छात्र का प्रदर्शन कैसे निर्धारित किया जाना चाहिए? - chhaatr ka pradarshan kaise nirdhaarit kiya jaana chaahie?

छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित करने वाली 10 ख़ास बातें क्या है?

May 14, 2017Virjesh Singhशिक्षा3

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ऐसी कौन सी ख़ास बातें हैं जो छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित करती हैं? यह एक बेहद अहम सवाल है। जिसका जवाब जानना इसलिए जरूरी है ताकि सीखने के लिए छात्रों को ज्यादा बेहतर ढंग से प्रेरित किया जा सके।

छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित करना एक मुश्किल काम है क्योंकि आज के दौर में छात्रों के सामने बहुत सी चीज़ें हैं जो उनका ध्यान आकर्षित करती है। स्कूल के समानांतर समाज का स्कूल चल रहा है, जिसमें बहुत सारे फैक्टर्स छात्रों का ध्यान अपनी तरफ खींचते हैं। मगर छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित करना काफी फ़ायदेमंद हैं क्योंकि प्रेरित छात्र सीखने और क्लासरूम में भागीदारी के लिए ज्यादा उत्सुक होते हैं।

छात्रों को लीडरशिप का अनुभव दें शिक्षक

जाहिर सी बात है कि प्रेरित छात्रों से भरी हुई एक क्लास को पढ़ाना एक शिक्षक के लिए आनंददायक अनुभव होता है। साथ ही साथ इस क्लासरूम का माहौल छात्रों को आकर्षित करता है। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश के एक इंटर कॉलेज में अंग्रेजी का कालांश 8वें घंटे में रखा गया था ताकि छात्र आखिरी कालांश तक स्कूल में रूकें। अंग्रेजी के शिक्षक के पढ़ाने का तरीका और छात्रों के साथ बातचीत का तरीका ऐसा था कि सारे छात्र 8वें कालांश का इंतज़ार करते थे। इस विषय में छात्रों की भागीदारी काफी अच्छी थी। हर छात्र को अपनी बात रखने और सवाल पूछने का मौका मिलता था।

अपने एक आलेख में कैटरीना शेचवार्ट्ज़ लिखती हैं, “शिक्षकों व शिक्षक प्रशिक्षकों के बीच अक्सर इस मुद्दे पर बात होती है कि शिक्षा में सुधार कैसे करें? क्लासरूम में सभी बच्चों तक कैसे पहुंचे? उनको कौन से कौशल सिखाएं जाएं जिसकी जरूरत उनको कॉलेज या विश्वविद्यालय की पढ़ाई के दौरान पड़ेगी। मगर यह सारी बात वयस्कों के बीच में ही होती है। वास्तव में किसी विचार का असली परीक्षण क्लासरूम में होता है, हालांकि ऐसा बहुत कम ही होता है कि जब हम छात्रों से पूछते हैं कि वे अपनी शिक्षा के बारे में क्या सोचते हैं?”

छात्रों का प्रोजेक्ट कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदर्शित किया गया

भारत में चल पुस्तकालय का मॉडल पेश करते हए छात्र।

स्कूल में पढ़ने वाले सात छात्रों का एक पैनल बनाया गया, जो अधिगम को ज्यादा सघन बनाने के लिए काम करता है। इसमें छात्रों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय साझा की जाती है जैसे कि उनके लिए सीखने या अधिगम के क्या मायने हैं? प्रशिक्षक स्कूल में रचनात्मकता, सहयोग, विश्वास, फेल होने को लेकर सहजता भरा माहौल कैसे बना सकते हैं, जिसमें छात्र खुद से भागीदारी करना चाहें।

बाहर के बहुत से देशों में प्रोजेक्ट आधारित काम को काफी महत्व दिया जाता है। छात्रों के पैनल ने प्रोजेक्ट को विभिन्न विषयों को एक साथ मिलाकर करने को प्रोत्साहित किया। ताकि हर विषय के प्रोजेक्ट अलग-अलग बनाने की बजाय विभिन्न विषयों में रुचि रखने वाले छात्र एक साथ मिलकर काम कर सकें। एक छात्र ने कहा कि इस तरह से प्रोजेक्ट बनाने से हर छात्र को अपनी पसंद का कोई न कोई काम मिल जाता। एक ही प्रोजेक्ट को अलग-अलग पहलू से देखने का भी मौका छात्रों को मिला।

इस प्रोजेक्ट के दौरान एक शिक्षक ने कहा, “छात्रों के साथ बड़ों जैसा व्यवहार करना चाहिए। यानि उनके विचारों को महत्व देना चाहिए। अपने काम को करने का तरीका चुनने और उसे क्रियान्वित करने की आज़ादी देनी चाहिए। क्योंकि अगर छात्र मानते हैं कि वे किसी काम को करने में सक्षम हैं तो वे व्यस्कों की भांति ही काम करेंगे।“

अलग-अलग विषयों को शामिल करके प्रोजेक्ट कैसे बनाएं?

छात्रों ने एक प्रोजेक्ट के बारे में बताया कि उनको बीमारियां कैसे होती हैं, इस पर शोध करना था और इस पर एक प्रोजेक्ट बनाना था। इस प्रोजेक्ट में जीव विज्ञान और कला को शामिल किया गया था। छात्रों ने इसके लिए बेहद अलग तरीका अपनाया- उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों से बात की और उनके अनुभवों का वीडियो बनाया। इसमें उन्होंने यह जानने का भी प्रयास किया कि क्या अमुक बीमारी आनुवांशिक है।

एक छात्रा शुरूआत में इस प्रोजेक्ट को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं थी, लेकिन बाद में उसको यह प्रोजेक्ट पसंद आया क्योंकि उसे कला में काफी दिलचस्पी थी। एक छात्र ने कहा, “हमने शिक्षकों के निर्देश में खुद अपनी-अपनी समस्या का समाधान खोजा। यह काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि हमें पता नहीं था कि हम किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन मुझे हमेशा लगा कि हम सर्वश्रेष्ठ समाधान खोज पा रहे थे।”

छात्र इस बात को लेकर भी काफी उत्साहित दिखे कि उनका प्रोजेक्ट एक वास्तविकता में तब्दील हो गया था, जिसे वे लोगों के देखने के लिए प्रदर्शित कर सकेंगे। इस प्रोजेक्ट को कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय द्वारा चुना गया और सैन डियागो की आर्ट गैलरी में इस प्रदर्शित किया गया। एक छात्र ने कहा, “प्रदर्शनी के समय यह प्रोजेक्ट एक वास्तविकता के रूप में हमारे सामने था। यह कोई ऐसी चीज़ नहीं थी, जिसे हम केवल ग्रेड के लिए कर रहे थे। बल्कि यह एक ऐसी चीज़ थी जिसमे हम अच्छे से और सुंदरता के साथ कर सकते थे।”

छात्रों को प्रेरित करने वाली ख़ास बातें

  1. छात्रों के स्तर के अनुरूप चुनौती रखें और उनको समाधान खोजने के लिए सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का अवसर दें।
  2. अपने कालांश की शुरूआत सवालों के साथ करें, जवाब के साथ नहीं – सवालों का जवाब रटना बोरियत भरा होता है। ऐसा करके आप छात्रों की सीखने में रिच को बरकरार रख सकते हैं।
  3. छात्रों को अपने बेस्ट अनुभवों से आगे बढ़ने का अवसर और माहौल दें
  4. छात्रों को ऐसे असाइनमेंट दें, जो उनकी रूचि के साथ मेल खाते हों।
  5. छात्रों को खुद करके सीखने का अनुभव दें
  6. छात्रों को अहसास दिलाएं कि आप बतौर शिक्षक उनकी परवाह करते हैं।
  7. छात्रों को उनकी प्रगति के बारे में व्यक्तिगत फीडबैक भी दें।
  8. छात्रों को स्थानीय परिवेश के साथ अपने ज्ञान व समझ को जोड़ने का अनुभव दें।
  9. क्लासरूम में बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करने वाली रणनीति अपनाएं और छात्रों को सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित करें।
  10. किसी विषय की गहराई में उतरना छात्रों में एक रूचि का निर्माण करता है जो ज्यादा स्थायी होती है। इससे छात्र आगे भी सीखने के लिए तत्पर रहेंगे।

(आप एजुकेशन मिरर को फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो कर सकते हैं। वीडियो कंटेंट व स्टोरी के लिए एजुकेशन मिरर के यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। )

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छात्रों के प्रदर्शन में सुधार कैसे करें?

निम्नांकित के द्वारा इस काम को करें:.
छात्रों को उनके मज़बूत पक्षों के बारे में बताना और यह जानने में मदद करना कि वे और सुधार कैसे कर सकते हैं.
इस बारे में स्पष्ट रहना कि आगे और किस चीज़ के विकास की ज़रूरत है.

एक शिक्षक अपने छात्रों को सीखने के लिए कैसे अभिप्रेरित करेगा?

कार्यों को प्रेरक तरीके से प्रस्तुत करके और विशिष्ट शिक्षण-अधिगम लक्ष्य निर्धारित करके। शिक्षकों को शिक्षण को एक अलग नजरिए से देखना चाहिए और ऐसा करते हुए अपने छात्रों को उनके सीखने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए। प्रेरित होने के लिए, छात्रों को उस काम का महत्व देखना चाहिए जो वे कर रहे हैं और वह काम जो दूसरे करते हैं।

आप कक्षा में बच्चों को कैसे प्रेरित करते हैं?

कक्षा में बच्चों को प्रेरित करने की विधियां (techniques of motivation) या अभिप्रेरणा की विधियाँ या अभिप्रेरणा की तकनीक.
बाल केंद्रित दृष्टिकोण.
नहीं ज्ञान को पूर्व ज्ञान से संबंधित करना.
शिक्षण में प्रभावशाली तथा सहायक साधनों का प्रयोग.
उद्देश्य एवं लक्ष्य का निश्चित होना.
परिणाम एवं प्रोन्नति का ज्ञान.
शिक्षक का व्यवहार.

प्रदर्शन की आवश्यकता क्या है?

प्रदर्शन कौशल शिक्षण में एक महत्वपूर्ण कौशल है। प्रदर्शन का अर्थ है-'करके दिखाना'। शिक्षक अनेक तथ्यों को पहले स्वयं करके छात्रों को दिखाता है। इससे छात्र किसी कार्य को सही रूप में करने की विधि सीखते हैं तथा उन्हें इस बात का भी ज्ञान होता है कि किसी कार्य के क्या परिणाम होते हैं ?

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