Solution : अनुच्छेद 25 के अनुसार भारत के सब नागरिकों को किसी भी धर्म को मानने की आजादी है। प्रस्तावना में धर्म निरपेक्ष शब्द का प्रयोग :-42वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना में संशोधन करके धर्म निरपेक्ष शब्द अंकित करके भारत को स्पष्ट रूप से धर्म-निरपेक्ष राज्य घोषित किया गया है। Show भारत में धर्मनिरपेक्षता और यूनिफॉर्म सिविल कोड (भाग-1) संदर्भ
इस लेख में हम भारत में धर्मनिरपेक्षता और यूनिफॉर्म सिविल कोड से संबंधित पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
संविधान और धर्मनिरपेक्षता
यूनिफॉर्म सिविल कोड: धर्मनिरपेक्षता के लिये एक बड़ी चुनौती
यूनिफॉर्म सिविल कोड आवश्यक क्यों ?
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू कर पाना मुश्किल क्यों?
क्या भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है?भारतीय संविधान के प्रस्तावना में घोषणा के अनुसार भारत एक पन्थनिरपेक्ष देश है। लेकिन भारतीय पन्थनिरपेक्षता, पश्चिमी देशों की पन्थनिरपेक्षता से थोड़ी भिन्न है। पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता जहाँ धर्म एवं राज्य के बीच पूर्णत: संबंध विच्छेद पर आधारित है, वहीं भारतीय संदर्भ में यह अंतर-धार्मिक समानता पर आधारित है।
धर्मनिरपेक्षता वाला देश कौन सा है?अजरबैजान एक धर्मनिरपेक्ष (Secular State) देश है।
दुनिया में कितने देश धर्मनिरपेक्ष है?दुनिया के 43 देशों का कोई न कोई आधिकारिक धर्म, 27 देशों का इस्लाम तो 13 का धर्म ईसाई; भारत समेत 106 देश धर्मनिरपेक्ष
भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र क्यों कहा जाता है?भारतीय संविधान सभी को अपने धार्मिक विश्वासों और तौर-तरीकों को अपनाने की पूरी छूट देता है। सबके लिए समान धार्मिक स्वतंत्रता के इस विचार को ध्यान में रखते हुए भारतीय राज्य ने धर्म और राज्य की शक्ति को एक-दूसरे से अलग रखने की रणनीति अपनाई है। धर्म को राज्य से अलग रखने की इसी अवधारणा को धर्मनिरपेक्षता कहा जाता है।
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