खड़े या बैठे दूध कैसे पियें? - khade ya baithe doodh kaise piyen?

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दूध को सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, लेकिन इसे पीने के ​कुछ नियम हैं, जिसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते. यहां जानिए ऐसे 8 नियम जिन्हें अपनाने से आपको दूध पीने का पूरा फायदा मिल सकेगा.

आपने बड़े बुजुर्गों को कहते सुना होगा कि पानी बैठकर पियो और दूध खड़े होकर पियो. लेकिन अक्सर बच्चे उनकी बातों को अनसुना कर देते हैं. लेकिन सही मायने में बुजुर्गों की ये बातें काफी तजुर्बे वाली होती हैं, जिनमें सेहत के कई राज छिपे हैं. अगर आप भी अब तक बैठकर दूध का सेवन करते आए हैं, तो आज से इस आदत को बदल लें, ​ताकि आपको इसके सेवन का पूरा लाभ मिल सके. आइए आपको बताते हैं कि आयुर्वेद में दूध पीने को लेकर क्या नियम बताए गए हैं.

1. आयुर्वेद में कहा गया है कि बैठकर दूध पीने से पाचन संबन्धी परेशानियां होती हैं और पाचन की समस्याएं होने से पूरा शरीर प्रभावित होता है. जबकि खड़े होकर दूध पीने से शरीर को इसका पूरा लाभ मिलता है और त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ संतुलित रहता है. आयुर्वेद में हर बीमारी को त्रिदोष से जोड़कर ही देखा जाता है.

2. खड़े होकर दूध पीने के और भी तमाम फायदे हैं. इससे घुटने खराब नहीं होते हैं, मांसपेशियां मजबूत होती हैं. इसके अलावा ह्वदय रोग व हाई बीपी जैसी समस्याओं से बचाव होता है और आंखों व स्किन के लिए भी ये काफी फायदेमंद माना जाता है.

3. दूध हमेशा रात को सोने से आधा घंटे पहले गुनगुना करके पीना चाहिए, साथ ही इसमें शक्कर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. आप चाहें तो इसके साथ थोड़े गुड़ का सेवन कर सकते हैं. अगर दूध में एक चम्मच गाय का घी मिला लिया जाए तो ये और भी गुणकारी हो जाता है.

4. आजकल पैकेट वाले दूध का चलन चल गया है, लेकिन ये दूध पीने से परहेज करना चाहिए. हमेशा ताजा और जैविक दूध पीएं.

5. आयुर्वेद भी मानता है दूध को हमेशा उबालकर ही पीना चाहिए. अगर ये आपको भारी लगता हो, तो आप इसमें थोड़ा पानी डालकर पी सकते हैं. इससे ये हल्का और सुपाच्य हो जाएगा.

6. दूध का पूरा लाभ लेने के लिए आप इसे रात के डिनर के दो घंटे बाद और सोने से आधे घंटे पहले पिएं. रात का डिनर साढ़े सात बजे तक कर लेना चाहिए.

7. दूध को कभी भी भोजन के साथ नहीं पीना चाहिए क्योंकि ये जल्द हजम नहीं हो पाता. इसे हमेशा अलग से ही पीना चाहिए.

8. जिन लोगों के पेट में कीड़े हों, पाचन से जुड़ी समस्या हो, स्किन प्रॉब्लम, खांसी वगैरह हो, उन्हें ये दूध पीने से परहेज करना चाहिए.

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हिंदी न्यूज़ लाइफस्टाइल हेल्थदूध खड़े होकर और पानी बैठकर ही क्यों पीना चाहिए? जानें क्या कहते हैं आयुर्वेद के नियम

दूध खड़े होकर और पानी बैठकर ही क्यों पीना चाहिए? जानें क्या कहते हैं आयुर्वेद के नियम

आयुर्वेद के अनुसार खाने-पीने की चीजों को लेकर कई हैं, जिनका पालन न करने पर व्यक्ति को सेहत से जुड़ी कई समस्याएं पैदा होने लगती हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक है पानी और दूध का गलत तरीके के सेवन। आइए ज

खड़े या बैठे दूध कैसे पियें? - khade ya baithe doodh kaise piyen?

Manju Mamgainलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 23 Jul 2022 11:07 AM

The right way to drink milk and water: अगर दूध पीने के बाद आपका भी पेट फूलने लगता है या आपको गैस बनने लगती है तो इसके पीछे दूध नहीं उसे पीने का गलत तरीका जिम्मेदार हो सकता है। जी हां, आयुर्वेद के अनुसार खाने-पीने की चीजों को लेकर कई हैं, जिनका पालन न करने पर व्यक्ति को सेहत से जुड़ी कई समस्याएं पैदा होने लगती हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक है पानी और दूध का गलत तरीके के सेवन। आइए जानते हैं आखिर क्यों दूध खड़े होकर और पानी बैठकर पीने की सलाह दी जाती है।

दूध खड़े होकर क्यों पीना चाहिए?-
आयुर्वेद के अनुसार दूध ठंड, वात और पित्‍त दोष को बैलेंस करने का काम करता है। जो लोग बैठकर दूध पीते हैं उन्हें हाजमे की दिक्कत रहती है। यही वजह है कि आयुर्वेद में रात को सोने से पहले या शाम के भोजन के दो घंटे बाद दूध को हल्का गर्म करके खड़े होकर पीने की सलाह दी जाती है ताकि उसके पूरे लाभ व्यक्ति को मिल सके।

खड़े होकर दूध पीने के फायदे-
खड़े होकर दूध पीने से घुटने खराब नहीं होते हैं, मांसपेशियों के लिए फायदेमंद, कैंसर के खतरे को कम करता है, ह्वदय रोग व हाई ब्लड प्रेशर से सुरक्षा करता है साथ ही ये आपकी आंखों व स्किन के लिए भी गुणकारी होता है।

बैठकर क्यों पीना चाहिए पानी -
आयुर्वेद के अनुसार खड़े होकर पानी पीने से फूड और विंड पाइप में होने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है। जिसका असर न केवल फेफड़ों पर बल्कि दिल पर भी पड़ता है। इसके अलावा खड़े होकर पानी पीया जाए, तो पानी की अधिक मात्रा के कारण पेट के निचले हिस्से की दीवारों पर दबाव बनता है, जिससे पेट के आसपास के अंगों को बहुत नुकसान पहुंचता है। इस बुरी आदत के चलते कई लोगों को गठिया और हर्निया का शिकार होना पड़ता है। बिना रुके पानी पीने से एसिडिटी, गैस, डकारें आने जैसी समस्याएं भी होने लगती है। पानी कभी भी खड़े होकर मत पिएं। हमेशा बैठकर ही पानी पीना चाहिए।

बैठकर पानी पीने के फायदे-
अध्ययन के अनुसार पानी बैठकर पीने से पानी सही तरीके से पचकर शरीर के सभी सेल्स तक पहुंचता है। व्यक्ति की बॉडी को जितने पानी की अवश्यकता होती है उतना पानी सोखकर वह बाकी का पानी और टॉक्सिन्स यूरीन के जरिए शरीर से बाहर निकल देता है। बैठकर पानी पीने से खून में हानिकारक तत्व नहीं घुलते बल्कि ये खून साफ करते हैं। इसीलिए बैठकर पानी पीने को अच्छा माना जाता है।

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खड़े या बैठे दूध कैसे पियें? - khade ya baithe doodh kaise piyen?

खड़े खड़े दूध पीने से क्या होता है?

खड़े होकर दूध पीने से घुटने खराब नहीं होते हैं, मांसपेशियों के लिए फायदेमंद, कैंसर के खतरे को कम करता है, ह्वदय रोग व हाई ब्लड प्रेशर से सुरक्षा करता है साथ ही ये आपकी आंखों व स्किन के लिए भी गुणकारी होता है। आयुर्वेद के अनुसार खड़े होकर पानी पीने से फूड और विंड पाइप में होने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है।

दूर खड़े होकर क्यों पीना चाहिए?

इसलिए सिटिंग पोस्चर को हमेशा स्पीड ब्रेकर के रूप में जाना जाता है लेकिन जब आप खड़े होकर दूध पीते हैं तो दूध आपके सभी अंगों तक पहुंचता है और इससे असानी से अवशोषित किया जा सकता है। खड़े होकर दूध पीने से शरीर के सभी अंगों को जरूरी पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।

दूध पीने का सही तरीका क्या है?

Milk Drinking Time: सुबह दूध पीना अच्छा है कि रात को सोने से पहले दूध पीना अच्छा होता है. इस मामले पर अलग-अलग एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय है. Milk Drinking Time: दूध हमारे शरीर के लिए सदियों से बहुत फायदेमंद रहा हैः इसलिए सभी लोगों को इसे पीने की सलाह दी जाती है और दूध में विटामिन डी और कैल्शियम होता है.

क्या खड़े HOKE पीना चाहिए?

क्यों नहीं पीना चाहिए खड़े होकर पानी- आयुर्वेद के मुताबिक, जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो, इससे हमारे पेट पर अधिक प्रेशर पड़ता है, क्योंकि खड़े होकर पानी पीने पर पानी सीधा इसोफेगस के जरिए प्रेशर के साथ पेट में तेजी से पहुंचता है। इससे पेट और पेट के आसपास की जगह और डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंचता है।