क्या डिलीवरी के 3 मिनट बाद गर्भनाल काटने से शिशु के शरीर में आयरन का अधिक भंडार होता है? - kya dileevaree ke 3 minat baad garbhanaal kaatane se shishu ke shareer mein aayaran ka adhik bhandaar hota hai?

कुछ दिनों पहले हुए एक अध्ययन से यह पता चला है कि गर्भनाल देर से काटने से बच्चे को कई लाभ मिलते हैं। इस रिसर्च से यह बात भी सामने आई है कि शिशु की मृत्यु होने पर ही गर्भनाल काटी जानी चाहिए, अन्यथा गर्भनाल को कुछ समय तक बनाए रखना उसके लिए लाभकारी होता है। आज इस लेख में हम जानेंगे कि गर्भनाल को कब काटा जाना चाहिए और तुरंत नहीं काटने से बच्चे को क्या-क्या लाभ मिलते हैं।

​देर से गर्भनाल काटने का क्या मतलब है?

क्या डिलीवरी के 3 मिनट बाद गर्भनाल काटने से शिशु के शरीर में आयरन का अधिक भंडार होता है? - kya dileevaree ke 3 minat baad garbhanaal kaatane se shishu ke shareer mein aayaran ka adhik bhandaar hota hai?

यदि बच्चे की गर्भनाल डिलीवरी के बाद कटने में 25 सेकेंड से 5 मिनट तक की देरी होती है, तो इसे गर्भनाल कटने में देरी कहा जाता है।

जन्म के समय, गर्भनाल में लगभग एक तिहाई रक्त होता है, जबकि शेष दो तिहाई नवजात शिशु में जाता है। यह तकनीक बच्चे के शरीर में अधिक रक्त प्राप्त करने और उनके आयरन भंडार को बढ़ाता है।

​क्या यह तकनीक सामान्य है?

क्या डिलीवरी के 3 मिनट बाद गर्भनाल काटने से शिशु के शरीर में आयरन का अधिक भंडार होता है? - kya dileevaree ke 3 minat baad garbhanaal kaatane se shishu ke shareer mein aayaran ka adhik bhandaar hota hai?

प्रीटर्म शिशुओं के लिए डिलेड काॅर्ड क्लैम्पिंग या गर्भनाल के काटने में देरी होना सामान्य है। इससे उन्हें मिली अतिरिक्त रक्त की मात्रा लाभ पहुंचाती है। जबकि जन्म के तुरंत बाद यानी पहले 10 से 30 सेकेंड के भीतर ही गर्भनाल को काट दिया जाता था।

लेकिन नवजात विज्ञानियों के अनुसार हुए एक रिसर्च से यह बता सामने आई है, ‘गर्भनाल काटने में थोड़ी सी देरी बच्चे को नए माहौल में एड्जेस्ट करने में मदद करती है।’

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देर से गर्भनाल काटने के फायदे

क्या डिलीवरी के 3 मिनट बाद गर्भनाल काटने से शिशु के शरीर में आयरन का अधिक भंडार होता है? - kya dileevaree ke 3 minat baad garbhanaal kaatane se shishu ke shareer mein aayaran ka adhik bhandaar hota hai?

शोधों ने यह साबित किया है कि गर्भनाल काटने से शिशु को कई तरह के लाभ मिलते हैं -

जन्म के दौरान गर्भनाल में एक तिहाई रक्त रह जाता है बाकी रक्त शिशु के शरीर तक पहुंचता है। यदि गर्भनाल काटने में देरी की जाए, तो इससे बच्चे के शरीर में रक्त की मात्रा में वृद्धि हो सकती है।

इसके अलावा ब्लड प्लेटेलेट्स में आयरन का स्तर बढ़ता है, जो कि क्लाॅटिंग में मदद करता है। यही नहीं गर्भनाल के देरी से कटने के कारण शिशु के शरीर में रेड ब्लड सेल्स 60 फीसदी तक बढ़ जाते हैं जबकि वाॅल्यूम में 30 फीसदी तक का इजाफा होता है।

शरीर के फंक्शन के लिए स्टेम सेल आवश्यक है और यह प्रतिरक्षा तंत्र, कार्डियोवस्कुलर, सेंट्रल नर्वस और श्वसन प्रणालियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्टेम सेल किसी भी अंग की क्षति को ठीक करने में मदद करते हैं जो कि एक प्रसव के दौरान हो सकता है।

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एनीमिया का जोखिम कम होता है

क्या डिलीवरी के 3 मिनट बाद गर्भनाल काटने से शिशु के शरीर में आयरन का अधिक भंडार होता है? - kya dileevaree ke 3 minat baad garbhanaal kaatane se shishu ke shareer mein aayaran ka adhik bhandaar hota hai?

गर्भनाल की कटने में देरी के कारण खून की सप्लाई बढ़ती है, जिससे शिशु के शरीर में पर्याप्त आयरन पहुंच जाता है। शेाध के अनुसार एक या दो मिनट की देरी से 27 से 47 मिलीग्राम तक आयरन स्टोर हो जाता है।

इस तरह बच्चे के शरीर में मौजूद आयरन और गर्भनाल के कटने में देरी के कारण स्टोर हुआ आयरन मिलकर शिशु को एनीमिया से बचा सकता है।

इसके अलावा यह बच्चे को बाहरी दुनिया से तारतम्य बैठाने में मदद करता है। आपको बताते चलें कि आयरन की कमी के कारण सेंट्रल नर्वस सिस्टम में समस्या आ सकती है।

देरी से गर्भनाल काटने के कारण समय से पूर्व जन्मे शिशु का ब्लड प्रेशर का स्तर बेहतर हो सकता है। इससे दवाओं की जरूरत और ब्लड प्रेशर को मैनेज करने के लिए खून चढ़ाने की आवश्यकता में भी कमी आती है।

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शिशु जन्म के कितने समय के बाद गर्भनाल काटा जाता है?

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के मुताबिक, शिशु के जन्म के कम से कम एक मिनट बाद नाल को काटना चाहिए।

गर्भनाल कैसे काटते हैं?

यदि बच्चे की गर्भनाल डिलीवरी के बाद कटने में 25 सेकेंड से 5 मिनट तक की देरी होती है, तो इसे गर्भनाल कटने में देरी कहा जाता है। जन्म के समय, गर्भनाल में लगभग एक तिहाई रक्त होता है, जबकि शेष दो तिहाई नवजात शिशु में जाता है। यह तकनीक बच्चे के शरीर में अधिक रक्त प्राप्त करने और उनके आयरन भंडार को बढ़ाता है।

डिलीवरी के बाद प्लेसेंटा का क्या किया जाता है?

उनका मानना है कि डिलीवरी के बाद प्लेसेंटा के बाहर आने का इंतज़ार करना चाहिए और उसके बाद कॉर्ड क्लैंपिंग करनी चाहिए. उनका दावा है कि बच्चे के पैदा होने के साथ ही अगर कॉर्ड क्लैपिंग की जाए तो बच्चे की हार्ट-बीट बढ़ जाती है.

बच्चे के जन्म के बाद गर्भनाल के नाभि सिरा के बंद होने से क्या बनता है?

गर्भनाल शरीर में लैक्टोजन के बनने में मदद करती है, जो मां के शरीर में दूध बनने की प्रक्रिया को प्रेरित करता है. 3. गर्भनाल मां और बच्चे को जोड़ने का काम करती है. मां जो कुछ भी खाती है, आहार नाल के माध्यम से उसका पोषण बच्चे को भी मिलता है.