झाँसी की रानी Show झाँसी की रानी काव्यांश 1 सिंहासन हिल उठे, राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, प्रसंग 1 व्याख्या 1 विषय- To view the complete topic, please झांसी की रानी कविता से क्या तात्पर्य है?झाँसी की रानी हिंदी भाषा की कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा लिखी गयी एक कविता है। कविता का विषय 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाली, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई और उनके द्वारा अंग्रेजों के साथ लड़ा गया युद्ध है।
रानी लक्ष्मी बाई की कहानी हमें क्या संदेश देती है?Answer: झांसी की रानी के जीवन से हमे प्रेरणा ले सकते हैं कि अपनी स्वतंत्रता और मातृभूमि की रक्षा के लिए हमे अपना तन मन धन सब कुछ निछावर कर देना चाहिए। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के चरित्र से हमे वीरता, स्वदेश प्रेम और आत्मबलिदान की प्रेरणा मिलती है।
झांसी की रानी कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है?'झाँसी की रानी' कविता से हमें प्रेरणा मिलती है कि हम अपनी मातृभूमि की आजादी की रक्षा अपने प्राणों की बलि चढ़ा कर भी करें। अन्याय के आगे नझुकें। साथ ही, हमारे अन्दर राष्ट्र प्रेम और राष्ट्रीयता की भावना पुष्ट होती है। (क) हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में।
झांसी की रानी कविता में मर्दानी शब्द का क्या आशय है?खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।। इस पद में क्रूर अंग्रेज़ों की निर्लज्जता का वर्णन है कि कैसे वे लोग सभी राजाओं तथा नवाबों की हत्या के बाद, वहां के राज्य तो हड़पते ही थे, साथ ही साथ वे उनकी रानियों और बेगमों की इज़्ज़त से भी खिलवाड़ करते थे। चाहे वह लखनऊ की बेगम हों, या कलकत्ता और नागपुर की रानियां।
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