कवि को कारागार में क्या क्या यातनाएँ दी गई कैदी और कोकिला पाठ के आधार पर बताइए? - kavi ko kaaraagaar mein kya kya yaatanaen dee gaee kaidee aur kokila paath ke aadhaar par bataie?

विषयसूची

  • 1 कवि को कारागार में क्या क्या यातना ाँदी गईं कैदी और कोककिा पाठ के आर्ार पर बताइए?
  • 2 लेखक कहाँ से चलने लगा तो एक आदमी उससे राहदारी माँगने आया?
  • 3 कवि को कारागार में क्या क्या यातनाएँ दी गई कैदी और कोकिला पाठ के आधार पर बताइए?
  • 4 आदमी राहगीर माँगने कब आया?
  • 5 लेखक का बटुआ काँप गया से क्या तात्पर्य है?

कवि को कारागार में क्या क्या यातना ाँदी गईं कैदी और कोककिा पाठ के आर्ार पर बताइए?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: कविता के आधार पर हम यह कह सकते हैं कि तत्कालीन समाज में अंग्रेज़ों द्वारा भारतीय कैदियों को तरह-तरह की यातनाएँ दी जाती थी; जैसे-उन्हें अंधेरी कोठरी में जंजीरों से बाँधकर रखा जाता था, उस कोठरी का क्षेत्र बहुत सीमित था, वहाँ कैदियों का रहना मुश्किल था तथा इस काल कोठरी में रोना भी गुनाह था।

लेखक कहाँ से चलने लगा तो एक आदमी उससे राहदारी माँगने आया?

इसे सुनेंरोकेंउत्तरः नम्से बौ( भिक्षु थे व शेकर की खेती के मुखिया थे। वह खेती का इंतजाम देखने का कार्य करते थे और जागीर के आदमियों के लिये राजा से कम न थे। 4. परित्यक्त चीनी किले से जब हम चलने लगे तो एक आदमी राहदारी माँगने आया।

लेखक का बटुआ क्यों कांप क्या िुम कब जाओरे अतिथि पाठ के आधार पर लिखखए?

इसे सुनेंरोकें’तुम कब जाओगे अतिथि’ पाठ के आधार पर लिखिए। ”अन्दर ही अन्दर कहीं मेरा बटुआ काँप गया। “ कथन की व्याख्या कीजिए। उत्तरः अतिथि के स्वागत-सत्कार में अधिक खर्च होने व आर्थिक स्थिति बिगड़ने के डर से लेखक का बटुआ काँप उठा।

कवि को कारागार में क्या क्या यातनाएँ दी गई कैदी और कोकिला पाठ के आधार पर बताइए?

(क)

  • इस काव्य-पंक्ति में जेल की यातनाओं को दावानल की ज्वालाएँ कहा गया है। ब्रिटिश जेलों की असहनीय यातनाओं के लिए यह उपमान सटीक बन पड़ा है।
  • इसमें कोयल की कूक को चीख मानकर कवि उससे प्रश्न कर रहा है।
  • दावानल की ज्वालाएँ में रूपकातिशयोक्ति तथा अनुप्रास अलंकार है।
  • प्रश्न शैली का प्रयोग प्रभावी बन पड़ा है।

आदमी राहगीर माँगने कब आया?

इसे सुनेंरोकेंहमने वह दोनों चिजें उसे दे दीं । शायद उसी दिन हम थोइला के पहले के आखिरी गाँव में पहुँच गए । यहाँ भी सुमित के जान-पहचान के आदमी थे और भिखमंगे रहते भी ठहरने के लिए अच्छी जगह मिली ।

तिब्बत जाने के रास्ते में आदमी को बहुत दूर तक क्यों नहीं देखा जा सकता?

इसे सुनेंरोकेंतिब्बत के मार्ग में आदमी कम क्यों दिखाई देते हैं? उत्तर: तिब्बत के मार्ग में नदियों के मोड़ों तथा पहाड़ों के कोनों के कारण एवं कठिन रास्ते के कारण बहुत कम आदमी दिखाई पड़ते हैं।

लेखक का बटुआ काँप गया से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंSolution. जब लेखक ने अनचाहे अतिथि को आते देखा तो उसे महसूस हुआ कि खर्च बढ़ जाएगा। इसी को बटुआ काँपना कहते हैं।

कवि को कारागार में क्या क्या यातना ाँदी गईं कैदी और कोककिा पाठ के आर्ार पर बताइए?

Answer: कविता के आधार पर हम यह कह सकते हैं कि तत्कालीन समाज में अंग्रेज़ों द्वारा भारतीय कैदियों को तरह-तरह की यातनाएँ दी जाती थी; जैसे-उन्हें अंधेरी कोठरी में जंजीरों से बाँधकर रखा जाता था, उस कोठरी का क्षेत्र बहुत सीमित था, वहाँ कैदियों का रहना मुश्किल था तथा इस काल कोठरी में रोना भी गुनाह था।

कैदी कवि को जेल में क्या क्या काम करने पड़ रहे हैं?

पेट पर जूआ रखकर मोट खींचना पड़ा। उसे पत्थर के टुकड़े तथा गिट्टियाँ तोड़नी पड़ीं। बैलों की जगह कोल्हू में उसे जुतकर काम करना पड़ा।

कैदी और कोकिला पाठ के आधार पर कवि और कोयल की स्थिति में क्या अंतर है?

'कैदी और कोकिला' कविता के आधार पर कोयल और कवि की स्थिति में अंतर स्पष्ट कीजिए। कोयल हरी-भरी डालियों पर कैंक-कूककर लोगों का ध्यान खींच रही है, जबकि कवि की किस्मत में जेल की काली कोठरी लिखी है। कोयल के गीतों पर लोग वाह-वाह कह उठते हैं जबकि कवि का रोना भी अपराध समझा जाता है।

कोकिला कैदी को क्या क्या कहना चाहती है?

कोकिल बोलो तो! इस कविता में जेल में बंद स्वाधीनता सेनानी की व्यथा को दर्शाया गया है। कैदी कोयल से पूछता है कि वह क्या गाती और बीच में चुप क्यों हो जाती है। कैदी यह जानना चाहता है कि कोयल किसका संदेश लेकर आई है।