कैसे पता करें कि गर्भ ठहर गया है? - kaise pata karen ki garbh thahar gaya hai?

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साथी के साथ असुरक्षित तरीके से संबंध बनाने के बाद स्त्रियों के मन में प्रेग्नेंसी को लेकर दुविधा बनी रहती है. इसके लिए वे अगले पीरियड का इंतजार करती हैं. सामान्यत: अगर पीरियड मिस होता है तो मान लिया जाता है कि गर्भ ठहर गया है. लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि गर्भधारण के बाद शरीर में कुछ बदलाव होते हैं जिन पर अगर ध्यान दिया जाय तो प्रेग्नेंसी का पता पहले लगाया जा सकता है.

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1- प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर में महिलाओं में खून की मात्रा में बढ़ोत्तरी होती है और किडनी से अधिक मात्रा में द्रव निकलता है जिसकी वजह से महिलाएं सामान्य से अधिक मूत्रत्याग करती हैं.

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2- प्रोगेस्टरोन हार्मोन की वजह से वक्ष की मैमरी ग्लैंड्स में बढ़ोत्तरी होती है इससे वक्ष में कड़ापन या हल्का दर्द महससू होता है. ये प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षणों में से एक माना जाता है.

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3- प्रेग्नेंट होने पर स्त्री के शरीर में कई बदलाव आते हैं. इसकी वजह से महिलाओं को सामान्य से अधिक थकान होने लगती है. सामान्य से अधिक थकावट और रात में भी बार-बार मूत्रत्याग के लिए जाना प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षणों में से एक है.

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4- प्रेग्नेंट महिलाओं का मन HCG हार्मोन की वजह बहुत मिचलाता है और बार-बार उल्टी करने का मन होता है. इसे भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

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5- जब महिलाओं को खाने के प्रति अनिच्छा महसूस होने लगे तो उन्हें संभल जाना चाहिए. एक दिन तो समझ आता है लेकिन इससे अधिक होने पर ये आपके प्रेग्नेंट होने का लक्षण हो सकता है.

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अगर आप प्रेग्नेंट हैं, तो आपको प्रेग्नेंट होने के बाद से ही प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण नजर आने लग जाएँगे। हालाँकि, सारी महिलाओं में ये लक्षण नहीं नजर आते हैं, लेकिन अगर आपको आ रहे हैं, तो भी इसका ये मतलब नहीं, कि आप प्रेग्नेंट ही हैं। अगर आपको लग लग रहा है, कि आप प्रेग्नेंट हैं, तो आपको सबसे पहले एक प्रेग्नेंसी टेस्ट कर लेना चाहिए या फिर आपके डॉक्टर के पास जाकर टेस्ट करा लेना चाहिए।

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    याद करें, कि आपने आखिरी बार कब सेक्स किया था: प्रेग्नेंट होने की संभावना के लिए, आपके द्वारा नेचरल सेक्स (योनि से सेक्स) ही किया जाना चाहिए। इस मामले में ओरल सेक्स की कोई भूमिका नहीं होती। इसके साथ ही एक बार ये भी सोचकर देखें, कि क्या आपने सेफ सेक्स किया था। अगर आप किसी तरह की बर्थ कंट्रोल पिल्स का इस्तेमाल नहीं कर रही थी और आप और किसी तरह के गर्भनिरोधक (जैसे कि, डायाफ्राम या कंडोम) भी इस्तेमाल नहीं किया था, तो फिर इस तरह के सेफ सेक्स करने की अपेक्षा आपके प्रेग्नेंट होने की ज्यादा संभावना है।[१]

    • आपके द्वारा सेक्स किए जाने के बाद, फल्टिलाइज हुए अंडे को प्रत्यारोपण प्रक्रिया शुरू करने में लगभग छह से दस दिनों का वक़्त लगता है, जिसके बाद से आप आधिकारिक तौर पर गर्भवती हो जाते हैं। इसी समय से आपकी बॉडी हॉर्मोन्स रिलीज करना भी शुरू कर देती है। आप अगर आपके पीरियड मिस होने तक इंतज़ार करती हैं और उसके बाद में प्रेग्नेंसी टेस्ट लेती हैं, तो इससे आपको एकदम सटीक रिजल्ट मिलता है।[२]

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    गौर करें, कब आपका पीरियड मिस हुआ: पीरियड का मिस हो जाना, आपके प्रेग्नेंट होने का सबसे पहला संकेत होता है। अगर आपको अपने पीरियड का इंतज़ार करते हुए, इसकी स्टार्ट डेट से करीब एक हफ्ता या इससे ज्यादा वक़्त हो गया है, तो ये आपके प्रेग्नेंट होने का एक संकेत है।[३]

    • आप अगर आपके पीरियड को ट्रैक (पीरियड ट्रैकर की मदद से) किया करती हैं, तो ऐसे में आपको आपके पिछले पीरियड की याद रखने में बहुत आसानी होगी। अगर आप ऐसा नहीं करती हैं, तो फिर याद करने की कोशिश करें, कि आखिरी बार आपको कब पीरियड आया था। अगर आपको एक महीने से ज्यादा हो चुका है, तो इसका मतलब हो सकता है कि आप प्रेग्नेंट हैं।
    • हालाँकि, ये वाला जो संकेत है, वो फुलप्रूफ नहीं है, खासकर तब जबकि आपके पीरियड हमेशा ऐसे ही मिस हो जाते हैं।

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    आपके स्तनों में आए हुए बदलाव पर ध्यान दें: वैसे तो आपके स्तन का साइज़, प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ता है,[४] धीरे-धीरे आपको और भी बदलाव नजर आते जाएँगे। आप जब प्रेग्नेंट होती हैं, तब आपके शरीर में हॉर्मोन्स का उतार-चढ़ाव बना रहता है, जिसकी वजह से आपके स्तनों में सूजन और नरमी आ जाती है। जैसे-जैसे आप हॉर्मोनल बदलावों की आदि होती जाएँगी, ये दर्द भी कम होते जाएगा।[५]

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    ध्यान दें, अगर आप पूरी तरह से थकान महसूस कर रही हैं: प्रेग्नेंसी के कारण अक्सर ही थकावट महसूस होती है। आप अपने अंदर एक नन्ही सी जान को पाल रही हैं और ये बहुत कठिन काम है। हालाँकि, प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में, ये थकावट आपके पास हार्मोन प्रोजेस्टेरोन (progesterone), जो उनींदापन का असली कारण है, में वृद्धि होने के कारण भी बढ़ती है।[६]

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    पेट में होने वाली गड़बड़ की तरफ भी ध्यान दें: अभी-अभी प्रेग्नेंट हुई महिलाओं में "मॉर्निंग सिकनेस (Morning sickness)" होना एक आम बात है। इसका मतलब कि सुबह-सुबह आपका जी मचलना है, लेकिन ये दिन के किसी भी वक़्त भी हो सकता है। अक्सर, यह लक्षण गर्भधारण के लगभग दो हफ्ते के बाद शुरू होता है और पहले तिमाही के बाद जरा कम हो जाता है।[७]

    • औसतन, लगभग 70-80% प्रेग्नेंट महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस का अहसास होता है।[८]
    • हो सकता है, कि आपको कुछ तीखी महक या किसी तरह के खाने से नफरत होने लग जाए, लेकिन उसी वक़्त आपको किसी दूसरे भोजन को लेने की ललक भी जागे।[९]
    • आपको कब्ज जैसी और दूसरी पाचन संबंधी परेशानियाँ भी हो सकती हैं।[१०]
    • बहुत सी महिलाओं के अंदर किसी भी तरह की महक को पहचानने की काबिलियत भी बढ़ जाती है और वो धुआं, जलने की बदबू और शरीर की महक जैसी किसी भी महक को महसूस कर लिया करती हैं। इस तरह की संवेदनशीलता की वजह से भी जी मचलने जैसी फीलिंग हो भी सकती है और नहीं भी।

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    ध्यान दें, अगर आप बार-बार यूरिन करने के लिए बाथरूम के चक्कर लगा रही हैं: शुरुआती लक्षणों में आप आपके अंदर बार-बार यूरिन करने की इच्छा को पाएँगे। बाकी के अन्य लक्षणों की तरह ही, ये लक्षण भी आपको हॉर्मोन्स में आने वाले बदलाव की वजह से महसूस होगा।[११]

    • प्रेग्नेंसी में बाद में, बेबी आपके ब्लैडर पर प्रैशर बना सकता है, जिसकी वजह से भी आपको बार-बार बाथरूम जाने का लक्षण नजर आएगा। हालाँकि, प्रेग्नेंसी की शुरुआत में, ऐसे बार-बार बाथरूम जाने की असली वजह हॉर्मोन्स में आने वाला बदलाव है।

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    प्रत्यारोपण रक्तस्त्राव (implantation bleeding) की ओर ध्यान दें: कुछ महिलाओं में, उनके पीरियड के शुरू होने के वक़्त पर हल्का सा रक्तस्त्राव भी देखा जाता है। आपको आपके अंडरवियर में कुछ रक्त या भूरे रंग का धब्बा नजर आएगा। ऐसा कुछ हफ्तों तक जारी रहेगा, लेकिन ये आपके पीरियड की अपेक्षा बहुत हल्का भी रहेगा।[१२]

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    मूड स्विंग (मूड बदलने) की ओर ध्यान दें: प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले हॉर्मोनल बदलावों की वजह से आपका मूड प्रभावित हो सकता है, जिसकी वजह से आप एक पल बहुत खुश और उसी पल में रोना शुरू कर सकती हैं। जरूरी नहीं कि सबको शुरू में ही मूड स्विंग महसूस हो, लेकिन ये बाद में भी हो सकता है। अगर आप खुद को एकदम चीख-चीखकर रोता हुआ या फिर अपने करीबियों के ऊपर चिल्लाते हुए पाती हैं, तो ये भी आपके प्रेग्नेंट होने का एक संकेत हो सकता है।[१३]

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    सिर चकराने या चक्कर आने पर गौर करें: आपको प्रेग्नेंसी के दौरान कभी भी चक्कर आ सकते हैं, जिसमें प्रेग्नेंसी का शुरुआती दौर भी शामिल है। प्रेग्नेंसी की शुरूआत में, इसकी वजह ये होती है, कि आपकी बॉडी नए ब्लड वेसल्स (blood vessels) को तैयार कर रही होती है (जिसकी वजह से ब्लड प्रैशर में बदलाव आता है)। हालाँकि, ये लो ब्लड शुगर की वजह से भी हो सकता है।[१४]

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    एक होम प्रेग्नेंसी टेस्ट (home pregnancy test) लेकर देखें: आप अगर आपके पीरियड आने की संभावना के समय के बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट लेती हैं, तो ये आपको एकदम सही रिजल्ट दिखाता है। आप इस प्रेग्नेंसी टेस्ट को किसी भी मेडिकल स्टोर से, ग्रोसरी स्टोर से या सुपर मार्केट से भी खरीद सकती हैं। आप इसे या तो फैमिली प्लानिंग प्रोडक्टस (परिवार-नियोजन सामग्री) के साथ में या फिर हाइजीन प्रोडक्टस के साथ में पाएँगी।[१५] आपके पीरियड मिस करने से पहले किए हुए कुछ प्रेग्नेंसी टेस्ट भी सटीक होते हैं, लेकिन इसका रिजल्ट यही होना चाहिए।[१६]

    • सुबह उठते ही टेस्ट लेकर देखें, क्योंकि इस वक़्त पर इसके सही परिणाम देने की संभावना ज्यादा होती है। बॉक्स पर दिये गए निर्देशों का पालन करें, लेकिन आमतौर पर, आपको टेस्ट स्ट्रिप वाली स्टिक के एक किनारे पर यूरिन की कुछ ड्रॉप्स डालना होती है। ऐसा करने के बाद, इसे किसी समतल स्थान पर रख दें।
    • रिजल्ट पाने के लिए कम से कम पाँच मिनट या इससे ज्यादा वक़्त का इंतज़ार करें। इसके पैकेट पर सब-कुछ लिखा हुआ होगा, कि आपको क्या रिजल्ट दिखना चाहिए। कुछ टेस्ट में 2 लाइन से प्रेग्नेंट होने की पुष्टि होती है, वहीं कुछ में एक नीली लाइन से।[१७]

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    तय करें कि नेगेटिव रिजल्ट मिलने के बाद भी आपको दोबारा ऐसा करने की जरूरत है या नहीं: अगर आपको नेगेटिव रिजल्ट मिलता है, तो ज़्यादातर समय इसका यही मतलब होता है कि आप प्रेग्नेंट नहीं हैं। हालाँकि, अगर आपने बहुत जल्दी (आपके पीरियड मिस होने से पहले ही) टेस्ट को करके देखा था, तो इसकी वजह से भी, आपके प्रेग्नेंट होते हुए भी आपको नेगेटिव रिजल्ट नजर आता है। अगर आप एकदम आश्वस्त होना चाहती हैं, तो आपको एक बार फिर से टेस्ट कर लेना चाहिए।[१८]

    • अब आपके पीरियड मिस हो जाने के बाद, इसे एक बार फिर से करके देखें।

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    पॉज़िटिव रिजल्ट मिलने के बाद इसकी पुष्टि के लिए डॉक्टर के पास जाएँ: हालाँकि, आजकल चल रहे सारे प्रेग्नेंसी टेस्ट एकदम सटीक होते हैं, लेकिन फिर भी आपको पूरी तरह से आश्वस्त होना चाहिए। इसके साथ ही, अगर आप प्रेग्नेंट हैं, तो आपको कुछ प्लान भी तैयार करने होंगे, जैसे कि यह तय करना कि आप बच्चे को रखना चाहते हैं या प्रसवपूर्व देखभाल शुरू करना चाहते हैं। आप चाहें तो किसी फैमिली प्लानिंग क्लीनिक में जाकर या आपके फिजीशियन या गायनेकोलोजिस्ट के ऑफिस जाकर गुप्त रूप से यूरिन टेस्ट कर सकती हैं।[१९]

    • आपके यूरिन टेस्ट के पॉज़िटिव होने के बाद भी, आपके डॉक्टर आपके प्रेग्नेंट होने की पुष्टि करने के लिए आपका ब्लड टेस्ट भी कर सकते हैं। फिर डॉक्टर आपको प्लान तैयार करने में मदद कर सकते हैं।

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    तय करें, कि आप बच्चे को संभालने लायक परिस्थिति में हैं या नहीं: अगर आप अचानक ही बिना सोचे-समझे प्रेग्नेंट हो गई हैं, तो फिर आपको तय करना होगा, कि आप बच्चे को रखना चाहती हैं या नहीं। तय करें, कि आप फिजिकल और फायनेंशियल, दोनों ही रूप से अपने बच्चे की ज़िम्मेदारी उठाने के लायक हैं या नहीं। अगर आप अभी तैयार नहीं हैं, तो सोचें, कि क्या आप अपने बच्चे की देखभाल के लिए, कुछ जरूरी बदलाव कर सकती हैं? एक बच्चा, फिजिकली, इमोशनली और फायनेंशली बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी होता है। वैसे तो कोई भी पैरेंट्स एकदम परफेक्ट नहीं होते, आपके मन में कम से कम, एक-दूसरी ज़िंदगी की ज़िम्मेदारी उठाने की इच्छा जरूर होनी चाहिए।[२०]

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    आपके पार्टनर के साथ इसके बारे में बात करें: एक-साथ मिलकर ये विचार करें, कि आप-दोनों इस बेबी को इस दुनिया में लाना चाहते हैं या नहीं। आप दोनों ही किसी बढ़ते हुए बच्चे की ज़िम्मेदारी उठा सकें, इसके लिए आपके रिश्ते को इस लायक मेच्योर होना चाहिए।[२१] अगर बच्चे का पिता आपके पास में है, तो उसके साथ में बैठकर आपकी प्रेग्नेंसी के ऊपर बात करें और तय करें कि आगे क्या करना है।

    • अगर उसका पिता आपके आसपास नहीं है, तो फिर अपनी इस प्रेग्नेंसी और आपकी परिस्थिति के बारे में किसी ऐसे इंसान के साथ में बात करें, जिसे आपकी परवाह हो, जैसे कि आपके पैरेंट्स या आपके भाई-बहन, बस आपके साथ में कोई ऐसा इंसान होना चाहिए, जो आपको सही सलाह दे सके।

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    प्रसवपूर्व देखभाल शुरू कर दें: अगर आपने बच्चे को दुनिया में लाने का फैसला ले लिया है, तो अब आप प्रसवपूर्व देखभाल करना शुरू कर सकते हैं।[२२] प्रसवपूर्व देखभाल करने का मतलब, डॉक्टर का पास जाकर रेगुलर चेकअप कराते रहना और अपने बेबी को हैल्दी रखना है। आपका डॉक्टर पहली बार जाने पर, आपका हेल्थ चेकअप करेगा, साथ ही वो किसी तरह की सेक्सुअली ट्रांसमिटेड बीमारी और डायबिटीज़ की भी जांच करेगा और आपके बेबी की हेल्थ को भी चेक करेगा। फिर आगे की सारी जाँच या रेगुलर चेकअप के लिए आपका डॉक्टर आपको बताएगा।[२३]

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    तय करें, आप अगर प्रेग्नेंसी को यहीं पर खत्म करना चाहते हैं: आप अगर चाहें तो बेबी को दुनिया में न लाने का फ़ैसला कर सकते हैं, और इसमें कुछ गलत नहीं है। अगर ऐसा ही है, तो आपके पास में सबसे पहले, अबोर्शन (गर्भपात) कराने का विकल्प आता है, हालाँकि पिल्स के जरिये भी सेक्स के पाँच दिन के बाद तक का काम किया जा सकता है।[२४]

    • आपके एरिया के अबोर्शन क्लीनिक के बारे में रिसर्च करें: वो आपके विकल्पों के हिसाब से आपकी मदद कर सकेंगे। एक बात ध्यान में रखें, कई जगहों पर और देशों में ऐसा नियम होता है, कि आपको आपके डॉक्टर को हर वो जरूरी जानकारी देना होती है, जो आपको अबोर्शन के फैसले को सही साबित करती हों। अगर आप सच में अबोर्शन कराना चाहती हैं, अपनी इच्छा को न दबाएँ - बस इस बात की पुष्टि कर लें, कि आपको अबोर्शन की वजह से होने वाले सारे खतरों की जानकारी है। कुछ जगहों पर अबोर्शन कराने से पहले अनिवार्य रूप से अल्ट्रासाउंड (ultrasound) कराना ही पड़ता है। और कहीं-कहीं पर तो अगर आपकी उम्र 18 वर्ष से कम है, तो आपके पैरेंट्स की अनुमति की जरूरत भी होती है।[२५]
    • पहली तिमाही में कराने लायक अबोर्शन के प्रकार में मेडिकल और सर्जिकल के नाम शामिल हैं। आपको "सर्जिकल" नाम सुनकर डरने की कोई जरूरत नहीं है, इसमें किसी भी तरह की कटिंग नहीं की जाती। आमतौर पर एक ट्यूब या फोरसेप्स (चिमटा) के जरिये आपके सर्विक्स को खोला जाता है और फिर उसे खींचा जाता है।[२६]
    • मेडिकल अबोर्शन में, अबोर्शन करने के लिए पिल का इस्तेमाल किया जाता है।[२७]

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    गोद लेने की प्रक्रिया के ऊपर रिसर्च करें: अगर आप बेबी को जन्म तो देना चाहती हैं, लेकिन आपको लगता है, कि उसे अकेले बड़ा करने के काबिल नहीं हैं, तो ऐसे में अपने बच्चे को गोद देने के लिए तैयार करना, आपके लिए एक अच्छा विकल्प होगा। ये फैसला करना आपके लिए बहुत कठिन होगा, और एक बार पेपर्स साइन करने के बाद, इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं हो सकता। अगर ये विकल्प आपको सही लगता है, तो फिर इसके बारे में बुक्स पढ़कर, इंटरनेट पर रिसर्च करके, क्लोज फ्रेंड्स से बात करके, और किसी एडाप्शन लॉंयर या एडाप्शन प्रोफेशनल से बात करके शुरुआत करें।[२८]

    • पिता से बात करें। कुछ जगहों पर बच्चे को आधिकारिक रूप से गोद देने से पहले पिता को अपनी सहमति देनी होती है। अगर आपकी उम्र 18 वर्ष से कम है, तो किसी भी फैसले को करने से पहले आपको अपने पैरेंट्स से बात करनी होगी।
    • तय करें, कि आप किस तरह के एडाप्शन करना है। आप चाहें तो इंडिपेंडेंट एडाप्शन के लिए, किसी एजेंसी के जरिये या फिर एजेंसी की बजाय किसी लॉंयर (वकील) को हायर कर सकती हैं।
    • गोद लेने वाले पैरेंट्स को बेहद सावधानी से चुनें। आपको अपने बच्चे के लिए ऐसे पैरेंट्स की तलाश करनी है, जो इस बच्चे को आपकी इच्छानुसार बड़ा कर सकते हों या फिर आप किसी ऐसी फैमिली को भी चुन सकते हैं, जो आपको भी बच्चे की लाइफ में रहने की परमिशन दे। कुछ तरह के एडाप्शन में, पैरेंट्स आपकी प्रसवपूर्ण देखभाल में और मेडिकल के सारे खर्चों को पूरा करते हैं।

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कैसे पता लगाएं कि आप प्रेग्नेंट है?

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कितने दिन बाद पता चलता है कि प्रेग्नेंट है?

साफ तौर पर प्रेग्नेंसी का पता तब ही लगाया जा सकता है जब महिला के खून में HCG हॉर्मोन का स्राव होने लगे। ज्यादातर महिलाओं में इस प्रोसेस को पूरा होने में 6 से 7 दिन लग जाते हैं। वहीं एक्सपर्ट यह भी सलाह देते हैं कि अगर आपके पीरियड अबतक रेग्युलर रहे हैं, तो साइकल मिस होने के ठीक अगले दिन भी आप टेस्ट करवा सकते हैं।