विद्युत जनित्र (electrical generator)एक ऐसी युक्ती हैं। बहुत से उपकरणों में हमें एक ही दिशा में बहने वाली धारा को जरूरत होती है। इस हेतु दिष्ट धारा जनित्र (Direct Current Generator) का उपयोग किया जाता हैं।जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तन के काम आती हैं। Show
DC Generator का सिद्धांत principleMichael Faraday के विद्युत चुम्बकीय प्ररेण के सिद्धांत पर कार्य करती हैं।
Working principle of DC Generatorडीसी जनैटर परिपथ विद्युत जनित्र का कार्य फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्ररेण के नियम का पालन करता हैं । यह सिद्धांत निम्न प्रकार से व्यक्त किया जा सकता हैं। "यदि कोई चालक किसी चुम्बकीय क्षेत्र में घुमाया जाए तो उसमें विद्युत वाहक बल की उत्पत्ति होती हैं। और यदि संवाहक रूप परिपथ पूर्व हो तो उसमें धारा का प्रवाह भी होने लगता हैं।" विद्युत शक्ति के तीन मुख्य बातें
इसकी मात्रा, चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता, चालक की लम्बाई और चालक के वेग पर निर्भर करती हैं।इसे निम्नलिखित समीकरण से व्यक्त किया जाता हैं। E = Blv DC Generator Construction (डी सी जनरेटर की बनावट)इसकी बनावट भी प्रत्यावर्ती धारा जनित्र जैसी ही होती हैं अन्तर केवल इतना हैं दो सर्पीवलय के स्थान पर विभक्त वलय दिक परिवर्तन का उपयोग किया जाता हैं। इसमें धातु की एक वलय लेते है जिसके दो बराबर भाग C1 व C2 करते है जिन्हें कम्यूटेटर कहते हैं। आर्मेचर का एक सिरा कम्यूटेटर C1 के एक भाग से तथा दूसरा सिरा कम्यूटेटर C2 के दूसरे भाग से जुड़ा होता है C1 व C2 दो कार्बन ब्रुशों B1 व B2 को स्पर्श करते हैं। DC Generator Working (डी सी जनरेटर की कार्यविधि) जब आर्मेचर को चुम्बकीय क्षेत्र में धुमाया जाता हैं। तब कुण्डली से पारित चुम्बकीय फ्लक्स में लगातार परिवर्तन होने से उसमें प्रेरित धारा बहती हैं।उसमें ब्रुश B1 व B2 की स्थितियाँ इस प्रकार समायोजित की जाती हैं। कि कुण्डली में धारा की दिशा परिवर्तित होती है तो ठीक उसी समय इन ब्रुशों का सम्बन्ध कम्यूटेटर के एक भाग से हटकर दूसरे भाग से हो जाता है और बाह्य परिपथ
में धारा की दिशा समय के साथ नियत रहती हैं। HomeMachineDC Generator क्या होता है ? इसके कार्य सिद्धांत तथा इसके प्रकार का वर्णन DC Generator क्या होता है?वह मशीन जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है उसे विद्युत जनरेटरकहते हैं और वह विद्युत generator जिसमें यांत्रिक ऊर्जा DC विद्युत ऊर्जा मैं परिवर्तित होती है उसे DC जनरेटर या DC जनित्र कहते हैं । दरअसल जनरेटर में AC वोल्टेज ही उत्पन्न होता है उसे Commutator के द्वारा हम DC में परिवर्तित करते हैं. अतः commutator का प्रयोग उत्पन्न हुए AC वोल्टेज को DC Voltage में बदलने के लिए करते हैं
डीसी जनरेटर का कार्य सिद्धांत ( working principle of DC generator)डीसी जनरेटर फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है। फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिद्धांत के अनुसारजब किसी चालक को विद्युत क्षेत्र में घुमाया जाता है तो तो चालक मैं एक वोल्टेज उत्पन्न हो जाती है यह उत्पन्न Voltage AC होती है जिसको commutator के माध्यम से DC में बदलते हैं इस प्रकार हमें डीसी वोल्टेज प्राप्त होता है DC machine की संरचना
1. permanent magnet DC generatorइस प्रकार के जनरेटर में परमानेंट मैग्नेट का प्रयोग किया जाता है .इसका प्रयोग कम मात्रा में वोल्टेज उत्पन्न करने में किया जाता है । 2.Temporary magnet DC generatorइस प्रकार की जनरेटर में टेंपरेरी मैग्नेट का प्रयोग किया जाता है यह निम्न दो प्रकार के होते हैं A.Separately excited DC generatorइस प्रकार की जनरेटर में फील्ड Pole को एक्साइटेड (उत्तेजित) करने के लिए फील्ड वाइंडिंग को बाहरी dc स्रोत जैसे बैटरी DC जनरेटर इत्यादि से जोड़ते हैं जिससे यह फील्ड वाइंडिंग मैं चुंबकीय फ्लक्स उत्पन्न होता है और rotar के घुमाए जाने पर वह चुंबकीय फ्लेक्स को काटता है और फैराडे के नियम के अनुसार उसमें वोल्टेज उत्पन्न होते हैं । B.Self excited DC generatorSelf excited generator में फील्ड पॉल को excited करने के लिए किसी बाहरी स्रोत की आवश्यकता नहीं होती यह स्वयं की उत्पन्न वोल्टेज से excited होता है इसलिए इसे self-excited डीसी जनरेटर कहते है । यह निम्न तीन प्रकार का होता है I.DC Series generatorDc Series Generator में आर्मेचर फील्ड के सीरीज में लगाया जाता है। फील्ड मोटे तार का और कम लपेटो वाला होता है। बिना। लोड लगाये यह जैनेरेटर वि. वा.ब. पैदा नही करता . अतः इसका उपयोग ऐसे कार्यो में किया जाता है। जिनमे लोड हर समय लगा रहे जैसे बूस्टर में। इस जैनेरेटर मे लोड करंट बढ़ने से टर्मिनल वोल्टेज भी बढ़ जाता है। II.DC shunt generatorDC shunt Generator में आर्मेचर करंट दो भाग में बंट जाती है, एक फिल्ड और दूसरे बाह्म सर्किट में । फील्ड में से जाने वाली करंट का मान कम रखा जाता है। जिससे कि बाह्म सर्किट (लोड सर्किट ) के लिए अधिक करंट उपलब्ध रहे। अतः आर्मेचर तथा फील्ड दोनों समानान्तर में लगाये जाते है। फील्ड वाइंडिंग पतले तार की ओर अधिक Turn की बनाई जाती है। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। यह जनरेटर बीना लोड(no load) के भी वि.वा.ब. पैदा कर सकता है।और लोड करंट बढ़ने से टर्मिनल वोल्टेज घट जाता है । इसका उपयोग बैट्री चार्जिंग आदि। कार्यो में किया जाता। है।
DC compound Generator सीरीज और शंट वाउंड जैनेरेटर का संयुक्त रूप है। इसमें filed winding दो भागों से बनी होती है एक भाग आर्मेचर के सीरीज में दूसरा शंट में जोड़ा जाता है इस प्रकार इस जैनेरेटर मे टर्मिनल वोल्टेज पर लोड करंट के घटने बढ़ने का विशेष प्रभाव नही पड़ता यह जैनेरेटर बहुउपयोगी है और सभी प्रकार के कार्यो में इसका उपयोग किया जाता है। डीसी जनरेटर का सिद्धांत क्या है?एक DC जनरेटर विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर काम करता है। जब DC धारा एक लंबे व सीधे चालक के माध्यम से गुजरती है तो एक चुंबकीकरण बल और एक स्थैतिक चुंबकीय क्षेत्र इसके चारों ओर उत्पन्न होता है।
DC जनरेटर कैसे काम करता है?| Working Principle of Dc Generator? आकृति में दिखाए गए coil Clockwise दिशा में घूमता है,कंडक्टर ab नीचे से ऊपर की ओर चलता है। अतः विद्युत बल की दिशा a से b तक होती है। जब कंडक्टर cd नीचे जाता है, तो उसमें इलेक्ट्रोमोटिव बल की दिशा c से d तक होती है।
जनरेटर me कौन सा करंट देता है?Ac जनरेटर से निकला हुआ ac करंट को अल्टरनेटिव करंट कहा जाता है । अल्टरनेटिव करंट वह करंट होता है जो हर समय बार-बार अपनी दिशा बदलता रहता है और dc जनरेटर से निकला हुआ करंट जिसे डायरेक्ट करंट कहा जाता है । डायरेक्ट करंट वह करंट होता है जो समय में बार-बार अपनी दिशा नहीं बदलता और जो कांस्टेंट रूप से आगे बढ़ता रहता है ।
डीसी मोटर का कार्य क्या है?दिष्टधारा मोटर (DC motor) विद्युत मशीन है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलती है।
|