फाइव स्टार एसी का मतलब क्या होता है?

स्टार रेटिंग उत्पादों की गुणवत्ता के साथ उनकी ऊर्जा खपत के बारे में बताती है लेकिन इस रेटिंग का इस्तेमाल विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है. (पिक्साबे)

आजकल बाजार में अगर आप बिजली का कोई उपकरण खरीदने जाएंगे तो ये ज्यादातर स्टार रेटिंग के साथ मिलते हैं. पंखें से लेकर एसी और फ्रीज तक. आखिर क्या मतलब होता है इस स्टार रेटिंग का. इसे बिजली बचत के संदर्भ में कैसे समझा जाए. ये भी जानें कि दुनिया में किस चीज के लिए सबसे स्टार रेटिंग शुरू हुई थी.

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  • News18Hindi
  • Last Updated : March 24, 2022, 13:57 IST

    हमारे जीवन में अब स्टार रेटिंग का महत्व बहुत बढ़ गया है. बिजली के उपकरणों पर अगर स्टार रेटिंग और हम उससे उन्हें खरीदना तय करते हैं तो सिनेमा देखने से लेकर होटलों की सुविधाओं और लग्जरी को लेकर भी स्टार रेटिंग का प्रावधान है. वैसे तो स्टार पुलिस और सेना के आला अफसरों की वर्दियों पर भी टंगे होते हैं, उससे उनके ओहदे की स्थिति पता लगती है.

    अगर बिजली उपकरणों की बात करें तो स्टार रेटिंग्स मूल रूप से बिजली की खपत के हिसाब से दी जाती हैं. इन उपकरणों में भी 01 स्टार से लेकर 05 स्टार तक की रेटिंग होती है. ये स्टार बताते हैं कि अमुक बिजली का उपकरण ऊर्जा बचत को लेकर कितना दक्ष या क्षमतावान है.

    दुनियाभर में अब ऊर्जा की बचत और ऊर्जा दक्षता के लिए स्टार रेटिंग दी जाती है हालांकि आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कई देश अब खाने के पैकेट वाले सामानों को हेल्थ के दायरे में रखते हुए उन्हें भी स्टार रेटिंग देते हैं. रेटिंग की शुरुआत अमेरिका में रेस्टोरेंट्स को लेकर शुरू हुई थी लेकिन फिर स्टोरीज से लेकर फिल्मों की गुणवत्ता और दर्शनीयता तक फैल गई.

    ऊर्जा दक्षता ब्यूरो देता है स्टार रेटिंग
    दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत सरकार ने भी ऊर्जा स्टार लेबल वाले उपकरणों की निगरानी, ​​पंजीकरण और सत्यापन के लिए ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की स्थापना की है जो तमाम उत्पादों को स्टार रेटिंग देता है. उत्पादों की ऊर्जा दक्षता यानि ऊर्जा बचत की क्षमता जितनी ज्यादा होगी, तारों की संख्या उतनी ही अधिक होगी.फिलहाल 01 स्टार से लेकर 05 स्टार के बीच की रेटिंग दी जाती है.

    क्या है 01 स्टार से 05 स्टार तक का मतलब
    ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफीसिएंसी (BEE) देश में यही काम करता है ये लगातार तमाम कंपनियों के उत्पाद मॉडलों की स्टार रेटिंग तय करता है. सबसे अच्छे उपकरण को 5 स्टार ऊर्जा लेबल मिलता है. सबसे कम प्रदर्शन वाले लोगों को 2 स्टार लेबल मिलता है. 01 स्टार का मतलब है कि दक्षता में सुधार के लिए कुछ नहीं किया गया है.

    भारत का ऊर्जा दक्षता ब्यूरो तमाम बिजली के उत्पादों की बिजली खपत की जांच करके उन्हें स्टार रेटिंग देता है.

    संभव है कि 05 स्टार उत्पाद की कीमत ज्यादा हो लेकिन ये कुछ समय बाद अपनी ज्यादा कीमत के बदले ज्यादा उर्जा की बचत करके दिखाता और आपके ज्यादा पैसे बचाता है.

    03 स्टार और 05 स्टार एसी के बीच का अंतर जानें
    आइए, जानते हैं कि 05 स्टार और 03 स्टार के बीच उपयोग और बिजली खर्च की क्या स्थिति होती है. एक 5 स्टार 1.5 ton AC करीब 1450 वाट इस्तेमाल करता है, वहीं 3 star 1.5 ton AC करीब 1600वाट.
    – अगर हम 8 घंटे रोज एसी चलाते हैं और पूरे महीनेभर यानि 30 दिनों तक चलाएं तो इसका मतलब हुआ महीने में 240 घंटे बिजली.
    – इस स्थिति में 5 star AC में यूनिट की खपत होगी 1450 x 240 / 1000 यूनिट मतलब 348 units
    – 3 star AC की यूनिट खपत इस तरह होगी – 1600 X 240 / 1000 यूनिट मतलब 384 units
    – मतलब है एक महीने में 36 यूनिट का डिफरेंस. अगर हम 7 रु प्रति यूनिट से भी निकालें तो बिल का अंतर 252 रुपए प्रति माह आएगा. अगर हम साल में 5 महीने भी एसी चलाते हैं तो साल में 1260 साल का बचा पाएंगे. 5 साल ये एसी चलाएंगे तो करीब 6300 रु बचा पाएंगे.

    कैसे काम करती है ये रेटिंग
    स्टार रेंटिंग का मतलब क्या होता है. दरअसल, यह एनर्जी एनर्जी एफिशियंसी के फॉर्मूले पर काम करता है. यह एसी में कूलिंग आउटपुट और पावर इनपुट पर तय होता है. हर एसी पर एक एनर्जी फिशियंसी रेश्यो (ईईआर) लिखा होता है. यदि किसी एसी पर 2.7 से 2.9 ईईआर लिखा होने पर वह 01 स्टार रेटिंग. 2.9 से 3.09 होने पर दो स्टार, 3.1 से 3.29 होने पर तीन स्टार, 3.3 से 3.49 होने पर चार स्टार और 3.5 से ऊपर होने पर वह 5 स्टार रेटिंग का एसी होगा.

    एनर्जी फिशियंसी रेश्यो के लिए एसी की कूलिंग आउटपुट और इनपुट पावर को कैलकुलेट करना चाहिए. यह एसी खरीदते वक्त चेक की जा सकती है, जो प्लेट लिखी होती है. इसके लिए कुलिंग आउटपुट में पावर इनपुट का भाग देंगे तो रेटिंग निकल आएगी. एसी जितनी कम इनपुट पावर लेगा, उसकी स्टार रेटिंग उतनी ही ज्यादा होगी. इनपुट पावर से ही बिजली की खपत बढ़ती है. इसलिए ज्यादा रेटिंग वाला एसी कम खपत करता है.

    दुनिया में पहली स्टार रेटिंग एक स्टोरी बुक के जरिए शुरू हुई. इसके बाद रेस्टोरेंट से लेकर फिल्मों के आंकलन तक में इसका इस्तेमाल होने लगा. (पिक्साबे)

    कैसे हुई रेटिंग की शुरुआत
    हालांकि कहा जाता है कि इसकी शुरुआत 1820 में हुई लेकिन जो रिकार्ड साफ तौर पर मिलते हैं, वो बताते हैं कि इसकी शुरुआत 1915 में पहली बार एक बेस्ट स्टोरीज ऑफ ईयर बुक के जरिए हुई.
    दरअसल अमेरिका में 1915 में एडवर्ड मोजायन नाम के शख्स ने द बेस्ट अमेरिकन शार्ट स्टोरीज जैसे संकलन को एडिट किया. इसमें उसने स्टोरीज को 01 स्टार से 03 स्टार तक दिया. उनका दावा था कि वो सालभर में 8000 स्टोरीज पढ़ लेते हैं.

    फिर रेस्टोरेंट के लिए रेटिंग शुरू हुई
    1926 में मिशिलिन रेस्टोरेंट गाइड ने अच्छे रेस्टोरेंट्स को रेटिंग देनी शुरू की, जो 01 स्टार से 03 स्टार के बीच थी. ये उस रेस्टोरेंट की सफाई, खाने का टेस्ट और माहौल को लेकर दी जाती थी. ये काफी लोकप्रिय हुआ.

    फिर फिल्मों की रेटिंग
    31 जुलाई 1928 को पहली बार न्यू यॉर्क डेली न्यूज ने पहली बार फिल्मों को समीक्षा के साथ स्टार रेटिंग देनी शुरू की. ये 01 स्टार से लेकर 03 स्टार के बीच दी जाती थी. 03 स्टार का मतलब शानदार, 02 स्टार – अच्छी, 01 स्टार औसत और कोई स्टार नहीं तो खराब. बाद में फिल्मों की समीक्षा और रेटिंग के लिए ये परंपरा खासी लोकप्रिय होती गई. अब भी फिल्में और टीवी पर आने वाले प्रोग्राम्स की रेटिंग दी जाती है.

    होटलों की रेटिंग
    दुनियाभर के सुविधासंपन्न और लग्जरी होटलों की रेटिंग का काम भी इसी के आसपास शुरू हुआ. हालांकि ये रेटिंग प्रणाली इतनी जटिल है कि इसकी आलोचना भी होती है. दुनियाभर में आमतौर पर 01 स्टार से लेकर 05 स्टार तक की रेटिंग होटलों को दी जाती है लेकिन अब बहुत से होटलों की रेटिंग 07 तक भी पहुंच गई है.

    यातायात सर्विस पर रेटिंग
    यूरोप और अमेरिका में ज्यादा यातायात सुविधाएं प्राइवेट सेक्टर में हैं, इसमें ट्रेन, बस, कैब और हवाई जहाज शामिल हैं. इन्हें भी रेटिंग दी जाती है और लोग बड़े पैमाने पर इन पर भरोसा भी करते हैं.

    अब हेल्थ स्टार सिस्टम भी
    आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने अपने यहां डिब्बा बंद भोज्य पदार्थों और पेय के लिए एक खास तरह की स्टार रेटिंग शुरू की है. इसमें किसी भी ऐसे उत्पाद को 05 हिस्सों में तोड़कर उसे रेटिंग दी जाती है. ये हिस्से एनर्जी, सेचुरेटेड फैट, शुगर, सोडियम और फाइबर है.

    अब तो स्टार रेटिंग का इस्तेमाल उपभोक्ताओं से फीडबैक से लेकर तमाम ई कामर्स कंपनीज अपने उत्पादों की जानकारी देने के लिए करती हैं.

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    FIRST PUBLISHED : March 24, 2022, 13:57 IST

    क्या 3 स्टार और 5 सितारा एसी के बीच अंतर है?

    3 स्टार एसी की तुलना में 5 स्टार एसी कम बिजली की खपत करती है। 5 स्टार 1.5 टन एसी औसतन 1450W की खपत प्रति घंटा करता है। 3 स्टार 1.5 टन एसी औसतन 1600W की खपत प्रति घंटा करता है। ऐसे में अगर आप रोजना 8 घंटे ऐसी चलाते हैं तो 30 दिन में 240 घंटे एसी चलाएंगे।

    5 स्टार का मतलब क्या होता है?

    एनर्जी फिशियंसी रेश्यो से तय होती है रेटिंग यदि किसी एसी पर 2.7 से 2.9 ईईआर लिखा होने पर वह एक स्टार रेटिंग, 2.9 से 3.09 होने पर दो स्टार, 3.1 से 3.29 होने पर तीन स्टार, 3.3 से 3.49 होने पर चार स्टार और 3.5 से ऊपर होने पर वह 5 स्टार रेटिंग का एसी होगा.

    कौन से स्टार का मतलब बिजली की ज्यादा सेविंग होती है?

    यानी जिस नए एयर कंडीशनर की 3 स्टार रेटिंग है वो ज्यादा पावर सेव करेगा।

    स्टार रेटिंग क्या है in Hindi?

    अगर बिजली उपकरणों की बात करें तो स्टार रेटिंग्स मूल रूप से बिजली की खपत के हिसाब से दी जाती हैं. इन उपकरणों में भी 01 स्टार से लेकर 05 स्टार तक की रेटिंग होती है. ये स्टार बताते हैं कि अमुक बिजली का उपकरण ऊर्जा बचत को लेकर कितना दक्ष या क्षमतावान है.

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