जनसंख्या वृद्धि में समाज में क्या प्रभाव पड़ता है? - janasankhya vrddhi mein samaaj mein kya prabhaav padata hai?

जनसंख्या वृद्धि किसी भी क्षेत्र में लोगों की संख्या बढ़ने को कहा जाता है। पूरे दुनिया में मनुष्य की जनसंख्या हर साल लगभग 8.3 करोड़ या 1.1% की दर से बढ़ती जा रही है। वर्ष 1800 को पूरे विश्व की जनसंख्या लगभग एक अरब थी, जो 2022 तक बढ़ कर 8 अरब हो गई है। आगे भी इसकी संख्या में बढ़ाव की ही उम्मीद है और ये अंदाजा लगाया गया है कि 2030 के मध्य तक ये आबादी 8.6 अरब हो जाएगी और 2050 तक 9.8 अरब तक हो जाएगी। 2100 तक इसकी आबादी 11.2 अरब तक हो सकती है।

इतिहास[संपादित करें]

18वीं सदी के दौरान जब औद्योगिक क्रांति शुरू हुई तो पश्चिमी देशों में बहुत ही तेजी से जनसंख्या वृद्धि शुरू हो गई थी। इस जनसंख्या वृद्धि के कारण को जानने के लिए ब्रिटिश वैज्ञानिक थॉमस मैककियोन (1912-1988) ने खोज शुरू किया था। उसने इस खोज से प्राप्त जानकारी का प्रकाशन मॉडर्न राइज़ ऑफ पॉप्युलेशन में किया।

देश अनुसार वृद्धि दर[संपादित करें]

यूनाइटेड नेशन के अनुसार 1990 और 2010 के मध्य विश्व की जनसंख्या में 30% या 1.6 खरब मनुष्यों की वृद्धि हुई है। इस वृद्धि में सबसे आगे भारत (35 करोड़) और चीन (19.6 करोड़) हैं। प्रतिशत के हिसाब से यह संख्या सबसे ज्यादा संयुक्त अरब अमीरात में 315% और कतर में 271% है।

सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों का जनसंख्या वृद्धि दर
स्थान देश जनसंख्या
2010
जनसंख्या
1990
वृद्धि (%)
1990–2010
  विश्व 6,89,58,89,000 5,30,64,25,000 30.0%
1
जनसंख्या वृद्धि में समाज में क्या प्रभाव पड़ता है? - janasankhya vrddhi mein samaaj mein kya prabhaav padata hai?
 
चीन
1,34,13,35,000 1,14,51,95,000 17.1%
2
जनसंख्या वृद्धि में समाज में क्या प्रभाव पड़ता है? - janasankhya vrddhi mein samaaj mein kya prabhaav padata hai?
 
भारत
1,22,46,14,000 87,37,85,000 40.2%
3
जनसंख्या वृद्धि में समाज में क्या प्रभाव पड़ता है? - janasankhya vrddhi mein samaaj mein kya prabhaav padata hai?
 
अमेरिका
31,03,84,000 25,33,39,000 22.5%
4
जनसंख्या वृद्धि में समाज में क्या प्रभाव पड़ता है? - janasankhya vrddhi mein samaaj mein kya prabhaav padata hai?
 
इंडोनेशिया
23,98,71,000 18,43,46,000 30.1%
5
जनसंख्या वृद्धि में समाज में क्या प्रभाव पड़ता है? - janasankhya vrddhi mein samaaj mein kya prabhaav padata hai?
 
ब्राज़ील
19,49,46,000 14,96,50,000 30.3%
6
जनसंख्या वृद्धि में समाज में क्या प्रभाव पड़ता है? - janasankhya vrddhi mein samaaj mein kya prabhaav padata hai?
 
पाकिस्तान
17,35,93,000 11,18,45,000 55.3%
7
जनसंख्या वृद्धि में समाज में क्या प्रभाव पड़ता है? - janasankhya vrddhi mein samaaj mein kya prabhaav padata hai?
 
नाइजीरिया
15,84,23,000 9,75,52,000 62.4%
8
जनसंख्या वृद्धि में समाज में क्या प्रभाव पड़ता है? - janasankhya vrddhi mein samaaj mein kya prabhaav padata hai?
 
बांग्लादेश
14,86,92,000 10,52,56,000 41.3%
9
जनसंख्या वृद्धि में समाज में क्या प्रभाव पड़ता है? - janasankhya vrddhi mein samaaj mein kya prabhaav padata hai?
 
रूस
14,29,58,000 14,82,44,000 -3.6%
10
जनसंख्या वृद्धि में समाज में क्या प्रभाव पड़ता है? - janasankhya vrddhi mein samaaj mein kya prabhaav padata hai?
 
जापान
12,80,57,000 12,22,51,000 -4.7%

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • जनसंख्या घनत्व
  • जनसंख्या नियंत्रण
  • विश्व जनसंख्या दिवस‌‌

सन्दर्भ[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

जनसंख्या वृद्धि का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?

जनसंख्या विस्फोट के प्रतिकुल प्रभाव: इससे भू-जोतों का आर्थिक विभाजन हुआ है। तथा कृषि उत्पादकता में कमी आयी है। (2) जनसंख्या में तेजी से वृद्धि होने पर प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि धीमी हो जाती है। (3) जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि होने पर देश में बच्चों तथा वृद्ध व्यक्तियों की संख्या बढ़ रही है।

जनसंख्या वृद्धि के चार सामाजिक प्रभाव क्या हो रहे हैं?

2011 की जनसंख्या जनगणना के अनुसार अब भारत की जनसंख्या 1.21 अरब की आबादी हो गई है। जनसंख्या की दृष्टि से विश्व मे भारत का चीन के बाद दूसरा स्थान है। जनसंख्या मे इस वृद्धि के परिणामस्वरूप नियोजित आर्थिक विकास के सारे प्रयास निष्फल सिद्ध हो रहे है तथा देश मे भोजन, वस्त्र एवं आवास की समस्या विकराल होती जा रही है।

जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव क्या हैं?

जनसंख्या के धनात्मक वृद्धि के सकारात्मक प्रभाव किसी क्षेत्र या विश्व के लिए लाभकारी होता है। सकारात्मक प्रभाव बढ़ती जनसंख्या किसी क्षेत्र के लिए समस्या उतपन्न नहीं करती बल्कि वर्तमान समस्याओ और आनेवाली समस्याओ को समाधान करती है। कुछ देश जनसंख्या को समस्या के रूप में नहीं बल्कि संसाधन के रूप में अपनाया है।

जनसंख्या वृद्धि का मानव विकास पर क्या प्रभाव पड़ता है?

जनसंख्या वृद्धि की वजह से गरीबी, भूख और कुपोषण की समस्या को प्रभावी ढंग से दूर करने और बेहतर स्वास्थ्य एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में बाधा आती है। इससे सतत् विकास लक्ष्य (SGD) 1, 2, 3 और 4 प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रहे हैं। जनसंख्या वृद्धि के कारण अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।