हमें कौन सा दूध पीना चाहिए? - hamen kaun sa doodh peena chaahie?

दूध में कई पोषक तत्व होते हैं, जिसकी वजह से दूध पीने की सलाह दी जाती है. लेकिन, कई बार इस बात पर बहस जरूर हो जाती है कि किस जानवर का दूध पीना सेहत के लिए ज्यादा लाभदायक है.

ये तो आप सभी जानते हैं कि दूध पीना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. दूध में कई पोषक तत्व होते हैं, जिसकी वजह से दूध पीने की सलाह दी जाती है. लेकिन, कई बार इस बात पर बहस जरूर हो जाती है कि किस जानवर का दूध पीना सेहत के लिए ज्यादा लाभदायक है. कई बार तो बकरी के दूध की इतनी डिमांड हो जाती है कि यह 1000 रुपये किलो तक बिकने लगता है. लेकिन, अधिकतर लोग गाय या भैंस के दूध का सेवन करते हैं.

ऐसे में आज हम आपको गाय और भैंस के दूध के बारे में बताते हैं कि यह आपकी हेल्थ के लिए किस तरह से लाभदायक है. साथ ही आपको बताएंगे कि इनमें भी कौन सा दूध आपकी सेहत के लिए ठीक है और कौन से दूध का सेवन आप लोगों को करना चाहिए. जानते हैं गाय और भैंस के दूध में कौन सा दूध आपके लिए लाभदायक है…

गाय और भैंस के दूध में क्या है अंतर?

गाय का दूध हल्का होता है और उस भैंस के दूध से कम फैट होता है. साथ ही गाय का दूध आसानी से पच जाता है और यही वजह है कि बच्चों को गाय का दूध ही पीलाया जाता है. गाय के दूध को 1-2 दिनों में गाय के दूध का सेवन करना चाहिए, जबकि भैंस के दूध को कई तरीकों से ज्यादा दिन तक रखा जा सकता है. गाय के दूध में अधिक पानी की मात्रा, कम ठोस पदार्थ और 90% दूध पानी से बना होता है. भैंस के दूध में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे अधिक खनिज होते हैं.

पोषक तत्व के आधार पर कौन सा है बेहतर?

अगर पोषक तत्वों के आधार पर गाय के दूध की बात करें तो गाय के दूध में भैंस के दूध की तुलना में फैट की मात्रा कम होती है. गाय के दूध में 3-4 प्रतिशत फैट मौजूद होती है, वहीं, भैंस के दूध में 7-8 प्रतिशत होती है. वहीं, गाय के दूध की तुलना में भैंस के दूध में 10-11 प्रतिशत प्रोटीन मौजूद होता है. अगर कोलेस्ट्रॉल के आधार पर बात करें तो भैंस के दूध में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है, इसलिए ये उन लोगों के लिए बेहतरीन साबित होता है जो PCOD, हाइपरटेंशन, किडनी की समस्या और मोटापे से जूझ रहे हैं.

आजकल हर कोई कैलोरी पर ज्यादा ध्यान देता है और दोनों दूध की कैलोरी की बात करें तो भैंस के दूध में कैलोरी ज़्यादा होती है, क्योंकि इसमें प्रोटीन और फैट की मात्रा ज़्यादा होती है. एक कप भैंस के दूध में 237 कैलोरी होती है, वहीं एक कप गाय के दूध में 148 कैलोरी होती है. अब आप अपने शरीर की आवश्यकता के आधार पर यह फैसला ले सकते हैं कि आखिर आपके शरीर के लिए कौन-सा दूध पीना ज्यादा लाभदायक है.

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दूध पीना तो हमेशा ही सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन अब सवाल ये है कि आपको पैकेट का दूध पीना चाहिए या गाय का? तो आइए, हम आपको बताते हैं कि गाय का दूध पीने से आपकी सेहत को कोन से बेहतरीन फायदे मिलते हैं -

1 मेलबर्न में हुए एक शोध के अनुसार गाय के दूध को आसानी से ऐसे क्रीम में बदला जा सकता है, जो एड्स से मनुष्य की रक्षा करने में सहायक है। मेलबर्न में गर्भवती गायों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई।

2 किसी बच्चे या व्यक्ति के बौद्ध‍िक विकास के लिए गाय का दूध बेहद लाभदायक है, दिमाग के लिए कोई और दूध इतना फायदेमंद नहीं है जितना गाय का दूध।

3 गाय का दूध पाचन के लिए बेहतरीन होता है और इसे पचाने में तंत्र को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। यह पाचन तंत्र की समस्याओं में काफी लाभदायक है।

4 पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी होने पर गाय कर दूध पीना बेहद कारगर उपाय है। गाय का दूध वीर्य को गाढ़ा कर शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि करता है और बल प्रदान करता है।

5 प्रतिदिन रोज को गाय के दूध का सेवन करना, टीबी के मरीजों के लिए लाभकारी है। वहीं बुजुर्गों के लिए भी नियमित रात को गाय के दूध का सेवन बल प्रदान करता है।

6 पित्त संबंधी सभी समस्याओं के निवारण के लिए गाय का दूध बेहद फायदेमंद है। यह शरीर को तेज और ओज प्रदान करता है और गैस की समस्याओं से भी निजात दिलाता है।

7 बच्चों में रिकेट्स या सूखा रोग हो जाने पर गाय के दूध का इस्तेमाल बादाम के साथ करने पर यह दवा की तरह कार्य करता है। रक्त कोशिकाओं में वृद्ध‍ि करने में यह सहायक है।

8 चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए गाय के दूध का प्रयोग किया जा सकता है। गाय के कच्चे दूध की चेहरे पर मसाज करने से त्वचा गोरी, चमकदार और बेदाग होती है।

9 गाय के दूध में पाया जाने वाला पीला पदार्थ कैरोटीन होता है, जो आंखों की रौशनी बढ़ाता है और आंखों की खूबसूरती भी बढ़ाता है।

10 कैंसर, टीवी, हैजा और भी कई गंभी रोगों से निपटने में गाय का दूध अमृत की तरह कार्य करता है। यह अकेला ही बच्चों को संपूर्ण पोषण देने में सक्षम पदार्थ है।

11 दवाओं और हानिकारक केमिकल्स के कारण शरीर में बनने वाले जहर एवं उसके असर को कम करने में गाय का दूध प्रभावकारी है।

12 इसमें विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। और इसके प्रयोग से पुराना बुखार, मानसिक रोग, पेट के रोग, हृदय रोग व योनि रोगों में लाभ मिलता है।

Ayurvedic Method To Drink Milk: दूध हमारे भोजन का एक अभिन्न अंग है. मानव समाज में दूध पीने का चलन सदियों से है. भारत के ज्यादातर हिस्सों में गाय के दूध का सेवन किया जाता है तो राजस्थान के कुछ हिस्सों में ऊंटनी के दूध का सेवन होता है. कहीं लोग भैंस के दूध का सेवन करते हैं तो कहीं बकरी का दूध पीने की परंपरा है.

दूध पीना इंसान के लिए क्यों जरूरी है, इसके सेवन से किन बीमारियों से बचाव होता है और दूध पीने के अन्य क्या लाभ हैं, ऐसे ही दूध से जुड़े अनेक प्रश्नों का उत्तर दे रहे हैं आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर सुरेंद्र सिंह राजपूत. ये पिछले 41 साल से आयुर्वेद के माध्यम से लोगों की चिकित्सा कर रहे हैं...

दूध पीने से किन बीमारियों से बचाव होता है?
आयुर्वेद में दूध को संपूर्ण आहार माना गया है. यानी यह शरीर में सभी पोषक तत्वों की कमी को दूर करता है. हालांकि यह फैक्ट पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस पशु के दूध का सेवन कर रहे हैं. आयुर्वेद में दूध से जुड़े ज्यादातर नियम देसी गाय के दूध से ही संबंधित होते हैं. क्योंकि गाय की प्रजाति के आधार पर, भैंस, बकरी और ऊंट इत्यादि जितने भी दुधारू (दूध देने वाले) पशु हैं, इनके दूध की प्रॉपर्टीज अलग-अलग होती हैं. इसलिए हम यहां जो भी बात करेंगे, वह देसी गाय के दूध के संबंध में है.

  • नियमित रूप से दूध का सेवन करने पर शरीर में विटामिन्स की कमी संबंधी रोगों की आशंका न्यूनतम हो जाती है. यानी इस बात की संभावना ना के बराबर होती है कि आपको विटामिन की कमी संबंधी कोई रोग होगा.
  • दूध का सेवन करने से शरीर में आवश्यक मात्रा में कैल्शियम की पूर्ति होती रहती है और हड्डियों से संबंधित रोग दूर रहते हैं.
  • दूध से शरीर को आयरन भी मिलता है. इसलिए रक्त संबंधी ज्यादातर विकार भी नियमित रूप से दूध पीने वालों से दूर रहते हैं.
  • स्किन संबंधी रोग जैसे एग्जिमा, सोरायसिस या अ्य इंफेक्शन की आशंका भी नहीं रहती है. यदि कोई और बीमारी शरीर में ना पनप रही हो तो इस तरह के रोग नियमित दूध पीने वालों को नहीं होते.
  • बुढ़ापा शरीर पर हावी नहीं हो पाता.क्योंकि जो लोग नियमित रूप से दूध पीते हैं, उनके शरीर में आवश्यक मात्रा में प्रोटीन की पूर्ति होती रहती है, त्वचा की कोशिकाओं को दूध से पर्याप्त नमी मिलती है इसलिए झुर्रियों की समस्या नहीं होती है.
  • शरीर फिट और स्लिम बना रहता है. क्योंकि देसी गाय का दूध गैरजरूरी फैट शरीर पर नहीं चढ़ने देता और ना ही इस दूध में बहुत अधिक मात्रा में फैट होता है. इसलिए इस दूध का नियमित सेवन करने वाले फिट भी रहते हैं और सुंदर भी.
  • दूध पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है. इम्युनिटी इतनी मजबूत हो जाती है कि जल्दी से शरीर पर कोई इंफेक्शन या वायरस अटैक नहीं कर पाता है.

किस उम्र तक दूध पीना जरूरी होता है?

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जन्म से लेकर जीवन पर्यन्त हर व्यक्ति को दूध पीना चाहिए. जैसा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि यहां हम दूध से संबंधित जो भी बात कर रहे हैं, वो देसी गाय के दूध से संबंधित है. तो देसी गाय का दूध बचपन में शरीर के विकास और मानसिक विकास में सहायता करता है. साथ ही बुढ़ापे में याददाश्त संबंधी रोगों से बचाता है. यही कारण है कि पुराने समय में लोग सौ वर्ष से अधिक की उम्र जीते थे लेकिन फिर भी उन्हें अल्जाइमर जैसे मेमोरी संबंधी रोग नहीं होते थे.

दूध पीने पर किन लोगों को समस्या होती है?

अगर किसी को पुरानी पेचिस है या पेचिस का असर है तो उन्हें दूध पीने पर गैस बनती है. जिनके पाचन तंत्र में रेनिन एंजाइम पर्याप्त मात्रा में बनता रहता है, उन्हें दूध पीने से कभी कोई समस्या नहीं होती है.

रेनिन एंजाइम शरीर के अंदर दूध को फाड़ने का काम करता है और लैक्टिस एंजाइम पचाने का काम करता है. जब इन दोनों एंजाइम का उत्पादन शरीर में ठीक प्रकार से होता रहता है तो कोई समस्या नहीं होती और अगर एक भी एंजाइम की कमी हुई तब दूध पीने से पेट संबंधी समस्याएं होती हैं.

 जो बच्चे दूध नहीं पीते उन्हें क्या खिलाना चाहिए?

हालांकि दूध का कोई विकल्प नहीं है. लेकिन कुछ छोटे बच्चों को इसका स्वाद पसंद नहीं होता है या अन्य किसी कारण से दूध पीने में समस्या है और बहुत छोटे बच्चे को आप कुछ समझा भी नहीं सकते हैं कि उसे दूध पीने के फायदे बताएं तो इस स्थिति में आप उसे शहद चटा सकते हैं. क्योंकि आयुर्वेद में सिर्फ दो ही खाद्य पदार्थों को संपूर्ण आहार का स्थान प्राप्त है और ये हैं पहला दूध और दूसरा शहद.

दूध पीने की सही विधि क्या है?

दूध सदैव खाना खाने के दो घंटे बाद पीना चाहिए और दूध पीने के बाद यदि भोजन करना है तो लगभग एक घंटे का गैप रखें. इससे दूध का पाचन और भोजन का पाचन अच्छे से होगा और आपको दोनों के गुणों का पूरा लाभ भी मिलेगा.

किन बीमारियों में दूध नहीं पीना चाहिए?

  • जब लिवर संबंधी समस्या चल रही हो तो दूध ना पिएं.
  • जिन्हें बॉडी पर स्वेलिंग की समस्या हो रही हो उन्हें दूध नहीं पीना चाहिए. 
  • रजोवृत्ति (Periods) में दूध नहीं पीना चाहिए.
  • डिलिवरी के तुरंत बाद दूध नहीं पीना चाहिए
  • पेचिस या लूज मोशन की स्थिति में दूध ना पिएं

किन लोगों को दूध जरूर पीना चाहिए?

  • यदि आपको कोई ऐसा रोग नहीं है, जिसमें दूध हानि पहुंचाता है, जिनके बारे में ऊपर बताया गया है तो दूध सभी को पीना चाहिए और हर उम्र में पीना चाहिए.
  • शारीरिक और मानसिक श्रम करने वाले सभी लोगों के लिए दूध जरूरी होता है. क्योंकि यह शरीर को हेल्दी रखता ही है साथ ही ब्रेन को शांत रहने और खुश रहने में मदद करता है.
  • शारीरिक और मानसिक कमजोरी दूर करने में दूध महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसलिए दूध का सेवन स्वस्थ जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 

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सबसे ज्यादा फायदेमंद कौन सा दूध है?

आइये जानते हैं गाय और भैंस के दूध में से कौन सा दूध ज्यादा फायदेमंद होता है. 1- गाय का दूध भैंस के दूध की तुलना में कम फैट वाला होता है. गाय के दूध में 3-4 प्रतिशत फैट होता है वहीं भैंस के दूध में 7-8 प्रतिशत फैट पाया जाता है. 2- गाय के दूध के प्रोटीन कम होता है जबकि भैंस के दूध में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है.

सबसे अच्छा दूध किसका होता है?

गाय का दूध बच्चों और बुजुर्गों के लिए अधिक हेल्दी हो सकता है. गाय के दूध की तुलना में भैंस के दूध में 10 से 11 फीसदी अधिक प्रोटीन होता है. ऐसे नें अगर आपके शरीर में प्रोटीन की कमी है तो भैंस का दूध आपके लिए बेहतर विकल्प है.

सबसे ताकतवर दूध कौन सा है?

क्या आप बता सकते हैं सबसे ताकतवर दूध किस जानवर का होता है? - Quora. मेरी दादी, नानी और मां सभी ने बकरी के दूध को सबसे उत्तम बताया है। इसमें भरपूर मात्रा में सभी खाद्य पदार्थ होते होते हैं।

क्या पैकेट वाला दूध पीना चाहिए?

दरअसल जिस प्लास्टिक पैकेट में दूध रखा जाता है, इस प्लास्टिक में BPA (Chemical Bisphenol A) होता है, जो नुकसानदायक हो सकता है। रिसर्च बताती है कि जब भी यह प्लास्टिक सूरज की किरणों के सामने आती है तो इससे दूध में BPA शामिल हो सकता है।