के लिंग, वचन, काल पुरुष आदि के अनुसार प्रयोग कीजिए।

कुछ उदाहरण देखिए

कर्तृवाच्य कर्मवाच्य
वह पत्र लिखेगा।
रमी कपड़े सुखा रही है।
बच्चा दूध पी रहा है।
ओजस्व गाना गाता है।
राम ने रावण को मारी।
उससे पत्र लिखा जाएगा।
रमा से कपड़े सुखाए जा रहे हैं।
बच्चे के द्वारा दूध पिया जा रहा है।
ओजस्व से गाना गाया जाता है।
राम के द्वारा रावण मारा गया।

कर्तृवाच्य से भाववाच्य बनाना

  1. क्रिया को अन्य पुरुष एकवचन में बदल दीजिए।
  2. कर्ता के साथ ‘से’ विभक्ति लगाइए।
  3. क्रिया को सामान्य भूतकाल में बदलिए।
  4. क्रिया में काल के अनुसार ‘जाना’ क्रिया का उचित रूप जोड़िए|
कर्तृवाच्य भाववाच्य
मधु रोती है।
वह चल नहीं सकता।
गाय दौड़ती है।
मनोज सो रहा है।
मधु से रोया जाता है।
उससे चला नहीं जा सकता
गाय से दौड़ा जाता है।
मनोज से सोया जा रहा है।

बहुविकल्पी प्रश्न

1. ‘मुझसे गाया नहीं जाता’ में कौन सा वाच्य है?
(i) कर्तृवाच्य
(ii) कर्मवाच्य
(iii) भाववाच्य
(iv) ये सभी

2. जिस वाक्य में क्रिया का मुख्य संबंध कर्म से हो उसे कहते हैं।
(i) भाववाच्य
(ii) कर्मवाच्य
(iii) कर्तृवाच्य
(iv) ये सभी

3. इनमें कौन सा वाच्य का भेद नहीं है?
(i) कर्तृवाच्य
(ii) कर्मवाच्य
(iii) भाववाच्य
(iv) अभाववाच्य

4. ‘माँ खाना बनाती है।’ वाक्य में वाच्य है।
(i) कर्तृवाच्य
(ii) भाववाच्य
(iii) कर्मवाच्य
(iv) इनमें कोई नहीं

5. नेहा से उठा नहीं जाता।’ वाक्य में कौन-सा वाच्य है?
(i) कर्तृवाच्य
(ii) कर्मवाच्य
(iii) भाववाच्य
(iv) इनमें कोई नहीं

उत्तर-
1. (iii)
2. (ii)
3. (iii)
4. (i)
5. (iii)

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