चीनी क्रांति के क्या कारण थे वर्णन करें?

चीन का लिखित इतिहास कोई 5 हजार साल पुराना है. ईसा से 221 वर्ष पूर्व छिन राजवंश की स्थापना हुई, जिस ने चीन का एकीकरण किया था. ईस्वी सन् 618 मे थांग राजवंश स्थापित हुआ. उस के शासनकाल में चीन पूर्वी एशिया में सर्वाधिक समृद्धिशाली देश था. चीन का अंतिम राजवंश छिंग था. उसी दौरान चीन की अधोगति होने लगी थी. सन् 1840 से ब्रिटेन आदि साम्राज्यवादी ताकतों ने चीन पर आक्रमण शुरू कर दिया और चीन क्रमश: एक अर्ध-सामंती और अर्ध-उपनिवेशी देश बन गया. फिर भी वह किसी विदेश के अधीन नहीं हुआ.

सन्1911 में डाक्टार सुन यात-सेन के नेतृत्व में हुई क्रांति ने छिंग राजवंश का तख्ता उलट दिया और चीन गणराज्य स्थापित हुआ था. लेकिन सत्तारुढ़ पार्टी कोमिंगतांग के कुशासन तले जनता मुसीबतों की चक्की में पिस रही थी. उस के विरूद्ध संघर्ष चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने ही छेड़ दिया था. सन् 1949 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की अगुवाई में चीन कोमिंगतांग शासन से मुक्त हुआ और चीन लोक गणराज्य की स्थापना हुई. इस प्रकार चीन के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा

(1) मंचू राजवंश का पतन 1911 ई. में हुआ.

(2) चीनी क्रांति का आगाज 1911 ई. में हुआ.

(3) चीनी क्रांति का नायक सनयात सेन था.

(4) सनयात सेन ने तुंग-मेंग दल (1905 ई. में) की स्‍थापना की.

(5) तुंग-मेंग दल की स्‍थापना का मकसद चीन में मंजू वंश के शासक को खत्‍म करना था.

(6) क्रांतिकारियों ने सनयात सेन को अपनी सरकार का अध्‍यक्ष 29 दिसंबर 1911 ई. को चुना.

(7) चीन में गणतंत्र शासन पद्धति की स्‍थापना 1911 ई. की क्रांति के बाद हुई.

(8) कोवीनेड लीग सोसाइटी का संस्‍थापक सनयात सेन था.

(9) युआन शीह काई के समर्थन में सनयात सेन ने अपना नेतृत्‍व वापस लिया.

(10) 1912 ई. में सनयात सेन ने कुओ मिंगतांग पार्टी की नींव रखी.

(11) डॉ. सनयात सेन ने अपनी सेना की संगठन के लिए जनरल गैलेन को चुना.

(12) डॉ. सनयात सेन के तीन सिद्धांत राष्ट्रवाद, लोकतंत्रवाद और सामाजिक न्‍याय थे.

(13) चीन का राष्ट्रपिता डॉ. सनयात सेन को कहा जाता है.

(14) सनयात सेन की मृत्‍यु 1925 ई. में हुई.

(15) कुओ मिंगतांग पार्टी से साम्‍यवादी लोग 1927 ई. में अलग हुए.

(16) चीन में गृह युद्ध 1928 ई. में शुरू हुआ.

(17) 1925 ई. को हुनान के किसान आंदोलन का नेतृत्‍व माओत्‍से तुंग ने किया.

(18) माओत्‍से तुंग का जन्‍म 1893 ई. में हुनान में हुआ.

(19) च्‍यांग कोईशेक ने केंद्रीय सरकार की सत्‍ता नानकिंग में संभाली.

(20) च्‍यांग कोईशेक ने अपनी सरकार की स्‍थापना फॉमॉसा में की.

(21) साम्‍यवादियों का दमन करने के लिए च्‍यांग कोईशेक ने ब्‍लू शर्ट आंतकवादी दल का गठन किया.

(22) माओत्‍से तुंग के नेतृत्‍व में जनवादी गणराज्‍य की स्‍थापना चीन में 1 अक्‍टूबर 1949 ई. में की गई.

(23) चीनी साम्‍यवादी गणतंत्र का प्रथम अध्‍यक्ष माओत्‍से तुंग था.

(24) चीनी जनवादी गणराज्‍य का प्रथम प्रधानमंत्री चाउ-एन-लाई था.

(25) चीन के जनवादी गणराज्‍य की राजधानी हुनान थी.

(26) खुला दरवाजा की नीति चीन में अपनाई गई.

(27) चीन का दरवाजा खोलने का श्रेय ब्रिटेन को दिया जाता है.

(28) खुला दरवाजा की नीति का प्रतिपादक जॉन हे था.

(29) एशिया का मरीज चीन को कहा जाता था.

(30) चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की स्‍थापना 1921 ई. में हुई.

विषयसूची

  • 1 1911 की चीनी क्रांति के कारण एवं परिणाम क्या थे?
  • 2 युआन शी काई कौन था?
  • 3 चीन की 1949 की क्रांति के क्या परिणाम निकले?
  • 4 चीन के साम्यवाद के उदय के क्या कारण थे?
  • 5 चीन की दूसरी क्रांति कब हुई?

इसे सुनेंरोकेंचीन की 1911 की क्रांति के फलस्वरूप चीन के अन्तिम राजवंश (चिंग राजवंश) की समाप्ति हुई और चीनी गणतंत्र बना। बीसवीं शताब्दी में चीन एशिया का प्रथम देश था, जहाँ गणतांत्रिक सरकार की स्थापना हुई। चीन के क्रांतिकारियों ने फ्रांसवालों का अनुकरण किया और राजतंत्र का सदा के लिए अंत कर दिया।

चीन की क्रांति कब हुई?

10 अक्तूबर 1911
१९११ की चीन की क्रांति/शुरू होने की तारीखें

युआन शी काई कौन था?

इसे सुनेंरोकेंयुआन शिकाई ( चीनी :袁世凱; पिनयिन : युआन शकी ; १६ सितंबर १८५९ – ६ जून १९१६) एक चीनी सैन्य और सरकारी अधिकारी थे , जो देर से किंग राजवंश के दौरान सत्ता में आए , चीन के साम्राज्य के सम्राट बने (१९१५-१९१६) . यह सेना और नौकरशाही नियंत्रण उसके निरंकुश शासन की नींव थे।

बॉक्सर विद्रोह के क्या कारण थे?

इसे सुनेंरोकेंबच्चों का ऑख निकालना, चीन की प्राचीन मान्यताओं को नष्ट करके ईसाई धर्म की श्रेष्ठता प्रदान करना विद्रोह का कारण बना। 3. विदेशी साम्राज्यवाद का विरोध कर ही चीन को मुक्ति मिल सकती थी। अतः पाश्चात्य साम्राज्यवाद को नष्ट करने के लिए चीन में बॉक्सर विद्रोह का सूत्रपात हुआ।

चीन की 1949 की क्रांति के क्या परिणाम निकले?

1949 की चीनी क्रांति (The Chinese Revolution of 1949)

  • 1949 की चीनी क्रांति (The Chinese Revolution of 1949)
  • चीनी जनता में तत्कालीन मंचू राजवंश के प्रति असंतोष एवं विरोध की भावनाओं ने जड़ पकड़ ली थी।
  • 1911 की चीनी क्रांति के बाद मंचू राजवंश का अंत हो गया एवं गणतांत्रिक शासन स्थापित किया गया।

चीन की नई सरकार का अध्यक्ष 1949 में कौन बना था?

इसे सुनेंरोकेंमें माओत्से तुंग चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय समिति का अध्यक्ष हुआ और शीर्षस्थ नेता बन गया। माओ के नेतृत्व में साम्यवादी दल ने अपनी शक्ति का विस्तार किया और “कियांग्सी” प्रांत में अपनी सत्ता का केन्द्र बनाया।

चीन के साम्यवाद के उदय के क्या कारण थे?

इसे सुनेंरोकेंसाम्यवाद का घोषित उद्देश्य वर्ग-संघर्ष को समाप्त करके इसके स्थान पर आर्थिक समानता स्थापित करना था। उस समय चीन में आर्थिक असमानता की अतिव्याप्ति ने साम्यवाद के उदय के लिये माहौल तैयार कर दिया। शिक्षा का प्रसार– 19वीं सदी के अंत तक चीन में शिक्षा के कई केंद्र स्थापित हो चुके थे। इस प्रकार जनता साम्यवाद की ओर आकर्षित हुई।

चीन में प्रथम क्रांति कब हुई थी?

इसे सुनेंरोकें(1) मंचू राजवंश का पतन 1911 ई. (2) चीनी क्रांति का आगाज 1911 ई. (3) चीनी क्रांति का नायक सनयात सेन था. (4) सनयात सेन ने तुंग-मेंग दल (1905 ई

चीन की दूसरी क्रांति कब हुई?

इसे सुनेंरोकेंचीनी साम्यवादी दल की स्थापना १९२१ में हुई थी। सन १९४९ में चीनी साम्यवादी दल का चीन की सत्ता पर अधिकार करने की घटना चीनी साम्यवादी क्रांति कहलाती है। चीन में १९४६ से १९४९ तक गृहयुद्ध की स्थिति थी। इस गृहयुद्ध का द्वितीय चरण साम्यवादी क्रान्ति के रूप में सामने आया।

चीनी क्रांति के क्या कारण थे?

चीन की क्रांति का एक और कारण था, आर्थिक दुर्दशा। आर्थिक दृष्टि से चीन की जनता में घोर अशांति थी। चीन की आबादी बड़ी तेजी से बढ़ रही थी और सरकार उसके भोजन का इंतजाम नहीं कर पा रही थी। देश में दुर्भिक्ष और बाढ़ों की प्रचुरता थी, जिसके कारण खेती को बहुत अधिक नुकसान पहुँचता था।

चीनी क्रांति की शुरुआत कब हुई थी?

10 अक्तूबर 1911 – 12 फ़रवरी 1912१९११ की चीन की क्रांति / अवधिnull

चीनी क्रांति के जनक कौन थे?

इस क्रांति के नायक थे माओ-त्से-तुंग जिन्हें आधुनिक चीन का जनक भी माना जाता है. 16 मई, 1966 को शुरू हुई यह क्रांति 10 वर्षों तक चली और इसने चीन के सामाजिक ढांचे में कई बड़े परिवर्तन किए.

चीन में 1949 की क्रांति कैसे हुई चीन पर इसके क्या प्रभाव पड़े?

चीनी क्रांति के परिणाम/प्रभाव चीन में 1 अक्टूबर, 1949 को साम्यवादियों ने लोगणराज्य की स्थापना कर दी, इस प्रकार चीन साम्यवादी हो गया। माओ के नेतृत्व में साम्यवादी शासन की स्थापना के साथ चीन का रूपांतरण तो हुआ ही साथ ही पूरा विश्व भी गहरे स्तर पर प्रभावित हुआ।

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