Home » class 7 Hindi » NCERT Solutions for Class VII Vasant Part 2 Hindi Chapter 09 -Chidiya kee bachchee Show चिड़िया की बच्ची Exercise : Solution of Questions on page Number : 73 प्रश्न 1: किन बातों से ज्ञात होता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था और किन बातों से ज्ञात होता है कि वह सुखी नहीं था? उत्तर : माधवदास अपने लिए संगमरमर की एक नई कोठी बनवाते हैं। चिड़िया को धन का, सोने का घर बनवाने तथा मोतियों की झालर लटकाने का प्रलोभन देता है। वो चिड़िया से कहता है – ”मेरे पास क्या नहीं है। जो माँगो मैं वही दे सकता हूँ।” माधवदास जी की इन बातों से ज्ञात होता है कि वे कितने धनी-संपन्न थे। प्रश्न 2: माधवदास क्यों बार-बार चिड़िया से कहता है कि यह बगीचा तुम्हारा ही है? क्या माधवदास निःस्वार्थ मन से ऐसा कह रहा था? स्पष्ट कीजिए। उत्तर : माधवदास ऐसा इसलिए कहता है क्योंकि उसे चिड़िया बहुत ही सुन्दर और प्यारी लगी। वह चिड़िया को हमेशा अपने पास रखना चाहता
था। उसे देख-देख कर वह अपना मन बहलाना चाहता था। प्रश्न 3: माधवदास के बार-बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सुख-सुविधाओं को कोई महत्त्व नहीं दे रही थी। दूसरी तरफ़ माधवदास की नज़र में चिड़िया की ज़िद का कोई तुक न था। माधवदास और चिड़िया के मनोभावों के अंतर क्या-क्या थे? अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर : यहाँ माधवदास और चिड़िया के मनोभाव एक दूसरे से विपरीत हैं। एक तरफ माधवदास के लिए धन-संपत्ति, सुख-सुविधा ही जीवन के अमुल्य तत्व हैं। परन्तु दूसरी ओर चिड़िया के लिए ये सभी सुख सुविधाएँ व्यर्थ थी। चिड़िया को केवल अपनी माँ से लगाव था। माँ की गोद ही उसके लिए दुनिया में सबसे अधिक मूल्यवान सुख था। उसे सोने-चाँदी, हीरे-मोती की तुलना में अपने माँ का स्नेह अधिक प्यारा था। अर्थात् चिड़िया की खुशी भौतिक सुखों से अलग भावनात्मक सुखों में है। परन्तु माधवदास के लिए धन दौलत ही सर्वोपरि है। उसके सामने भावनाएँ मूल्यहीन हैं। प्रश्न 4: कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर तुम्हें कैसा लगा? चालीस-पचास या इससे कुछ अधिक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए। उत्तर : कहानी के अंत में हमने पढ़ा कि सेठ की सभी चेष्टाओं के बावजूद नन्ही चिड़िया सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने में सफल होती है। यह कहानी का सुखद अंत है। यदि ऐसा नहीं होता तो कहानी का अंत अत्यंत दुखद होता और ऐसा प्रतीत होता है कि अच्छाई पर बुराई की जीत हो गई। परन्तु वास्तव में ऐसा नहीं होता और चिड़िया सुरक्षित अपनी माँ के पास पहुँच जाती है। चिड़िया के अस्तित्व की सफलता उसके बंधन मुक्त होकर स्वच्छंदता पूर्वक आकाश में उड़ने में है। वह अपने परिवार तथा अपनी माँ का स्नेह पाकर खुश रहती है। प्रश्न 5: ‘माँ मेरी बाट देखती होगी’-नन्ही चिड़िया बार-बार इसी बात को कहती है। आप अपने अनुभव के आधार पर बताइए कि हमारी जिंदगी में माँ का क्या महत्त्व है? उत्तर : हमारे जीवन में माँ का स्थान सर्वोपरि है। माँ सभी मूल्यवान संपत्ति से अधिक मूल्यवान है। माँ अपने बच्चें की खुशी में खुश होती है तथा बच्चों के किसी भी प्रकार के कष्ट से भावुक हो जाती है। माँ हमें जन्म देती है, हमारा पालन-पोषण करती है तथा सुख या दुःख में हमारा साथ नहीं छोड़ती। हम माँ के ऋण से कभी भी मुक्त नहीं हो सकते। इसी तरह का स्नेह चिड़िया तथा उसकी माँ का भी था। इसी कारण चिड़िया बार-बार माँ को स्मरण करके उसके पास जाने की जिद कर रही थी। प्रश्न 6: इस कहानी का कोई और शीर्षक देना हो तो आप क्या देना चाहेंगे और क्यों? उत्तर : इस कहानी का शीर्षक ‘जीवन का सच्चा सुख’ अधिक युक्तिपूर्ण प्रतीत होता है क्योंकि यहाँ जीवन के सुख को लेकर दो विचारों की टकराहट है। एक तरफ जहाँ धनी सेठ के लिए धन-दौलत, सुख सुविधाएँ ही जीवन की खुशी तथा वास्तविकता है। वहीं दूसरी ओर नन्ही चिड़िया के लिए माँ अमूल्य रत्न से भी अधिक मूल्यवान है। प्रश्न 1: इस कहानी में आपने देखा कि वह चिड़िया अपने घर से दूर आकर भी फिर अपने घोंसले तक वापस पहुँच जाती है। मधुमक्खियों, चींटियों, ग्रह-नक्षत्रों तथा प्रकृति की अन्य विभिन्न चीज़ों में हमें एक अनुशासनबद्धता देखने को मिलती है। इस तरह के स्वाभाविक अनुशासन का रूप आपको कहाँ-कहाँ देखने को मिलता है? उदाहरण देकर बताइए। उत्तर : अनुशासन प्रकृति का स्वभाविक नियम है। प्रकृति के अलग-अलग रूपों में हमें अनुशासन देखने को मिलता है – Exercise : Solution of Questions on page Number : 74 प्रश्न 1: पाठ में पर शब्द के तीन प्रकार के प्रयोग हुए हैं- उत्तर : (i) मेज़ पर धूल जमी है। प्रश्न 2: पाठ में तैंने, छनभर, खुश करियो-तीन वाक्यांश ऐसे हैं जो खड़ीबोली हिंदी के वर्तमान रूप में तूने, क्षणभर, खुशकरना लिखे-बोले जाते हैं लेकिन हिंदी के निकट की बोलियों में कहीं-कहीं इनके प्रयोग होते हैं। इस तरह के कुछ अन्य शब्दों की खोज कीजिए। उत्तर : मन्नै-
मैंने प्रश्न 2: सोचकर लिखिए कि यदि सारी सुविधाएँ देकर एक कमरे में आपको सारे दिन बंद रहने को कहा जाए तो क्या आप स्वीकार करेंगे? आपको अधिक प्रिय क्या होगा-‘स्वाधीनता’ या ‘प्रलोभनोंवाली पराधीनता’? ऐसा क्यों कहा जाता है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता। नीचे दिए गए कारणों को पढ़ें और विचार करें- (क) क्योंकि किसी को पराधीन बनाने की इच्छा रखने वाला व्यक्ति स्वयं दुखी होता है, वह किसी को सुखी नहीं कर
सकता। उत्तर : सभी सुख-सुविधाओं के बाद भी हमें पराधीनता स्वीकार नहीं है। स्वाधीनता उस पराधीनता से भी अधिक प्रिय लगती है जिसमें कि अनेक प्रलोभन हो। जीवन में स्वतंत्र रहने का अपना अलग ही महत्व है। सभी सुख सुविधाएँ मिलकर भी इसके मूल्य को कम नहीं कर सकती हैं। प्रश्न 1: आपने गौर किया होगा कि मनुष्य, पशु, पक्षी-इन तीनों में ही माँ! अपने बच्चों का पूरा-पूरा ध्यान रखती हैं। प्रकृति की इस अद्भुत देन का अवलोकन कर अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर : माँ अपने बच्चों का पूरा ध्यान रखती है। फिर चाहे वो मनुष्य हो या पशु-पक्षी सभी में ऐसा देखने को मिलता है चिड़िया अपना घोंसला छोड़कर क्यों आई थी class 7?Answer: माधवदास चिड़िया से चाहता था कि वह यहीं हमेशा के लिए बगीचे में रह जाए।
माधव दास चिड़िया को अपने पास क्यों रखना चाहते थे?माधवदास का ऐसा कहना पूरी तरह से निस्स्वार्थ मन से नहीं था। वह चिड़िया को महल में पिंजरे में बंद करके रखना चाहता था ताकि अपनी इच्छा से उसकी सुंदरता को निहार सके और उसका चहचहाना सुन सके।
माधवदास ने अपनी कोठी कैसे बनवाई?उत्तर:– माधवदास ने अपनी संगमरमर की नई कोठी बनवाई थी और उसके सामने रंग-बिरंगे फूल-पौधें, रकाबियों से हौज़ों में लगे फव्वारे, गलीचे, आदि लगवाकर बहुत ही सुहावना बगीचा लगवाया था।
माधवदास ने नन्ही चिड़िया को बाहर की दुनिया के दुखों और अपने महल के सुखों के बारे में कैसे समझाया?माधवदास चाहता है कि वह सुंदर चिड़िया उसके बगीचे में ही रह जाए इसलिए उसे बार-बार कहता है कि बगीचा तुम्हारा ही है। माधवदास यह बात नि:स्वार्थ भावना से नहीं कहता, वास्तव में वह उसे बातों में फँसाकर अपने नौकर द्वारा पिंजरे में कैद करवाना चाहता था। वह चाहता था कि चिड़िया सदा के लिए उसके पास ही रह जाए।
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