न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Tanuja Yadav Updated Sat, 18 Jul 2020 03:18 PM IST हिंदी देश की राजभाषा है
- फोटो : iStock हर साल देश में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। देश का आम नागरिक जानता है कि हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है लेकिन शायद वो यह नहीं जानता कि आज तक हिंदी को हम हमारी राष्ट्रभाषा के तौर पर स्थापित क्यों नहीं कर पाए। हिंदी आज भी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं है बल्कि राजभाषा है। भारत एक ऐसा देश है जो अपनी विभिन्नताओं के लिए जाना जाता है, यहां हर राज्य की अपनी राजनैतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान है लेकिन उसके बाद भी देश में की कोई एक
राष्ट्रभाषा नहीं है। हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर 1949 को मिला था लेकिन राष्ट्रभाषा को लेकर लंबी बहसें चली और नतीजा कुछ नहीं निकला। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और
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Published in JournalYear: Feb, 2019 Article Details
एक राष्ट्रीय भाषा एक भाषा - हिंदी बांग्लादेश[संपादित करें]बांग्लादेश के लोगों ने केवल बंगाली भाषा को ही अपने देश की एक मात्र राष्ट्र भाषा के रूप में अपनाया है। भारत[संपादित करें]भारतीय संविधान में भारत की कोई राष्ट्र भाषा नहीं है।[1] सरकार ने 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है। जिसमें केन्द्र सरकार या राज्य सरकार अपने जगह के अनुसार किसी भी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में चुन सकती है। केन्द्र सरकार ने अपने कार्यों के लिए हिन्दी[2] और रोमन भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है। इसके अलावा अलग अलग राज्यों में स्थानीय भाषा के अनुसार भी अलग अलग आधिकारिक भाषाओं को चुना गया है। फिलहाल 22 आधिकारिक भाषाओं में असमी, उर्दू, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संस्कृत, संतली, सिंधी, तमिल, तेलुगू, बोड़ो, डोगरी, बंगाली और गुजराती है। वर्तमान में सभी 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। 2010 में गुजरात उच्च न्यायालय ने भी सभी भाषाओं को समान अधिकार के साथ रखने की बात की थी, हालांकि न्यायालयों और कई स्थानों में केवल अंग्रेजी भाषा को ही जगह दिया गया है। सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]bhojpuri स्टोरी हाइलाइट्स
Is Hindi our National Language: सोशल मीडिया आजकल देशवासियों का पसंदीदा जंग का मैदान बना हुआ है. साउथ फिल्मों के एक्टर किच्चा सुदीप ने हिंदी को देश की राष्ट्रभाषा न होने की बात कही तो बॉलिवुड के हीरो अजय देवगन ने ट्विटर पर ही उनकी क्लास लगा दी. हालांकि, दोनो सितारों के बीच कोई भी विवाद बढ़ने से पहले ही आपस में सुलह हो गई मगर सोशल मीडिया पर यह डिबेट शुरू हो गई कि क्या हिंदी हिंदुस्तान की राष्ट्रभाषा है या नहीं? इसे लेकर देश का संविधान क्या कहता है और किस भाषा को राष्ट्रभाषा होने की आधिकारिक मान्यता है? आइये जानते हैं क्या है देश की आधिकारिक राष्ट्रभाषा. हिंदी नहीं है राष्ट्रभाषा फिर 14 सितंबर को क्यों होता है हिंदी दिवस? हिंदी कब बनी
राजभाषा? राजभाषा पर क्या कहता है देश का संविधान? किसे कहते हैं मातृभाषा? अभी तक देश में किसी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा हासिल नहीं है सभी भाषाओं और एक समान सम्मान और आदर मिला हुआ है. देशवासी पूरे देश में अपनी मातृभाषा बोलने, लिखने और पढ़ने के लिए स्वतंत्र हैं. इस मौके पर भारतेंदु हरिशचंद्र की प्रसिद्द कविता हमें जरूरी याद करनी चाहिए- निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। ये भी पढ़ें
हिंदी को राष्ट्रभाषा क्यों कहा जाता है?साल 1918 में महात्मा गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था। साल 1950 में हिंदी को संघीय भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला था। जिसके बाद हिन्दी भाषा का उपयोग भारत के सभी सरकारी काम-काजों में अधिकारिक भाषा के रूप में किया जाने लगा।
भारत की राष्ट्रभाषा क्या है और क्यों?अपनी विभिन्नताओं के चलते भारत की कोई राष्ट्रभाषा नहीं है मगर सरकारी दफ्तरों में कामकाज के लिए एक भाषाई आधार बनाने के लिए हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया है. संविधान के भाग 17 में इससे संबंधित महत्वपूर्ण प्रावधान भी किए गए हैं. हिंदी कब बनी राजभाषा? हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर 1949 को मिला.
राष्ट्रभाषा का अर्थ क्या है?Answer: किसी भी देश या राष्ट्र द्वारा किसी भाषा को जब अपने किसी राजकार्य के लिए भाषा घोषित किया जाता है या अपनाया जाता है तो उसे राष्ट्र भाषा जाना जाता है। अर्थात जब कोई देश किसी भाषा को अपनी राष्ट्र की भाषा घोषित करता है तो उसे ही राष्ट्र भाषा के लिए जाना जाता है।
हिंदी किसकी राष्ट्रभाषा है?हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत के संविधान में किसी भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया है।
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