गले में इन्फेक्शन होने से क्या होता है? - gale mein inphekshan hone se kya hota hai?

गले में संक्रमण यानी थ्रोट इन्फेक्शन बेशक आम समस्या है, लेकिन बढ़ जाए तो काफी गंभीर हो जाती है। खासकर बदलते मौसम के दौरान काफी लोग इसके शिकार होते हैं। बेहद तकलीफ देने वाली इस बीमारी के बारे में बता रही हैं सुमन

गले में संक्रमण की मुख्य वजह बैक्टीरिया (जीवाणु) व वायरस (विषाणु) के संपर्क में आना है। गले में दोनों तरफ झिल्लीयुक्त ऊतक होते हैं, जिन्हें टॉन्सिल कहते हैं। इनमें बैक्टीरिया या वायरस का हमला होने पर सूजन आ जाती है और दर्द होता है। 

गले की स्थिति
हमारा गला शरीर का ऐसा हिस्सा है, जो सबसे ज्यादा बाहरी स्थितियों से प्रभावित होता है। जैसे मौसम में परिवर्तन, प्रदूषण, दूषित हवा में सांस लेना, विषाक्त भोजन करना आदि। इसकी वजह से विभिन्न जीवाणु हमला करते हैं, जिसकी वजह से गले का संक्रमण हो जाता है। ये जीवाणु मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं-बैक्टीरिया, वायरस व फंगी। 

बैक्टीरियल थ्रोट इन्फेक्शन 
बैक्टीरियल थ्रोट इन्फेक्शन सबसे आम है और अकसर स्ट्रेप्टोकोक्कल, स्टैफीलोकोक्कल जैसे बैक्टीरिया की वजह से होता है। वायरल थ्रोट इन्फेक्शन इंफ्लुएंजा वायरस की वजह से होता है और आमतौर पर इसमें सर्दी, जुकाम, छींकना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। फंगल इन्फेक्शन उन्हें होता है, जिन्हें डायबिटीज की बीमारी होती है या जो एंटी बायोटिक का सेवन काफी करते हैं।
यह इन्फेक्शन रोगी के छींकने या खांसने से एक से दूसरे व्यक्ति तक फैल जाता है। बहुत से रोगियों का गला दर्द के कारण लाल पड़ जाता है और पानी तक पीने में परेशानी होती है। संक्रमण से गले के अंदर दाने उभर आते हैं या घाव भी बन जाते हैं। अगर दवा से आराम नहीं मिल रहा है, दर्द लंबे समय तक बना हुआ है और घाव भी है, तो यह गले के कैंसर का लक्षण हो सकता है।

लक्षण को पहचानें
संक्रमण के लक्षण आमतौर पर 1 से 3 दिनों में दिखाई देने लग जाते हैं और हर व्यक्ति में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। संक्रमण के समय गले में सूजन दिखाई देती है और खाना खाने में काफी कठिनाई महसूस होती है। गले में किसी प्रकार का दर्द, खराश, कांटे जैसे चुभना आदि गले के संक्रमण के लक्षण हैं। ठंड के साथ बुखार, गले में दर्द, गले का सूखना, बार-बार छींकना, खांसी, सांस लेने में परेशानी होना, निगलने में परेशानी भी इसके लक्षण हो सकते हैं। अचानक जीभ और गले में सूजन आ जाए या तेज बुखार हो जाए तो भी लापरवाही बिल्कुल न बरतें। 

घट रही है प्रतिरोधक क्षमता
बदलती जीवनशैली इस संक्रमण के होने की खास वजह बन गई है। आजकल हर उम्र के लोगों की जीवनशैली असंतुलित सी हो गई है। वे समय बचाने के चक्कर में जंक फूड से काम चला रहे हैं। पौष्टिक आहार उनके भोजन से गायब हो रहा है, जिससे उनमें कीटाणुओं से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है और वह बार-बार इस संक्रमण के शिकार हो रहे हैं। ऐसे लोगों की भी कमी नहीं, जो इस समस्या को बहुत ही हल्के तरीके से लेकर खुद ही दवा ले लेते हैं और समस्या को गंभीर कर लेते हैं।
(मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन विभाग के डॉ. आलोक जोशी से की गई बातचीत पर आधारित)


उपायों पर दें ध्यान
’गले में खराश होने पर गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करना बहुत फायदेमंद होता है। साथ ही स्टीम भी ली जा सकती है। 
’दूध में हल्दी मिलाकर पिएं, क्योंकि उसमें एंटीबायोटिक गुण होते हैं।  रात में सोने से पहले गर्म दूध में हल्दी और थोड़ी-सी काली मिर्च मिलाकर पिएं। 
’लहसुन की कली को मुंह में रखकर चूसने से भी आराम मिलता है। 
’अदरक, तुलसी, काली मिर्च और लौंग डली मसाला चाय का सेवन करें। 

Health Tips: गले में संक्रमण से हैं परेशान तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे

नई दिल्ली:

Tonsillitis home remedies: बदलते मौसम में गले में संक्रमण होना बहुत ही सामान्य है. हालांकि, कोरोना के समय में इस तरह के लक्षण आपकी परेशानियों को बढ़ा सकते हैं. गले में संक्रमण (इंफेक्शन) आम तौर पर वायरस या फिर बैक्टीरिया की वजह से होता है. बदलते मौसम का सबसे ज्यादा असर हमारी हेल्थ पर पड़ता है. सर्द मौसम दस्तक दे रहा है और हमारी खाने-पीने की आदतें अभी भी समर सीज़न वाली है. ठंडा पानी और ठंडी चीजों का सेवन गले की परेशानी बढ़ा देता है. सामान्य तौर पर गले में होने वाले संक्रमण की समस्या सर्दी और जुकाम के साथ होती है, वहीं कुछ लोगों में बैक्टीरियल संक्रमण के कारण भी ऐसी दिक्कत हो सकती है. गले में होने वाले संक्रमण के कारण लोगों को कुछ भी निगलने में दिक्कत होती है, साथ ही लगातार गले में बना रहने वाला दर्द आपको परेशान कर सकता है. मौसम बहुत तेजी से बदल रहा है और ठंड धीरे-धीरे अब दस्तक दे रही है, ऐसे में आपको अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए. गले में होने वाले संक्रमण और दर्द की इस समस्या को आप घर में मौजूद चीजों के माध्यम से भी दूर कर सकते हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि अगर गले में खराश या खांसी हो तो आप किन घरेलू नुस्‍खों (Home Remedies) को अपनाकर राहत पा सकते हैं.

गले में दर्द के लक्षण (Throat Pain Symptoms)

  • गले में खुजली व खराश जैसी सनसनी.
  • निगलने व बोलते समय दर्द का बढ़ना.
  • खाद्य पदार्थों को निगलने में कठिनाई होना.
  • गले का सूखना.
  • गर्दन की ग्रन्थियों में सूजन व दर्द होना.
  • टॉन्सिल में सूजन होना.
  • आवाज में कर्कशता.
  • आवाज धीमी होना.
  • कान के निचले भाग में भी दर्द रहना.
  • दर्द के कारण बुखार आना.
  • बार-बार छींक आना.
  • खांसी.
  • सांस लेने में परेशानी.

यह भी पढ़ें

Health Tips: गले की खराश और संक्रमण से तुरंत राहत पाने के लिए जरूर अपनाएं ये घरेलू नुस्खे 

गले में दर्द होने के कारण (Throat Pain Causes)

गले में दर्द होने का सबसे आम कारण वायरल संक्रमण है. सर्दी-जुकाम के कारण गले में दर्द हो सकता है. इसके अलावा गले में दर्द की वजह सोर थ्रोट या स्ट्रेप थ्रोट दोनों हो सकते हैं.

गले के दर्द के लिए घरेलू नुस्खे (Home Remedies for Throat Pain in Hindi)

  • गले की खराश से छुटकारा पाने के लिए आप प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर दूध की मदद ले सकते हैं. इसके लिए आप दूध में हल्दी मिलाकर पियें. ये काफी लाभकारी है. यह गले के दर्द को जल्द ठीक कर आराम पहुंचाता है.
  • गले के संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए आप एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर नमक की मदद ले सकते हैं. इसके लिए आप एक चौथाई छोटी चम्मच नमक एक कप गर्म पानी में डालें. अब इस पानी से दिन में दो से तीन बार गरारा करें. यह बैक्टीरिया को खत्म कर जल्द आराम पहुंचाता है.
  • एंटी-बायोटिक गुणों से भरपूर शहद के सेवन से आप गले की खराश से छुटकारा पा सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शहद के इस्तेमाल से गले की कोटिंग हो जाती है, जिससे खराश की परेशानी कम होती है. आप दिन में 2 बार शहद का सेवन जरूर करें.
  • लहसुन को एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर माना जाता है, इस कराण इसे गले के संक्रमण के इलाज में लाभदायक माना जाता है. लहसुन को कच्चा खाने के ज्यादा लाभ होता है. गले में संक्रमण को दूर करने के लिए तीन से चार कलियों को खाली पेट चबाना चाहिए. ऐसा करने से संक्रमण में तेजी से लाभ मिलता है.
  • केला एक मुलायम और स्वस्थवर्धक फल है. यह गले में दर्द होने पर फायदा देता है. इसके सेवन से गले में गले के दर्द से राहत मिलती है.
  • दालचीनी से गले में दर्द या गला के रोग में लाभ होता है. एक ग्लास गर्म पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर और एक चम्मच काली मिर्च पाउडर मिलाएं. इसे छानकर दिन में 2 से 3 बार पिएं. इससे गले के दर्द की बीमारी में लाभ मिलेगा.

गले में इन्फेक्शन के क्या लक्षण होते हैं?

गले में इंफेक्शन (संक्रमण) के लक्षण (Symptoms of Throat Infection in Hindi).
गले में दर्द और खराश.
खानपान की चीजों को निगलने में दर्द और कठिनाई.
टॉन्सिल में दर्द और सूजन.
आवाज कर्कश होना.
कुछ मामलों में बुखार और खांसी.
गले का सूखना.
जबड़े और गर्दन में दर्द.
सिर में दर्द.

गले में इंफेक्शन होने का क्या कारण है?

गले में संक्रमण (gale ka infection)के वायरल और बैक्टेरियल कारण हो सकते है। किसी पदार्थ से एलर्जी या शुष्कता होने पर, या तंबाकू, धुआँ आदि के सम्पर्क में आने से भी गले में संक्रमण हो सकता है। वायरल संक्रमण के कारण सामान्य सर्दी-जुकाम के कारण गले में संक्रमण या गले की सूजन के कारण बन जाता है।

गले के इन्फेक्शन के लिए कौन सी दवा लें?

गले के इंफेक्शन की समस्या दूर करने के लिए शहद और काली मिर्च का सेवन करना चाहिए। इसके लिए आप आधा चम्मच शहद में काली मिर्च पाउडर मिला लें और इसका सेवन करें। हल्दी का दूध गले के संक्रमण से निजात दिलाने के लिए एक अद्भुत घरेलू उपाय है। यह गले में खराश, सर्दी और यहां तक कि खांसी का इलाज करने के लिए भी असरदार है।

Toplist

नवीनतम लेख

टैग