कुछ मामलों में भूख न लगने पर लोगों के मुंह का स्वाद चला जाता है। शरीर में थकान और कमजोरी इतनी बढ़ जाती है कि भूख लगने पर भी खाने की इच्छा नहीं होती। विशेषज्ञों के अनुसार, सही मात्रा में पोषक तत्व न लेने से व्यक्ति का शरीर जल्दी थक जाता है और उसे कुछ भी खाने का मन नहीं होता।
खाने की इच्छा नहीं होना-
अगर आपने सुबह से कुछ भी नहीं खाया है, तब भी कुछ खाने का मन न करे, तो ये भूख में कमी का लक्षण है। खाने की इच्छा न करना ध्यान देने योग्य लक्षण है।
भूख कम होने का कारण-
कम भूख के पीछे अलग-अलग स्वास्थ्य स्थितियां हो सकती हैं। ज्यादातर मामलों में कारण का उपचार होने के बाद कम भूख की समस्या से छुटकारा मिल जाता है। यहां आप भूख कम होने के पीछे के कारण जान सकते हैं।
बैक्टीरिया- बैक्टीरिया या वायरस भूख न लगने के सबसे बड़े कारणों में से है। यदि बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से आपको कम भूख लगती है, तो संक्रमण का इलाज होने के बाद आप अपनी भूख में बहुत अंतर देख सकते हैं। बहुत जल्दी आपकी भूख पहले जैसे सामान्य हो जाएगी।
दवाओं का सेवन करना
किसी बीमारी के लिए नियमित रूप से किसी दवा का सेवन करना भी भूख में कमी की वजह बन सकता है। यानी कि कुछ दवाएं आपकी भूख को प्रभावित करती हैं। भूख न लगने की स्थिति ज्यादातर तब बनती है जब दवाएं किसी व्यक्ति के पेट और पाचन तंत्र से होकर गुजरती हैं। इस मामले में ज्यादातर डॉक्टर्स एंटीबायोटिक, इम्यूनोथेरेपी और कीमोथेरेपी का सुझाव देते हैं।
मनोवैज्ञानिक कारण-
मनोवैज्ञानिक कारण और मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति एक व्यक्ति की भूख पर असर डाल सकती है। हर वक्त अवसाद, चिंता, घबराहट, तनाव भूख में कमी के कुछ अहम कारण हैं। वयस्कों को भूख न लगने के पीछे एक कारण उनकी उम्र होना भी है।
पुरानी बीमारी का लंबे समय तक इलाज
लंबे समय तक किसी बीमारी का इलाज चलना भी भूख में कमी की वजह बन सकता है। भूख ना लगना प्रतिरक्षा प्रणाली के काम करने की प्रक्रिया में बाधा पैदा करती है। इससे व्यक्ति का पेट तो खराब होता ही है साथ ही बीमार भी रहने लगता है। खासतौर से अगर आपको पाचन संबंधी समस्याएं रहती हैं या फिर अस्थमा, मधुमेह, थायराइड, हार्ट फेलियर या पेट का कैंसर की शिकायत है, तो पूरी संभावना है कि आपको भूख न लगे।
अंतर्निहित स्थितियों के कारण भूख नहीं लगती। वहीं, इनमें से कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें सर्दी, फूड पॉइजनिंग या दवा के साइड इफेक्ट के चलते कुछ भी खाने का मन नहीं होता। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि समय रहते इलाज करने से भूख पहले जैसे सामान्य हो सकती है।
कभी-कभार भूख न लगना आम बात है। पर, अगर लंबे समय से आपके साथ ऐसा हो रहा है तो आप डॉक्टर से संपर्क करें। क्या करें कि फिर से आपको भूख लगने लगे, बता रही हैं स्वाति गौड़- भूख न लगना या खाने में अरुचि,...
Pratima Jaiswal हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 15 Jan 2022 11:48 AM
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कभी-कभार भूख न लगना आम बात है। पर, अगर लंबे समय से आपके साथ ऐसा हो रहा है तो आप डॉक्टर से संपर्क करें। क्या करें कि फिर से आपको भूख लगने लगे, बता रही हैं स्वाति गौड़-
भूख न लगना या खाने में अरुचि, एक ऐसी आम समस्या है, जो हम सभी ने कभी-न-कभी महसूस की होगी। पर, यदि लंबे समय तक खाने में अरुचि बनी रहती है, तो फिर इसे हल्के में न लें। हमारे द्वारा ग्रहण किया गया भोजन शरीर को ऊर्जा देने के साथ हमें स्वस्थ और फिट भी रखता है, ताकि हमारा शरीर और मस्तिष्क सही तालमेल में कार्य कर सके। ऐसे में यदि किसी वजह से भूख लगनी बंद हो जाती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो जाता है। किडनी की समस्याओं, किसी प्रकार के बैक्टीरियल इंफेक्शन, चिंता, तनाव या डिमेंशिया जैसी बीमारियों में भी भूख खत्म हो जाती है। इसके अलावा भी बहुत से ऐसे कारण हैं, जो किसी व्यक्ति की भूख को प्रभावित कर सकते हैं।
एनीमिया
जब हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से नीचे चला जाता है, तो एनीमिया की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में लगातार वजन गिरने के साथ-साथ थकान और भूख न लगने जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
मधुमेह
मधुमेह होने की स्थिति में भोजन बेहद धीमी गति से पाचन तंत्र तक पहुंचता है, जिसके चलते पेट हमेशा भरा-भरा सा लगता है।
बढ़ती उम्र
उम्र बढ़ने के साथ-साथ ही हमारी स्वाद ग्रंथियां और भोजन पचानेे की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। इससे भूख प्रभावित होती है।
कैंसर
यूं तो कैंसर जैसे गंभीर रोग में भूख प्रभावित होती ही है, पर पेट या पेन्क्रियाज के कैंसर और फेफड़ा व गर्भाशय के कैंसर में भोजन से विशेष रूप से अरुचि हो जाती है। इसका एक मुख्य कारण इन बीमारियों में दी जाने वाली दवाओं के साइड इफेक्ट हैं।
पेट में संक्रमण
किसी प्रकार के वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन से जब हमारा शरीर प्रभावित होता है, तो उसका असर भूख पर भी पड़ता है। डायरिया, खांसी-जुकाम, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, अपच या पेट में गड़बड़ी जैसी समस्याओं में खाना-पीना मुश्किल हो जाता है।
चिंता और तनाव
अत्यधिक चिंता और तनाव की स्थिति में कुछ लोग सामान्य से अधिक खाने लगते हैं, क्योंकि भोजन उनके दिमाग को शांत रखता है। पर, वहीं कुछ लोगों का तनाव के कारण खाना-पीना पूरी तरह से छूट जाता है।
डाइट में करें बदलाव
आमतौर पर भूख न लगना कोई बहुत गंभीर समस्या नहीं मानी जाती है और इसे अपने आहार में कुछ साधारण फेरबदल करके दूर किया जा सकता है। हर घर की रसोई में कुछ ऐसे मसाले हमेशा रहते ही हैं, जो भोजन में रुचि पैदा करने के साथ-साथ भूख बढ़ाने में भी सहायक होते हैं। इन्हें भी आप आजमा सकती हैं, जैसे-
इलायची
चाहे कोई मीठा व्यंजन हो या नमकीन, स्वाद में जान डालने में मसालों की रानी इलायची का कोई जवाब नहीं। अपनी तेज खुशबू और अलग स्वाद के साथ-साथ इलायची भोजन पचाने और भूख बढ़ाने में भी काफी सहायक है। इतना ही नहीं ज्यादा तनाव या बेचैनी होने पर एक या दो हरी इलायची मुंह में चबाने से तनाव भी कम होता है। खाने से पहले 2-3 इलायची चबा लेने से भूख खुलकर लगती है और भोजन भी आराम से पच जाता है।
अजवाइन
पेट से जुड़ी समस्याओं में अजवाइन का सेवन करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसके बीज भोजन पचाने के लिए जरूरी एंजाइम्स और एसिड्स को हमारे पाचन तंत्र में सही ढंग से फैलाने का कार्य करते हैं। भूख न लगने की समस्या होने पर 2-3 चम्मच अजवाइन में नीबू का रस डालकर छोड़ दें। जब अजवाइन पूरी तरह नीबू का रस सोख लें, तो उसमें थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर चूर्ण बना लें और रोजाना आधा चम्मच यह चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें। इससे काफी फायदा मिलता है।
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नीबू का रस
विटामिन-सी से भरपूर नीबू का नियमित सेवन शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के साथ भोजन में रुचि भी जगाता है। वहीं, आयरन बहुल खाद्य पदार्थों जैसे दालों और पालक में नीबू का रस निचोड़कर खाया जाता है, तो हमारा शरीर ज्यादा बेहतर तरीके से विटामिन-सी अवशोषित कर पाता है। अपच में कटे हुए नीबू के टुकड़े को आग में डालकर कुछ सेकंड गर्म करें। इस पर थोड़ा-सा काला नमक डालें और धीरे-धीरे नीबू का रस चाटें।
आजमाएं इन्हें भी
●पेट में भारीपन होने पर कुछ दिनों तक रात के भोजन में खिचड़ी में थोड़ा घी मिलाकर खाएं। इससे न केवल पाचन तंत्र को आराम मिलेेगा, बल्कि भूख भी खुल जाएगी।
●भोजन के साथ चाय या कॉफी का सेवन करने से परहेज करें, क्योंकि ये पेय पदार्थ भूख कम कर देते हैं।
●रात को सोने से पहले हल्दी वाले दूध का सेवन भी भूख बढ़ाने में सहायक होता है। अत्याधिक मिर्च-मसाले वाले भोजन से परहेज करें और रात के समय गरिष्ठ भोजन न करें।
●दही और छाछ का सेवन भी भूख खोलता है।
●रोज सुबह नारियल तेल से कुल्ला (कोकोनट ऑइल पुलिंग) करने पर भी भूख खुलती है।
●भोजन के बाद एक चम्मच देसी घी और शक्कर का सेवन भूख बढ़ाने में मदद करता है।
●आहार में लहसुन का सेवन भी भूख को बढ़ाने वाला माना गया है। किसी सब्जी में लहसुन डालने से 10 मिनट पहले यदि उसे छीलकर और काटकर छोड़ दिया जाए तो उसमें कुछ ऐसे एंजाइम्स स्रावित होने लगते हैं, जो शरीर को काफी लाभ पहुंचाते हैं।
●नियमित रूप से किया गया व्यायाम न केवल शरीर में स्फूर्ति बढ़ाता है, भूख भी खोलता है।
●डिब्बाबंद और बाजार के खाद्य पदार्थों के सेवन के बजाय ताजे फलों और मौसमी सब्जियों का उपयोग करें। पर्याप्त नींद लें, ताकि सुबह आप तरोताजा उठें, जिससे भूख खुलकर लगे।