अगर आपने गाय या भैंस पाल रखी है, तो आपको उसका पूरा ध्यान रखने की
जरूरत होती है। ऐसे में पशुओं के ब्याने के बाद उनका जेर गिरना काफी जरूरी होता है। लेकिन कई बार खुद से जेर नहीं गिरती है। आमतौर पर तो गाभिन पशुओं में ब्याने के कुछ ही घंटों में जेर खुद ही बाहर आ जाती है। लेकिन अगर 12 घंटों तक ऐसा नहीं होता है, तो देर गिराने के उपाय करने की जरूरत होती है। इस आर्टिकल में हम जेर गिराने के देसी उपाय और चिकित्सक उपायों के बारे में जानेंगे। जब गाय या भैंस में जेर खुद नहीं गिरती है, तो इस स्थिति को जेर का रुकना या रिटेंड प्लेसेंटा कहते हैं। डेरी पशुओं में जेर के
अटकने पर तुरंत इलाज करवाने की जरूरत होती है। सबसे पहले जानते हैं पशु में जेर अटकने के कारण। कई बार ऐसा होता है कि आपकी गाय या भैंस के शरीर में जेर फंस जाती है। जिसके लिए आपको फिर चिकित्सक को बुलाने की जरूरत आ जाती है। लेकिन हमारे किसान भाई डॉक्टर की मदद लेने से डरते हैं। तो अब ऐसे में डरने की जरूरत नहीं है। आप डॉक्टर की मदद लेकर जेर गिरा सकते हैं। ऐसा करने के लिए अटके हुए जेर को हाथ डालकर धीरे से खींचकर निकाला जाता है। इसे डॉक्टर के द्वारा ही करवाए क्योंकि
इसमें थोड़ा खतरा रहता है। अंदर हाथ डालने के कारण गर्भाश्य में संक्रमण हो सकता है। जो पशु में बांझपन का कारण बन सकता है। ये रास्ता ब्याने के 12 घंटों के बाद ही अपनाएं। अगर आप भी अपने पशु के लिए इस तरह की परेशानियों का समाधान खोज रहे हैं, तो अब कहीं और परेशान होने की जरूरत नहीं है। Animall ऐप पर आप चिकित्सक से बात कर सकते हैं। साथ ही अगर आप पशु खरीदने या बेचने का विचार कर रहे हैं तो उसके लिए भी Animall ऐप डाउनलोड करें। Krishify मादा पशु जेर गिराने में समय लगाए, तो करें यह उपाय
⚫ अक्सर गाय - भैंस 2-4 घंटे में जेर गिरा देती हैं। ⚫ कुछ गाय - भैंस 8-12 घंटे का समय जेर गिराने में ले सकती हैं। ⚫ देर से जेर गिराने की समस्या के लिए यूटेरोटान लिक्विड ताजे पानी के साथ दो बार में दें। ⚫ पशु ब्याने के 14-18 घंटे बाद भी जेर नहीं गिराती तो पशु चिकित्सक को बुलाएं। ⚫ ऐसे पशु को बच्चे दानी की सफाई वाली दवा 100 ml 5 दिन तक दें। ⚫ नवजात पशु के पैदा होते ही उनकी टून्डी (नाभि) पर एंटीसेप्टिक दवा टिंचर आयोडीन, डिटोल या हल्दी पाउडर लगाएं। ⚫ जेर देर से गिरने वाले पशु की देखभाल सही से करें, कुत्ते आदि के खींचने से समस्या हो सकती है। नए ब्याने वाले जानवरों को 6-12 घंटों में जेर में पड़ जानी चाहिए। यह समस्या आमतौर पर अधिक दुधारू पशुओं में आती है। इसके कई कारण हैं। यदि आपके जानवर को भी जेर नहीं पड़ती है, तो इन देसी नुस्खों को आज़माएं। 1. नई ब्याई भैंस/ गाय को उसी की बाउली पिला दें, इससे ज़ेर जल्दी पड़ेगी क्योंकि बाउली में दूध के मुकाबले कई गुणा ज्यादा खुराकी तत्व होते हैं। ऊर्जा का स्त्रोत होने के साथ-साथ इस में कैलशियम भी भरपूर मात्रा में होता है जो कि बच्चेदाने के संकुचित होने के लिए और ज़ेर बाहर निकालने के लिए सहायक होता है। कुदरत सिर्फ इसे नये जन्में बच्चे के लिए ही पैदा करती है, इसे 1-2 घंटों के अंदर अंदर कटड़े बछड़े को जरूर पिलायें। 2. ब्याने के उपरांत पशु को गुड़, सौंफ, अजवायन, सोए, मेथी, सुंड मिलाकर काढ़ा पिलायें। यह बच्चेदानी के संकुचित होने में भी सहायक होता है, इससे ज़ेर जल्दी पड़ती है। 3. ज़ेर ना पड़ने की सूरत में आटा, गुड़, सौंफ, इलायची और जीरा आदि को पशु की खुराक में मिलाकर खिला दिया जाता है क्योंकि आटा और गुड़ ऊर्जा प्रदान करते हैं जो कि ब्याने के बाद सुस्त हुए पशु के लिए बहुत जरूरी है। सौंफ पाचन प्रणाली को दुरूस्त रखती है। 4. ज़ेर ना पड़ने की सूरत में पशु को पीपल के पत्ते खिला दें क्योंकि पीपल के पत्तों में रेशा होता है जो पशु का पेट भरने में सहायक होता है जिससे बच्चेदानी पर दबाव पड़ता है और ज़ेर जल्दी पड़ सकती है। 5. सरसों का तेल, नमक और अजवायन को मिलाकर पशु की गर्दन से पूंछ की तरफ ज़ोर-ज़ोर से मालिश तब तक करें, जब तक पशु के शरीर में से ताप ना निकलने लग जाये। इससे भी ज़ेर जल्दी पड़ेगी। कृषि और पशुपालन के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपनी खेती एप्प डाउनलोड करें - एंड्राइड, आईफ़ोन गाय को जेर गिराने के लिए क्या देना चाहिए?ब्याने के तुंरत बाद पशु को 0.5-1 किलो गुड़ व गेहूँ का दलिया देना चाहिए इससे जेर के निकलने में मदद मिलती है। ये पाया गया है की गर्भावस्था के आखरी महीने में अगर पशु को सेलेनियम और विटामिन E दिया जाए हल्का व्यायाम कराया जाए तो जेर बिलकुल सही समय पर निकल जाता है।
गाय की जड़ कैसे बढ़ती है?ऐसे तैयार करें जेर खाद. जब भी आपकी गाय या भैंस बच्चा देने वाली हो तो पशु ब्याते समय खास निगरानी रखें।. पशु ब्याने की शुरुआत में जब वाटर बालून या जैव रस की थैली बाहर आने लग तभी एक टोकरी राख ऐश तैयार रखें।. जैसे ही यह पानी की थैली जमीन पर गिरे तुरन्त टोकरी की राख इसपर डाल दें। ... . इसके बाद जब पशु बच्चा देने के बाद जेर डाले।. गाय को हल्दी खिलाने से क्या फायदा होता है?एक्सपर्ट }हल्दी-बाजरे की रोटी रोग से लड़ने की देती है ताकत पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डाॅ. गुरचरण सिंह ने कहा कि लंपी स्किन डिसीज कमजोर पशुओं को जल्द चपेट में लेती है। हल्दी युक्त बाजरे की रोटी एवं आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाने से गायों में इम्युनिटी बढ़ती है। इससे वायरस से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
पशु को हीट में लाने के लिए क्या करना चाहिए?“अश्वगंधा” (विदेनिया सोमनीफेरा) के राइज़ोम्स 150 ग्राम, जिन्जेली बीज 150 ग्राम को अच्छी तरह से 2 मुर्गी के अण्डों और 2 केले के फलों में मिलाकर पेस्ट तैयार करें और पशु को 7 दिनों के लिए दें I यदि पशु तब भी गर्मी में नहीं आता तो 7 दिनों के अंतराल पर फिर से इलाज (केवल 1 दिन के लिए) दोहराएं।
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