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चाहे आपने फिल्मों में देखा हो या फिर हकीकत में, लेकिन आपने देखा होगा कि जैसे ही किसी व्यक्ति के बंदूक की गोली लगती है तो वो मर जाता है. जानिए आखिर उसमें क्या होता है कि गोली लगते है शख्स की मौत हो जाती है...गोली शरीर में लगने पर बहुत गर्मी पैदा करती है. आपने फिल्मों में देखा होगा या फिर हो सकता है कि आपने असली में भी देखा होगा कि जब किसी इंसान के गोली लगती है तो क्या होता है. फिल्मों में तो दिखाया जाता है कि जैसे ही किसी शख्स के गोली लगती है, वो नीचे गिर जाता है और अधिकतर केस में (एक्टर को छोड़कर) उसकी मौत हो जाती है. या फिर असली में भी गोली लगने के बाद कुछ देर बाद गोली लगने वाला शख्स मर जाता है. लेकिन, कभी आपने सोचा है कि आखिर गोली में ऐसा क्या होता है कि गोली लगते ही इंसान की मौत हो जाती है. ऐसे में जानते हैं कि आखिर गोली में ऐसा क्या होता है कि उसके शरीर में जाते ही इंसान की मौत हो जाती है. साथ ही जानते हैं कि क्या गोली में कुछ ऐसा होता है कि जिससे शरीर में कुछ प्रतिक्रिया होती है या फिर किसी और कारण की वजह से आदमी की मौत हो जाती है. जानते हैं गोली से जुड़ी खास बातें… कैसी होती है गोली?पहले आपको बताते हैं कि आखिर गोली कैसी होती है? दरअसल, फायरिंग में इस्तेमाल होने वाली गोली के मूलतः तीन हिस्से होते हैं. बंदूक से निकलने वाली गोली को कार्ट्रिज कहा जाता है. कार्ट्रिज के तीन हिस्से होते हैं. इसके सबसे आगे वाले हिस्से को बुलेट कहते हैं जो इंसान के शरीर में प्रवेश कर उसे गंभीर चोट पहुंचाता है. बीच वाले हिस्से को केस या खोखा कहा जाता है, जिसमें बारूद भरा होता है. कार्ट्रिज के सबसे पिछले हिस्से को प्राइमर कंपाउंड कहा जाता है जो फायरिंग के वक्त बारूद में विस्फोट करता है. फायरिंग करते वक्त कार्ट्रिज का खोखा बंदूक से निकलकर वहीं गिर जाता है और बुलेट बंदूक से बाहर निकल जाती है. गोली में क्या होता है, जिससे हो जाती है मौत?गोली बनाने के लिए बहुत सारे हेवी मेटल इस्तेमाल होते हैं जैसे लेड और आजकल कैल्शियम सिलिकेट. इन सारे मेटल्स के दुष्प्रभाव के कारण जान जाती है, जो गैस फ्यूम निकलती है उसके कारण भी मौत होती है. अनबर्न पाउडर यानी वो बारूद जो पूरी तरह से जला नहीं होता, उसकी वजह से भी जान जा सकती है. साथ ही इसमें हीट होती है और गोली शरीर में लगने पर बहुत गर्मी पैदा करती है. इससे इंसान की मौत हो जाती है. मौत के और भी होते हैं कारण?दरअसल, जब भी गोली लगती है तो शरीर से खून निकलता है. ज्यादा खून निकलना भी मौत की वजह बनता है और खास बात ये है कि कई बार गोली ऐसे पार्ट में लग जाती है, जहां थोड़ा ज्यादा खून निकलते ही दिक्कत हो जाती है. साथ ही इससे इन्फेक्शन हो जाता है. इसके अलावा ऑर्गन डैमेज यानी अगर कोई ज़रूरी अंग डैमेज हो जाता है, खराब हो जाता है. ये भी मौत का कारण बन जाता है. ये भी पढ़ें- पढ़िए वैष्णो देवी की तीन पिंडियों की कहानी, जिन्हें लेकर राहुल गांधी पर साधा जा रहा निशाना पिस्टल और रिवॉल्वर से कैसे चलती है बुलेट पहले जान लीजिए कि बंदूक का ट्रिगर दबने पर जो कार्टिज निकलती है, उसके तीन हिस्से होते हैं। प्राइमर, खोखा या केस और बुलेट। कार्टिज का सबसे पिछला हिस्सा प्राइमर होता है। ये ही फायरिंग के वक्त बारूद में विस्फोट करता है। बीच में खोखा होता है, इसी में गन पाउडर भरा होता है। गोली चलते ही ये खोखा बंदूक से निकलकर गिर जाता है। अब आता है वो हिस्सा जो किसी इंसान के शरीर को चीरता अंदर घुस जाता है। कार्ट्रिज के सबसे आगे वाले हिस्से को बुलेट कहते हैं। ये लेड या सीसे की बनी होती है। जब बंदूक का ट्रिगर दबाया जाता है ,तो प्राइमर पर तेज से चोट लगती है। इस टक्कर से बुलेट केस में चिंगारी उत्पन होती है और खोखे के बारूद में विस्फोट हो जाता है। तेज रफ्तार से खोखे से निकलकर बुलेट लग जाती है। शस्त्रों के हैं शौकीन तो माउजर, पिस्टल और रिवॉल्वर में जान लीजिए क्या है फर्कएक्सपर्ट सिद्दकी के अनुसार बुलेट का अगला हिस्से में लगा लेड या सीसा एक जहरीला पदार्थ होता है। हालांकि, इससे मौत होने की संभावना कम होती है। बता दें कि गोली से मौत होने के कई कारण होते हैं। एक बुलेट तेज रफ्तार के साथ एकदम सीधी शरीर के अंदर घुसती है। अपने रास्ते में आने वाली जिस्म की खाल और शरीर के अंदर के अंगों को चीरती हुई बाहर निकल जाती है। कई बार हड्डी से टकराकर शरीर में भी धंसी रह जाती है। ऐसे में गोली लगने पर शरीर से खून निकलना शुरू हो जाता है। ज्यादा खून बह जाने पर इंसान की मौत हो जाती है। कई बार ऐसे पार्ट पर गोली लग जाती है, जिससे तुरंत ही शरीर निष्क्रिय पड़ने लगता है। बुलेट शरीर में जब घुसती है तो काफी गर्म होती है। ऐसे में अंग डैमेज भी हो सकते हैं, जो बाद में मौत का कारण बनते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार ज्यादातर मामलों में खून का अधिक रिसाव और इंफेक्शन ही मौत का कारण बनते हैं। कभी भारत बोफोर्स कंपनी से खरीदता था अस्त्र शस्त्र, अब बोफर्स को पसंद आई 'सारंग'इन अंगों पर गोली लगने से ज्यादा होता है खतरा विज्ञान में आपने वाइटल ऑर्गन हृदय, दिमाग, किडनी, लीवर के विषय में जरूर पढ़ा ही। इन अंगों पर गोली लग जाए तो व्यक्ति का बचना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा हाथ या पैर को गोली छूकर निकल जाए तो बच सकते हैं। बशर्ते कि शुरुआती दस मिनट में आपको सही इलाज मिल जाए। डॉक्टर्स कहते हैं कि गोली लगने के बाद मौत की सबसे बड़ी वजह ब्लड का बहना होता है। ब्लड जितनी मात्रा में निकलेगा उतनी जल्दी जान जा सकती है। डेढ़ लाख की पिस्टल मिल रही है सिर्फ 10 हजार में, आपको भी चाहिए तो यहां करें संपर्कगोली लगने के बाद आखिर शरीर में होता क्या है शरीर में गोली लगने के बाद बुलेट की वजह से खून बहने लगता है। फिर बारूद की वजह से शरीर में इंफेक्शन भी होने लगता है। गोली लगने पर इंसान के शरीर में इतनी गर्मी पैदा होती है कि वह उसे बर्दाश्त नहीं कर पाता। कभी-कभी गोली लगने से कुछ ऐसे अंग डैमेज हो जाते हैं, जिनके बिना इंसान जिंदा नहीं रह सकता और व्यक्ति की मौत हो जाती है। गोली लगने से मौत कैसे होती है?कैसे गोली लगने से हो जाती है मौत
एक बुलेट तेज रफ्तार के साथ एकदम सीधी शरीर के अंदर घुसती है। अपने रास्ते में आने वाली जिस्म की खाल और शरीर के अंदर के अंगों को चीरती हुई बाहर निकल जाती है। कई बार हड्डी से टकराकर शरीर में भी धंसी रह जाती है। ऐसे में गोली लगने पर शरीर से खून निकलना शुरू हो जाता है।
बंदूक की गोली में कौन सा जहर होता है?गोली बनाने के लिए बहुत सारे हेवी मेटल इस्तेमाल होते हैं जैसे लेड और आजकल कैल्शियम सिलिकेट. इन सारे मेटल्स के दुष्प्रभाव के कारण जान जाती है, जो गैस फ्यूम निकलती है उसके कारण भी मौत होती है. अनबर्न पाउडर यानी वो बारूद जो पूरी तरह से जला नहीं होता, उसकी वजह से भी जान जा सकती है.
बंदूक की गोली में कौन सा केमिकल होता है?गनमेटल या रेड ब्रास जोकि तांबा जिंक और टिन का एक संयोजन होता है। जिसमें लगभग ८८% तांबा,८-१०% टिन, और लगभग २-४% जिंक होता है।
315 कट्टा की कीमत कितनी है?मुंगेर, बुरहानपुर से आते हैं हथियार
-एक हजार रुपए कीमत में 12 बोर का कट्टा व 1500 रुपए में 315 बोर का कट्टा तथा तीन से पांच हजार रुपए कीमत में कंट्रीमेड पिस्टल व रिवाल्वर उपलब्ध होती हैं।
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