एक नतिका कविता के कवि का िाम क्या है? - ek natika kavita ke kavi ka iaam kya hai?

एक कविता मेरे नाम..

                
                                                                                 
                            जब भी पढती हूं
                                                                                                
                                                     
                            
कोई कविता अनाम सी..
अकेली..,
दूर संगोष्ठियों से..
सम्मेलनों से..
सेमीनारों से..,
सोच बैठती हूं-
..हां ये मै ही तो हूं
इन शब्दों में..
इन अर्थों में..
औऱ शायद यही है
..एक कविता मेरे नाम ।

जब भी गुजरती हूं
भीतर के द्वंद्वों से,
स्वतः ही बिखर जातें हैं शब्द
..कागज़ के पन्नों पे ,
तब भी रह जाता है
कहीं कुछ अव्यक्त..
गुमसुम..
चुपचाप..
..औऱ जन्म लेती है
..एक कविता मेरे नाम ।

शायद इसीलिए
जूझना स्वयं से
..स्वयं के अंधेरों से ,
औऱ ढूँढना रोशनी
स्वयं से ही..
स्वयं में ही..
..स्वयं ही के छंदों में,
औऱ,
वहीं से जन्म लेता है कवि
धीरे-धीरे..
चुपचाप..,
और मैं सोच पाती हूं
..एक कविता मेरे नाम ।

यूं तो कुछ है ही नहीं
कविता में "लिखने" के जैसा,
वो..बस लिखी ही जाती है
औऱ ,
व्यक्त करती जाती है
मुझको..
तुझको..
शब्दों में बार-बार,
..मैं फिर सक्षम हो
लिख जाती हूं
..एक कविता मेरे नाम ।

Namita Gupta

- हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है। 

आपकी रचनात्मकता को अमर उजाला काव्य देगा नया मुक़ाम, रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें।

3 years ago

एक तिनका कविता के माध्यम से कवि ने क्या संदेश दिया है?

इस घटना के माध्यम से कवि ने संदेश दिया है कि हमें स्वयं पर कभी अभिमान घमंड नहीं करना चाहिए। घमंड हमारे गुणों को समाप्त कर देता है और हमें जानवर बना देता है। इसलिए हमें चाहिए कि हम अपने अभिमान घमंड का त्याग करें।

एक तिनका कविता के िेखक कौन है?

एक तिनका कविता के लेखक अयोध्या सिंह उपाध्याय'हरिऔध' हैं।

एक तिनका कविता का मूल भाव क्या है?

एक तिनका कविता का भावार्थ: एक तिनका पंक्ति में कवि हरिऔध जी ने तिनका निकल जाने के बाद अपनी हालत का वर्णन किया है। वो इन पंक्तियों में कहते हैं कि जैसे-तैसे उनकी आँखों से तिनका निकल गया। इसके बाद उन्हें मन में एक ख़याल आया कि उन्हें घमंड नहीं करना चाहिए था, उनका घमंड तो एक मामूली तिनके ने ही तोड़ दिया।

एक तिनका कविता में कवि ने कौन सी शिक्षा दी है *?

इस कविता से यह प्रेरणा मिलती है कि मनुष्य को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। एक तिनका कवि के आँख में जाने। के बाद उनका घमंड चूर-चूर हो गया। अतः अपने उपलब्धि पर अहंकार आ जाना सही नहीं है