कक्षा 10 में कई महत्वपूर्ण कहानियां और पाठ हैं। इन्हीं महत्वपूर्ण कहानियों में से एग्जाम में प्रश्न आते हैं। उनमें से ही एक महत्वपूर्ण पाठ है, बालगोबिन भगत। बालगोबिन भगत के इस पाठ में लेखक परिचय, पाठ का सार, कठिन शब्दार्थ आदि पाठन सामग्री मौजूद है। आइए Balgobin Bhagat Class 10 को और विस्तार से जानते हैं। Show
Check out: CBSE Class 10 Hindi Syllabus लेखक परिचयरामवृक्ष बेनीपुरी Source – Eduhelpdesk Guruरामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बेनीपुर गाँव में सन् 1889 में हुआ था। बचपन में ही माता-पिता का निधन हो जाने के कारण, आरम्भिक वर्ष अभावों-कठिनाइयों और संघर्षों में बीते। दसवीं तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे सन 1920 में राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन में सक्रीय रूप से जुड़ गए। कई बार जेल भी गए।इनकी मृत्यु सन 1968 में हुई। प्रमुख कार्य
कठिन शब्दों के अर्थ
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1. बालगोबिन भगत आत्मा और परमात्मा के बीच कौन-सा संबंध मानते थे? उत्तर: B. प्रेमी-प्रेमिका 2. बेटे की मृत्यु के पश्चात् बालगोबिन भगत की आखिरी दलील क्या थी? उत्तर: A. पतोहू का पुनर्विवाह करवाना 3. बालगोबिन भगत की मृत्यु का क्या कारण था? उत्तर: B. बीमारी 4. बालगोबिन भगत के गाँव के लोगों का मुख्य धंधा क्या था? उत्तर: C. खेतीबाड़ी 5. ‘बालगोबिन भगत’ शीर्षक पाठ के लेखक का क्या नाम है? उत्तर: C. रामवृक्ष बेनीपुरी 6. बालगोबिन भगत की आयु कितनी थी? उत्तर: B. 60 वर्ष से अधिक 7. बालगोबिन की टोपी कैसी थी? उत्तर: C. कबीरपंथियों जैसी 8. बालगोबिन कबीर को क्या मानते थे? उत्तर: A. साहब 9. बालगोबिन भगत किनके आदर्शों पर चलते थे? उत्तर: C. कबीरदास के 10. बालगोबिन भगत अपनी फसल को पहले कहाँ ले जाते थे? उत्तर: D. कबीरपंथी मठ में 11. लेखक बालगोबिन भगत की किस विशेषता पर अत्यधिक मुग्ध था? उत्तर: C. मधुर गान पर 12. लेखक ने ‘रोपनी’ किसे कहा है? उत्तर: B. धान की रोपाई को 13. बालगोबिन भगत खेत में क्या करते हैं? उत्तर: C. धान के पौधे लगाते हैं 14.
बालगोबिन भगत के संगीत को लेखक ने क्या कहा है? उत्तर: D. जादू 15. बालगोबिन भगत के गीतों में कौन-सा भाव व्यक्त होता था? उत्तर: C. ईश्वर भक्ति का भाव बालगोबिन के गीतों को सुनकर वहाँ उपस्थित सभी लोग क्या करते थे? (a) उठकर चले जाते थे उत्तर: b भगत जी की बहू उन्हें छोड़कर क्यों नहीं जाना चाहती थी? (a) सामाजिक मर्यादा के कारण उत्तर: d बालगोबिन का व्यवसाय क्या था? (a) खेती उत्तर: a भगत जी भजन गाते समय क्या बजाया करते थे? (a) ढोल उत्तर: d भादो की रात कैसी होती है? (a) चाँदनी उत्तर:b भगत जी अपने बेटे का खास ख्याल रखा करते थे, क्योंकि वह? (a) चालाक था उत्तर: d भगत जी का बेटा कैसा था? (a) समझदार उत्तर: b बालगोबिन किसके पद गाया करते थे? (a) रहीम के उत्तर: c भगत जी बेटे के मरने के बाद अपनी बहू की दूसरी शादी क्यों करवाना चाहते थे? (a) उसके सुखद भविष्य के लिए उत्तर: a बालगोबिन भगत किसे “साहब” मानते थे ? (a)
कबीर उत्तर: a Balgobin Bhagat Class 10: प्रश्न-उत्तरखेतीबारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे? बालगोबिन भगत कबीर के पक्के भक्त थे। वे कभी झूठ नहीं बोलते थे और हमेशा खरा व्यवहार करते थे। वे किसी की चीज का उपयोग बिना अनुमति माँगे नहीं करते थे। उनकी इन्हीं विशेषताओं के कारण वे साधु कहलाते थे। भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी? भगत की पुत्रवधू उनकी सेवा करना चाहती थी। वह नहीं चाहती थी कि एक बूढ़े आदमी को अकेले रहना पड़े। इसलिए वह उन्हें अकेले छोड़ना नहीं चाहती थी। भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएँ किस तरह व्यक्त कीं? अपने बेटे की मृत्यु पर भगत ने गाना गाकर अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं। वह अपनी बहू से भी बेटे की मौत का उत्सव मनाने को कहते थे। उनका मानना था कि मृत्यु से तो आत्मा का परमात्मा में मिलन हो जाता है इसलिए इस अवसर पर खुशी मनानी चाहिए। भगत के व्यक्तित्व और उनकी वेशभूषा का अपने शब्दों में चित्र प्रस्तुत कीजिए। भगत की उम्र साठ के ऊपर रही होगी। चेहरा सफेद बालों से जगमग करता था। वे केवल एक लंगोटी पहने थे। जाड़े में एक कम्बल जरूर लपेटते थे। उनका व्यक्तित्व बड़ा ही सीधा सादा था। वे हमेशा अपनी भक्ति और अपनी गृहस्थी में लीन रहते थे। वह तड़के ही उठ जाते थे और स्नान करने के बाद गाना गाते थे। बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण क्यों थी? चाहे कोई भी मौसम हो, बालगोबिन भगत की दिनचर्या में कोई परिवर्तन नहीं आता था। वे रोज सबेरे उठकर दो मील चलकर नदी में स्नान करने जाते थे। वहाँ से लौटने के बाद पोखर के भिंड पर गाना गाते थे। उनकी नियमित दिनचर्या के कारण लोग अचरज में पड़ जाते थे। पाठ के आधार पर बालगोबिन भगत के मधुर गायन की विशेषताएँ लिखिए। बालगोबिन भगत के मधुर गायन में एक जादू सा असर होता था। उसके जादू से खेतों में काम कर रही महिलाओं के होंठ अनायास ही थिरकने लगते थे। उनके गाने को सुनकर रोपनी करने वालों की अंगुलियाँ स्वत: चलने लगती थीं। रात में भी लोग उनके गानों पर मंत्रमुग्ध हो जाते थे। कुछ प्रसंगों के आधार पर बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। पाठ के आधार पर उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए। बालगोबिन भगत कभी भी किसी अन्य की चीज को बिना अनुमति के इस्तेमाल नहीं करते थे। वे किसी को भी खरा बोल देते थे। अपने बेटे की मृत्यु पर उन्होंने शोक नहीं मनाया, बल्कि गा गाकर खुशी मनाई थी। अपनी विधवा पुत्रवधू को उन्होंने दूसरी शादी करने की स्वतंत्रता दे दी। इन सब प्रसंगों से पता चलता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। धान की रोपाई के समय समूचे माहौल को भगत की स्वर लहरियाँ किस तरह चमत्कृत कर देती थीं? उस माहौल का शब्द चित्र प्रस्तुत कीजिए। जब वे धान की रोपनी के समय गाते थे इससे समूचा माहौल प्रभावित हो जाता था। मेड़ों पर खड़ी महिलाएँ स्वत: ही गाने लगती थीं। हलवाहों के पैर भी थिरक कर चलने लगते थे। रोपनी करने वालों की उँगलियाँ तालबद्ध तरीके से रोपनी में मशगूल हो जाती थीं। पाठ के आधार पर बताएँ कि बालगोबिन भगत की कबीर पर श्रद्धा किन-किन रूपों में प्रकट हुई है? बालगोबिन भगत के खेतों में जो कुछ भी उपजता था उसे लेकर वे कबीर के दरबार में ले जाते थे। वहाँ से उन्हें प्रसाद के रूप में जो कुछ मिलता उसी से गुजारा कर लेते थे। वे किसी की मौत को शोक का कारण नहीं बल्कि उत्सव के रूप में लेते थे। इन सब प्रसंगों में उनकी कबीर पर श्रद्धा प्रकट हुई है। आपकी दृष्टि में भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के क्या कारण रहे होंगे? वे कबीर के उपदेशों से अच्छी तरह से प्रभावित हुए होंगे। इसलिए उनकी कबीर पर अगाध श्रद्धा रही होगी। गाँव का सामाजिक सांस्कृतिक परिवेश आषाढ़ चढ़ते ही उल्लास से क्यों भर जाता है? आषाढ़ के महीने में तेज बारिश होती है जो खेती के लिए अच्छी बात होती है। इसी महीने में किसान धान की रोपनी करते हैं। धान की रोपनी एक महत्वपूर्ण काम होता है। यह काम जितने लगन से किया जाए फसल उतनी ही अच्छी होती है। इसलिए इस काम को गीत संगीत से भरे हुए माहौल में किया जाता है। “ऊपर की तसवीर से यह नहीं माना जाए कि बालगोबिन भगत साधु थे।“ क्या ‘साधु’ की पहचान पहनावे के आधार पर की जानी चाहिए? आप किन आधारों पर यह सुनिश्चित करेंगे कि अमुक व्यक्ति ‘साधु’ है? साधु की पहचान पहनावे के आधार पर करना गलत होगा। केवल गेरुआ वस्त्र पहनने से कोई साधु नहीं बन जाता है। साधु बनने के लिए आचार और विचारों में शुद्धता की आवश्यकता होती है। मोह और प्रेम में अंतर होता है। भगत के जीवन की किस घटना के आधार पर इस कथन का सच सिद्ध करेंगे? भगत के बेटे की मृत्यु इस बात को सिद्ध करती है कि मोह और प्रेम में अंतर होता है। भगत अपने बेटे से बहुत प्रेम करते थे। वह अपने मंदबुद्धि बेटे का विशेष ख्याल रखते थे। लेकिन उसकी मृत्यु पर वह शोक नहीं मनाते हैं। वह अपनी पुत्रवधू से भी खुशी मनाने को कहते हैं। भगत का आँगन नृत्य-संगीत से किस तरह ओत-प्रोत हो उठता था? गरमियों में भगत और उनकी प्रेमी मंडली आँगन में आसन जमाकर बैठ जाते। वहाँ पुँजड़ियों और करतालों की भरमार हो जाती। बालगोबिन एक पद गाते, प्रेमी-मंडली उसे दोहराती-तिहराती। धीरे स्वर एक निश्चित लय, ताल और गति से ऊँचा होने लगता और गाते-गाते भगत नाचने लगते। इस प्रकार सारा आँगन नृत्य और संगीत से ओतप्रोत हो जाती। मूसलाधार का क्या अर्थ होता है ? (a) धीरे उत्तर b FAQsबालगोबिन भगत किसने लिखा है? भारतीय स्वतंत्रता सेनानी श्री रामवृक्ष बेनीपुरी जी ने बालगोबिन भगत को लिखा है। बालगोबिन भगत पाठ गद्य की कौनसी विधा में लिखा है? बालगोबिन भगत एक रेखाचित्र अर्थात स्केच है। ये साहित्य की आधुनिक विधा है और इस रेखाचित्र के माध्यम से रामवृक्ष बेनीपुरी ने एक ऐसे विलक्षण चरित्र का उद्घाटन किया है जो मनुष्यता, लोक संस्कृति और सामूहिक चेतना का प्रतीक है। बालगोबिन भगत कैसे कद के थे? बालगोबिन भगत मंझले कद का व्यक्ति था। उनका रंग गोरा था। उनकी उम्र साठ वर्ष की थी। बाल पक गए थे। बालगोबिन भगत के कितने बेटे थे? बालगोबिन भगत के बस 1 पुत्र था। आशा करते हैं कि आपको Balgobin bhagat class 10 का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। यदि आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो आज ही हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स को 1800572000 पर कॉल करें और 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। बाल गोविंद के व्यक्तित्व की विशेषता क्या थी?बालगोबिन भगत मंझलें कद के गोरे चिट्टे व्यक्ति थे, जिनकी आयु ६० वर्ष से अधिक थी। उनके बाल सफ़ेद थे । वे दाढ़ी तो नहीं रखते थे ,पर उनके चेहरे पर सफेद बाल जगमगाते रहते थे। वे कमर में एक लंगोटी और सिर पर कबीरपंथियों जैसी कनफटी टोपी पहनते थे।
बालगोबिन भगत के चरित्र की कौन सी विशेषताएँ बताई गई हैं?वे सभी से खरा व्यवहार रखते थे, दो टूक बात कहने में न कोई संकोच करते थे, न किसी से झगड़ते थे। वे अन्य किसी की चीज़ को बिना पूछे व्यवहार में नहीं लाते थे। वह अपनी प्रत्येक वस्तु पर साहब का अधिकार मानते थे। इस प्रकार त्याग की प्रवृति और साधुता का व्यवहार उन्हें साधु की श्रेणी में खड़ा कर देता है।
बाल गोविंद पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है?अंत में आत्मा का परमात्मा से मिलन हो जाता है इसलिए उसका मोह व्यर्थ है। व्यक्ति को अपनी मुक्ति के लिए परमात्मा से प्रेम करना चाहिए। इस पाठ के माध्यम से लेखक लोगों को पाखंडी साधुओं से सचेत करना चाहता है। वास्तविक साधु वही होते हैं जो समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत करें और समाज को पुरानी सड़ी-गली परंपराओं से मुक्त कराएं।
बाल गोविन्द भगत की वेशभूषा कैसे थी?वे प्रायः एक लंगोटी में रहा करते थे। कबीरपंथियों के समान एक कनपटी टोपी पहनते थे। सर्दियों में काला कम्बल ओढ़ा करते थे। उनके ललाट पर रामानन्दी चंदन और गले में तुलसी की माला सुशोभित होती थी।
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