विस्तारकई बार डेडलाइन बढ़ने के बाद इस सप्ताह देश में गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई और इस नियम के लागू होने से ही यह सुनिश्चित हो गया है कि उपभोक्ता सोने के गहने खरीदते समय धोखा नहीं खाएंगे और उन्हें आभूषणों पर अंकित शुद्धता के अनुसार ही आभूषणों की प्राप्ति होगी। देशभर में ग्राहकों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने इस नियम को लागू किया है। इसे लागू करना इसलिए अनिवाय था क्योंकि पूर्व में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब ज्वैलर्स ने सोने के नाम पर उपभोक्ताओं को ठगा हो। ज्वैलर्स अपने ग्राहकों को ज्यादा शुद्धता वाले सोने के दाम पर कम शुद्धता वाले सोने के गहने बेच देते थे। लेकिन अब ज्वैलर्स का उपभोक्ताओं को ठगने का रास्ता बंद हो गया है। Show शुद्धता की गारंटी है गोल्ड हॉलमार्किंग ग्राहक कैसे पहचानें सोने की हॉलमार्किंग हुई है या नहीं? हॉलमार्किंग पहचानने के चार चिह्न
कैरेट से कैसे पता चलता है कि सोना कितना शुद्ध है?
उदाहरण से समझिए पूरी गणना 24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध सोना माना जाता है। लेकिन इसके आभूषण नहीं बनते। ऐसा इसलिए क्योंकि वो बहुत मुलायम हो जाता है। ज्यादातर आभूषणों के लिए 22 कैरेट सोने का ही इस्तेमाल होता है। कौन से कैरेट के लिए कौन सा नंबर होगा अंकित? हॉलमार्क सोना कितने प्रकार के होते हैं?सोने को इसकी शुद्धता के आधार पर बांटा जाता है जैसे कि 24K, 23K, और 18K, आदि। यदि इसे हॉलमार्क (Hallmark) किया जाता है, तो 22K सोने को 'BIS 916' सोना कहा जाएगा; यह नंबर हॉलमार्क सील का एक हिस्सा होता है। इसी तरह, 23K सोने को BIS 958 के रूप में लिखा जाता है, जिसका अर्थ है 100 ग्राम मिश्र धातु में 95.8 ग्राम शुद्ध सोना।
हॉलमार्क सोने का पहचान कैसे करें?अगर आप सोना खरीदने जाते हैं और उसमें 375 लिखा हुआ है तो इसका मतलब है कि 37.5% शुद्ध सोने का इस्तेमाल किया गया है। उसी तरह अगर आपके सोने पर 585 ही लिखा हुआ है तो इसका मतलब 58.5% शुद्ध सोने का इस्तेमाल किया गया है।
916 हॉलमार्क क्या है?916 गोल्ड क्या है (916 Gold Kya Hai?)
24 कैरेट, 23 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट आदि सोने की शुद्धता के आधार पर वर्गीकरण है। 22 कैरेट सोने को 'BIS 916' सोना कहा जाता है। मूल रूप से उत्पाद में सोने की शुद्धता को 916 नंबर से दर्शाया जाता है। इसका मतलब है, कि100 ग्राम मिश्र धातु में 91.6 शुद्ध सोना है।
हॉलमार्क का निशान क्या होता है?क्या होती है हॉलमार्किंग: हॉलमार्क सोने की शुद्धता का पैमाना होता है. इसके तहत हर गोल्ड ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अपने मार्क के द्वारा शुद्धता की गारंटी देता है. केंद्र ने साफ कर दिया है कि हॉलमार्क अनिवार्य होने के बाद देश में सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट सोने की ज्वैलरी ही बिकेगी.
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