इंदिरा गांधी लंदन में अपनी पढ़ाई छोड़ अपने देश भारत पहुंचने पर राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना आरंभ कर दिया! फिरोज भी राजनीति में जी जान से जुट गए, इसी बीच इंदिरा गांधी और फिरोज के विवाह की बात तय हुई फिरोज नेहरू परिवार को प्रिय है। Show
लेकिन फिर भी दोनों की शादी के संबंध में काफी विरोध हुआ क्योंकि दोनों अलग-अलग जाति के थे, पंडित जवाहरलाल नेहरू पर विवाह को नामंजूर करने के लिए काफी दबाव डाला गया परंतु वह खुले विचार वाले व्यक्ति थे, उन्होंने इंदिरा गांधी के व्यक्तिगत निर्णय पर बात छोड़ दी ! Indira Gandhi And Feroze Gandhi Shaadi Image 26 March 1942
इंदिरा गाँधी की शादी कब हुई ? Indira Gandhi Ki Shaadi Kab Hui?जवाहरलाल नेहरू ने इस मामले को बड़ी सूझबूझ से निपटाया कड़े विरोध के बावजूद भी सन 1942 में 26 मार्च को बसंत पंचमी के दिन हिंदू रीति रिवाज और बहुत सादगी पूर्ण ढंग से इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी विवाह सूत्र में बंधे आनंद भवन के पिछवाड़े दलान में ही वैदिक रीति से इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी का विवाह हुआ था। फिरोज गांधी शादी की शेरवानी और चूड़ीदार पायजामा पहने हुए थे और इंदिरा गांधी जी ने केसरिया रंग की खादी की साड़ी पहनी हुई थी उनकी साड़ी में चांदी के फूल टगे हुए थे और वह साड़ी पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा जेल में स्वयं काते हुए सूत से बनाई गई थी। इंदिरा गांधी ऊपर से नीचे तक फूलों से सजी हुई थी, वह प्रसन्न लग रही थी, परंतु भीतर से कहीं उन्हें मां की कमी महसूस हो रही थी मां के जाने के बाद उन्हें पिता का साथ छोड़ने का दुख रह-रह कर सता रहा था। इंदिरा गाँधी के पति कौन थे। इंदिरा गाँधी के पति का क्या नाम था।Indira Gandhi ke pati ka naam : indira gandhi husband nameइस प्रकार इंदिरा गाँधी और फ़िरोज़ गाँधी की शादी 26 मार्च सन 1942 में बसंत पंचमी के दिन हुई, और इंदिरा गाँधी के पति फ़िरोज़ गाँधी बने। तब से इंदिरा गाँधी के पति का नाम (indira gandhi husband name) फ़िरोज़ गाँधी (Feroze Gandhi) है। विवाह के बाद फिरोज और इंदिरा गांधी कश्मीर गए वे दोनों कश्मीर के सुहावने मौसम में बहुत प्रसन्न थे। दोनों में नई जिंदगी शुरू करने का उत्साह भरा हुआ था वे दोनों कश्मीर से सीधे इलाहाबाद गए उन्होंने आनंद भवन के निकट ही कोर्ट रोड पर एक छोटा सा मकान किराए पर लिया फिर दोनों राजनीतिक कार्यों में व्यस्त रहने लगे उन्हीं दिनों विश्व की स्थिति भयंकर रूप धारण करती जा रही थी। एशिया में जापान अपने पैर फैलाने में लगा था भारत की स्थिति भी कम चिंताजनक नहीं थी भारत भी युद्ध की विभीषिका की चपेट में आने लगा था, चारों और असंतोष फैला हुआ था सरकार का दमन शुरु हो गया था। और कई गिरफ्तारियां की जाने लगी थी। भारत छोड़ो का प्रस्ताव कब पारित हुआ।7 अगस्त सन 1942 को मुंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू, फिरोज और इंदिरा गांधी ने भी भाग लिया 9 अगस्त सन 1942 को महात्मा गांधी ने कांग्रेस के अधिवेशन में भारत छोड़ो का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया। तब से इंदिरा गाँधी और फ़िरोज़ गाँधी राजनीती में सक्रीय हो गए। तब से इंदिरा गाँधी और फ़िरोज़ गाँधी की राजनीतिक जीवन की शुरुवात हो गई।
फिरोज और इन्दिरा का विवाह फिरोज़ गांधी (12 सितम्बर 1912 – 8 सितम्बर 1960) भारत के एक राजनेता तथा पत्रकार थे। वे लोकसभा के सदस्य भी रहे। सन् १९४२ में उनका इन्दिरा गांधी से विवाह हुआ जो बाद में भारत की प्रधानमंत्री बनीं।[3] उनके दो पुत्र हुए - राजीव गांधी और संजय गांधी जीवनीफिरोज़ गांधी का जन्म मुम्बई में एक पारसी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जहांगीर एवं माता का नाम रतिमाई था, और वे बम्बई के खेतवाड़ी मोहल्ले के नौरोजी नाटकवाला भवन में रहते थे।[4] फ़िरोज़ के पिता जहांगीर किलिक निक्सन में एक इंजीनियर थे, जिन्हें बाद में वारंट इंजीनियर के रूप में पदोन्नत किया गया था।[5] फिरोज उनके पांच बच्चों में सबसे छोटे थे; उनके दो भाई दोराब और फरीदुन जहांगीर,[6][7] और दो बहनें, तेहमिना करशश और आलू दस्तुर थी। फ़िरोज़ का परिवार मूल रूप से दक्षिण गुजरात के भरूच का निवासी है, जहां उनका पैतृक गृह अभी भी कोटपारीवाड़ में उपस्थित है।[8] १९२० के दशक की शुरुआत में अपने पिता की मृत्यु के बाद, फिरोज अपनी मां के साथ इलाहाबाद में उनकी अविवाहित मौसी, शिरिन कमिसारीट के पास रहने चले गए, जो शहर के लेडी डफरीन अस्पताल में एक सर्जन थी। इलाहबाद में ही फ़िरोज़ ने विद्या मंदिर हाई स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की, और फिर ईविंग क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।[9] इंदिरा और फ़िरोज़ की शादीइंदिरा ने अपने पिता जवाहरलाल नेहरू की मर्जी के खिलाफ फिरोज गांधी से शादी की थी. दोनों की लवस्टोरी बहुत चर्चित रही. कहते हैं कि दोनों की मुलाकात 1930 में हुई थी. आजादी की लड़ाई में इंदिरा की मां कमला नेहरू एक कॉलेज के सामने धरना देने के दौरान बेहोश हो गई थीं. उस समय फिरोज गांधी ने उनकी बहुत देखभाल की थी. कमला नेहरू का हालचाल जानने के लिए फिरोज अक्सर उनके घर जाते थे. इसी दौरान उनके और इंदिरा गांधी के बीच नजदीकियां बढ़ीं. फिरोज जब इलाहाबाद में रहने लगे उस दौरान वो आनंद भवन जाते रहते थे. फिरोज से इंदिरा की शादी 1942 में हुई. लेकिन जवाहर लाल नेहरू इस शादी के खिलाफ थे. हालांकि महात्मा गांधी के हस्तक्षेप के बाद दोनों की शादी इलाहाबाद में हुई. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इंदिरा और फिरोज साथ में जेल भी गए. हालांकि शादी के बाद दोनों के बीच काफी लड़ाइयां हुईं. 1949 में इंदिरा दोनों बच्चों (राजीव और संजय गांधी) के साथ अपने पिता का घर संभालने के लिए फिरोज को छोड़कर चली गईं जबकि संजय लखनऊ में ही रहे. बाद के सालों में फिरोज गांधी की तबीयत खराब होने लगी. उस दौरान उनकी देखभाल के लिए इंदिरा गांधी मौजूद थीं. मृत्यु8 सितम्बर, 1960 को हृदयाघात से फिरोज गांधी का निधन हो गया था। सन्दर्भ
फिरोज गांधी कैसे मरा था?स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व सांसद फिरोज गांधी का जन्म 12 सितंबर 1912 को हुआ था, जबकि 8 सितंबर 1960 को हार्ट अटैक के कारण सिर्फ 48 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था।
इंदिरा गांधी के पति कितने थे?इस प्रकार इंदिरा गाँधी और फ़िरोज़ गाँधी की शादी 26 मार्च सन 1942 में बसंत पंचमी के दिन हुई, और इंदिरा गाँधी के पति फ़िरोज़ गाँधी बने। तब से इंदिरा गाँधी के पति का नाम (indira gandhi husband name) फ़िरोज़ गाँधी (Feroze Gandhi) है।
फिरोज खान के पिता का नाम क्या था?सादिक अली खान तनोलीफ़िरोज़ ख़ान / पिताnull
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