पहले से अधिक तेजी से आपको मित्रों से जोड़ें रखता है. Show अब आप बीटा परीक्षक बनकर Android के लिए Facebook के अगले संस्करण पर शीघ्रता से पहुँच प्राप्त कर सकते हैं. साइन करने, प्रतिक्रिया देने और प्रोग्राम से बाहर निकलने के तरीकों के बारे में जानें: http://on.fb.me/133NwuP अनुप्रयोग को डाउनलोड करने या स्थापित करने में समस्या है? http://bit.ly/GPDownload1 देखें Facebook केवल 13 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध है. Keeping up with friends is faster and easier than ever with the Facebook Lite app! Use Facebook Lite as a friends app to connect and keep up with your social network. The Facebook Lite app is small, allowing you to save space on your phone and use Facebook in 2G conditions. Many of the classic features of Facebook are available on the app, such as sharing to a Timeline, liking photos, searching for people, and editing your profile and groups. Specific features include: • Find friends and family The Facebook app does more than help you stay connected with your friends and interests. It's also your personal organizer for storing, saving and sharing photos. It's easy to share photos straight from your Android camera, and you have full control over your photos and privacy settings. You can choose when to keep individual photos private or even set up a secret photo album to control who sees it. Facebook Lite also helps you keep up with the latest news and current events around the world. Subscribe to your favorite celebrities, brands, websites, artists, or sports teams to follow their News Feeds from the convenience of your Facebook Lite app! Problems with downloading or installing the app? See https://www.facebook.com/help/fblite फेसबुक
फेसबुक (Facebook) इंटरनेट पर स्थित एक निःशुल्क सामाजिक नेटवर्किंग सेवा है जिसके माध्यम से इसके सदस्य अपने मित्रों, परिवार और परिचितों के साथ संपर्क रख सकते हैं। यह फेसबुक इंक. नामक निजी कंपनी द्वारा संचालित है। इसके प्रयोक्ता नगर, विद्यालय, कार्यस्थल या क्षेत्र के अनुसार गठित किये हुए नेटवर्कों में शामिल हो सकते हैं और आपस में विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।[5] इसका आरंभ 2004 में हार्वर्ड के एक छात्र मार्क ज़ुकेरबर्ग ने की थी। तब इसका नाम द फेसबुक था। कॉलेज नेटवर्किग जालस्थल के रूप में आरंभ के बाद शीघ्र ही यह कॉलेज परिसर में लोकप्रिय होती चली गई। कुछ ही महीनों में यह नेटवर्क पूरे यूरोप में पहचाना जाने लगा। अगस्त 2005 में इसका नाम फेसबुक कर दिया गया। फेसबुक में अन्य भाषाओं के साथ हिन्दी में भी काम करने की सुविधा है। 2013-2014 में फेसबुक ने भारत सहित 40 देशों के मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों से समझौता किया था । इस करार के तहत फेसबुक की एक नई साइट का उपयोग मोबाइल पर निःशुल्क किया जा सकता था। यह जालस्थल फेसबुक का पाठ्य संस्करण था । भारत में रिलायंस कम्युनिकेशंस ( जियो) और वीडियोकॉन मोबाइल (2017 से बन्द) को यह सेवा प्रदान करना था। इसके बाद शीघ्र ही टाटा डोकोमो (2017 से बन्द)पर भी यह सेवा शुरू हो जानी थी । इसमें फोटो व वीडियो के अलावा फेसबुक की अन्य सभी संदेश सेवाएं मिलनी थी। लेकिन फ़रवरी 2016 मे TRAI ने इस समझौते को रद्द] कर दिया था । प्रोफाइलफेसबुक का उपयोग करने वाले अपना एक प्रोफाइल पृष्ठ तैयार कर उस पर अपने बारे में जानकारी देते हैं। इसमें उनका नाम, छायाचित्र, जन्मतिथि और कार्यस्थल, विद्यालय और कॉलेज आदि का ब्यौरा दिया होता है। इस पृष्ठ के माध्यम से लोग अपने मित्रों और परिचितों का नाम, ईमेल आदि डालकर उन्हें ढूंढ़ सकते हैं। इसके साथ ही वे अपने मित्रों और परिचितों की एक अंतहीन श्रृंखला से भी जुड़ सकते हैं। फेसबुक के उपयोक्ता सदस्य यहां पर अपना समूह भी बना सकते हैं।[5] यह समूह उनके विद्यालय, कॉलेज या उनकी रुचि, शहर, किसी आदत और जाति का भी हो सकता है। समूह कुछ लोगों का भी हो सकता है और इसमें और लोगों को शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया जा सकता है। इसके माध्यम से किसी कार्यक्रम, संगोष्ठी या अन्य किसी अवसर के लिए सभी जानने वालों को एक साथ आमंत्रित भी किया जा सकता है। लोग इस जालस्थल पर अपनी रुचि, राजनीतिक और धार्मिक अभिरुचि व्यक्त कर समान विचारों वाले सदस्यों को मित्र भी बना सकते हैं। इसके अलावा भी कई तरह के संपर्क आदि जोड़ सकते हैं। साइट के विकासकर्त्ता भी ऐसे कई कार्यक्रम तैयार करते रहते हैं, जिनके माध्यम से उपयोक्ता अपनी रुचियों को परिष्कृत कर सकें। फेसबुक में अपने या अपनी रुचि के चित्र (फोटो) लोड कर उन्हें एक दूसरे के साथ बांट भी सकते हैं। ये चित्र मात्र उन्हीं लोगों को दिखेंगे, जिन्हें उपयोक्ता दिखाना चाहते हैं। इसके लिये चित्रों को देखने का अनुमति स्तर निश्चित करना होता है। चित्रों का संग्रह सुरक्षित रखने के लिए इसमें पर्याप्त जगह होती है। फेसबुक के माध्यम से समाचार, वीडियो और दूसरी संचिकाएं भी बांट सकते हैं। फेसबुक ने 2008 में अपना आवरण रूप बदला था।[5] स्टेटस अद्यतनफेसबुक पर उपयोक्ताओं को अपने मित्रों को यह बताने की सुविधा है कि किसी विशेष समय वे क्या कर रहे हैं या क्या सोच रहे हैं और इसे 'स्टेट्स अपडेट' करना कहा जाता है। फेसबुक और ट्विटर के आपसी सहयोग के द्वारा निकट भविष्य में फेसबुक एक ऐसा सॉफ्टवेयर जारी करेगा, जिसके माध्यम से फेसबुक पर होने वाले 'स्टेट्स अपडेट' सीधे ट्विटर पर अद्यतित हो सकेंगे। अब लोग अपने मित्रों को बहुत लघु संदेशों द्वारा यह बता सकेंगे कि वे कहाँ हैं, क्या कर रहे हैं या क्या सोच रहे हैं।[6] ट्विटर पर १४० कैरेक्टर के 'स्टेट्स मैसेज अपडेट' को अनगिनत सदस्यों के मोबाइल और कंप्यूटरों तक भेजने की सुविधा थी, जबकि फेसबुक पर उपयोक्ताओं के लिये ये सीमा मात्र ५००० लोगों तक ही सीमित है। सदस्य ५००० लोगो तक ही अपने प्रोफाइल के साथ जोड़ सकते हैं या मित्र बना सकते हैं। फेसबुक पर किसी विशेष प्रोफाइल से लोगों के जुड़ने की संख्या सीमित होने के कारण 'स्टेट्स अपडेट' भी सीमित लोगों को ही पहुँच सकता है। सार्वजनिक खातेसार्वजनिक खाते (पब्लिक पेज) यानी ऐसे पेज जिन्हें हर कोई देख सकता है और लोग जान सकते हैं कि उनके आदर्श नेता, प्यारे पॉप स्टार या सामाजिक संगठन की क्या गतिविधियाँ हैं। फेसबुक के ट्विटर से जुड़ जाने के बाद अब कंपनियाँ, संगठन, सेलिब्रिटी अपने प्रशंसकों और समर्थकों से सीधे संवाद कर पाएँगे, उन्हें बता पाएँगे कि वे क्या कर रहे हैं, उनके साथ फोटो शेयर कर पाएँगे। फिलहाल यह सुविधा पब्लिक पेज प्रोफाइल वालों को ही उपलब्ध है। फेसबुक के सार्वजनिक पृष्ठ (पब्लिक पेज) बनाना हाल के दिनों में काफी लोकप्रिय होता जा रहा है। पब्लिक पेज बनाने वालों में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजी और रॉक बैंड यू-२ शामिल हैं। इनके अलावा भी कई बड़ी हस्तियों, संगीतकारों, सामाजिक संगठनों, कंपनियों ने अपने खाते फेसबुक पर खोले हैं।[6] ये हस्तियां या संगठन अपने से जुड़ी बातों को अपने प्रशंसकों या समर्थकों के साथ बाँटना चाहते हैं तो आपसी संवाद के लिए फेसबुक का प्रयोग करते हैं। प्रतिबंधफेसबुक पर आयोजित पैगंबर मोहम्मद के आपत्तिजनक कार्टून बनाने की प्रतियोगिता में मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के आरोप के कारण पाकिस्तान के एक न्यायालय ने फेसबुक पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। फेसबुक पर चल रही इस कार्टून प्रतियोगिता को ईशनिंदा के कारण पाक में ३१ मई, २०१० तक प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ ही न्यायालय ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को निर्देश जारी किया कि वह ईशनिंदा में बनाए गए कार्टून के मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उठाए।[7][8] बाद में जिस फेसबुक उपयोक्ता ने 'एवरीवन ड्रॉ मोहम्मद डे' प्रतियोगिता आयोजित की थी, उसने यह पृष्ठ हटा लिया है। इसके साथ ही उसने इस अभियान से जुड़ा ब्लॉग भी हटा लिया था।[9] खतरासोश्यल नेटवर्किंग साइट फेसबुक इंटरनेट के माध्यम से जुड़े लोगों के जीवन का अभिन्न अंग बनती जा रही है। परंतु कुछ साइबर विशेषज्ञ फेसबुक से उत्पन्न खतरों के बारे में समय समय पर आगाह करते रहते हैं। चीफ सैक्यूरिटी ऑफिसर ऑनलाइन नामक सामयिक के वरिष्ठ सम्पादक जॉन गूडचाइल्ड के अनुसार कई कम्पनियाँ अपने प्रचार के लिए फेसबुक जैसे नेटवर्किंग माध्यम का उपयोग करना चाहती है परंतु ये कम्पनियाँ ध्यान नहीं देती कि उनकी गोपनियता अभी भी अनिश्चित है। सीबीसी न्यूज़ के 'द अर्ली शॉ ऑन सैटर्डे मॉर्निंग' कार्यक्रम में गूडचाइल्ड ने फेसबुक से उत्पन्न पाँच ऐसे खतरों के बारे में बताया जिससे निजी और गोपनीय जानकारियों की गोपनीयता पर प्रश्नचिह्न लग गया है।[10] ये इस प्रकार से हैं:
मीडिया प्रभावअप्रैल 2011 में, फेसबुक ने फेसबुक पर ब्रांड प्रोन्नति के विकास में मदद करने के लिए विपणक और रचनात्मक एजेंसियों के लिए एक नया पोर्टल लॉन्च किया। फरवरी 2010 में "प्रभावकारी शिखर सम्मेलन" में फेसबुक के शीर्ष अधिकारियों से मिलने के लिए ब्रिटिश विज्ञापन नेताओं के एक समूह का चयन करके आमंत्रित किया गया।फेसबुक अब ट्रू ब्लड, अमेरिकन आइडल और टॉप गियर के अभियानों में शामिल है।[1]। सामाजिक प्रभावसामाजिक नेटवर्किंग सेवा § सामाजिक प्रभाव, इंटरनेट का सामाजिक प्रभाव § सामाजिक नेटवर्किंग और मनोरंजन, और सामाजिक राजधानी।मुखय पृष्ठ फेसबुक ने विभिन्न तरीकों से लोगों के सामाजिक जीवन और गतिविधि को प्रभावित किया है।फेसबुक, कंप्यूटर, या मोबाइल फोन का उपयोग करने वाले लोगों को मित्रों, रिश्तेदारों और अन्य परिचितों के संपर्क में लगातार बने जब तक कि इंटरनेट तक पहुंच हो।यह खो दिया परिवार के सदस्यों और दोस्तों को फिर से मिलाता है।यह उपयोगकर्ताओं को विचारों को व्यापार करने की अनुमति देता है, स्थानीय या वैश्विक विकास के साथ सूचित रखता है। फेसबुक से सामाजिक प्रभाव इतना बदल गया है कि लोग कैसे संवाद करते हैं।ई-मेल के जरिए दूसरों को उत्तर देने की बजाय फेसबुक उपयोगकर्ताओं को दूसरों को सामग्री प्रसारित या साझा करने की अनुमति देता है, और इस प्रकार दूसरों को संलग्न करने या दूसरों के पदों के साथ जुड़ा हुआ है। भावनात्मक स्वास्थ्य प्रभावहाल के अध्ययनों से पता चला है कि फेसबुक ईर्ष्या की भावनाओं को ट्रिगर करके आत्मसम्मान पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।छुट्टी और छुट्टियों के फोटो के साथ बड़ी असंतोष होने साबित ट्रिगर है।एक स्पष्टीकरण यह है कि सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को आम तौर पर फेसबुक के बीच अपना समय विभाजित करते हैं और वास्तविक दुनिया में बातचीत करते हैं।जब वास्तविक जीवन में कुछ मनोरंजक होता है, तो लोगों को इसे साझा करने की आवश्यकता महसूस होती है।हालांकि किसी बिंदु पर लोग एक वास्तविकता के स्थान पर दूसरे के साथ शुरू करना शुरू करते हैं,नतीजतन, लोग अपने व्यवहार को बदलना शुरू करते हैं,यहां तक कि जीवन के बारे में उनकी मान्यताओं को भी बदलना शुरू करते हैं फेसबुक की वास्तविकता के आधार पर,इससे संज्ञानात्मक असंतोष होता है।धारणाओं और विश्वासों के बीच इस तरह की विसंगतियां लोगों की भावनात्मक संतुलन को नुकसान पहुंचा सकती हैं और उन्हें पहचान भ्रम, रिश्ते संघर्ष, निर्णय में परिवर्तन और यहां तक कि मानसिक विराम का भी अनुभव कराती है। राजनीतिक प्रभाव अग्रिम जानकारी :संयुक्त राज्य अमेरिका में सोशल मीडिया और राजनीतिक संचार 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति अभियान में सोशल मीडिया पर एक लाख से अधिक लोगों को भाग लेने के लिए,फेसबुक एप्लिकेशन को अमेरिकी राजनीति ने स्थापित किया।फेसबुक और ट्विटर जैसे नए सोशल मीडिया ने व्यक्तिगत कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल किया, और 2010 के बाद से लाखों लोगों, खासकर 35 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ जुड़ने के लिए स्मार्ट फोन का इस्तेमाल किया।2008 तक, राजनेताओं और हित समूहों ने अपने संदेश को प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया के व्यवस्थित उपयोग के साथ प्रयोग किया।[11][12] जैसा कि अमेरिकी राजनीतिक रणनीतिकारों 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना ध्यान बदलते हैं,वे एक तेजी से महत्वपूर्ण विज्ञापन उपकरण के रूप में फेसबुक की पहचान करते हैं।हाल ही में तकनीकी नवाचारों ने मतदाताओं के संभावित अधिक उन्नत डिवीजनों और उप-विभाजन किए हैं। सबसे महत्वपूर्ण, फेसबुक अब छोटे, अत्यधिक लक्षित सबसेट पर वीडियो विज्ञापन वितरित कर सकता है।इसके विपरीत, टेलीविजन, सभी दर्शकों को एक ही विज्ञापन दिखाता है, और इसलिए सटीक रूप से सिलवाया नहीं जा सकता।[13] फेसबुक छोड़ो अभियानहाल ही में फेसबुक ने अपने सुरक्षा नियमों को पहले से कुछ कड़ा कर दिया है जिसके कारण इसके उपयोक्ताओं में काफी रोष दिखा है। इसके कड़े सुरक्षा नियमों से नाराज उपयोक्ताओं ने एक समूह बनाकर फेसबुक पर फेसबुक के विरुद्ध ही अभियान चला दिया है।[14] उन्होंने ने एक साइट बनाई है क्विटफेसबुकडे डॉट काम जिसपर फेसबुक उपयोक्ताओं से ३१ मई को फेसबुक छोड़ो दिवस के रूप में मनाने का आहवान किया है। इस वेबसाइट पर संदेश है कि यदि आप को लगता है कि फेसबुक आपकी स्वतंत्रता, आपके निजी डाटा और वेब के भविष्य का सम्मान नहीं करता तो आप फेसबुक छो़ड़ो अभियान में हमारा साथ दे सकते हैं। फेसबुक छोड़ना आसान नहीं है, यह इतना ही मुश्किल है जितना की धूम्रपान छोड़ना लेकिन फिर भी उपयोक्ताओं को अपने अधिकारों के लिए यह करना ही पड़ेगा।[15] क्विटफेसबुकडे डॉट काम पर अब तक एक हजार से अधिक लोग ३१ मई को अपना फेसबुक खाता समाप्त करने की शपथ ले चुके हैं। फेसबुक और साहित्यउत्तर प्रदेश के एक आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने फेसबुक पर अपने अनुभवों तथा अपने कार्यों को पृष्ठभूमि बनाते हुए हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा में एक-एक पुस्तक लिखने का कार्य प्रारम्भ किया है जो बहुत शीघ्र ही प्रकाशित हो जायेंगे. अमिताभ ठाकुर द्वारा ये पुस्तकें फेसबुक संस्थापक मार्क झुकरबर्ग तथा अपने फेसबुक के साथियों को समर्पित किया गया है। सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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