बिजली के खंभे हटाने के नियम - bijalee ke khambhe hataane ke niyam

बहराइच : बिजली विभाग में उल्टी गंगा बह रही है, तभी तो बिजली पोल हटाने के लिए 16 हजार रुपये की मांग क

बहराइच : बिजली विभाग में उल्टी गंगा बह रही है, तभी तो बिजली पोल हटाने के लिए 16 हजार रुपये की मांग की जा रही है। यह हाल तब है जब यह मामला तहसील दिवस से लेकर डीएम की चौखट तक पहुंच चुका है।

मामला जरवल ब्लॉक के महुरीखुर्द से जुड़ा है। यहां के अनुसूचित जाति के संतोष कुमार पुत्र मंगल प्रसाद ने बताया कि गाटा संख्या 862 का वह खातेदार है। आने-जाने वाले रास्ते पर बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा पोल लगा दिया गया है। मना करने पर बिजली कर्मी नहीं माने। छह जून, 20 जून व चार जुलाई को तहसील दिवस में बिजली के पोल को हटाने के लिए अर्जी दी गई। अवर अभियंता से नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए गए। संतोष का कहना है कि शिकायत के बाद अवर अभियंता ने उसके मोबाइल पर फोन करके कहा कि अगर रास्ते से खंभा हटवाना चाहते हैं तो कार्यालय में शुल्क के रूप में स्टीमेट का 15-16 हजार रुपये जमा कर दीजिए, जिसका साक्ष्य मोबाइल में रिकार्ड है। संतोष ने बताया कि इसकी शिकायत डीएम से 21 जुलाई व शासन को आनलाइन प्रार्थना पत्र देकर किया गया। इसके बाद भी विद्युत पोल नहीं हटाया जा रहा है। संतोष का कहना है कि पोल को रास्ते से हटाकर उसके खेत में ही लगा दिया जाए। पोल न हटने से उसकी खेती-किसानी चौपट हो रही है। उसका यह भी कहना है कि अभी पोल पर तार नहीं खींचे गए हैं, इसलिए आसानी से खंभा हटाया जा सकता है, लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी अपने जिद पर अड़े हुए हैं। अवर अभियंता पंचम ने बताया कि संतोष कुमार उनसे मिले ही नहीं हैं। पैसे मांगने की कोई बात ही नहीं। विद्युतीकरण करने वालों ने ही ऐसी बात की होगी।

Edited By: Jagran

नियम विरुद्ध बिजली लाइन शिफ्ट करने में फंसे

मुरादाबाद : शहर में बिजली सुधार कार्य विजय इलेक्ट्रिक कंपनी कर रही है, लेकिन उसने नियम विरुद्ध कार्य

मुरादाबाद : शहर में बिजली सुधार कार्य विजय इलेक्ट्रिक कंपनी कर रही है, लेकिन उसने नियम विरुद्ध कार्य करने शुरू कर दिए हैं। जिस कार्य को कराने का जिम्मा कंपनी को नहीं दिया गया वह भी साठगांठ करके किये जा रहे हैं। एक मकान के ऊपर से गुजर रही 11 हजार पावर की लाइन को बिना बिजली अधिकारियों को जानकारी दिए शिफ्ट कर दिया। अफसरों को जानकारी हुई तो उन्होंने विजय इलेक्ट्रिक कंपनी के विरुद्ध मझोला थाने में एफआइआर दर्ज करा दी।

लाइनपार स्थित मंडी समिति में गोदाम के पास किशन लाल का मकान है। उसने विजय इलेक्ट्रिक कंपनी के ठेकेदार से साठगांठ करके अपनी छत के ऊपर से 11 केवी की लाइन हटवा ली। करीब सौ मीटर लाइन हटाई गई है। पुराने खंभे उखाड़कर दूसरी जगह शिफ्ट किए गए। जबकि विजय इलेक्ट्रिक कंपनी को सिर्फ पुरानी लाइनों के जर्जर तार, जर्जर खंभे, ट्रांसफार्मर बदलने का काम है। दूसरी जगह लाइन शिफ्ट करना कार्य में शामिल नहीं है। अगर कोई लाइन शिफ्ट कराना चाहता है तो जिस व्यक्ति की छत से बिजली की लाइन गुजरती है वह बिजली अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देता है और उसका फिर एस्टीमेट तैयार होता है। जितना खर्च लाइन हटाने में आता है उसका भुगतान उक्त व्यक्ति को करना होता है।

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बिजली की लाइन अवैध तरीके से शिफ्ट करने की सूचना मिली थी। कंपनी के खिलाफ एफआइआर कराने के निर्देश दिए हैं।

-एके जैन, अधिशासी अभियंता, प्रथम।

मुगलसराय। सत्ता पक्ष से जुड़े व्यक्ति के खेत से बिजली का पोल हटाने के लिए बिजली विभाग के एक जेई ने गुरुवार की सुबह आठ बजे अचानक शटडाउन ले लिया। इसके पीछे तर्क यह दिया कि रेलवे लाइन के अंडर ग्राउंड तार में फाल्ट आ गया है, जिसे ठीक करना है। इसके बाद नगर की बहुत बड़ी आबादी और सैकड़ों गांवों में विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। भीषण गर्मी में जहां लोग बिलबिला गए, वहीं पानी के लिए भी लोग इधर-उधर भटकते रहे। देर रात तक बिजली आपूर्ति शुरू नहीं हो पाने से लोगों में काफी गुस्सा रहा। एक्सईएन ने पूरे मामले की जांच कराने की बात कही है।

दरअसल चंदासी कोल मंडी के पीछे एक प्लाट के ऊपर से 33 हजार वोल्ट की शाहूपुरी से चंदासी पावर हाउस तक जाने के लिए हाईटेंशन तार गुजरा हुआ है। इस जमीन पर लगे खंभे को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए गुरुवार की सुबह आठ बजे विभागीय जेई ने यह कहते हुए शट डाउन ले लिया कि रेलवे लाइन के नीचे से जा रही अंडर ग्राउंड तार में फाल्ट आ गया है। इसके बाद सुबह आठ बजे चंदासी कोल डिपो के पीछे जमीन पर गड़े खंभे को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए मजदूरों को लगाकर कार्य शुरू करा दिया गया। बताते हैं कि उक्त जमीन पर पहले उत्तर-दक्षिण दिशा में विद्युत पोल गाडे़ गए थे। जिसे हटाकर पूरब-पश्चिम कर दिया गया। सबसे अहम बात यह रही कि हाईटेंशन तार व पोल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर किसके आदेश पर किया गया, यह बताने वाला कोई नहीं है।

उधर शाम तक नगर में विद्युत आपूर्ति न होने पर एक्सईएन आरआर प्रसाद ने बताया कि रेलवे के नीचे अंडर ग्राउंड लाइन में फाल्ट आने से दिक्कत हो गई है। जब उनसे पूछा गया कि चंदासी कोल मंडी के पीछे जमीन पर नए पोल दूसरी जगह शिफ्ट किए जा रहे हैं, जिसके कारण आपूर्ति ठप है, तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मुझे नहीं है। उधर एसडीओ विद्युत यूसी मिश्रा से बात की गई, तो उनका कहना था कि जेई ने मुझे गुमराह किया है। इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
22 हजार उपभोक्ता हुए प्रभावित
33 हजार वोल्ट के विद्युत खंभे को दूसरे स्थान पर लगाए जाने की वजह से अलीनगर, भोगवारे, धरना छित्तमपुर, मटकुट्टा गेट आदि सैकड़ों गांवों के 22 हजार उपभोक्ता गर्मी में परेशान रहे। बहुत से लोग पीने के पानी के लिए हैंडपंपों व कुओं पर पहुंच गए।

इनसेट
एक्सईएन आर आर प्रसाद का कहना है कि विद्युत खंभा के शिफ्टिंग की बात हमारे संज्ञान में नहीं है। एसडीओ से रिपोर्ट मांगी गई है। पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी।

बिजली का पोल कैसे हटाए?

अनुरोध करने तथा बिजली विभाग में शिकायत करने के बाद भी अगर आपकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तथा बिजली विभाग वहीं पर बिजली का पोल लगाने की जिद् करता है, तो ऐसे मामले में आप कोर्ट का सहारा ले सकते हैं तथा बिजली विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज करा सकते हैं. जिसके बाद आपकी समस्या का समाधान मिल जाएगा.

बिजली विभाग को एप्लीकेशन कैसे लिखें?

माननीय महोदय, मेरा नाम सुरेश कुमार है, मैं वार्ड नंबर 10 का निवासी हूं। पिछले कुछ दिनों से हो रही अत्यधिक वर्षा के कारण मेरा बिजली का मीटर खराब हो गया है जिसके कारण उसमें रीडिंग दिखाई देनी बंद हो गई है। अतः आपसे निवेदन है कि मेरा बिजली का मीटर जल्द से जल्द बदलने की कृपा करें, इसके लिए मैं आपका सदा आभारी रहूंगा।

बिजली कनेक्शन कब काटा जा सकता है?

बिल जमा नहीं होने पर:- बिजली उपभोक्ता द्वारा बिजली का भुगतान समय पर नहीं करने पर विद्युत विभाग द्वारा नोटिस दिया जाता है। फिर भी उपभोक्ता नोटिस पर ध्यान नहीं देते हैं और बिजली का बिल को जमा नहीं करवाते हैं। तो विद्युत विभाग द्वारा बिजली कनेक्शन काटे जाने की कार्रवाई की जा सकती है।

बिजली के खंभे कैसे करते हैं?

बिजली के खंभों पर एल्मूनियम के तार इस्तेमाल किए जाते है। इन्हे जंग(rust) से बचाने के लिए इन पर केमिकल्स का लेप (कोटिंग) की जाती है। इसी तरह लोहे के ब्रिज को जंग से बचाने के लिए इसे एक H2SO4 में डूबे हुए कॉपर के पोल से तार के जरिए जोड़ा जाता है। ब्रिज पर लगने वाले जंग को कॉपर के पोल पर स्थानांतरित किया जाता है।