गर्भाशय निकालने के लिए कौन सी सर्जरी सबसे अच्छी है? - garbhaashay nikaalane ke lie kaun see sarjaree sabase achchhee hai?

हिस्टरेक्टॉमी (hysterectomy) बच्चेदानी को निकालने के लिए की गई सर्जरी को कहते हैं। इस दौरान आमतौर पर पूरे गर्भाशय को हटा दिया जाता है। आपका डॉक्टर आपकी फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय को भी हटा सकता है।  दोनों अंडाशय हटा दिए जाते हैं, तो आपको मेनोपॉज के लक्षण महसूस हो सकते हैं। हालांकि, बच्चेदानी निकलवाने के अपने नुकसान हैं जो कि पूरे शरीर को प्रभावित करते हैं। इसलिए बच्चेदानी निकलवाने के बाद आपको अपने खान-पान (diet after uterus removal surgery) और शरीर पर खास ध्यान देना चाहिए। नहीं तो, इसके कारण आपकी रिकवरी स्लो हो जाती है और स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियां भी आपके साथ लगी रहती हैं। तो,  बच्चेदानी निकालने के बाद क्या खाना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए इसी बारे में हमने डेलनाज चंदूवाडिया (Delnaaz Chanduwadia), मुख्य आहार विशेषज्ञ, जसलोक अस्पताल और अनुसंधान केंद्र से बात की। पर उससे पहले जानते हैं बच्चेदानी निकालने का कारण, कैसे निकाली जाती है और इसे निकलवाने के बाद ठीक होने में कितना समय लगता है। 

बच्चेदानी निकलवाने का कारण-Causes of Uterus removal

फाइब्रॉएड :  फाइब्रॉएड गर्भाशय की दीवार में गैर-कैंसरयुक्त वृद्धि है। कुछ महिलाओं में ये दर्द और भारी ब्लीडिंग का कारण बनते हैं जिसकी वजह से बच्चेदानी निकलवानी पड़ती है। 

वैजाइनल ब्लीडिंग :  अगर किसी महिला को असामान्य रूप से ज्यादा वैजाइनल ब्लीडिंग होती है, तो भी गंभीर मामलों में  बच्चेदानी निकलवाना पड़ता है। 

गर्भाशय आगे बढ़ना :  यूट्रस खिसकने के कारण कई होते हैं और ये उन महिलाओं में अधिक आम है जिनकी ज्यादा वैजाइनल डिलीवरी होती है।  लेकिन ये मेनोपॉज के बाद या मोटापे के कारण भी हो सकता है। इससे मूत्र और आंत्र की समस्याएं और पैल्विक दबाव पढ़ता जाता है, जिससे बच्चेदानी निकलवानी पड़ती है।

एंडोमेट्रियोसिस और एडिनोमायोसिस : एंडोमेट्रियोसिस और एडिनोमायोसिस  तब होता है जब गर्भाशय के टिशूज बढ़ने लगते हैं। इससे पीरियड्स के बीच तेज दर्द और ब्लीडिंग हो सकती है। एडिनोमायोसिस में तो गर्भाशय की दीवारें मोटी हो जाती हैं और गंभीर दर्द और भारी ब्लीडिंग का कारण बनती हैं। ऐसे में बच्चेदानी निकलवानी पड़ सकती है। 

हिस्टेरेक्टॉमी कैसे की जाती है?

ज्यादातर मामलों में पूरी तरह से हिस्टेरेक्टॉमी  (total hysterectomy) की जाती है। यानी कि इसमें गर्भाशय ग्रीवा सहित पूरे गर्भाशय को हटा दिया जाता है। उसके अलवा हाफ हिस्टेरेक्टॉमी (partial hysterectomy)भी की जाती है जिसमें कि ऐसे में कई बार अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब को हटाया जा भी सकता है या नहीं भी। यह हिस्टेरेक्टॉमी का सबसे आम प्रकार है।  ये आधा होता है इसलिए इसे  सबटोटल या सुपरसर्विकल भी कहा जाता है। इस हिस्टेरेक्टॉमी में गर्भाशय के सिर्फ ऊपरी हिस्से को हटाया जाता है और अंडाशय को वैसे ही छोड़ दिया जाता है। सबसे गंभीर रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी (radical hysterectomy) होता है जिसमें कि गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा के दोनों तरफ के ऊतक और योनि के ऊपरी हिस्से को हटा देता है। कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे कि सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है।

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बच्चेदानी निकलवाने के बाद ठीक होने में कितना समय लग सकता है?

हिस्टेरेक्टॉमी से ठीक होने में समय लगता है। ज्यादातर महिलाएं सर्जरी के एक से दो दिन बाद अस्पताल में रहती हैं। कुछ डॉक्टर आपकी सर्जरी के उसी दिन आपको घर भेज सकते हैं। कुछ महिलाएं अस्पताल में अधिक समय तक रहती हैं खास कर कि कैंसर के कारण हिस्टेरेक्टॉमी करने पर। आपका डॉक्टर आपके हिस्टरेक्टॉमी के बाद जितनी जल्दी हो सके उठकर घूमने के लिए कहेगा। इसमें खुद बाथरूम जाना शामिल है। हालांकि, आपको सर्जरी के बाद एक या दो दिनों के लिए कैथेटर नामक एक पतली ट्यूब के माध्यम से पेशाब करना पड़ सकता है। साथ ही आपको सामान्य गतिविधियों में वापस आने में लगने वाला समय सर्जरी के प्रकार पर निर्भर करता है:

  • -पेट की सर्जरी को ठीक होने में चार से छह सप्ताह का समय लग सकता है।
  • -योनि, लैप्रोस्कोपिक या रोबोटिक सर्जरी को ठीक होने में तीन से चार सप्ताह लग सकते हैं।

बच्चेदानी निकलवाने के बाद डाइट-Diet after uterus removal surgery

1. ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें जो उपचार को बढ़ावा देते हैं

सर्जरी के बाद ऐसे खाद्य पदार्थों (fruits to eat after hysterectomy) को डाइट में शामिल करें  जो कि आपको तेजी से रिकवरी करने में मदद करे। सर्जरी के बाद ताजे फलों और सब्जियों का खूब सेवन करें। ये रोग से लड़ने वाले एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होते हैं और आपके शरीर को कुछ खास न्यूट्रिएंट्स दे कर रिकवरी में मदद करते हैं। साथ ही भरपूर अनाज और फलियां लें। साबुत अनाज जैसे ओटमील, ब्राउन राइस, होल-व्हीट पास्ता और अनाज सभी उच्च फाइबर वाले बेहतरीन विकल्प हैं। काले, लाल और राजमा में उच्च मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं इसलिए आप इन्हें भी खा सकते हैं। पर ज्यादा मात्रा में ना खाएं नहीं तो गैस की समस्या भी हो सकती है। 

2. प्रोटीन से भरपूर आहार लें

प्रोटीन से भरपूर आहार सर्जरी के बाद टिशूज की रिकवरी और घाव को ठीक करने में मदद करते हैं। साथ ही ये आपको वजन संतुलित रखने में भी मदद करते हैं। ऐसे में आप दूध, दही, अंडा और पनीर खा सकते हैं। 

3. कब्ज से बचने वाले आहार लें

सर्जरी के बाद कई लोगों को कब्ज की समस्या महसूस होती है। ऐसे में फाइबर से भरपूर खान-पान रखना और कब्ज से बचाव में मदद कर सकता है। आहार में फाइबर जोड़ने के लिए ताजे फल और सब्जियां, साबुत दालें और अनाज जैसे ओट्स, क्विनोआ, बाजरा शामिल करें।

4. तरल पदार्थों का खूब सेवन करें

ब्लॉटिंग से बचाव के लिए तरल पदार्थों का खूब सेवन करें। इससे सर्जरी के बाद बार-बार पेट फूलने की समस्या से बचने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आप तरल पदार्थ के रूप में पहले तो खूप पीने पिएं। उसके बाद सूप, नारियल पानी, नीबू का रस, छाछ आदि को अपनी डाइट में शामिल करें।

 

5. सोया उत्पादों को डाइट में शामिल करें 

हिस्टेरेक्टॉमी के बाद प्रारंभिक मेनोपॉज के लक्षण महसूस हो सकता है जो कि एस्ट्रोजन की कमी के कारण होता है। ऐसे में सोया उत्पादों को शामिल करना मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। दरअसल, इनमें  फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं जो एस्ट्रोजन गुणों की नकल करते हैं और शरीर को ये संकेत देते हैं कि अभी भी शरीर एस्ट्रोजन बना पा रहा है। 

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6. बच्चेदानी निकालने के बाद इन चीजों से परहेज करें

 बच्चेदानी निकालने के बाद उन चीजों से परहेज (foods to avoid after hysterectomy) करना चाहिए जो आपकी रिकवरी नें रूकावट डालते हैं। जैसे कि 

  • - हाई फैट से भरपूर भोजन जो कि ट्रांस वसा और संतृप्त वसा से बना हो।
  • -प्रसंस्कृत और पैकेज्ड खाद्य पदार्थ।
  • - मैदा और उसके उत्पादों से बचें। 
  • -उच्च चीनी युक्त खाद्य पदार्थों से बचें।

7. गैस बनाने वाली इन चीजों को खाने से बचें

हिस्टरेक्टॉमी के बाद पेट में दर्द और सूजन बहुत दर्दनाक और परेशान करने वाली हो सकती है। इसलिए कोई भी ऐसी चीज ना खाएं जो कि गैस का कारण बने। इसके लिए उन खाद्य पदार्थों से दूर रहे जो कि गैस और बदहजमी का कारण बनते हैं। जैसे कि 

  • -ब्रैसिका परिवार की सब्जियां जैसे गोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, फूलगोभी
  • -मटर और बीन्स
  • -प्याज
  • -सूखे मेवे जैसे अंजीर और खुबानी
  • -चोकर
  • -कैफीन
  • -बीयर
  • -कोल्ड ड्रिंक 

इन तमाम चीजों के अलावा ध्यान रखें कि सर्जरी के बाद चार से छह सप्ताह तक आपको भरपूर आराम करना चाहिए और भारी वस्तुओं को नहीं उठाना चाहिए। साथ ही आपको पूरी तरह से ठीक होने में कितना समय लगता है यह आपकी सर्जरी और सर्जरी से पहले आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करेगा।

गर्भाशय को हटाने के लिए कौन सी सर्जरी सबसे अच्छी है?

गर्भाशय हटाने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी सबसे अच्छी उपचार विधि है। इस प्रक्रिया में छोटा कट होने के कारण महिला को रिकवर होने में कम समय लगता है। जटिलता होने की बहुत कम संभावना, कोई रक्तस्त्राव नहीं, अंगों को कोई नुकसान न होना आदि इसके कुछ अन्य फायदे हैं।

बच्चेदानी का ऑपरेशन कौन सा अच्छा रहता है?

वैजाइनल हिस्टेरेक्टॉमी के दौरान, कोख और गर्भाशय को वैजाइना में ऊपर चीरा लगाकर निकाला जाता है। कोख को उस अस्थिबंध से निकालने के लिए, जो उसे पकड़ कर रखते हैं, विशेष सर्जिकल उपकरणों को वैजाइना में डाला जाता है। कोख और गर्भाशय को निकालने के बाद, चीरे का सिल दिया जाता है।

दूरबीन से बच्चेदानी का ऑपरेशन कैसे होता है?

दूरबीन से बच्चेदानी की रसौली का ऑपरेशन : दूरबीन शल्य चिकित्सा पद्धति को लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कहा जाता है यह चिकित्सा की अत्याधुनिक पद्धति है दूरबीन सर्जरी में मुख्य रूप से एक टेलीस्कोप को वीडियो कैमरा के साथ जोड़ा जाता है और कैमरे को छोटे चीरे के द्वारा जो नाभि के नीचे लगाया जाता है पेट में डाला जाता है।

गर्भाशय हटाने की सर्जरी में कितना समय लगता है?

पेट की हिस्टेरेक्टोमी (abdominal hysterectomy) आपके गर्भाशय (बच्चेदानी) हटाने के उपरांत चीरा स्टिच कर दिया जाता है। ऑपरेशन करने में लगभग एक घंटा समय लगता है और इसके लिए जनरल एनेस्थेटिक का उपयोग किया जाता है।

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