जापान में मानसिक रोग के क्या कारण है आप इन कारणों से कहाँ तक सहमत है झेन की देन पाठ के आधार पर तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए? - jaapaan mein maanasik rog ke kya kaaran hai aap in kaaranon se kahaan tak sahamat hai jhen kee den paath ke aadhaar par tarkapoorn uttar deejie?

'झेन की देन' पाठ में जापानी लोगों को मानसिक रोग होने के क्या-क्या कारण बताए गए हैं? आप इनसे कहाँ तक सहमत हैं? तर्क सहित लिखिए। 


लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के कारण बताए हैं कि मनुष्य चलता नहीं दौड़ता है,  बोलता नहीं   बकता है, एक महीने का काम  एक दिन में करना चाहता है ,दिमाग हजार गुना अधिक तेजी से दौड़ आता है| अतः तनाव बढ़ जाता है| मानसिक रोगों का प्रमुख कारण प्रतिस्पर्धा के कारण दिमाग का नियंत्रित रूप से कार्य न करना है |हम यह भी मानते हैं कि मानसिक रोग ज्यादा से ज्यादा तनाव पैदा करता है जिससे मस्तिष्क पर अत्यधिक तनाव ,अत्यधिक दुख या कष्ट उत्पन्न हो सकते हैं यह स्थिति मनुष्य को बीमार बना देती है| आज का मनुष्य संतोष भरा जीवन व्यतीत नहीं करते वह बस भागना चाहते हैं इस दौड़ में सबसे आगे निकलना चाहते हैं यही स्थिति है उन्हें मानसिक रोगी बना देती है इन सारे  कथनसे हम बिल्कुल सहमत हैं

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निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए -
प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट किसे कहते हैं?


प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट उन्हें कहते हैं जो लोग आदर्श बनते हैं और व्यवहार के समय उन्हीं आर्दशों को तोड़ मरोड़ कर अवसर का लाभ उठाते हैं। 

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निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए -
लेखक ने जापानियों के दिमाग में 'स्पीड' का इंजन लगने की बात क्यों कही है?


जापानी लोग उन्नति की होड़ में सबसे आगे हैं। वे महीने का काम एक दिन में करने का सोचते हैं। इसलिए लेखक ने जापानियों के दिमाग में स्पीड का इंजन लगने की बात कही है।

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निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए -
पाठ के संदर्भ में शुद्ध आदर्श क्या है?


पाठ के सन्दर्भ में शुद्ध आदर्श वह है जिसमें लाभ-हानि की गुंजाइश नहीं होती है। अर्थात् शुद्ध आदर्शों पर व्यावहारिकता हावी नहीं होती। जिसमें पूरे समाज की भलाई छिपी हुई हो तथा जो समाज के शाश्वत मूल्यों को बनाए रखने में सक्षम हो, वही शुद्ध आदर्श है।

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निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए -
शुद्ध सोना और गिन्नी का सोना अलग क्यों होता है?


शुद्ध सोना और गिन्नी का सोना अलग इसलिए होता है क्योंकि इसमें किसी प्रकार की मिलावट नही की जाती। यह पूरी तरह शुद्ध होता है गिन्नी के सोने में थोडा-सा ताँबा मिलाया होता है, इसलिए वह ज्यादा चमकता है और शुद्ध सोने से मजबूत भी होता है।  

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निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए

जापानी में चाय पीने की विधि को क्या कहते हैं?


जापानी में चाय पीने की विधि को 'चा-नो-यू' कहते हैं जिसका अर्थ है - 'टी-सेरेमनी' और चाय पिलाने वाला 'चाजिन' कहलाता है। 

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Solution : लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के कारण बताए हैं कि मनुष्य चलता नहीं दौड़ता है। बोलता नहीं, हर समय बक-बक करता है। एक महीने का काम एक-दो दिन में करना चाहता है, दिमाग हजार गुना अधिक गति से दौड़ाता है। अतः तनाव बढ़ जाता है। मानसिक रोगों का प्रमुख कारण प्रतिस्पर्धा के कारण दिमाग का अनियंत्रित गति से काम करना है। हम भी यह मानते हैं कि मानसिक रोग अत्यधिक तनाव के कारण होते हैं। मस्तिष्क पर अत्यधिक तनाव, अत्यधिक दुख या कष्ट मानसिक रोग उत्पन्न करते हैं। यह स्थिति मनुष्य को बीमार बना देती है। आज का मनुष्य संतोष भरा जीवन व्यतीत नहीं करता है। वह बस भागते रहना चाहता है। इस दौड़ में वह दूसरों से बहुत आगे निकल जाना चाहता है। हम इस कथन से बिल्कुल सहमत हैं कि यह स्थिति ही उसे मानसिक रोगी बना देती है।

जापानियों की सोचने की क्षमता बहुत तीव्र होती है। इसीलिए उनकी जीवन रफ्तार भी तेज होती है। जापानी लोग एक महीने का काम एक दिन में करने की क्षमता रखते हैं। इसी वजह से उनका दिमाग बहुत तेज चलता है। ज्यादा सोचने की वजह से उनके दिमाग का तनाव बढ़ जाता है और काम करना भी बंद कर देता है। जापान अमेरिका से प्रतिस्पर्धा रखता है। उनके जैसा या उनसे आगे निकलने के लिए भी वह अपने दिमाग को तेजी से चलाते हैं। जिससे जापान हर मामले में आगे निकल सके। इसी वजह से लेखक ने जापानियों के दिमाग में स्पीड का इंजन लगाने की बात कही है।

टीसेरेमनी में किसी भी काम को धीरेधीरे अंजाम दिया जाता है। इससे दिमाग की रफ्तार धीमी पड़ जाती है। व्यक्ति भविष्य को छोड़ वर्तमान में जीना सीख जाता है और यही सत्य है।


जापान में मानसिक रोग के क्या कारण है आप इन कारणों से कहाँ तक सहमत है झेन की देन पाठ के आधार पर तर्क सहित उत्तर दीजिए?

Solution : लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के कारण बताए हैं कि मनुष्य चलता नहीं दौड़ता है। बोलता नहीं, हर समय बक-बक करता है। एक महीने का काम एक-दो दिन में करना चाहता है, दिमाग हजार गुना अधिक गति से दौड़ाता है। अतः तनाव बढ़ जाता है।

जापान के लोगों में मानसिक रोगों के बढ़ने का क्या कारण बताया गया है?

Solution : (i) जापान के लोग प्रगति में अमेरिका से स्पर्धा करते हैं। <br> (ii) वे एक महीने का काम एक दिन में पूरा कर लेना चाहते हैं। <br> (iii) वे पहले से ही तेज चलने वाले दिमाग को और तेज चलाना चाहते हैं। <br> (iv) उनका मानसिक तनाव इतना बढ़ जाता है कि दिमाग का इंजन टूट जाता है।

जापान में 80% लोग किस रोग के शिकार हैं और इसका क्या कारण है पाठ के आधार पर उत्तर दीजिये?

Solution : जापानी लोगों की मनोरूग्णता का कारण जापानियों द्वारा क्षमता से अधिक तेजी से काम करना बताया गया है। अमेरिका से आर्थिक प्रतिस्पर्धा के चलते उस देश के लोग एक महीने का काम एक दिन में करने का प्रयास करते हैं। वे लोग चलते नहीं भागते हैं, बोलते नहीं बक-बक करते हैं। : इन कारणों से वे मानसिक रूप से बीमार रहने लगे हैं

जापानी अपना मानसिक तनाव कैसे दूर करते हैं?

विषम परिस्थिति में भी जापान के लोग बाहर का खाना नहीं खाते हैं, बल्कि घर के बने खानों पर ही निर्भर रहते हैं। साथ ही अपनी डाइट में सूशी, समुद्री मछलियों और साबुत अनाज का अधिक इस्तेमाल करते हैं। जबकि तनाव को कम करने के लिए चाय पीते हैंजापान में माचा चाय को दवा माना जाता है।