प्रकाश का वर्ण विक्षेपण से आप क्या समझते हैं इंद्रधनुष की व्याख्या करें तो प्रश्न दो भागों में हमको दिया गया है पहले भाग में पूछा प्रकाश का वर्ण विक्षेपण से हम क्या समझते हैं तो दोस्तों प्रकाश का वर्ण विक्षेपण ऐसी घटना होती जयप्रकाश अपने विभिन्न वर्गों में विभक्त हो जाता है जैसे कि प्रकाश के साथ वरना होते हैं ठीक है सातों वर्णों के नाम लिखे तो कुछ इस तरीके से लिख सकते हैं वह जाने ना ठीक है यह क्या है यह 7 वर्ड है प्रकार के मतलब इनसे रंगों के नाम शुरू होते हैं एक होता है बैगनी वैसे जैसे होता है जामुनी अन्ना से होने से क्या होता है नीला होता है ऐसे होता है हरा पीछे होता है पीला ना से होता है नारंगी और अंत में ला से क्या होता है लाल होता है ठीक अब यह सब क्यों होता है क्योंकि प्रकाश है वह 7 रन का मतलब इन्हीं सात रंगों से मिलकर बना होता है इन्हीं सात रंगों से मिलकर श्वेत प्रकाश मंत्र और श्वेत प्रकाश का अगर दो से तीन बार अपवर्तन करा दे तो उसका
वर्ण विक्षेपण हो जाता है ठीक है और वर्ण विच्छेद कौन होता है तो हम को विभिन्न रंग अलग-अलग स्थान पर दिखाई पड़ते हैं क्योंकि इन रंगों के तरंग देर देव का मान सम्मान नहीं होता अलग अलग होता है ठीक है हम सभी छात्रों ने अपने विद्यालय के प्रयोगशाला में एक प्रयोग तो किया होगा कि वेद प्रकाश कृष्ण के एक तरफ से आती है और हमको विभिन्न प्रकार के रंग दूसरे प्रकार दूसरी तरफ दिखाई पड़ते हैं ठीक है तो यहां पर रंगों की भक्त हो जा रहा है बैजानी हैप्पी नाला नीचे से अगर हम देखे तो बैग निजामु नीला हरा पीला नारंगी लाल हो गया सही है प्रकाश का वर्ण विक्षेपण ठीक है क्योंकि यह अपने गुणों पर विभाजित हो जा रहा है अगर इसको लिखना चाहे तो किस तरीके से लिख सकते हैं पहले भाग का प्रश्न का उत्तर इस तरीके से देख सकते हैं कि श्वेत प्रकाश का अपने विभिन्न अवयवों में विभाजन को प्रकाश का वर्ण विक्षेपण कहते हैं और दूसरे भाग की ओर चल पड़ते हैं कहा गया है इंद्रधनुष की व्याख्या करें तो इंद्रधनुष में हमको सात प्रकार के रंग दिखाई देते हैं जैसे कि यहां पर इसमें वर्ण विक्षेपण के दौरान दिखाई दी
वह भी बजाई हैप्पी नाला हमको देखने को मिलता है ठीक है तो ऐसा क्या होता है कि हमको इंद्रधनुष देखने को मिलता है अगर हम बात करें दोस्तों सूर्य की स्थिति कि वह हमारे पीठ की ओर हो और हम सूर्य की स्थिति के विपरीत देखें वर्षा हो रही हो तो वर्षा की बूंदों पर जैसे वर्षा की बूंद है यहां पर जो सूर्य की प्रकाश किरण आएगी वह अंदर से टकराकर हमारे पास वापस आएगी तो यहां उस का वर्ण विक्षेपण होता है हमको विभिन्न प्रकार के रंग यहां देखने को मिलते हैं और एक वर्क कर के रूप में देखने को मिलता है जो हमको परीक्षकों क्या यह प्रतीत होता है इंद्रधनुष की तरह ठीक है इसको अगर हम चित्र में देखें चलिए मान लीजिए सूर्य है अब सूर्य के प्रकाश की ने सीधी रेखा पर घमंड करेगी और समझ लीजिए कुछ प्रकाश किरण जो प्रकाश किरण यहां वर्षा की बूंद पर जा रही है वह वर्षा के बूंद के अंदर जा रही है तो यहां पर परावर्तन भी होगा वर्षा की बूंद की सतह पर ठीक है तो परावर्तन अपवर्तन तो होगा ही होगा परावर्तन भी होगा और परावर्तन के पश्चात वह औरत होकर बाहर निकलेगी जब तो वह अपने
सात रंगों में विभक्त हो जाएगी और यहां पर एक मनमोहक से इंद्रधनुष का निर्माण हो जाएगा जो परीक्षक को दिखेगा शिक्षक कोई किस तरीके से दिखेगा प्रकाश के साथ अलग-अलग रंग दिखाई देंगे प्रेक्षक को अगर प्रेक्षक सूर्य के विपरीत दिशा पर देख रहा है तो मतलब परीक्षक का पीठ सूर्य की ओर है तब तो इस घटना को हम क्या कहते हैं इस घटना में जो हम देखते हैं साथ में उसको हम इंद्रधनुष कहते हैं प्रश्न में हमको दिया है इंद्रधनुष की व्याख्या करें तो हम निम्न तरीके से लिख सकते कि सूर्य के प्रकाश की किरण वर्षा की बूंदों से वर्ण विक्षेपण की घटना होने के पश्चात अपने विभिन्न वर्गों में विभक्त हो जाती है जो परीक्षक को रंगीन सन केंद्रित आपकी तरह दिखाई पड़ती है जिसे ही हम इंद्रधनुष कहते हैं और यही कह दिए गए प्रश्न का हमारा तरह दोस्तों धन्यवाद