भारत में कम्प्युटर आने के बाद लोगों ने इसकी उपयोगिता का भली-भांति आंकलन किया. जिस कारण वरतमान समय में कम्प्युटर का उपयोग घर से लेकर ऑफिस और बिजनेस से लेकर शिक्षा क्षेत्रों में किया जाता हैं. Show
लेकिन, तकनीक के विकास के साथ कम्प्युटर का स्थान लैपटॉप ने ले रहा हैं. और जिन अब डेस्क पर कम्प्युटर के बजाये लैपटॉप नजर आने लगे हैं. इसलिए लैपटॉप के बारे में जानकारी होना जरूरी हो गया हैं. इस लेख में हम आपको लैपटॉप की पूरी जानकारी दे रहे हैं. अध्ययन कि सुविधा के लिए हमने इस लेख को निम्न भागों में बांटा हैं. Table of Content
ऊपर जाएं ↑ लैपटॉप एक छोटा, पोर्टेबल निजी कम्प्युटर होता हैं. जिसके दो भाग होते हैं जो आपस में एक कब्जे के सहारे जुडे रहते हैं. ऊपर वाले भाग में स्क्रीन होती हैं तथा नीचे वाले भाग में अन्य कम्प्युटिंग उपकरण जुडे रहते हैं. इसका डिजाईन Clamshell Form Factor पर आधारित होता हैं. लैपटॉप की बनावट तथा फ़ीचर्स के कारण इसे नोटबुक कंप्यूटर तथा नोटबुक डिवाइस आदि नामों से भी जाना जाता हैं. वर्तमान समय मे लैपटॉप की स्क्रीन एलसीडी/एलईडी डिस्पले के रूप में आती है. और इसमें Thin-Screen तकनीक का उपयोग होता हैं. कंप्यूटर की तरह एक लैपटॉप में सभी इनपुट तथा आउटपुट घटक मौजूद होते हैं. एक सामान्य लैपटॉप में डिस्प्ले स्क्रीन,मिनी स्पीकर, हार्ड डिस्क, कीबोर्ड, ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव, प्रोसेसर, रैम, तथा टचपैड आदि जरूरी फीचर्स होते हैं तथा वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी के विकास के साथ वेबकेम (कैमरा), इनबिल्ट माइक्रोफोन (आवाज़ भेजने के लिए) तथा टच स्क्रीन जैसे फीचर भी लैपटॉप में आने लगे हैं. लैपटॉप का इतिहास – History of Laptops in Hindi?ऊपर जाएं ↑ साल 1968 में Alan Kay द्वारा Xerox PARC में एक निजी Portable Information Manipulator की कल्पना की गई. जिसे उनहोने 1972 के अपने शोध-पत्र में Dynabook के नाम से वर्णित किया. तथा जल्द ही लैपटॉप के निर्माण का विचार शुरु किया जाने लगा. वर्ष 1980 में पहले नोटबुक कम्प्युटर को विकसित किया गया तथा 1983 (इस साल भारत क्रिकेट विश्व जीता था) के बाद कई अन्य तकनी एवं फीचर्स लैपटॉप में जोडे गए. जिसमें टचपैड, पॉइटिंग स्टिक, हैंडराईटिंग रिकॉगनिशन आदि शामिल हैं. इन पोर्टेबल कम्प्युटर की बैटरी लाईफ को बढाने के लिए कुछ सीपीयू जैसे Intel i386SL के डिजाईन में बदलाव किया जाने लगा जिनमें पावर मैंनेजमेंट फीचर का इस्तेमाल होता था. वर्ष 1988 में डिस्पले साईज (640×480) VGA Resolution को बढाने कि ओर कार्य किया गया. तथा उसके बाद 1991 में लैपटॉप में कलर स्क्रीन फीचर भी जोडा गया. और समय के साथ लैपटॉप आधुनिक रूप में हमार सामने हैं. लैपटॉप के विभिन्न प्रकार – Types of Laptop in Hindi?ऊपर जाएं ↑
लैपटॉप के विभिन्न भाग – Parts of a Laptop in Hindi?ऊपर जाएं ↑
लैपटॉप की बनावट और उसमें बाहर मौजूद भागों के नामलैपटॉप में मौजूद प्रमुख भाग और उनके नाम
ऊपर बताए भाग लैपटॉप मॉडल और मैन्युफैक्चरर के अनुसार कम या ज्यादा हो सकते हैं. इसलिए लैपटॉप खरिदने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी जुटा ले. एक लैपटॉप साईड से देखने पर ऐसा दिखाई देता हैं. आप इसमें मौजूद सभी पोर्ट्स को देख सकते हैं.लैपटॉप के फायदें – Advantages of Laptopsऊपर जाएं ↑ लैपटॉप की शारीरिक पोर्टेबिलिटी सुविधा के कारण इसका इस्तेमाल हम ना सिर्फ घर तथा ऑफिस में बल्कि कहीं किसी दुकान पर, फ्लाइट में आसानी से कर सकते हैं. हम कहीं भी अपने घुटनो पर लैपटॉप को टिका कर इसे उपयोग में ले सकते हैं. जिन स्थानों में हम कंप्यूटर का उपयोग नहीं कर सकते उस स्थान पर लैपटॉप का उपयोग कर हम अपनी उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं. ऐसे ही कुछ खास लैपटॉप फायदों के बारे में नीचे बता रहे हैं. छोटा आकार – लैपटॉप का आकार बहुत छोटा होता हैं. इसलिए ये काफि कम जगह का इस्तेमाल करते हैं. आप एक छोटी सी टेबल पर भी इसे रखकर अपना कार्य शुरु कर सकते हैं. पोर्टेबल डिवाईस – लैपटॉप का यह फायदा ही इसे डेस्कटॉप कम्प्युटार से उपयोगी बनाता हैं. आप इसे कहीं भी आसानी उठाकर ले जा सकते हैं. क्योंकि इसका वजन 3 किलो से भी कम होता हैं. इसलिए ऑफिस, स्कूल, कॉलेज, होटल, बस, ट्रैन कहीं से भी आप इसे इस्तेमाल कर सकते हैं. बिजली की जरूरत नहीं – लैपटॉप पावर के लिए चार्जेबल बैटरी का उपयोग करता हैं. इसलिए इसे एक बार चार्ज करने के बाद बिना बिजली के इस्तेमाल किया जा सकता हैं. इससे आपका बिजली और पैसे दोनों की बचत होति हैं. अलग इनपुट-आउटपुट डिवाईसों की कम जरूरत – लैपटॉप में Built-in की-बोर्ड (कीपैड) तथा माउस (माउसपैड) होता हैं. और कुछ अन्य जरूरी उपकरण जैसे स्पीकर डिस्पले ब्लुटूथ वाई-फाई होटस्पोट हार्ड डिस्क डीवीडी राईटर आदि होते हैं. इसलिए कोई भी अतिरिक्त उपकरण लगाने की आवश्यकता नहीं पडती हैं. आवाज नहीं – लैपटॉप शांति से अपना कार्य करता रहता हैं. यह डेस्कटॉप कम्प्युटर की तुलना बहुत कम आवाज निकालता हैं. आप शायद सुन भी नहीं सकते हैं. यदि आप ज्यादा गौर करेंग़े तभी लैपटॉप पंखे की आवाज सुनाई देगी. बिजली के बिल की बचत – इससे बिजली बचत की जा सकती है. क्योंकि लैपटॉप कंप्यूटर की तुलना में काफी बिजली की खपत कम करते हैं. आमतौर पर लैपटॉप 10 से 20W पर कार्य करते हैं. वहीं दूसरी तरफ कंप्यूटर 100 से 800W बिजली का उपभोग करते हैं. एक कंपनी जहां दिन में सैकड़ों कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है, वहां लैपटॉप का इस्तेमाल कर बिजली की खपत कम को कम किया जा सकता है. जिसका सीधा असर बिजली बिल पर पडता हैं. यही हाल हमारे घरों का भी होता हैं. आल इन वन – लैपटॉप को हम ऑल इन वन डिवाइस कह सकते हैं. क्योंकि इसमें हमें सभी अंग (कॉम्पोनेन्ट) एक डिवाइस में प्राप्त हो जाते हैं. हालांकि पुराने डिवाइस में इंटरनल ड्राइव (सीडी, डीवीडी, इंटरनेल ड्राइव) नही होती तथा इनमें एक्सटर्नल ड्राइव को कनेक्ट किया जा सकता है. लैपटॉप के नुकसान – Disadvantage of Laptops in Hindi?ऊपर जाएं ↑ महंग़ा दाम – कंप्यूटर की तुलना में लैपटॉप की कीमत काफी अधिक होती है. अतः हर व्यक्ति के लिए बेहतरीन फ़ीचर्स लैपटॉप खरीद पाना आसान नहीं रहता हैं. मरम्मत भी महंगी – लैपटॉप के भीतर ही सभी कॉम्पोनेन्ट इनस्टॉल होते हैं. इसलिए लैपटॉप खराब होने की स्थिति में इसकी मरम्मत का खर्चा अधिक होता है, क्योंकि कंप्यूटर की तुलना में लैपटॉप के पार्ट्स काफी महंगे होते हैं. यह एक नाजुक मशीन हैं. इसलिए काफि ध्यानपूर्वक इसकी मरम्मत करनी पडती हैं. जिसके लिए पेशेवर लोगों की जरूरत पडती हैं. जल्दी खराब होने के अवसर – लैपटॉप के डैमेज होने की संभावना अधिक रहती है. क्योंकि यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है तथा गलती से किसी तरल पदार्थ का लैपटॉप के ऊपर गिर जाने से इनके डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए लैपटॉप के लिए अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है. आप चाय पी रहे है और लैपटॉप चला रहे है तो इस बात पर जरुर गौर करें. शारीरिक नुकसान – लैपटॉप का अधिक समय तक उपयोग करने से इससे आंखों, हाथों तथा हड्डियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. वैज्ञानिक भी मानते हैं कि लैपटॉप से निकलने वाली हानिकारक किरणें स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं. अतः लैपटॉप का अधिक समय तक उपयोग करने के दौरान शरीर से दूर रखना चाहिए. कस्टमाईज करना आसान नही – डेस्कटॉप की तुलना में लैपटॉप को आसानी से अपने अनुसार कस्टमाईज करना आसान नहीं होता हैं. और यह सौदा जेब पर भी महंगा पडता हैं. आपने क्या सीखा?ऊपर जाएं ↑ इस लेख में हमने आपको लैपटॉप के बारे में पूरी जानकारी दी हैं. आपने जाना कि लैपटॉप क्या होता हैं, इसके फायदें-नुकसान आदि. हमे उम्मीद हैं कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा. #BeDigital लैपटॉप से क्या समझते हैं?सुवाह्य संगणक या लैपटॉप (अंग्रेजी:laptop, lap:गोद Top:ऊपर) या नोटबुक, एक व्यक्तिगत संगणक को कहते हैं जिसकी डिजाइन में इस बात का ध्यान रखा गया होता है कि इसे अपने साथ लाना-लेजाना आसान हो और जिसे गोद में रखकर काम किया जा सके।
लैपटॉप से आप क्या समझते हैं इसके विभिन्न प्रकारों को समझाइए?कंप्यूटर के मुकाबले में लैपटॉप छोटी पोर्टेबल डिवाइस होती है इस लिए इसे पोर्टेबल कंप्यूटर भी कह सकते हैं लैपटॉप के बारे में समझाने के लिए हम इसे दो भागों में बांट सकते हैं ऊपर वाला भाग जिसमें स्क्रीन होती है और नीचे वाले भाग जिसमें कीबोर्ड होता है दोनों एक कबजे से जुड़े होते हैं।
लैपटॉप से क्या फायदा होता है?लैपटॉप के लाभ. छोटा आकार बाकी कंप्यूटर के मुकाबले लैपटॉप का आकार छोटा होता है जिसके कारण यह पोर्टेबल होते हैं और आसानी से कहीं भी ले जाए जा सकते हैं। ... . चार्ज करने वाली बैटरी ... . बिजली का कम खर्च ... . Long Battery Life. ... . कोई कीबोर्ड या माउस की जरूरत नहीं होती है। ... . Internal Speakers. ... . Wi-fi और Bluetooth. ... . इसमें Integrated Webcam होते है।. लैपटॉप कितने प्रकार के होते हैं?Notebook. नोटबुक जिसे कभी-कभी Garden-variety लैपटॉप भी कहा जाता है. ... . Ultrabook. ये लैपटॉप पतले होते हैं और इनका वजन मात्र 3 पाउंड तक होता है. ... . Netbook. ये लैपटॉप बहुत छोटे और सस्ते होते हैं. ... . Tablets. ... . Desktop Laptops. ... . घरों में लैपटॉप का उपयोग ... . कंपनियों में लैपटॉप का उपयोग ... . छात्रों/शिक्षा के लिए लैपटॉप का उपयोग. |