गाय का बीमा - gaay ka beema

  • होम
  • वीडियो
  • सर्च
  • ई-पेपर

गाय का बीमा - gaay ka beema

  • होम
  • वीडियो
  • सर्च
  • ई-पेपर

  • Hindi News
  • National
  • पशु बीमा योजना में गरीबों को 70 प्रतिशत राहत

पशुपालक अब घर बैठे पशुओं का बीमा करा सकेंगे। इसके लिए पशुपालन विभाग द्वारा भामाशाह बीमा योजना के तहत पशुओं का बीमा किया जा रहा है। योजना के तहत बीमा करवाने के लिए पशुपालकों के लिए भामाशाह कार्ड होना चाहिए।

पशुपालन विभाग द्वारा बीमा की प्रीमियम राशि पर पशुपालकों को अनुदान दिया जाएगा। एससी, एसटी बीपीएल वर्ग के पशुपालकों को भैंस का बीमा 413 रुपए प्रीमियम जिसमें जिसमें 50 हजार का बीमा। गाय का 330 की प्रीमियम राशि पर 40 हजार का बीमा होगा इसमें 70 प्रतिशत छूट शामिल है। सामान्य वर्ग के पशुपालकों को बीमा की प्रीमियम राशि में 50 प्रतिशत छूट मिलेगी। इन पशुपालकों को गाय के बीमा के लिए 550, भैंस के बीमा के लिए 688 रुपए जमा कराने होंगे। योजना के तहत देशी, संकर नस्ल के दूध देने वाले पशु गाय, भैंस, भार ढोने वाले ऊंट, घोड़ा, गधा, सांड, पाड़ा तथा अन्य पशु बकरी, भेड़ का बीमा अनुदानित प्रीमियम दर पर किया जाएगा। भेड़ का बीमा करवाने पर विभाग द्वारा एससी, एसटी एवं बीपीएल पशुपालकों को 80 प्रतिशत अनुदान एवं सामान्य वर्ग के पशुपालकों को 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। रोग या दुर्घटना से बीमित पशु की मृत्यु होने पर 100 प्रतिशत बीमा लाभ दिया जाएगा। अनुदानित बीमा के लिए दुधारु गाय की कीमत 40 हजार, भैंस की 50 हजार भार ढोने वाले पशु (ऊंट, घोड़ा, गधा, सांड, पाडा) की अधिकतम 50 हजार रुपए रहेगी। बीमा योजना में टैग से पशुओं की पहचान सुनिश्चित होने से इसमें पारदर्शिता रहेगी।

पशुपालन विभाग
योजना में मिलेगी पशुपालकों को राहत, बीमित पशु पर लगाए जाएंगे टैग, गुम होने पर देनी होगी जानकारी
इस तरह होगा पशुओं का बीमा
पशुपालकों को अपने पशुओं को बीमा करवाने के लिए संबंधित पशु चिकित्सालय में पशु बीमा के लिए सूचित करना होगा। सूचना के बाद पशु चिकित्सक एवं संबंधित बीमा कंपनी अभिकर्ता पशुपालक के घर पहुंचेंगे। वहां पर पशु चिकित्सक द्वारा पशु का स्वास्थ्य परीक्षण कर स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करेगा। बीमा के लिए पशुपालक के पास भामाशाह कार्ड एवं बैंक में खाता होना जरूरी है। पशु का बीमा करने के दौरान बीमा कंपनी द्वारा पशु के कान में टैग लगाया जाएगा। पशुपालक की पशु के साथ संयुक्त फोटो ली जाएगी। बाद में पशु का बीमा कर पॉलिसी जारी कर दी जाएगी। पशु का बीमा होने के बाद कान में लगाया जाने वाला टैग गिर जाता है तो पशुपालक द्वारा बीमा कंपनी को सूचना दी जाएगी। जिससे बीमा कंपनी पशु के नया टैग लगा सके। बांदरसिंदरी क्षेत्र के के सीनियर वेटरनरी चिकित्सक डॉ. मुकेश ने बताया कि अब तक 1 हजार 750 पशुओं का बीमा हो चुका है। जिस पशुपालक का भामाशाह कार्ड बना हुआ है, वह अपने 5 पशुओं का बीमा करवा सकता है। प्रीमियम राशि 50 हजार रुपए है। एससी-एसटी ओर बीपीएल 70 प्रतिशत छूट है।

हमारे देश में एक ठेठ मवेशी मालिक एक छोटा सा किसान है जो एक या दो मवेशी का मालिक है| किसान फसल और पशुधन उत्पादन के मिश्रित खेती प्रणाली के हिस्से के रूप में मवेशी पालते हैं|दूध की बिक्री के माध्यम से उत्पन्न नियमित पशुधन आय का उपयोग मौसमी खेती आय के पूरक के लिए किया जाता है|  छोटे किसान पशुधन से लगभग आधी आय का उत्पादन करते हैं और मवेशियों का मूल्य किसान के धन का पर्याप्त प्रतिशत दर्शाता है, मवेशियों की मृत्यु काफी जोखिम रखती है और किसान की निवल मूल्य और आय को प्रभावित करती है| इस नुकसान से किसानों की रक्षा के लिए इफ्को टोक्यो ने एक अद्वितीय पशु बीमा पॉलिसी "पशु धन बीमा योजना" तैयार की है |

प्रयोज्यता:
पशु धन बीमा योजना को व्यक्तियों, विभिन्न वित्तीय संस्थानों, डेयरी फार्म्स, सहकारी समितियों और सहकारी डेयरी आदि के स्वामित्व वाले स्वदेशी और विदेशी मवेशियों को बीमा कवर प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है|

कवर / बीमा कवरेज का स्कोप

पॉलिसी केवल निम्न कारणों से मवेशियों की मृत्यु के लिए क्षतिपूर्ति देगी: -

  • दुर्घटना (बाढ़, चक्रवात, अकाल सहित) या किसी भी अन्य आकस्मिक परिस्थितियों (आकस्मिक अर्थात् मूल रूप से दुर्घटनापूर्ण)
  • बीमारियों (इन बीमारियों के विरूद्ध टीकाकरण के अधीन रिंडरपेस्ट, ब्लैक क्वार्टर, हैमोरैजिक सैप्टिसिमीया, पैर और मुंह रोग शामिल)|
  • सर्जिकल ऑपरेशन |
  • हड़ताल, दंगा और नागरिक अभियान जोखिम और आतंकवाद |
  • भूकंप
  • आतंकवादी कार्यवाई

निम्नलिखित अपवादों के अधीन:

इनके कारण मृत्यु या नुकसान: -

  • दुर्भावनापूर्ण या जानबूझकर किया गया कार्य, लापरवाही, भारी लदान, अकुशल उपचार, कंपनी की सहमति के बिना पॉलिसी में बताये गए जानवरों के अन्य उपयोग|
  • जोखिम के प्रारंभ से पहले के हुए दुर्घटना / रोग |
  • पशु की जानबूझकर हत्या, ऐसे मामलों को छोड़कर जहां योग्यताधारी पशुचिकित्सा द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर मानव विचार पर हानिकारक दु: खों को समाप्त करने के लिए विनाश आवश्यक है या ऐसे मामलों में जहां विधिवत रूप से गठित अधिकारियों के आदेश से विनाश किया जाता है|
  • हवा या समुद्र के द्वारा परिवहन,
  • सड़क या रेल द्वारा, 80 किमी से अधिक का पारगमन, (अगर पारगमन राज्य के भीतर है तो 1% अतिरिक्त प्रीमियम चार्ज करके कवर किया जा सकता है)
  • असम के लखीमपुर और सिबसागर जिले में प्ल्यूरोनिमोनिया
  • चोरी या गोपनीय बिक्री, बीमाकृत जानवरों का गायब होना|
  • किसी भी प्रकार की आंशिक अक्षमता, चाहे स्थायी हो या अस्थायी|
  • स्थायी कुल विकलांगता, जो दुग्ध पशुओं के मामले में प्रजनन के प्रयोजन के लिए स्थायी और पूर्ण अक्षमता होती है, और बैल और अशिष्ट नर भैंस के मामले में प्रस्ताव में उल्लिखित उपयोग के प्रयोजन के लिए स्थायी और पूर्ण अक्षमता होती है|
  • युद्ध और संबद्ध खतरे
  • परमाणु अपवाद खंड
  • किसी भी प्रकार की परिणामस्वरूप हानि
  • पॉलिसी की शुरुआत से 15 दिनों में बीमारियों के कारण जानवर की मृत्यु
  • 'कोई टैग नहीं - कोई दावा नहीं' यहां लागू होता है|

आयु वर्ग

दुग्ध गायें 2 साल (या पहला बछड़ा होने पर उम्र) से 10 साल तक|
दुग्ध भैंस 3 साल (या पहला बछड़ा होने पर उम्र) से 12 साल तक|
स्टड बुल्स 2 साल (या पहले अर्थात यौन परिपक्वता पर उम्र) से 8 साल तक
बैल (कैस्ट्रेटेड बैल / नर भैंस) 2 साल से 12 साल
स्वदेशी / प्रथम विदेशी क्रॉस नस्ल के मादा बछड़े / हाईफर्स उपरोक्त के रूप में वयस्क मादा पशुओं के लिए न्यूनतम आयु सीमा या प्रथम बछड़ा होने तक 4 महीने|
नीचे दिखाए गए वर्षों में आयु वर्ग के पशुओं को वैधानिक सर्जन से स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के अधीन स्टैंडर्ड इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत स्वीकार किया जाएगा|

मूल्यांकन और बीमा राशि

बाजार मूल्य विभिन्न नस्लों, क्षेत्रों और समय के आधार पर बदलती रहती है| बीमा / दावा निपटान की स्वीकृति के लिए परीक्षक पशुचिकित्सक की सिफारिश को उचित मार्गदर्शन माना जाएगा|

बीमित राशि बाजार मूल्य के 100% से अधिक नहीं होगी

क्षतिपूर्ति

केवल मौत: बीमा राशि या बीमारी से पहले बाजार मूल्य, जो भी कम हो और