हॉलमार्क कितने कैरेट का होता है? - holamaark kitane kairet ka hota hai?

विस्तार

कई बार डेडलाइन बढ़ने के बाद इस सप्ताह देश में गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई और इस नियम के लागू होने से ही यह सुनिश्चित हो गया है कि उपभोक्ता सोने के गहने खरीदते समय धोखा नहीं खाएंगे और उन्हें आभूषणों पर अंकित शुद्धता के अनुसार ही आभूषणों की प्राप्ति होगी। देशभर में ग्राहकों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने इस नियम को लागू किया है। इसे लागू करना इसलिए अनिवाय था क्योंकि पूर्व में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब ज्वैलर्स ने सोने के नाम पर उपभोक्ताओं को ठगा हो। ज्वैलर्स अपने ग्राहकों को ज्यादा शुद्धता वाले सोने के दाम पर कम शुद्धता वाले सोने के गहने बेच देते थे। लेकिन अब ज्वैलर्स का उपभोक्ताओं को ठगने का रास्ता बंद हो गया है।

शुद्धता की गारंटी है गोल्ड हॉलमार्किंग 
गोल्ड हॉलमार्किंग एक तरह की गारंटी है। इसके तहत हर गोल्ड ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अपने मार्क के द्वारा शुद्धता की गारंटी देता है। यदि आसान भाषा में समझें, तो यह विश्वसनीयता प्रदान करने का एक माध्यम है। यदि गहनों पर हॉलमार्क है तो इसका मतलब है कि उसकी शुद्धता प्रमाणित है।

ग्राहक कैसे पहचानें सोने की हॉलमार्किंग हुई है या नहीं?
लेकिन ग्राहक अब भी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उन्हें ये कैसे पता चलेगा कि जो ज्वैलरी वो खरीद रहे हैं वो हॉलमार्क वाली है या नहीं। ग्राहकों को यह तो पता है कि बीआईएस का चिह्न यह प्रमाणित करता है कि गहना भारतीय मानक ब्यूरो के स्टैंडर्ड पर खरा उतरता है। लेकिन अब लोगों के मन में सवाल ये है कि उन्हें इस बात की पुष्टि कैसे होगी कि जो ज्वैलरी वो खरीद रहे हैं वास्तव में उसकी हॉलमार्किंग हुई है 
या नहीं।

हॉलमार्किंग पहचानने के चार चिह्न 
अब आप जब भी किसी ज्वैलर से सोना खरीदने जाएंगे, तो उसपर आपको चार निशान दिखें। यदि इन चारों में से एक भी निशान ज्वैलरी पर नहीं होगा, तो समझ जाइएगा कि ज्वैलर आपको जो सोना दिखा रहा है, उसकी शुद्धता प्रमाणित नहीं है और संभव है कि आपको ठगा जा रहा है। ये चार निशान बताएंगे सोना हॉलमार्किंग वाला है या नहीं-

  • भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का मार्क
  • सोने का कैरेट
  • हॉलमार्किंग सेंटर की पहचान
  • ज्वैलर का कोड

कैरेट से कैसे पता चलता है कि सोना कितना शुद्ध है?
ज्वैलर्स अब सिर्फ 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट के सोने के आभूषण बेच सकते हैं-

  • 14 कैरेट वाले सोने में 58.50 फीसदी सोना होता है।
  • 18 कैरेट वाले सोने में 75 फीसदी सोना होता है।
  • 22 कैरेट वाले सोने में 91.60 फीसदी सोना होता है।

उदाहरण से समझिए पूरी गणना
एक कैरेट सोने का अर्थ होता है 1/24 गोल्ड। यदि आपको 18 कैरेट का सोना खरीदना है, तो 18 को 24 से भाग कर उसे 100 से गुणा करें। (18/24)x100= 75 
यानी आपके आभूषण में इस्तेमाल सोने की शुद्धता 75 फीसदी है।

24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध सोना माना जाता है। लेकिन इसके आभूषण नहीं बनते। ऐसा इसलिए क्योंकि वो बहुत मुलायम हो जाता है। ज्यादातर आभूषणों के लिए 22 कैरेट सोने का ही इस्तेमाल होता है।

कौन से कैरेट के लिए कौन सा नंबर होगा अंकित?
हर कैरेट के सोने के लिए हॉलमार्क नंबर अंकित किए जाते हैं। ज्वैलर्स की ओर से 22 कैरेट के लिए 916 नंबर का इस्तेमाल किया जाता है। 18 कैरेट के लिए 750 नंबर का इस्तेमाल करते हैं और 14 कैरेट के लिए 585 नंबर का उपयोग किया जाता है। इन अंकों के जरिए आपको पता चल जाएगा कि सोना कितने कैरेट का है।

हॉलमार्क कितने कैरेट का होता है? - holamaark kitane kairet ka hota hai?

हॉलमार्क सोना कितने प्रकार के होते हैं?

सोने को इसकी शुद्धता के आधार पर बांटा जाता है जैसे कि 24K, 23K, और 18K, आदि। यदि इसे हॉलमार्क (Hallmark) किया जाता है, तो 22K सोने को 'BIS 916' सोना कहा जाएगा; यह नंबर हॉलमार्क सील का एक हिस्सा होता है। इसी तरह, 23K सोने को BIS 958 के रूप में लिखा जाता है, जिसका अर्थ है 100 ग्राम मिश्र धातु में 95.8 ग्राम शुद्ध सोना

हॉलमार्क सोने का पहचान कैसे करें?

अगर आप सोना खरीदने जाते हैं और उसमें 375 लिखा हुआ है तो इसका मतलब है कि 37.5% शुद्ध सोने का इस्तेमाल किया गया है। उसी तरह अगर आपके सोने पर 585 ही लिखा हुआ है तो इसका मतलब 58.5% शुद्ध सोने का इस्तेमाल किया गया है।

916 हॉलमार्क क्या है?

916 गोल्ड क्या है (916 Gold Kya Hai?) 24 कैरेट, 23 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट आदि सोने की शुद्धता के आधार पर वर्गीकरण है। 22 कैरेट सोने को 'BIS 916' सोना कहा जाता है। मूल रूप से उत्पाद में सोने की शुद्धता को 916 नंबर से दर्शाया जाता है। इसका मतलब है, कि100 ग्राम मिश्र धातु में 91.6 शुद्ध सोना है।

हॉलमार्क का निशान क्या होता है?

क्या होती है हॉलमार्किंग: हॉलमार्क सोने की शुद्धता का पैमाना होता है. इसके तहत हर गोल्ड ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अपने मार्क के द्वारा शुद्धता की गारंटी देता है. केंद्र ने साफ कर दिया है कि हॉलमार्क अनिवार्य होने के बाद देश में सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट सोने की ज्‍वैलरी ही बिकेगी.