विश्व में हज़ारों ही प्रजातियों के पेड़ हैं और इनके नाम भी अलग अलग रखे जाते हैं। हमारी ज़िंदगी में पेड़ बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। लिखने के लिए कागज़ से लेकर सांस लेने के लिए ऑक्सीजन तक हमें पेड़ से प्राप्त होता है। लेकिन कुछ पेड़ हैं जो हम अपने आसपास देखते हैं लेकिन इनके नाम हमें नहीं पता होता।
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मुश्किल तो तब पैदा होते है जब स्कूल और कॉलेज आदि में इन पेड़ों के नाम पूछ लिये जाते हैं। कई बार सामान्य ज्ञान में भी प्रश्न आ जाता है कि कुछ पेड़ के नाम बताएं। इस मुश्किल के हल के लिए इस पोस्ट के माध्यम से आज हम आपको कुछ पेड़ों के नाम हिंदी और अंग्रेज़ी में बताने जा रहे हैं जोकि आप रोज़ाना अपने आसपास देखते हैं।
फलों का नाम हिंदी और अंग्रेजी में
Tree Name List in English and Hindi
Table of Contents
- Tree Name List in English and Hindi
- Top 10 Trees Name in Hindi
- नीम का पेड़
- पीपल का पेड़
- कटहल का पेड़
- अमरूद का पेड़
- सफेदा का पेड़
- शीशम का पेड़
- महुआ का पेड़
- सागवान का पेड़
- आम का पेड़
- बरगद का पेड़
तो दोस्तों उपरोक्त हमने आपको कुछ पेड़ों के नाम बताए हैं जिन्हें आप याद कर सकते हैं। इनके नाम के साथ साथ आपको मालूम होना चाहिए कि पेड़ हमारी ज़िंदगी में बहुत ही महत्त्वपूर्ण होते हैं और ज़्यादा से ज़्यादा हमें पेड़ों को लगाना चाहिए। यदि हम पेड़ नहीं बचाते तो एक समय आएगा कि हमारा इस धरती पर सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा।
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फूलों का नाम हिंदी और अंग्रजी में
Top 10 Trees Name in Hindi
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Tree Name
Images
1.
नीम
2.
पीपल
3.
कटहल
4.
अमरुद
5.
सफेदा
6.
शीशम
7.
महुआ
8.
सागवान
9.
आम
10.
बरगद
नीम का पेड़
नीम का पेड़ अधिकतर घर के बाहर ग्रामीण इलाके में पाया जाता है। मान्यता के अनुसार नीम के पेड़ में माता शीतला का निवास होता है। नीम के पेड़ की पत्तियां कड़वी होती है। हालांकि कड़वी होने के बावजूद इसकी पत्तियों का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है।
नीम की पत्तियों का इस्तेमाल काढ़ा बनाने के लिए किया जाता है, साथ ही मुहासे और पिंपल को हटाने के लिए भी इसकी पत्तियों का इस्तेमाल होता है। नीम के पेड़ की पूजा हमारे भारत देश में हिंदू समुदाय के द्वारा की जाती है।
पीपल का पेड़
पीपल के पेड़ का भी हिंदू समुदाय में काफी धार्मिक महत्व है। कहा जाता है कि पीपल के पेड़ में सभी प्रकार के देवी देवता निवास करते हैं और पीपल के पत्ते में राक्षस निवास करते हैं।
पीपल के पेड़ की पूजा हिंदू समुदाय के द्वारा की जाती है। कहा जाता है कि पीपल के पेड़ को काटना नहीं चाहिए वरना पित्र दोष लगता है। तन मन धन से पीपल के पेड़ की सेवा करने से व्यक्ति को भगवानों की कृपा प्राप्त होती है।
कटहल का पेड़
कटहल के पेड़ को जैकफ्रूट ट्री कहा जाता है। हालांकि इसके बारे में एक दुविधा यह भी है कि कटहल के पेड़ में जो फल लगता है, वह फल है अथवा सब्जी। कटहल के पेड़ पर जो फल लगते हैं।
उनका आकार काफी बड़ा होता है और फलों के बाहर की जो सत्तह होती है, उस पर छोटे-छोटे कांटे होते हैं। कटहल के कच्चे फलों को सब्जी के तौर पर खाया जाता है, साथ ही इसे पका करके भी खाया जाता है।
अमरूद का पेड़
अमरूद के पेड़ को सामान्य तौर पर जुलाई अथवा अगस्त के महीने में लगाया जाता है और 1 से 2 साल के अंदर ही इसका पेड़ फल देने लायक हो जाता है। अमरूद के पेड़ के कच्चे फल को नमक के साथ खाया जाता है।
इसके अलावा इसके पके हुए फल को भी नमक के साथ खा सकते हैं अथवा बिना नमक के ही खा सकते हैं। अमरूद के पेड़ की दातुन भी की जाती है। ऐसा करने से दांतों में मजबूती आती है और दातों की सफाई भी होती है।
सफेदा का पेड़
सफेदा का पेड़ मुख्य तौर पर लकड़ी प्राप्त करने के काम में आता है। लकड़ियों के जो ठेकेदार होते हैं वह अधिकतर चीजों का निर्माण करने के लिए सफेदे के पेड़ को ही काटते हैं। सफेदा का पेड़ भारत के ग्रामीण इलाके में भारी मात्रा में पाया जाता है।
इसकी गिनती व्यवसायिक पेड़ के तौर पर होती है। मतलब लोग सफेदे के पेड़ की खेती बिजनेस के उद्देश्य से करते हैं। सफेदे के पेड़ की लकड़ी काफी मजबूत होती है। इसलिए फर्नीचर तैयार करने के लिए इसकी लकड़ियों का ज्यादा इस्तेमाल होता है।
शीशम का पेड़
शीशम के पेड़ की गिनती सदाबहार पेड़ में होती है। शीशम के पेड़ की पत्ती काफी चौड़ी होती है और शीशम के पेड़ की लकड़ी का इस्तेमाल फर्नीचर तैयार करने के लिए किया जाता है। शीशम के पेड़ का तेल, छाल, फूल, पत्ती, जड़ सभी काफी उपयोगी वस्तुएं मानी जाती है।
शीशम के पत्तों को आंखों में जलन होने पर इस्तेमाल कर सकते हैं, साथ ही पाचन से संबंधित प्रॉब्लम को खत्म करने की ताकत भी शीशम के पत्ते और जड़ में होती है।
महुआ का पेड़
ठंडी के मौसम में महुआ के पेड़ पर फल पैदा होते हैं और 1 से 2 महीने के अंदर ही फल गिरने लगते हैं। महुआ के पेड़ की लकड़ी को काटा नहीं जाता है। हालांकि इसकी अवैध तस्करी होती है।
महुआ के पेड़ के फल का इस्तेमाल शराब बनाने के लिए किया जाता है, साथ ही लपसी जैसी स्वादिष्ट चीजों का निर्माण करने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है। महुआ को सुखा करके इसे मार्केट में बेचा भी जाता है।
सागवान का पेड़
सागवान के पेड़ की लकड़ी बहुत ही मजबूत होती है। इसके अलावा इसकी लकड़ी के दाम भी काफी अधिक होते हैं। हालांकि गवर्नमेंट ने सागवान की लकड़ी के कटान पर प्रतिबंध लगा दिया है परंतु फिर भी इसकी तस्करी होती है।
सागवान का इस्तेमाल दवा तैयार करने में भी होता है। मजबूत होने के कारण इसकी लकड़ी की डिमांड हमेशा मार्केट में बनी रहती है।
आम का पेड़
आम के पेड़ को अंग्रेजी भाषा में मैंगो ट्री कहा जाता है और गर्मियों के मौसम में ही आम के पेड़ पर आम के फल लगते हैं जो 3 से 4 महीने में पूरी तरह से पक करके तैयार हो जाते हैं। पके हुए आम को छिल कर के उसे सीधा खाया जाता है, साथ ही गर्मियों के मौसम में आम का जूस भी पिया जाता है।
इसके अलावा कच्चे आम की चटनी बनती है, साथ ही अचार भी बनता है। पूरी दुनिया भर में सबसे ज्यादा आम भारत देश में ही पैदा होता है। इसके बाद चीन का नंबर आता है। आम कई वैरायटी में उपलब्ध है।
बरगद का पेड़
बरगद के पेड़ को अंग्रेजी भाषा में बनियान ट्री कहा जाता है। बरगद का पेड़ आकार में बहुत ही बड़ा होता है। इसे वट वृक्ष भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में बरगद के पेड़ का काफी धार्मिक महत्व है। इस पेड़ की पूजा भी की जाती है।
बरगद के पेड़ की जड़े काफी गहरी होती है, साथ ही इसकी शाखाएं भी लंबी होती है और यह इतनी मजबूत होती है कि कोई भी इंसान बरगद के पेड़ की शाखा को पकड़कर के झूला झूल सकता है। बरगद के पेड़ में से दूध जैसा पदार्थ निकलता है, जिसे लैक्टिक एसिड कहते हैं।