घर की छत पर चील बैठने से क्या होता है - ghar kee chhat par cheel baithane se kya hota hai

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

चील संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ चिल्ल] गिद्ध और बाज आदि की जाति की पर उनसे कुछ दुर्बल एक प्रसिद्ध चिडिया । विशेष—यह संसार के प्राय: सभी गरम देशों में पाई जाती है, और कई प्रकार के रंगों की होती है । बहुत तेज उडती है और आसमान में बहुत ऊँचाई पर प्राय: बिना पर हिलाए चक्कर लगाया करती है । यह कीडे मकोडे, चूहे, मछलियाँ, गिरगिट और छोटे छोटे पक्षी खाती है । यह अपने शिकार को देखकर तिरछे उतरती है और बिना ठहरे हुए झपट्टा मारकर उसे लेती हुई आकाश की ओर निकल जाती है । बाजारों में मछली और मांस की दूकानों के आसपास प्राय: बहुत सी चीलै बैठी रहती हैं और रास्ता चलते लोगों के हाथों से झपट्टा मारकर खाद्यपदार्थ ले जाती हैं । यह ऊँचे ऊँचे वृक्षों पर अपना घोसला बनाती है और पूस माघ में तीन चार अंडे दाती है । अपने बच्चों को यह दूसरे पक्षियों के बच्चे लाकर खिलाती है । यह बहुत जोर से ची, ची करती है इसी से इसका नाम चिल या चील पडा है । हिंदू लोग अपने मकानों पर इसका बैठना अशुभ समझते हैं और बैठते ही इसे तुरंत उडा दैतै हैं । पर्या॰—आतापी । शकुनि । खभ्रांत । कंठनीडक । चिलंतन । यौ॰ चील झपट्टा = (१) किसी चीज को औचक में झपट्टा मारकर लेने की क्रिया । (२) लडकों के एक खेल जिसमें वे एक दूसरे के सिर पर, उसकी टोपी उतारकर धोल लगाते हैं । मुहा॰—चील का मूत = वह चीज जिसका मिलना बहुत कठिन, प्राय: असंभव हो ।

इन्हें माना जाता है बड़ा अपशुगन, दुआ करें यह आपके साथ नहीं हो

राकेश झा/अमर उजाला, नई दिल्ली Updated Wed, 25 May 2016 06:31 PM IST

राम चर‌ित मानस और महाभारत सह‌ित कई पौराण‌िक ग्रंथों में शकुन और अपशकुन का ज‌िक्र क‌िया गया है। इन अपशगुनों में कुछ ऐसे भी अपशगुन माने गए हैं जो बताते हैं क‌ि व्यक्त‌ि को मृत्यु के समान कष्ट भोगना पड़ सकता है। दुआ करें क‌ि आपके साथ ऐसा अपशगुन न हो।

इन्हें माना जाता है बड़ा अपशुगन, दुआ करें यह आपके साथ नहीं हो

शगुनशास्‍त्र में कौए से संबंध‌ित कई शुभ और अशुभ शगुनों  का ज‌िक्र क‌िया गया है इनमें बताया गया है क‌ि कौआ का मैथुन करते हुए द‌िखना बहुत ही अशुभ होता है। यह संकेत है क‌ि व्यक्त‌ि को गंभीर बीमारी हो सकती हैं। कुछ लोग मानते हैं क‌ि यह मृत्यु का संकेत होता है।

इन्हें माना जाता है बड़ा अपशुगन, दुआ करें यह आपके साथ नहीं हो

स‌िर के ऊपर चील या कौआ का बैठना मृत्यु के समान कष्ट का सूचक माना जाता है। ऐसे में व्यक्त‌ि को गंभीर रोग का सामना करना पड़ता है।

इन्हें माना जाता है बड़ा अपशुगन, दुआ करें यह आपके साथ नहीं हो

स‌िर पर ग‌िद्ध का मंडराना भी उस तरह अशुभ शगुन माना जाता है जैसे कौए का स‌िर पर बैठना।

इन्हें माना जाता है बड़ा अपशुगन, दुआ करें यह आपके साथ नहीं हो

अपनी छाया में छेद द‌‌िखना अच्छा शगुन नहीं माना जाता है। शास्‍त्रों के अनुसार यह मृत्यु के न‌िकट होने का संकेत होता है।

भारत में परंपरा और हजारों सालों के ज्ञान और अनुभव के आधार पर कुछ ऐसी बातें समाज में प्रचलित हैं जो कि आपको हैरत में जरूर डाल देगी, लेकिन आप इन्हें नकार भी नहीं सकते हैं। हो सकता है कि यह अंधविश्वास हो या इनमें कोई रहस्य छुपा हो, लेकिन जान लेने में क्या हर्ज है।

आप इन्हें माना या न माने लेकिन अधिकतर लोग तो इस पर विश्वास करते हैं। यह हम नहीं जानते कि यह सही है या नहीं, लेकिन प्राचीनकाल से ही लोक परंपरा और स्थानीय लोगों की मान्यताओं पर आधारित इन बातों को आज भी लोग सही मानते हैं। उन हजारों बातों में से कुछ बातें ऐसी है जो आपकी जिंदगी और मौत से जुड़ी हुई है। उन्हीं बातों से से 10 खास बातें जानिए...

नई दिल्‍ली: शगुन-अपशगुन हमारे जीवन का हिस्‍सा हैं. हमारे आसपास ढेरों ऐसी चीजें और घटनाएं होती हैं जो अच्‍छी-बुरी घटनाओं का संकेत देती हैं. ये घटनाएं हमारे जीवन को बड़े पैमाने पर प्रभावित करती हैं. सदियों से ये शगुन-अपशगुन प्रचलन में हैं. आज हम एक ऐसे पक्षी से जुड़े शगुन-अपशगुन के बारे में जानते हैं, जो तकरीबन हर जगह पाए जाते हैं. ये पक्षी है कौआ. कौए से जुड़े अच्‍छे-बुरे संकेतों के बारे में पीढ़ी-दर-पीढ़ी कई बातें कही जाती हैं. साथ ही शकुन शास्‍त्र में भी इन संकेतों और उनसे निकलने वाले मतलब का जिक्र किया गया है. 

धन लाभ कराते हैं कौए से जुड़े ये संकेत 

- यदि कौआ अपनी चोंच से मिट्टी को कुरेदता हुआ दिखे तो मान लें कि आपको कहीं से बहुत सारा पैसा मिलने वाला है. इस संकेत को बेहद शुभ माना गया है. 
- वहीं सुबह-सुबह कौए का घर की छत पर या घर के सामने बोलना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसा होना किसी मेहमान के आने का संकेत भी होता है, साथ ही यह घटना मान-सम्‍मान मिलने और धन लाभ होने का भी संकेत है. 
- वहीं कौआ यदि पीछे से बोले तो इसे भी बहुत शुभ माना जाता है. यह किसी बड़ी समस्‍या से निजात मिलने का संकेत है. 
- कहीं आते-जाते हुए कौए पानी पीते दिख जाए तो यह धन लाभ होने का साफ संकेत होता है. 

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ये संकेत मिलें तो हो जाएं सावधान 

- यदि किसी महिला के सिर पर कौआ बैठे तो यह उसके पति के जीवन पर कोई संकट आने का इशारा देता है. 
- यदि कहीं जाते समय पर सूखे पेड़ पर गिद्ध बैठा हुआ दिख जाए तो यह बड़ा अपशगुन है. ऐसा होने पर यात्रा पर जाने की गलती न करें. 
- घर की छत पर चील का आकर बैठना भी संकट आने का इशारा है. 
- यदि कौए का झुंड घर की छत पर आकर शोर मचाए तो यह घर के मुखिया के लिए परेशानी आने का इशारा है. 
- कौए का जोर-जोर से बोलना भी अच्‍छा नहीं माना जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

घर के छत पर चील बैठने से क्या होता है?

घर की छत पर या दीवार पर चील का बैठना अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि यह घर में परेशानियां आने का संकेत देता है।

चील का काम क्या है?

यह सर्वभक्षी तथा मुर्दाखोर चिड़िया है, जिससे कोई भी खाने की वस्तु नहीं बचने पाती। ढीठ तो यह इतनी होती है कि कभी कभी बस्ती के बीच के किसी पेड़ पर ही अपना भद्दा सा घोंसला बना लेती है। मादा दो तीन सफेद या राखी के रंग के अंडे देती है, जिनपर कत्थई चित्तियाँ पड़ी रहती हैं।

चील और बाज में क्या अंतर होता है?

बाज और चील मिलती जुलती प्रजाति के शिकारी पक्षी हैं। बाज कुछ आकार मे छोटा दिखता है। चील आसमान में उंचा उडती दिखाई देती हैं।

चील पक्षी कौन सा होता है?

चील एक शिकारी पक्षी है जो अपने तेज, शक्तिशाली और अचानक झपट्टे के लिए मशहूर है। यह एक माध्यम आकर की बेहद आक्रामक चिड़िया है जो छोटे छोटे जंतुओं का शिकार करती है। ये गिद्ध की तुलना में छोटी और हलकी होती है। चील Accipitridae फैमिली से सम्बन्ध रखने वाला प्राणी है।

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