जब मन में घबराहट हो तो क्या करना चाहिए? - jab man mein ghabaraahat ho to kya karana chaahie?

अगर आपको लगातार घबराहट होने की समस्या बनी रहती है तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. घबरहाट का अर्थ है किसी बात के होने या होने की संभावना को लेकर डरना या परेशान महसूस करना. घबराया हुआ व्यक्ति तनाव में रहता है और हर वक्त चिंतित रहता है. समय रहते इसके लक्षणों को पहचानकर इसका इलाज करना बहुत जरूरी होता है.

घबराहट के लक्षण

घबराहट एक मानसिक और भावनात्मक समस्या है. हालांकि घबराहट में हर व्यक्ति अलग प्रकार की शारीरिक प्रतिक्रिया करता है. घबराहट से परेशान व्यक्ति को सांस लेने की समस्या हो सकती है, धड़कन तेज सकती है या बहुत बेचैनी होती है.

घबराहट के दौरान झटके लगना, कांपना, मुंह सूखना, हाथों में पसीना आना, अचानक ठंड या गर्मी लगना, मांसपेशियों में तनाव के अलावा पेट से जुड़ी कई दिक्कतें एक साथ हो सकती है. जैसे, पेट में खालीपन महसूस होना, मोशन के लिए प्रेशर बनना, यूरिन आना, पेट में हल्की मरोड़ उठना, जी मिचलाना आदि.

घबराहट के कारण

अज्ञात का भय, तनावपूर्ण स्थिति में व्यक्ति के अंदर घबराहट सामान्य प्रतिक्रिया है. जैसे नौकरी के लिए इंटरव्यू या परीक्षा के दौरान घबराहट महसूस करना आम बात है. लेकिन कुछ लोगों में घबराहट का जोखिम ज्यादा होता है.

कुछ लोगों के अंदर हमेशा विचार चलते रहते हैं. ऐसे लोग मानसिक रूप से खुद को शांत महसूस नहीं करते. इनका मूड भी लगातार बदलता रहता है. लंबे समय से दवाओं के सेवन, नशे का लती होने से या मानसिक विकार जैसे एडीएचडी की समस्या से ग्रसित लोग भी घबराहट के शिकार होते हैं.

घबराहट से बचाव के उपाय

इस समस्या से बचने के लिए टलहने, ध्यान और योग का सहारा लें. घबराहट महसूस होने पर धीरे-धीरे सांस लें. उन बातों को ना सोचे जिससे आपका तनाव बढ़ता हो. ध्यान भटकाने के लिए संगीत, फिल्म या स्वस्थ आहार का सहारा लें. पर्याप्त नींद लें, अगर आप ठीक से नहीं सो पा रहे हैं तो अपने डॉक्टर से मिले. इसके अलावा कैफिन का सेवन कम करें.सिगरेट पीना छोड़ें. निकोटिन और कैफीन दोनों से ही घबराहट के लक्षण बढ़ सकते हैं.

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एंजाइटी के कारण जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है. Image-Canva

how to treat anxiety: चिंता, बेचैनी, अवसाद आदि मानसिक बीमारियों को लोग हल्के में ले लेते हैं लेकिन इसे नजरअंदाज करने के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. इसके कारण एंजाइटी अटैक का सामना करना पड़ सकता है. इसमें बहुत अधिक व्यग्रता, छटपटाहट, घबराहट, कंपकंपी, पसीना एक साथ आने लगता है.

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  • News18Hindi
  • Last Updated : September 30, 2022, 06:01 IST

हाइलाइट्स

एंजाइटी में इंसान नर्वस रहता है. किसी चीज में चैन नहीं मिलता. डर की भावना रहती है. तनाव, ब्लडप्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल के कारण भी एंग्जाइटी हो सकती है.

Anxiety attack: आमतौर पर जीवन के प्रति निराशा और डर की भावना के कारण इंसान को एंजाइटी या बेचैनी होती है. हालांकि तनाव, ब्लडप्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल के कारण भी एंग्जाइटी हो सकती है. इस स्थिति में इंसान को यह महसूस होने लगता है कि उसके साथ बहुत बुरा होने वाला है. इसी उलझन में वह हमेशा चिंताग्रस्त और सहमे हुए रहता है. कभी-कभी घबराहट इतनी बढ़ जाती है कि एंजाइटी का अटैक हो जाता है. इसमें बहुत अधिक व्यग्रता, छटपटाहट, घबराहट, कंपकंपी, पसीना एक साथ आने लगता है. किसी भी स्थिति में इंसान को चैन नहीं मिलता है. कुछ दिन पहले अभिनेत्री दीपिका पादुकोण भी इस परेशानी के कारण अस्पताल में भर्ती हुई थीं. इसलिए इस बीमारी की गंभीरता को समझा जा सकता है.

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एंजाइटी के कारण
मेडिकल टूडे न्यूज के मुताबिक एंजाइटी के कई कारण हो सकते हैं. परीक्षा, नौकरी, आर्थिक, रिलेशनशिप, तलाक आदि का तनाव, किसी चीज को लेकर चिंता, उम्मीद के हिसाब से स्थिति नहीं बदलने को लेकर चिंता, मानसिक सक्रियता में कमी, याददाश्त में कमी, कुछ बीमारियों का इलाज, कुछ क्रोनिक बीमारियां आदि की स्थिति में एंजाइटी हो सकती है.

एंजाइटी के लक्षण
एंजाइटी में इंसान नर्वस रहता है. किसी चीज में चैन नहीं मिलता. डर की भावना रहती है. बुरा होने का भय रहता है. दूसरों से बहुत सारे आश्वासन की उम्मीद रहती है. मूड बहुत खराब रहता है. इंसान अवसाद में रहता है. भविष्य में क्या होगा इसको लेकर बहुत अधिक चिंतित रहता है. इन सब लक्षणों में जब बहुत अधिक गंभीरता आ जाती है तो एंजाइटी अटैक होता है. इसमें पैनिक अटैक हो सकता है. इस स्थिति में बॉडी से बहुत ज्यादा पसीना आता है. बहुत लंबे समय घबराहट महसूस होती है. बैचेनी बढ़ने लगती है और ध्यान केंद्रित करना मुश्किल होता है. सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और घुटन महसूस होती है. एंजाइटी अटैक में दिल की धड़कनें बेहद तेज चलती हैं. एंजाइटी अटैक की वजह से सीने में जकड़न महसूस होती है.

एंजाइटी का इलाज क्या है
एंजाइटी अटैक की स्थिति में मरीज को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इसके अलावा लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी है. रोजाना एक्सरसाइज भी जरूरी है. इसके साथ ही अल्कोहल और स्मोकिंग से हर हाल में परहेज होना चाहिए. हेल्दी डाइट का सेवन करना बेहतर रहता है. डॉक्टर इसके लिए साइकोथेरेपी का इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए कॉगनिटिव विहेवियरल थेरेपी और कुछ दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है. एग्जाइटी से मुक्ति के लिए 7-8 घंटे की रात की नींद बेहद जरूरी है.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : September 30, 2022, 06:01 IST

हम अपनी घबराहट को कैसे दूर कर सकते हैं?

इससे टेंशन दूर होती है और आपका मन शांत हो जाता है।.
सीधे खड़े हो जाएं और गहरी सांस लें।.
इसके बाद थोड़ा जोर लगाकर सांस को बाहर निकालें। ... .
अगर आप किसी से बात करते समय बहुत ज्यादा नर्वस हो रहे हैं तो अपने मुंह को अपनी हाथो से ढंके और फिर ऐसे ही जोर जोर से सांसे (Breathing exercises for anxiety) बाहर निकालें।.

घबराहट में क्या लेना चाहिए?

बेचैनी और घबराहट होने की समस्या को ना करें नज़रअंदाज़, जानिए उपचार! - YouTube.

मन में घबराहट क्यों होती है?

परीक्षा, नौकरी, आर्थिक, रिलेशनशिप, तलाक आदि का तनाव, किसी चीज को लेकर चिंता, उम्मीद के हिसाब से स्थिति नहीं बदलने को लेकर चिंता, मानसिक सक्रियता में कमी, याददाश्त में कमी, कुछ बीमारियों का इलाज, कुछ क्रोनिक बीमारियां आदि की स्थिति में एंजाइटी हो सकती है. एंजाइटी में इंसान नर्वस रहता है. किसी चीज में चैन नहीं मिलता.

शरीर में बेचैनी और घबराहट क्यों होती है?

बेचैनी, घबराहट , नियंत्रण खो देना और शारीरिक परेशानी इसके सामान्य लक्षण हैं। चिंता यानी एंग्जायटी आखिर किसे नहीं होती । हर व्यक्ति को किसी घटना, स्थिति को लेकर डर या चिंता रहती है। लेकिन अगर चिंता का स्तर लंबे वक्त तक बना रहे, या व्यक्ति इसे इग्नोर करे, तो यह एंग्जायटी अटैक का रूप ले लेती है।

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