कभी-कभी किसी बात को कहने के लिए लोगों द्वारा एक प्रकार के छोटे और सटीक शब्दों का प्रयोग किया जाता है जिसे कहावत कहा जाता है। Show कहावत एक कैप्सूल की तरह होता है जिस प्रकार कैप्सूल में बहुत सी असरदार चीजें बहुत छोटी जगह में भरी होती है ,ठीक उसी प्रकार कहावत में किसी भी बात को कम से कम शब्दों में कहा जाता है। ये कहावतें आदि काल से पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होते आ रहा है। हमने कुछ कहावतें और उसके अर्थ को बताने का प्रयास कियें हैं, यदि आप लोगों को लगता है कि,किसी भी कहावत का अर्थ कुछ और हो सकता है तो कमेंट बॉक्स में कमेंट जरूर करें। नीचे कुछ कहावतों,लोकोक्तियों को अर्थ सहित दिया गया है- 1.लबरा के नौ नागर=सफेद झूठ। 2.करिया आखर भईस बरोबर=अनपढ़ होना। 3.दूसर बर खाँचा खनय खुदय धसका लय=किसी के लिए बुरा सोचना। 4.काजर के कोठरी म घुसबे त दाग तो लगहिच चे=किसी काम मे शामिल रहना। 5.मोरे बिलई मोरे से म्याऊ=बहस करना। 6.खुल्ला बदन नहावय त निचोवय का=परिणाम का चिंता न करना। 7. सरहा मुड़ नाउ ल दोष=खुद की गलती दूसरे को दोष देना। 8.बनती त बनती नही त खनती= गलती पर परिणाम भुगतना। 9.फोकट के पाईस त मरत ले खाइस=फ्री के चीजों का गलत उपयोग। 10.दु दिन के पहुना=जल्दी चले जाना। 11.उजड़े मड़वा म डीड़वा नाच=काम होने के बाद चुस्ती दिखाना। 12.अपन हाथ के खिला टाइट करले चाहे ढीला=स्वयं का नियंत्रण होना। 13.अपन हाथ जगन्नाथ= साधन संपन्न । 14.गुड़ गड़ेरी आन खाय टुकना बपुरा मार खाय=फायदा कोई और ले फसे कोई और। 15.आंजत आंजत आखि ल फोर डरीच=गलती होना। 16.अपन मरे म सरग दिखथे=आत्मनिर्भर बनना । 17.मरहा ल दु आषाढ़=विपत्ति आना। 18.तेली के घर म तेल हे त पहाड़ ल नई फोत डारै=दुरपयोग करना। 19.सौ बार सोनार के त एक बार लोहार के =करारा जवाब देना। 10.कथरी ओढ़ के घीव खाना=अंदर ही अंदर फायदा कमाना। 11.नही मम से कनवा मम अच्छा=कुछ नही होने से अच्छा है, कुछ तो है। 12.महि मांगे जाय अउ ठेकवा ल लुकाय=संकोच करना। 13.जादा के मिठास म किरा लगथे=ज्यादा नजदीकी ठीक नही होती है । 14.गरियार बइला=काम चोरी करना। 15.घानी कस बइला गोल गोल
घूमना=गुमराह होना।
यहाँ पर हमने प्रयास किया है कि छत्तीसगढ़ में जो कहावतें लोगो के द्वारा कही जाती है उसे आप लोगों तक पहुंचाने का।यदि आप लोगों को छत्तीसगढ़ी कहावत पता हो तो कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमसे शेयर कर सकते हैं दोस्तों कमेंट के माध्यम से जरूर बनाता कि यह जानकारी आपको कैसा लगा।धन्यवाद छत्तीसगढ़ी भाषा के 10 मुहावरे एवं उनके अर्थ लिखते हुए वाक्यों में प्रयोग करें?आँखी के काजर होना : दुलरवा होना ( अत्यंत प्यारा होना ). पथरा मा पानी ओगराना : अब्बड़ मिहनत करना ( कठोर परिश्रम करना ). डाँगी कस बोकरा बँधाना : काकरो चंगुल मा अलकरहा ढंग ले फँसना ( किसी के चंगुल में बुरी तरह फँसना ). छत्तीसगढ़ में मुहावरे को क्या कहते हैं?छानी म होरा भुँजना :- अत्याचार करना। पइसा के लाचारी मा अपन बेटा ला नइ बचा सकिस। बपरा हा अँइठ-अँइठ के रहिगे।
कबड्डी को छत्तीसगढ़ी में क्या कहते हैं?खुडुवा (कबड्डी)
खुड़वा पाली दर पाली कबड्डी की भांति खेला जाने वाला खेल है।
दुब्बर बर दू आषाढ़ होने का क्या मतलब है?(4) 'दुब्बर बर दु असाढ़ का अर्थ है (अ) गरीब पर दोहरा आर्थिक भर पड़ना ।
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