कुलथी की दाल का प्रयोग कैसे करें? - kulathee kee daal ka prayog kaise karen?

पथरी की समस्या 

खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण अधिकतर लोग किडनी स्टोन की समस्या से परेशान रहते हैं। आमतौर पर ये स्टोन यूरीन के रास्ते शरीर से बाहर निकाल जाते हैं। पथरी में यूं तो कोई परेशानी नहीं होती है लेकिन जब इसका दर्द उठता है तो वो असहनीय हो जाता है। शरीर में जब कैल्शियम और कोलेस्ट्राल की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो स्टोन बन जाते है। अगर इसके लक्षण समय में पहचान लिया जाए तो कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर आसानी से इस समस्या से निजात पा सकते हैं। आज हमआपको बताएंगे कि कुलथी के दाल का पानी पीने से आप पथरी से कैसे निजात पा सकते हैं?  

कुलथी के दाल का पानी नियमित रूप से पीने से किडनी में मौजूद पथरी धीरे-धीरे गलने लगती है और पेशाब के जरिए के बाहर निकल जाती है। अगर आप किडनी की पथरी के शुरुआती दौर से गुजर रहे हैं या फिर आपके पथरी का साइज छोटा है, तो इससे कुछ ही दिनों में आपको राहत मिल सकता है। चलिए जानते हैं किडनी स्टोन होने पर किस तरह करें कुलथी दाल के पानी का सेवन?

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कैसे करें कुलथी दाल के पानी का सेवन

  • सबसे पहले करीब 25 ग्राम कुलथी की दाल लें। 
  • इस दाल को पानी में अच्छे से धो लें। इसके बाद थोड़े से पानी में रातभर के लिए भिगोकर छोड़ दें। 
  • सुबह उठकर दाल को छानकर इसका पानी पिएं। 
  • करीब 4 से 5 महीने लगातार इस पानी का सेवन करने से किडनी की पथरी ठीक हो सकती है।

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किडनी स्टोन में किस तरह काम करती है कुलथी की दाल?

कुलथी की दाल में फ्लेवोनोइड्स, स्टेरॉयड, फेनोलिक कंपोनेंट और सैपोनिन जैसे कई तत्व मौजूद होते हैं। सा ही ये एंटी-यूरोलिथियासिस गुणों से भरपूर होता है, जो पथरी को धीरे-धीरे छोटा करके आपके शरीर से बाहर निकालता है। 

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कुलथी दाल खाने से सेहत को होने वाले अन्य फायदे  

  • वजन कंट्रोल करने में सहायक
  • डायबिटीज कंट्रोल करने में असरदार
  • कोलेस्ट्रॉल लेवल को करे कंट्रोल
  • सर्दी-जुकाम की परेशानी से राहत
  • पेट में अल्सर से मिल सकता है छुटकारा

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मसूर, मूंग, राजमा व अरहर जैसी आम दालों के अलावा कुछ अन्य दालें भी खाई जाती हैं। कुलथी भी ऐसी ही दाल है, जिसका नाम शायद आपने पहले कभी न सुना हो। चिकित्सा जगत में कुलथी की दाल को एक विशेष दर्जा प्राप्त है, क्योंकि इस पर किए गए अध्ययनों ने इसके कई औषधीय गुणों को उजागर किया है। स्टाइलक्रेज के लेख में हमारे साथ जानिए कि शरीर से जुड़ी परेशानियों के लिए कुलथी दाल आपकी किस प्रकार मदद करती है। साथ ही, कुलथी दाल के नुकसान क्या हो सकते हैं, इसे भी जानेंगे।

विस्तार से पढ़ें

चलिए, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि कुलथी दाल क्या होती है।

विषय सूची

  • कुलथी दाल क्या है? – What is Horse Gram in Hindi
  • कुलथी दाल (Kulthi Dal) के फायदे – Benefits of Horse Gram in Hindi
  • कुलथी दाल के पौष्टिक तत्व – Horse Gram Nutritional Value in Hindi
  • कुलथी दाल (Kulthi Dal) का उपयोग – How to Use Horse Gram in Hindi
  • कुलथी दाल के नुकसान – Side Effects of Horse Gram in Hindi

कुलथी दाल क्या है? – What is Horse Gram in Hindi

कुलथी एक प्रकार की दाल है, जिसे अंग्रेजी में हार्स ग्राम के नाम से जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम मैक्रोटिलोमा यूनिफ्लोरम (Macrotyloma uniflorum) है। यह औषधि के रूप में फायदेमंद मानी जाती है। इसे दक्षिण भारत की महत्वपूर्ण फसल माना गया है। इसका रंग गहरा भूरा होता है और देखने में मसूर की दाल की तरह लगती है। दक्षिण भारत के कुछ प्रमुख व्यंजनों जैसे रसम आदि बनाने के लिए इसे प्रयोग में लाया जाता है। इस दाल को कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा व तमिलनाडु के अलावा छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी उगाया जाता है (1)।

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लेख के इस भाग में कुलथी की दाल खाने के फायदे के बारे में जानेंगे।

नीचे क्रमवार रूप से जानिए शरीर के लिए कुलथी दाल के फायदे। वहीं, पाठक इस बात का भी ध्यान रखें कि कुलथी की दाल लेख में शामिल शारीरिक समस्याओं का इलाज नहीं है। इसका सेवन बीमारियों से बचाव और उनके लक्षणों को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है। अब पढ़ें आगे कुल्थी दाल बेनिफिट्स–

1. पथरी के लिए

कुलथी की दाल के फायदे पथरी यानी किडनी स्टोन के लिए भी देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर मौजूद एक शोध के अनुसार, पथरी के लिए कुलथी का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। कुलथी दाल एंटीऑक्सीडेंट और शरीर से गंदगी बाहर निकालने वाले गुणों से समृद्ध होती है, जो किडनी से पथरी को बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं। शायद यही वजह है कि इसे किडनी स्टोन के इलाज के लिए पारंपरिक और वैकल्पिक दवा का दर्जा प्राप्त है (2)।

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, कुलथी दाल एक कारगर मूत्रवर्धक यानी पेशाब को बढ़ावा देने वाला प्रभाव के रूप में काम करती है, जो पेशाब के रास्ते किडनी स्टोन को निकालने का काम कर सकती है (3)।

2. मधुमेह

डायबिटीज से निपटने के लिए कुलथी के फायदे देखे जा सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, हार्स ग्राम एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होती है, जो मधुमेह के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कुलथी टाइप 2 डायबिटीज पर भी सकारात्मक प्रभाव छोड़ सकती है (2)।

इसके अलावा, कुलथी दाल रेजिस्टेंस स्टॉर्च से भी समृद्ध होती है। यह कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा करके और इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करके पोस्टपेंडिअल हाइपरग्लाइसेमिया यानी भोजन के बाद ब्लड शुगर की अधिकता को कम कर सकती है। इससे मधुमेह के मरीजों को फायदा हो सकता है (2)।

3. वजन घटाने के लिए

वजन घटाने के लिए भी कुलथी दाल खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। कुलथी दाल से संबंधित एक शोध में वजन कम करने के लिए कुलथी दाल को लाभकारी बताया गया है। इसके पीछे इसमें मौजूद फाइबर तत्वों को जिम्मेदार माना जा सकता है (4)। वजन घटाने के लिए कुलथी दाल के सूप का सेवन किया जा सकता है।

4. कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करे

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए भी कुल्थी की दाल का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, कुलथी दाल हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिक यानी कोलेस्ट्रोल को कम करने वाला प्रभाव प्रदर्शित करती है। इसके अलावा, इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर मौजूद होता है (2)। वहीं, फाइबर एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम कर सकता है (5)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि बढ़े हुए कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में कुलथी की दाल सहायक हो सकती है ।

5. डायरिया के लिए

डायरिया जैसी स्थिति से निपटने के लिए कुल्थी की दाल के फायदे देखे जा सकते हैं। कुलथी दाल फ्लेवोनॉइड जैसे तत्वों से भरपूर होती है, जिस कारण यह एंटी-डायरिया के रूप में काम कर सकती है। इसके अलावा, कुलथी दाल में मौजूद फाइबर अहम भूमिका निभा सकता है (6)। फाइबर पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है, जो डायरिया से निजात दिलाने में मदद कर सकता है (2)।

6. अल्सर

इस मामले में भी कुलथी की दाल में मौजूद फ्लेवोनॉयड की भूमिका देखी जा सकती है। फ्लेवोनॉयड कारगर एंटी-अल्सर की तरह काम कर सकता है। यह अल्सर से उबरने में मदद कर सकता है (2)। साथ ही अल्सर जैसी स्थितियों में भी फाइबर अहम भूमिका निभा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन पेट के अल्सर से पीड़ित मरीजों को फाइबर युक्त आहार खाने की सलाह देता है। फाइबर पेट की सूजन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में होने वाले दर्द को कम कर पेट के अल्सर के लिए लाभदायक हो सकता है (7)।

7. सर्दी और बुखार

सर्दी और बुखार जैसी शारीरिक समस्याओं से निपटने के लिए भी कुलथी की दाल के फायदे देखे जा सकते हैं। बुखार और सर्दी के लिए इस दाल का प्रयोग पारंपरिक दवाई के रूप में सदियों से किया जा रहा है। कुलथी दाल न सिर्फ सर्दी-बुखार से निजात दिलाने का काम करती है, बल्कि गले के संक्रमण को दूर करने का काम भी कर सकती है (2)।

वहीं, एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार कुलथी की दाल का पानी सर्दी-खांसी से छुटकारा दिला सकता है (3)। विशेषज्ञ के अनुसार, कुलथी दाल की तासीर गर्म होती है, इसलिए खासतौर से सर्दियों में इसका सेवन ज्यादा किया जाता है।

8. अनियमित माहवारी

अनियमित माहवारी की परेशानी में भी कुलथी दाल के फायदे देखे जा सकते हैं। यूनानी चिकित्सा पद्धति में इलाज के लिए कुलथी दाल का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। इसका सकारात्मक प्रभाव अनियमित माहवारी जैसी स्थितियों पर भी दिख सकता है (2)। हालांकि, इसे लेकर अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।।

9. कब्ज

कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भी कुर्थी की दाल के फायदे देखे जा सकते हैं। जैसा कि हमने पहले बताया कि कुलथी की दाल फाइबर से समृद्ध होती है, जो कब्ज से निजात दिलाने का काम कर सकती है (2)। फाइबर स्टूल को मुलायम बनाता है और मल त्याग की प्रक्रिया को सरल बना सकता है (8)। ऐसे में कहा जा सकता है कि कब्ज की समस्या में कुल्थी की दाल के फायदे देखे जा सकते हैं।

10. पाचन के लिए

यहां भी फाइबर की भूमिका देखी जा सकती है। पेट के लिए जरूरी पोषक तत्वों में फाइबर प्रमुख है, जो पाचन क्रिया को सुचारू बनाने के साथ-साथ कब्ज जैसी दिक्कतों से भी छुटकारा दिला सकता है(9)। स्वस्थ पाचन के लिए कुल्थी दाल बेनिफिट्स हासिल किए जा सकते हैं (2)।

11. हृदय के लिए

कुल्थी के लाभ में हृदय को स्वस्थ रखना भी शामिल है। एनसीबीआई पर उपलब्ध एक शोध में साफतौर से यह बताया गया है कि कुलथी दाल में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम कर हार्ट अटैक के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है। इसके अलावा, शोध में यह भी बनाया गया है कि कुलथी दाल में फेनोलिक एसिड, फ्लेवोनॉइड और टैनिन मौजूद होते हैं, जो हृदय संबंधी समस्याओं से बचाव कर सकते हैं (2)।

12. बवासीर के लिए

कुलत्थ का उपयोग बवासीर की समस्या को दूर करने के लिए भी लाभकारी माना जा सकता है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल लंबे समय से कई रोगों के इलाज के लिए किया जा रहा है, जिसमें बवासीर भी एक है। इसके पीछे कुलथी दाल का कौन-सा गुण जिम्मेदार है, इसके लिए शोध की आवश्यकता है।

13. त्वचा के लिए

त्वचा के लिए कुल्थी के फायदे बहुत हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस दाल को पीसकर प्रयोग में लाने से चकत्तों और फोड़ों से छुटकारा पाया जा सकता है (3)। इसके अलावा, कुलथी दाल में फ्लेवोनॉयड पाए जाते हैं (2)। जबकि फ्लेवोनॉयड त्वचा को सूर्य की हानिकारक पैराबैंगनी किरणों से बचाने में सहायक हो सकते हैं (10)।

पढ़ते रहें

कुल्थी के फायदे जानने के बाद चलिए अब जानते हैं कि इसमें कौन-कौन से पोषक तत्व मौजूद होते हैं।

कुलथी दाल के पौष्टिक तत्व – Horse Gram Nutritional Value in Hindi

नीचे दी गई तालिका के माध्यम से जानिए कुलथी में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में, जिनमें बताई गई मात्रा मौजूद हो सकती है (2) :

पोषक तत्व मात्रा प्रति ग्राम
ऊर्जा 321 kcal
जल 12 g
प्रोटीन 22 g
मिनरल्स 3 g
फाइबर 5 g
कैल्शियम 287 mg
आयरन 7 mg
कार्बोहाइड्रेट 57 g
फास्फोरस 311 g

अभी बाकी है लेख

नीचे जानिए कुलथी दाल का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है।

कुलथी दाल (Kulthi Dal) का उपयोग – How to Use Horse Gram in Hindi

कुलथी की दाल का सेवन किस प्रकार किया जाए, यह जानना भी जरूरी है। इस बारे में हम यहां विस्तार से बता रहे हैं।

  • इसे आम दाल की तरह बनाकर खा सकते हैं। इसके लिए आवश्यकतानुसार कुलथी को रातभर पानी में भिगोकर रख दें और फिर अगले दिन बनाएं।
  • दक्षिण भारत में इसका इस्तेमाल रसम नामक खास व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है।
  • कुलथी को अंकुरित रूप में भी खा सकते हैं।
  • इसके अलावा, कुलथी की रोटियां बनाकर भी खा सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले कुलथी दाल को आटे की तरह पीसा जाता है।
  • उसके बाद इसकी रोटियां बनाई जाती हैं।
  • कुलथी की दाल का इस्तेमाल कर लड्डू भी बनाए जा सकते हैं।

जानकारी बाकी है

कुलथी की दाल के उपयोग के बाद चलिए आगे जान लेते हैं कुलथी की दाल के नुकसान के बारे में।

कुलथी दाल के नुकसान – Side Effects of Horse Gram in Hindi

कुलथी की दाल खाने के फायदे के अलावा कुलथी की दाल के नुकसान भी हैं, जिनके बारे में नीचे क्रमानुसार बताने जा रहे हैं।

  • कुलथी में फाइबर की मात्रा पाई जाती है और फाइबर की अधिक मात्रा पेट में गैस, सूजन व पेट में ऐंठन का कारण बन सकती है (9)।
  • कुलथी को कैल्शियम का भी अहम स्रोत माना गया है। शरीर में कैल्शियम की मात्र जरूरत से ज्यादा होने पर पेट में सूजन व गैस के साथ कब्ज की समस्या हो सकती है (11)। ऐसे में इसका अधिक सेवन कुलथी दाल के नुकसान में शामिल हो सकता है।

अब तो आप शरीर के लिए कुलथी दाल खाने के फायदे जान गए होंगे। कुलथी के लाभ पाने के लिए आपको इसे अपने दैनिक आहार में जरूर शामिल करना चाहिए। खासकर, किडनी स्टोन के लिए कुलथी दाल का इस्तेमाल किया जा सकता है। बेशक, इसके नुकसान कम देखे गए हैं, लेकिन इसका सेवन करने के दौरान कुछ दुष्प्रभाव नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आशा है कि कुल्थी की दाल इन हिंदी पर लिखा यह लेख आपको पसंद आया होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या हॉर्सग्राम का सेवन कब्ज का कारण बनता है?

नहीं, हॉर्सग्रास यानी कुल्थी दाल फाइबर से भरपूर होती है, जो कब्ज से राहत प्रदान कर सकती है (2)।

क्या कुलथी दाल कोलेस्ट्रॉल के लिए अच्छी है?

हां, कुलथी दाल का सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक माना गया है (5)।

क्या कुलथी दाल बवासीर के लिए हानिकारक है?

नहीं, कुलथी दाल का सेवन बवासीर के लिए हानिकारक नहीं है। आयुर्वेद में सालों से बवासीर के इलाज के लिए कुलथी का उपयोग लाभकारी माना गया है (10)।

क्या कुलथी दाल रक्तचाप बढ़ाता है?

नहीं, कुलथी दाल बढ़े हुए रक्तचाप को कम करने के लिए जानी जाती है (2)।

कुलथी की दाल कैसी होती है?

कुलथी की दाल का रंग गहरा भूरा होता है और देखने में यह मसूर की दाल की तरह लगती है।

संदर्भ (Sources) :

कुलथी की दाल को कैसे खाना चाहिए?

किस तरह करें कुलथी दाल का सेवन थोड़ा सा कुलथी साफ कर लें। इसे एक कटोरे में पानी में डालकर रात भर के लिए रख दें। सुबह उठने के बाद खाली पेटइसी दाल के पानी को पी जाएं। इस तरह कुलथी दाल का पानी (Kulthi Deel ka pani) प्रत्येक दिन एक कप भी तीन से चार महीने पिएंगे, तो आपको लाभ होगा।

किडनी स्टोन के लिए कुलथी दाल का उपयोग कैसे करें?

कुलथी की दाल को नियमित खाने से पथरी धीरे धीरे गल जाती है और यूरिन के रास्‍ते से बाहर निकल जाती है।.
इसे 200 मिलीलीटर पानी में 25 ग्राम दाल उबालकर तैयार किया जा सकता है।.
इसे तब तक उबाला जाना चाहिए जब तक पानी 50 मिलीलीटर तक कम न हो जाए।.
इसे छान लें और दिन में दो बार गरमा गरम पीएं।.

कुर्थी का दाल का पानी पीने से क्या फायदा?

कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करता है (kulthi Water For High Cholesterol) ... .
डायबिटीज में फायदेमंद (kulthi Water For High Diabetes) ... .
लिकोरिया (सफेद पानी) की समस्या में फायदेमंद (kulthi Water For Leucorrhoea) ... .
वजन घटाने में मददगार (kulthi Water For Weight Loss) ... .
स्किन की समस्याओं को दूर करता है (kulthi Water For Skin Issues).

कुलथी खाने से क्या फायदा?

कुल्थी दाल शरीर में एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को कम कर एचडीएल यानी गुड कोलेस्टॉल को बढ़ाने में मदद करती है. इसीलिए कुल्थी दाल का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहता है. मौसम बदले के साथ ही सीजनल फ्लू जैसे सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार की समस्या आम हो जाती है. वहीं कुल्थी दाल की तासीर गर्म होती है.

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