गुरुवार के व्रत में दूध पीना चाहिए या नहीं : प्रणाम गुरुजनों आज हम आप लोगों को इस के माध्यम से गुरुवार के व्रत में दूध पीना चाहिए या नहीं इसके बारे में बताएंगे वैसे तो गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का दिन माना जाता है लोग भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए काफी लोग गुरुवार के दिन व्रत रखते हैं इस दिन भगवान विष्णु का व्रत करके कथा आदि सुनने पर हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं जो भी मनुष्य इस व्रत को करता है. Show
उसको कभी भी धन की कमी नहीं होती है तथा वह व्यक्ति आर्थिक तगी से मुक्त रहता है और इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति भी होती है वैसे माना जाए तो यह व्रत उत्तम फल देने वाला व्रत है लेकिन कुछ लोगों के मन में गुरुवार के व्रत को लेकर सवाल उठते हैं अगर आपके मन में भी गुरुवार के व्रत को लेकर कोई सवाल है तो आप हमारे इस लेख को पढ़कर अपने सवालों के जवाब ढूंढ सकते हैं. इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से गुरुवार के व्रत में दूध पीना चाहिए या नहीं गुरुवार के व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं इसके अलावा गुरुवार व्रत को लेकर जो भी समस्याएं होती हैं उनसे संबंधित अन्य जानकारी भी देने का प्रयास करेंगे तो आइए हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने का प्रयास करते हैं। गुरुवार के व्रत में दूध पीना चाहिए या नहीं | Guruvar ke vrat mein doodh peena chahiye ya nahiअगर आप लोग भी जानना चाहते हैं कि गुरुवार के व्रत में दूध पीना चाहिए या नहीं तो यह सच है कि गुरुवार के व्रत में दूध पी सकते हैं लेकिन उसके लिए आपको दूसरी कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक है जैसे कि आप गुरुवार के दिन नमक नहीं खा सकते हैं इसमें आप सेंधा नमक का सेवन भी नहीं कर सकते हैं गुरुवार के व्रत में लाल रंग के किसी भी फल को नहीं खाना चाहिए. गुरुवार के व्रत में केला भी नहीं खाना चाहिए और दूध से बनी किसी भी खाद्य पदार्थ को नहीं खाना चाहिए गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है करा भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं तो पीले फल और पीले फलों का उपयोग कर सकते हैं अगर आप अपनी मनोकामना को पूर्ण करना चाहते हैं तो गुरुवार को पीले रंग के वस्त्र पहनकर ही पूजा में बैठे आपकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाएगी। गुरुवार को केला खाना चाहिए या नहीं | Guruwar ko kela khana chahiye ya nahinअगर आप बृहस्पति देव का यह व्रत रखते हैं तो आपको केले का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि अकेला बृहस्पति देव का स्वरूप माना जाता है इसीलिए गुरुवार के व्रत में केले की पूजा करनी चाहिए ना कि उसे खाना चाहिए इसीलिए गुरुवार के दिन आप केले का सेवन बिल्कुल भी ना करें। गुरुवार के व्रत में कौन सा फल खाना चाहिए | Guruvar ke vrat mein kaun sa phal khana chaahiyeगुरुवार के व्रत में आप लाल रंग का फल तथा केला नहीं खा सकते हैं और सभी प्रकार के फल खा सकते हैं इस दिन अगर आप पीले रंग के फलों का सेवन करते हैं तो यह आपके लिए अच्छा होता है। गुरुवार का व्रत कैसे किया जाता है ? | Guruvar ka vrat kaise kiya jaata hai ?अगर आप जानना चाहते हैं कि गुरुवार व्रत कैसे किया जाता है तो हमारे द्वारा दी गई इस संपूर्ण जानकारी को अंत तक जरूर पढ़ें।
गुरुवार के कितने व्रत करना चाहिए ? | Guruvar ke kitne vrat karna chahiye ?अगर आप गुरुवार का व्रत रखते हैं और उस गुरुवार के व्रत में आप कोई विशेष कामना मांगते हैं तो उसके लिए आपको कम से कम 16 गुरुवार व्रत अवश्य रहना चाहिए 16 दिन तक गुरुवार व्रत रहने के बाद उसका उद्यापन करवा देना चाहिए जैसे ही आप उद्यापन कर देते हैं वाह व्रत अपूर्ण माना जाता है अतः 16 दिन तक इसका व्रत रखने के बाद इस का उद्यापन जरूर करना चाहिए। गुरुवार के व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं ? | Guruvar ke vrat mein namak khana chahiye ya nahi ?अगर कोई व्यक्ति गुरुवार व्रत रहता है तो उसे नमक नहीं खाना चाहिए गुरुवार के दिन आप किसी भी प्रकार का नमक नहीं खा सकते हैं यहां तक कि सेंधा नमक भी नहीं खा सकते हैं। गुरुवार के व्रत में दही खा सकते हैं | Guruvar ke vrat mein dahi kha sakte hainगुरुवार के व्रत में आपको दूध से बनी यानी कि दही का सेवन भी नहीं करना चाहिए। गुरुवार के व्रत के बारे मेंअगर आप भी गुरुवार का व्रत रखते हैं तो आपको यह जानना आवश्यक है कि यह गुरुवार का व्रत किस भगवान के लिए रखा जाता है गुरुवार यानी कि बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु का माना जाता है इसीलिए जो भी व्यक्ति गुरुवार के दिन व्रत रखता है वह भगवान विष्णु के लिए व्रत रखता है जिस भी व्यक्ति की शादी में कोई समस्या हो रही हो उसे गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए उसकी शादी की समस्या जल्द ही समाप्त हो जाएगी। गुरुवार का 16 दिन व्रत रखने से और उसका उद्यापन कर देने से व्यक्ति के जीवन की तमाम समस्याएं यूं ही दूर हो जाती हैं अगर किसी की कुंडली में गुरु दोष है तो वह भी शांत हो जाता है। गुरुवार को क्या नहीं करना चाहिए ? | Guruvar ko kya nahi karna chahiye
FAQ : गुरुवार के व्रत में क्या खा सकते है ?गुरुवार के व्रत में दूध पी सकते हैं क्या?गुरुवार के व्रत में आप दूध पी सकते हैं। गुरुवार के व्रत के दिन क्या खाना चाहिए?जिस दिन आप गुरुवार व्रत को कहते हैं उस दिन आप पीले वस्त्रों तथा पीले फूलों का उपयोग करना चाहिए ऐसा माना जाता है कि इस दिन एक बार बिना नमक का पीला भोजन करना चाहिए और उस भोजन में आप चने की दाल का प्रयोग भी कर सकते हैं गुरुवार व्रत की पूजा करने के लिए आपको उस दिन सुबह प्रातः काल उठकर स्नान आदि से संपन्न होकर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प ले लेना है। गुरुवार के व्रत में खाना कब खाते हैं?अगर आप गुरुवार के दिन भगवान विष्णु का व्रत कर रहे हैं तो आपको पीले रंग का भोजन अवश्य करना चाहिए ऐसा कहा जाता है कि अगर आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उन्हें पीले वस्त्र पीले फल या फिर पीला भोजन जरूर अर्पित करें इस दिन आप भूल कर भी काली दाल की खिचड़ी और चावल का सेवन नहीं कर सकते हैं अगर आप इस दिन चावल खाते हैं तो धन हानि हो सकती है। निष्कर्षदोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से गुरुवार के व्रत में दूध पीना चाहिए या नहीं इसके बारे में बताया और यह भी बताएं कि गुरुवार के व्रत के दिन नमक खाना चाहिए या नहीं गुरुवार व्रत से जुड़ी अन्य सारी जानकारियों पर चर्चा करने की कोशिश की है अगर आपने हमारे इस लेख को क्या कर रहे हो तरह से पड़ा है तो आपको गुरुवार के व्रत में दूध पीना चाहिए या नहीं इसके बारे में पता चल गया होगा हम उम्मीद करते हैं कि आज का हमारा यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। बृहस्पतिवार के व्रत में क्या भोजन करना चाहिए?कई लोग व्रत में गेहूं का आटा, बेसन, सूजी, मैदा, चावल जैसे अनाज भी नहीं खाते. गुरुवार व्रत में प्याज और लहसुन का उपयोग भी नहीं होता है. उपवास के दिनों में नमक भी नहीं खाया जाता, सिर्फ सेंधा नमक का इस्तेमाल होता है. एक बात का ध्यान जरूर रखें, व्रत में किसी तरह का नशा न करें.
गुरुवार के व्रत में चावल खा सकते हैं क्या?भूलकर न खाएं चावल या खिचड़ी
मान्यता है कि गुरुवार के व्रत में पीला भोजन ही ग्रहण करें. इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. इस दिन भूल से भी काली दाल की खिचड़ी या फिर चावलों का सेवन न करें.
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