बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान की रूपरेखा को विभाजित किया गया है - buniyaadee saaksharata aur sankhya gyaan kee rooparekha ko vibhaajit kiya gaya hai

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बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान क्या है? छात्रों के जीवन के पहले 6 छः वर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इन वर्षों में छात्र बहुत कुछ सीख सकते हैं तथा भाषाओं और संख्यायों का ज्ञान इस उम्र में प्राप्त करने से जीवनपर्यंत काम आता है। नई शिक्षानीति 2020 में बच्चों की बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान तथा भाषा शिक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस संदर्भ में उक्त बिंदु प्रस्तुत है जिन्हें पढ़कर आप बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के परिपेक्ष्य में जान सकते हैं। अधिक जानकारी हेतु https://www.shikshaniti.com/2020/08/basic-literacy-and-numeracy.html पर क्लिक कीजिए।

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  1. "शिक्षानीति 2020".

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बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान की रूपरेखा को कितने विकासात्मक लक्ष्यों में विभाजित किया गया है?

इस कोर्स में दक्षता आधारित शि‍क्षा की ओर बढ़ने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है। इसमें बुनियादी साक्षरता और संख्‍याज्ञान के तीन विकासात्मक लक्ष्‍यों पर चर्चा की गई है।

बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन क्या है?

बच्चों की शिक्षा के प्रारम्भिक वर्षों में भाषा और गणित कौशल का निर्माण करने और दिशा निर्देश प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन (एफएलएन) मिशन आरंभ किया है। यह कोर्स मिशन के उद्देश्यों और लक्ष्यों से संबंधित है और इस संबंध में विभिन्न हितधारकों की भूमिका पर प्रकाश डालता है।

बुनियादी साक्षरता तथा संख्या ज्ञान कौशल को कैसे बढ़ाया जा सकता है?

प्रश्न (38) : बुनियादी साक्षरता तथा संख्याज्ञान कौशल को कैसे बढ़ाया जा सकता है ?.
बुनियादी साक्षरता तथा संख्याज्ञान गतिविधियों में अभिभावकों की शिक्षा तथा सहभागिता बढ़ाकर.
बच्चों को गृहकार्य (Homework) देकर.
विद्यालय संचालन की समयावधि बढ़ाकर.
अधिक शिक्षकों की नियुक्ति करके.

बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान के लक्ष्य कौन से चार क्षेत्रों में निर्धारित किए गए हैं?

प्रश्न (27) : बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के लक्ष्य कौन से चार क्षेत्रों में निर्धारित किए गए हैं ?.
मौखिक भाषा, पठन,लेखन एवं संख्याज्ञान.
मौखिक भाषा, ड्राइंग,लेखन एवं संख्याज्ञान.
मौखिक भाषा, सुनना,लेखन एवं संख्याज्ञान.
मौखिक भाषा, बोलना,लेखन एवं संख्याज्ञान.