बेलपत्र के पेड़ की पूजा कैसे करें - belapatr ke ped kee pooja kaise karen

Authored by Gitika dubey | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Jul 21, 2022, 4:06 PM

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बेलपत्र भगवान शिव को अति प्रिय है। इसके तीन पत्तों में सत, रज और तम तीनों गुणों का वास माना जाता है। वहीं यह भी कहा जाता है कि बेलपत्र के तीन पत्ते त्रिदेवों के साथ होने के प्रतीक हैं। बेल का यह महत्व यूं ही नहीं है। इसमें कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं साथ ही यह नेगेटिविटी को भी दूर करने में कारगर माने जाते हैं। आइए जानें बेलपत्र के उपाय जो हमेशा आएंगे आपके काम।

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    बेलपत्र के उपाय सेहत से समृद्धि तक

    बेलपत्र न सिर्फ पूजा के काम आता है बल्कि इसके कई और फायदे हैं। आयुर्वेद में बेल को औषधि के रूप में बताया गया है। भगवान शिव जब विष के प्रभाव से अचेत हो गए थे तब उनकी चेतना को वापस जगाने के लिए कई तरह की बूटियों और पत्तों का प्रयोग किया गया था। बेलपत्र भी उनमें से ही एक है। बेलपत्र के औषधीय गुण ही इसे शिव रूप और शिव का प्रिय बनाते हैं। शिव पुराण में बेल की बड़ी महिमा बतायी गई है। इसी छाया में बैठकर स्नान करने, भोजन करने और करवाने से मनुष्य पाप मुक्त हो जाता है। ऐसे गुणकारी बेल के कुछ उपाय यहां हम आपको बता रहे हैं, अपनी आस्था और विश्वास के साथ आप चाहें तो आजमा सकते हैं।

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    बुखार होने पर बेलपत्र के उपाय

    अगर घर में किसी को बुखार है तो बेल की पत्तियों का काढ़ा बनाकर रोगी को देने से आराम मिलता है। यदि आपको कभी मधुमक्‍खी, बर्र और ततैया काट ले तो काटे के स्‍थान पर बेलपत्र का रस लगाने से राहत मिलती है। माना जाता है कि वायुमंडल में व्याप्त अशुद्धियों को सोखने की क्षमता बेल वृक्ष मे ंखूब होती है।

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    दिल के मरीजों के लिए बेलपत्र के उपाय

    बेलपत्र को दिल के रोगियों के लिए भी बहुत ही खास औषधि माना जाता है। बेलपत्र का काढ़ा बनाकर पीने से रक्‍चसंचार दुरुस्‍त होता है, रक्‍तसंचार अच्‍छा होने से हृदय मजबूत होता है। ऐसा होने से हर्ट अटैक का खतरा कम होता है। इसकी पत्तियों का रस पीने से श्‍वास संबंधी रोगों में भी आराम मिलता है। इस तरह की आयुर्वेदिक मान्यताएं हैं।

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    बेलपत्र से मुंह के छालों के उपाय

    अगर किसी कारण गर्मी की वजह से आपके मुंह में छाले हो जाएं तो बेल की ताजी पत्तियों को मुंह में रखकर चबाने से बहुत लाभ मिलता है। ऐसा लगातार 2 से 3 दिन करने से मुंह के छाले समाप्‍त हो जाते हैं। बेल के पत्ते 8 दिनों तक बासी नहीं माने जाते हैं। इतना ही नहीं शिवजी पर चढ़े हुए बेलपत्र को धोकर फिर से भी आप चाहें तो उन्हें अर्पित कर सकते हैं। अगर ताजे बेलपत्र न हों तो।

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    बेल के पत्तों से आर्थिक परेशानी दूर करें

    सावन शिवरात्रि या महाशिवरात्रि के दिन शिवजी की पूजा में चढ़ाए गए बेलपत्र पर शाम को चंदन से ऊं लिखें। ऐसे कम से कम 3 बेलपत्र लेकर अपनी तिजोरी में रख लें। ऐसा करने से आपके घर में धन की तंगी दूर हो सकती है और साथ ही रुके हुए पैसे भी प्राप्‍त हो सकते हैं। बेल के पेड़ की पूजा करने से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होती हैं और धन की प्राप्ति होती है। इसलिए सावन में शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने के साथ ही बेल के वृक्ष को भी जल दें।

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    बेलपत्र से पाएं कानूनी संकटों से राहत

    अगर आप काफी समय से गलत मुकदमेबाजी में फंसे हैं तो रामचरितमानस के उत्तरकांड में लिखित श्री राम श्रुति का पाठ करें। इस दौरान अपने साथ कुछ बेलपत्र भी रख लें। पाठ पूरा होने के बाद इन बेलपत्रों को बहते हुए पानी में प्रवाहित कर दें। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी की शव यात्रा बेल वृक्ष की छाया से होकर गुजरती है तो उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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    संतान सुख पाने के लिए बेल के उपाय

    अगर आप अभी तक संतान सुख से वंचित हैं तो अपनी उम्र के बराबर बेलपत्र लें और इन्‍हें अब कच्‍चे दूध से भरे बर्तन में डुबोकर शिवजी को चढ़ाएं। भगवान जल्‍द ही आपकी प्रार्थना सुन लेंगे और आपकी खाली झोली भर देंगे। सावन में बेल वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती है। यह उपाय धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, उपाय के साथ उपचार भी जारी रखना चाहिए।

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    दांपत्य संबंधों में सुधार के लिए बेलपत्र के उपाय

    महाशिवरात्रि के दिन यदि पति और पत्‍नी दोनों एक साथ भगवान शिव की पूजा करें और एक साथ बेलपत्र चढ़ाएं तो उनके वैवाहिक जीवन के सुख में वृद्धि होगी। ऐसे शिव भक्त संतान की तरफ से भी संतुष्‍ट रहते हैं। महाशिवरात्रि के दिन आप घर में भी बेल का पौधा लगा सकते हैं। फिर रोजाना इस पर जल चढ़ाने से पापों से मुक्ति मिलती है।

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    बेलपत्र से धन लक्ष्मी पाने के उपाय

    शिव पुराण में बताया गया है कि सुबह शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से पापों का नाश होता है। बेल वृक्ष को सींचने से पितृगण तृप्त होते हैं। बेल वृक्ष और सफ़ेद आक को जोड़े से लगाने पर अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। शिवजी पर चढे हुए बेल के पत्तों को तिजोरी में रखने से बरकत होती है।

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    स्वप्न दोष की बीमारी में बेलपत्र गुणकारी

    कहा जाता है कि, बेलपत्र के औषधीय गुणों में यह भी एक है कि 40 दिन तक बेल वृक्ष के सात पत्ते प्रतिदिन खाकर थोड़ा पानी पीने से स्वप्न दोष की बीमारी से छुटकारा मिलता है। इस उपाय के साथ चिकित्सक से भी सलाह ले सकते हैं।

बेल के पेड़ में जल देने से क्या होता है?

बेल के वृक्ष को शिव जी का वास स्थान माना जाता है। इसलिए सोमवार के दिन बेल के वृक्ष पर जल चढ़ाने एवं शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से व्यक्ति के सभी काम बन जाते हैं।

बेलपत्र पर दीपक कब लगाना चाहिए?

बेलपत्र के पेड़ के नीचे आप शाम को दीपक जला सकते है.

बेल के पेड़ की पूजा कैसे की जाती है?

यह भी माना जाता है कि सावन पर बेलपत्र से पूजा करने वाले भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। बेल वृक्ष के नीचे शिवलिंग की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं। बिल्व वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से ज्ञान की प्राप्ति होती है।

बेलपत्र का पौधा घर में लगाने से क्या होता है?

बेलपत्र का पत्ता आप अपने धन स्थान पर रख सकते हैं इससे घर में हमेशा बरकत बनी रहती है. आर्थिक संपन्नता के लिए इसे उत्तर-दक्षिण दिशा में लगाएं. शिव पुराण के अनुसार घर में बेलपत्र का पौधा होने से व्यक्ति के बुरे कर्मों का प्रभाव नष्ट हो जाता है और घर में रहने वाले सभी सदस्यों को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.