बुलबुल का घर में घोंसला बनाना शुभ है या अशुभ - bulabul ka ghar mein ghonsala banaana shubh hai ya ashubh

जेठ कीतन झुलसा देने वाली दुपहरी में लू की थपेड़ों से बेखबर मेरे द्वार पर मनीप्लांट पर हक़ जमाकर उसके झुरमुट में अपना घरौंदा बनाकर बैठी है-खुशदिल बोली और खुशमिजाज स्वामिनी बुलबुल पिछले चार वर्ष से लगातार हमारे घर के द्वारे आकर कर्मणेवादिकारस्ते मा फलेषु कदाचनका मर्म समझाती आ रही हैअपने बच्चों को प्राकृतिक खतरे आंधी-पानी के अलावा  बिल्लियों,छिपकलियों,चूहों,साँपों,कौओं और दूसरे शिकारी पक्षियों से बचाकर अपनी अगली पीढ़ी को जीवित रखने के लिए प्राणों की भी परवाह न करते ये पक्षी अभिभावक होने का पूर्ण  दायित्व निर्वहन तो करते हैं,लेकिन बदले में वे मनुष्यों से तरह अपने बच्चों से कोई अपेक्षानहीं रखते फलतः उपेक्षाजैसी भयावह स्थिति से भी दो-चार होने से बचे रहते हैं

जिस तरह गर्मियों में किसी प्रिय चिर प्रतीक्षित मेहमान के आने की ख़ुशी घर में सबको रहती है उसी तरह इन नवागत मेहमानों का भी हम सभी घर के सदस्य स्वागत करने से नहीं चूकते हैंबुलबुल के घोंसला बनाने से लेकर अंडे देने,उन्हें सेने और फिर बच्चों के अण्डों से बाहर निकलने की प्रक्रिया के बाद किस तरह बुलबुल चोंच में भोजन दबाकर लाकर उन्हें खिलाती है, वह देखते ही बनता है।सारी गतिविधि देखकर ऐसा लगता है जैसे वे अपने घर के ही सदस्‍य  हैंमुझे भी सुकून मिलता है मैं पानी की घोर किल्लत के  बावजूद गमलों में पेड़-पौधे उगाकर प्रकृति से जुडी रहने के लिए प्रयासरत रहती हूँ बुलबुल की व्ही ट्वीटव्हिरी-व्हिरीजैसी सुमधुर धुन और  बच्चों की चीं-चीं से मेरा प्रयास सार्थक हो उठता है। 

गर्मियों की तपन भरी दुपहरी में हम बड़ों को घर में दुबककरदरवाजे-खिड़की बंद करके पंखे,कूलर की हवा में भी चैन नहीं मिलता। ऐसे में घर में गर्मी से बेपरवाह छोटे बच्चों की घींगा मस्ती और बुलबुल का दूर से अपने बच्चों को भोजन लाकर बिना रुके,थके खिलाते जाना बहुत सोचने पर मजबूर करता  हैलगता जैसे हमसे ज्यादा सहनशीलता इन बच्चों और इन परिदों में  हैं अण्डों से निकलेबुलबुल के बच्चों को ५-6 दिन हो चुके हैं बस और ३-४ दिन बाद सभी अपना घोंसला छोड़ चुके होंगें और जब ये घोंसला छोड़ते हैं तो फिर उसमें दुबारा नहीं बैठते क्रम से जो बच्चा पहले बाहर की दुनिया में आता है, वह उसी क्रम से घोंसला छोड़ता है।  पिछली बार जब एक एक बच्चा घोंसले से बाहर निकल गया था तो मैंने बहुत कोशिश की उसे वापस घोंसले में रखने की लेकिन वह बाहर ही बैठा रहा और फिर दूसरे दिन सुबह उड़ गया। अपने हाथों से मैंने कई बार उन्हें नीचे से घोंसले में रखा, कुछ लोगों ने मना किया कि नहीं पकड़ना चाहिए लेकिन मुझे उनकी यह धारणा बिलकुल गलत लगी। उन्हें इससे कोई हानि नहीं पहुंची, वे बहुत स्वस्थ थे छोटे में बुलबुल के बच्चे बिलकुल गौरैया जैसे लगते हैं(आप भी देखिये तस्वीर)

सच कहूँ बुलबुल का घरोंदा मुझे अपना सा लगता है, इन्हें देख बार-बार सोचती हूँ काश इनके जैसा आपसी ताल-मेल यदि हम सभी मनुष्य भी बिठा पाते, तो आज न जाने कितने ही घर बिखरते न दिखते! आपने भी यदि कभी इन्हें गौर से देखा होगा तो निश्चित ही आपके मन में ऐसे ही न जाने कितने ही नेक ख़यालात होंगें, है न!  शेष फिर कभी....और अब मैं भी उड़ चली १५ दिन के लिए अपने गाँव आप मेरे मोबाइल से खिंची कुछ तस्वीरों में देखिये, ये प्रकृति हमको कितना कुछ सिखाती है!.

..... कविता रावत

मैं शैल-शिला, नदिका, पुण्यस्थल, देवभूमि उत्तराखंड की संतति, प्रकृति की धरोहर ताल-तलैयों, शैल-शिखरों की सुरम्य नगरी भोपाल मध्यप्रदेश में निवासरत हूँ। मैंने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्‍त की है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल में कर्मरत हूँ। भोपाल गैस त्रासदी की मार झेलने वाले हजारों में से एक हूँ। ऐसी विषम परिस्थितियों में मेरे अंदर उमड़ी संवेदना से लेखन की शुरुआत हुई, शायद इसीलिए मैं आज आम आदमी के दुःख-दर्द, ख़ुशी-गम को अपने करीब ही पाती हूँ, जैसे वे मेरे अपने ही हैं। ब्लॉग मेरे लिए एक ऐसा सामाजिक मंच है जहाँ मैं अपने आपको एक विश्वव्यापी परिवार के सदस्य के रूप में देख पा रही हूँ, जिस पर अपने मन/दिल में उमड़ते-घुमड़ते खट्टे-मीठे, अनुभवों व विचारों को बांट पाने में समर्थ हो पा रही हूँ।

घर में कौन सा पक्षी आने से शुभ होता है?

1. कबूतर को अशुभ माना गया है।.
चिड़िया के दर्शन शुभ है।.
तोते का दर्शन शुभ माना गया है।.
बकरी-बकरा शुभ माना गया है।.
मुर्गा शुभ माना गया है।.
हाथी दर्शन अति शुभ माना गया है।.
सूअर भी शुभ माना गया है।.
घोड़ा भी शुभ माना गया है। भूतादि घोड़े से दूर रहते हैं।.
मधुमखी को अति शुभ माना गया है।.

घर में चिड़िया का घोंसला बनाना क्या संकेत देता है?

घर में गौरेया का घोंसला बनाना- अगर आपके घर में गौरेया घोंसला बनाती है, तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। यदि किसी के घर में गौरेया घोंसला बनाती है तो यह सुख-समृद्धि के आगमन का संकेत माना जाता है। माना जाता है कि इससे वास्तु दोष के बुरे प्रभाव से निजात मिलती है और घर में रहने वाले लोगों का भाग्य जागता है।

घर में बुलबुल पालने से क्या होता है?

बुलबुल द्वारा घर में घोंसला बनाने पर किसी की मान्यता या मिथक मौजूद नहीं है। इस तरह से कम कह सकते हैं कि बुलबुल का घर में घोंसला बनाना शुभ है या अशुभ नहीं होता। वैसे भी इन सब बातों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

बुलबुल का घोंसला कैसे दिखता है?

घोंसला अंदर से एक सुंदर कटोरे जैसा दिखता है। बुलबुल एक बार में दो या तीन अंडे देती है। उसके अंडे हल्के गुलाबी रंग के होते हैं। कुछ लाल, कुछ भूरी और कुछ बैंगनी बिंदियाँ दिखाई देंगी।

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